सरसों भारतीय परिवेश के आम जीवन का हिस्सा है। इसके दाने स्वास्थ्य लाभ के गुणों से भरपूर होते हैं।
सरसों मांसपेशियों के दर्द, सोरायसिस, दाद और सांस की समस्याओं में राहत प्रदान करता है। सरसों के पौधे के विभिन्न हिस्सों का उपयोग कैंसर तथा डायबिटीज के इलाज में किया जाता है और इससे शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने (Detoxification) में भी मदद मिलती है। सरसों स्नायविक तनाव का शमन करता है और हृदय को दुरुस्त रखता है। यह त्वचा और बालों में निखार लाता है, कोलेस्ट्रॉल कम करता है और रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं के लिए बेहद लाभकारी है।
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सरसों के फायदे - Sarso ke Beej ke Fayde
- सरसों के औषधीय गुण बचाए कैंसर से - Sarson ke beej ke aushdhiya gun bachayen cancer se
- सरसों के बीज स्वास्थ्य लाभ हैं सोरायसिस में - Sarson ke beej ke fayde Psoriasis ke liye
- सरसों के बीज के लाभ करे डर्मेटाइटिस को दूर - Sarson ke beej ke labh karen Dermatitis ki samasya ko dur
- सरसों के बीज के फायदे रखे हृदय को स्वस्थ - Sarson ke beej ka upyog rakhta hai hriday ko swsth
- सरसों के फायदे है दमे में - Mustard seeds for asthma in hindi
- सरसों खाने के फायदे हैं दर्द में - Sarson ke beej ka sewan hain dard mein labhkari
- सरसों के बीज के गुण दें दाद से आराम - Sarson ke beej ke gun dein dad se aaraam
- सरसों के बीज है त्वचा के लिए फायदेमंद - Mustard seeds for skin in hindi
- सरसों के बीज से रखने डायबिटीज दूर - Sarson ke beej ke labh hain diabetes mein upyogi
- सरसों के बीज का उपयोग रखे कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित - Sarson ke beej ka upyog rakhen cholesterol ko niyntrit
- सरसों का बीज है रजोनिवृत्ति में लाभकारी - Rajonivritti mein labhkari haisarson ke beej
- सरसों के नुकसान - Sarson ke Beej ke Nuksan
सरसों के फायदे - Sarso ke Beej ke Fayde
सरसों विभिन्न प्रकार के खनिजों का बहुत अच्छा स्रोत है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटैशियम जैसे खनिज पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें फोलेट और विटामिन ए भी पाया जाता है। सरसों के साग (पत्तों) में पोटैशियम, कैल्शियम जैसे खनिज उल्लेखनीय मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें मैग्नीशियम और फाइबर का भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। तो आइये जानें सरसों के फायदों के बारे में -
सरसों के औषधीय गुण बचाए कैंसर से - Sarson ke beej ke aushdhiya gun bachayen cancer se
ब्रासिका प्रजाति का सदस्य होने के कारण, सरसों में ग्लूकोजिनोलेट नामक सवास्थ्यवर्द्धक फाइटोन्यूट्रिएंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह मूत्राशय के कैंसर, कोलन कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर जैसे विभिन्न कैंसर से आपका बचाव कर सकते हैं। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार ये सक्रिय तत्व कैंसर कोशिकाओं का निर्माण और विकास रोकते हैं। सरसों के ये कैंसररोधी गुण ग्लूटाथियोन के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं और सामान्य स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित किए बिना एपोप्टोसिस को उत्प्रेरित करते हैं।
(और पढ़ें - कैंसर में क्या खाना चाहिए)
सरसों के बीज स्वास्थ्य लाभ हैं सोरायसिस में - Sarson ke beej ke fayde Psoriasis ke liye
