Kairali Maharajaprasarani Thailam

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Kairali Maharajaprasarani Thailam की जानकारी

Kairali Maharajaprasarani Thailam बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः गठिया संबंधी विकार, Neuropathy, Peripheral के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Kairali Maharajaprasarani Thailam के मुख्य घटक हैं प्रसारिणी , अश्वगंधा, अरण्डी, बाला, शतावरी, रसना, पुनर्नवा, पाटला, बृहती, शलपर्णी, देवदार, लोधरा, काली मिर्च, वाचा, जटामांसी, मंजिष्ठा, कपूर, दूध, चावल, दालचीनी, इलायची, जायफल, लौंग, हल्दी, चीड, प्रियांगू, चंदन, उशिरा, मुलेठी, मुस्ता, गोखरू, बेल, अदरक, हरीतकी, बहेड़ा, आंवला, सोआ, नगरामुस्ताका, कमल, अग्निमंथ जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Kairali Maharajaprasarani Thailam की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।

Kairali Maharajaprasarani Thailam की सामग्री - Kairali Maharajaprasarani Thailam Active Ingredients in Hindi

गोखरू
  • दवाइयां जो बिना बेहोशी के दर्द को कम करती हैं।
  • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ये तत्व यौन इच्छा को बढ़ाते हैं।
  • लिंग में उत्तेजना लाने वाली दवाएं।
आंवला
  • दर्द को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं या एजेंट।
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
  • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
  • ये तत्व बालों के बेहतर विकास को बढ़ावा देते हैं।
  • शरीर का तापामन कम करने वाले एजेंटस।
अश्वगंधा
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
  • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
  • यौन इच्‍छाओं को बेहतर करने वाले तत्‍व।
बेल
  • ऐसी दवाएं जो दर्द को नियंत्रित करने और बेहोशी (सुधबुध खोने) रोकने के लिए इस्‍तेमाल की जाती है।
  • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • वो तत्व जो वालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में हैं) और इनवालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में नहीं हैं) मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द के इलाज में इस्तेमाल किये जाते हैं।
  • ये एजेंट शरीर में एलर्जी की प्रतिक्रिया होने से रोकते हैं।
बाला
  • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
  • गठिया के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाएं।
चंदन
  • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ये एजेंट शरीर के किसी विशेष हिस्से में होने वाली सूक्ष्मजीवों की वृद्धि के खिलाफ प्रभावी होते हैं।
  • ये एजेंट मांसपेशियों को संकुचित कर चोट लगने वाली जगह तक खून का संचरण कम कर देते हैं।
देवदार
  • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
  • स्वैच्छिक या अनैच्छिक रूप से नस पर नस चढ़ने की समस्या को कम करने या रोकने के लिए उपयोग किए जाने वाली दवाएं।
हल्दी
  • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस को बढ़ने से रोक कर इस बीमारी के प्रबंधन में इस्‍तेमाल होने वाली दवाएं।
  • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
  • वो एजेंट या तत्व जो तुरंत हाइपरसेंसिटिविटी (सामान्य प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उत्पादित अवांछनीय प्रतिक्रिया) को रोकता है।
हरीतकी (हरड़)
  • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
  • शारीरिक ऊतकों को संकुचित करने वाले तत्व जिनका इस्तेमाल अत्यधिक खून बहने को रोकने के लिए किया जाता है।
  • फंगल संक्रमण का उपचार करने वाले तत्व।
  • एलर्जी के लक्षणों से राहत दिलाने वाले घटक।
जटामांसी
  • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।
  • फंगल को बढ़ने से रोकने वाले एजेंट्स।
जायफल
  • ऐसी दवाएं जो दर्द को नियंत्रित करने और बेहोशी (सुधबुध खोने) रोकने के लिए इस्‍तेमाल की जाती है।
  • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
कपूर
  • ऐसी दवाएं जो दर्द को नियंत्रित करने और बेहोशी (सुधबुध खोने) रोकने के लिए इस्‍तेमाल की जाती है।
  • संक्रमित रोगाणुओं को खत्म करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाले दवाएं।
  • एक ऐसा एजेंट जो अंदरूनी अंगों में सूजन रोकने के लिए त्‍वचा की ऊपरी सतह पर सूजन पैदा करता है।