सरसों सोरायसिस और अन्य सूजन-जलन पैदा करने वाले स्वप्रतिरक्षित (Autoimmune) रोगों में भी लाभकारी है। अध्ययनों में सरसों के सोरायसिस के कारण होने वाली सूजन और घावों को ठीक करने की क्षमता की पुष्टि की गई है। सरसों सुपरऑक्साइड डिमूटेज, ग्लूटाथियोन पेरोक्साइडस और कैटलस आदि एंजाइम की गतिविधि बढ़ाता है जिससे उक्त बीमारियों से बचाव होता है और राहत मिलती है।
(और पढ़ें - सोरायसिस के घरेलू उपाय)
सरसों के बीज के लाभ करे डर्मेटाइटिस को दूर - Sarson ke beej ke labh karen Dermatitis ki samasya ko dur
सरसों डर्मेटाइटिस (Eczema) जैसे चर्म रोगों के लिए बहुत लाभदायक होता है। शोधों के मुताबिक सरसों से डर्मेटाइटिस से जुड़े लक्षणों को ठीक करने, ऊतकों के उपचार और कान में होने वाली सूजन भी को कम करने में उपयोगी है।
(और पढ़ें - सूजन कम करने के घरेलू उपाय)
सरसों के बीज के फायदे रखे हृदय को स्वस्थ - Sarson ke beej ka upyog rakhta hai hriday ko swsth
खाना पकाने के लिए सरसों का तेल बेहतरीन विकल्प है। यह हार्ट अटैक के रोगियों के लिए बहुत लाभकारी है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, यह हार्ट अटैक, छाती का दर्द जैसी दिल की बीमारी से जुड़े लक्षणों को ठीक करने में मदद कर सकता है। सरसों के दिल को सुरक्षा प्रदान करने के गुणों का श्रेय संभवतः इसमें मौजूद ओमेगा-3 एसिड जैसे लाभदायक तत्वों को जाता है।
(और पढ़ें - हार्ट अटैक के बाद क्या करना चाहिए)
सरसों के फायदे है दमे में - Mustard seeds for asthma in hindi
सरसों पुराने ब्रोंकाइटिस रोग में भी लाभकारी है। इसलिए इसका सेवन अस्थमा (दमे) के रोगियों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। सरसों के दानों में तांबे, मैग्नीशियम, लौह और सेलेनियम जैसे खनिज भरपूर होते हैं जो दमे का उभारना कम करते हैं या उन्हें रोकने में मदद कर सकते हैं। दमा उभरे तो सरसों के तेल में थोड़ा सा कपूर को मिला कर मालिश करें। इस मिश्रण से मालिश करने से कफ कम होता है और सांस लेने में आसानी होती है।
(और पढ़ें - अस्थमा में क्या खाना चाहिए)
सरसों खाने के फायदे हैं दर्द में - Sarson ke beej ka sewan hain dard mein labhkari
सरसों के दानों से तैयार लेप से दर्द में राहत मिलती है। सरसों में कई ऐसे गुण होते हैं कि यदि लकवे, गठिया और अन्य मांसपेशियों के दर्द की स्थिति में इसका लेप किया जाए तो दर्द में राहत मिलती है।
एक बात का ध्यान रखें कि सरसों के लेप की तासीर गर्म होती है इसलिए यदि सीधे इसका इस्तेमाल त्वचा पर करें तो जलन या दाने निकल सकते हैं। इससे बचने के लिए त्वचा पर एक पतला कपड़ा रखकर इस लेप का उपयोग करें।
(और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द के उपाय)
सरसों के बीज के गुण दें दाद से आराम - Sarson ke beej ke gun dein dad se aaraam
सरसों बैक्टीरियारोधी होता है। इससे दाद के कारण होने वाले घावों को ठीक करने में मदद मिल सकती है। दाद वाली जगह को पहले गर्म पानी से साफ कर लें फिर सरसों का लेप घाव पर लगाएं। इससे घाव सूख जायेगा।
(और पढ़ें - दाद के घरेलू उपाय)
सरसों के बीज है त्वचा के लिए फायदेमंद - Mustard seeds for skin in hindi
सरसों आपकी खूबसूरती निखारने के लिए भी कमाल की चीज है। सरसों के तेल में हिना (मेंहदी) की पत्तियों को उबालकर लगाने से बाल तेजी से बढ़ते हैं।
इसके लिए एक लीटर नारियल के तेल में मुट्ठी भर सरसों का दाना डाल कर उबाल लें। तेल ठंढा होने पर छान लें। इस तेल से त्वचा का रंग साफ होगा और मुंहासे (पिंपल्स) भी दूर होंगे।
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सरसों के बीज से रखने डायबिटीज दूर - Sarson ke beej ke labh hain diabetes mein upyogi
सरसों के तेल का उपयोग ग्लाइकोसाइलेटेड प्रोटीन और सीरम ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। सरसों का साग डायबिटीज में बहुत ही उपयोगी है। अध्ययनों के अनुसार सरसों के पौधे में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो ऑक्सीजन मुक्त मूलकों अणुओं के प्रभाव को बेअसर करने में मदद करते हैं। इसके अलावा सरसों डायबिटीज में ऑक्सीडेटिव तनाव से होने वाली क्षति से भी बचाव करता है।
(और पढ़ें - डायबिटीज में क्या खाना चाहिए)
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सरसों के बीज का उपयोग रखे कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित - Sarson ke beej ka upyog rakhen cholesterol ko niyntrit
सरसों के साग में कोलेस्ट्रॉल कम करने के अभूतपूर्व क्षमता होती है। यह धमनियों के सख्त होने से बचाने और एथेरोस्क्लेरोसिस जैसे विकारों से छुटकारा पाने में मदद करता है। कुछ अध्ययनों के मुताबिक सरसों में पाचन तंत्र में मौजूद बाइल एसिड को बांधने की कमाल की क्षमता होती है जिससे यह आसानी से बाहर निकल जाता है। बाइल एसिड में आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल होता है इसलिए यह प्रक्रिया शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करती है।
यह साग पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इससे धमनियों में अवरोध कम होता है एथेरोस्लेरोसिस जैसी परेशानियों से बचाव होता है।
(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय)
सरसों का बीज है रजोनिवृत्ति में लाभकारी - Rajonivritti mein labhkari haisarson ke beej
सरसों के बीज में तांबे, लोहे, मैग्नीशियम और सेलेनियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनसे उच्च रक्तचाप और रजोनिवृत्ति में राहत मिलती है। रजोनिवृत्ति के दौरान सरसों का साग महिलाओं के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। इसमें कैल्शियम के साथ साथ मैग्नीशियम भी पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत करता है। इसके अलावा यह रजोनिवृत्ति के दौरान हड्डियों को होने वाली क्षति को भी रोकने में मदद करता है। यह हड्डियों में मैग्नीशियम की मात्रा को बढ़ाने में भी उपयोगी होते हैं। और इसके अलावा रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
(और पढ़ें - समय से पहले रजोनिवृत्ति रोकने के उपाय)
सरसों के नुकसान - Sarson ke Beej ke Nuksan
- सरसों की तासीर गर्म होती है इसलिए त्वचा पर इसका उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
- सरसों के दानों और पत्तियों में गोइट्रोजन नामक एक पदार्थ होता है जो थायराइड ग्रंथि की सामान्य प्रक्रिया को बिगाड़ सकता है। इसलिए थायराइड पीड़ितों को सरसों हमेशा पकाकर खाना चाहिए।
- सरसों में ऑक्सालेट होता है जो कैल्शियम के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकता है। इसलिए जो लोग पहले से ही किडनी में पथरी जैसी ऑक्सालेट से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित हैं उन्हें भी इसके ज्यादा सेवन से बचना चाहिए। (और पढ़ें - किडनी की पथरी में परहेज)
- जिन्हें सरसों से एलर्जी हो उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए।
- सरसों के अत्यधिक इस्तेमाल से पेट में जलन हो सकती है जिसके कारण आंतों और पेट में रक्तस्राव हो सकता है।
- किसी किस्म की बीमारी से जूझ रहे लोग इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- इसके अत्यधिक उपयोग से बचें।
(और पढ़ें - एसिडिटी से बचने के उपाय)
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