  • त्वचा पर लगाने वाली एक दवा जिससे रक्त का प्रवाह अच्छा होता है और त्वचा की लाली बढ़ती है।
  • लिंग में उत्तेजना लाने वाली दवाएं।
लौंग
  • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
लोध्र
  • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
  • ये एजेंट मांसपेशियों को संकुचित कर चोट लगने वाली जगह तक खून का संचरण कम कर देते हैं।
मंजिष्ठा
  • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
  • सूक्ष्मजीवों को बढ़ने से रोकने या खत्म करने वाले पदार्थ।
काली मिर्च
  • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
  • वो तत्व जो वालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में हैं) और इनवालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में नहीं हैं) मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द के इलाज में इस्तेमाल किये जाते हैं।
मुस्ता
  • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
  • वो तत्व जो वालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में हैं) और इनवालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में नहीं हैं) मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द के इलाज में इस्तेमाल किये जाते हैं।
  • तेज सुगंध वाले तत्‍व।
  • दवाएं जो त्वचा के छिद्रों को कम करती हैं और शरीर की कोशिकाओं को संकुचित।
रसना
  • दर्द को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं या एजेंट।
  • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • नस चढ़ने में राहत देने वाली दवाएं।
नगरामुस्ताका
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
  • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।
  • वो दवा या एजेंट जो बैक्टीरिया को नष्‍ट या उसे बढ़ने से रोकती है।
मुलेठी
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
  • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।
अदरक
  • एक दवा या एक एजेंट जो बेहोश किए बिना दर्द को कम करती है।
  • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन पैदा होना) को कम करने वाली दवाएं।
  • नस पर नस चढ़ने के लक्षणों से राहत देने वाली दवाएं।
दालचीनी
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
  • स्वैच्छिक या अनैच्छिक रूप से नस पर नस चढ़ने की समस्या को कम करने या रोकने के लिए उपयोग किए जाने वाली दवाएं।
  • कामेच्छा को तेज करने वाले घटक।
चीड़
  • ऐसी दवाएं जो दर्द को नियंत्रित करने और बेहोशी (सुधबुध खोने) रोकने के लिए इस्‍तेमाल की जाती है।
  • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
पुनर्नवा
  • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
  • वो तत्व जो वालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में हैं) और इनवालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में नहीं हैं) मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द के इलाज में इस्तेमाल किये जाते हैं।
अग्निमंथ
  • ऐसी दवाएं जो दर्द को नियंत्रित करने और बेहोशी (सुधबुध खोने) रोकने के लिए इस्‍तेमाल की जाती है।
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
पाटला
  • एक दवा या एक एजेंट जो बेहोश किए बिना दर्द को कम करती है।
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
शलपर्णी
  • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ये दवाएं मांसपेशियों के दर्द और ऐंठन को कम करने में मदद करती हैं।
  • ऐसा पदार्थ जिसमें यौन इच्छा को तीव्र करने की क्षमता होती है।
बृहती
  • ऐसी दवाएं जो दर्द को नियंत्रित करने और बेहोशी (सुधबुध खोने) रोकने के लिए इस्‍तेमाल की जाती है।
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
  • नस पर नस चढ़ने के लक्षणों से राहत देने वाली दवाएं।
  • कामेच्छा को बढ़ाने के लिए उपयोगी एजेंट।
  • ये एजेंट मांसपेशियों को संकुचित कर चोट लगने वाली जगह तक खून का संचरण कम कर देते हैं।
अरण्डी
  • दर्द को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं या एजेंट।
  • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • गठिया के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाएं।
शतावरी
  • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
  • कामेच्छा को तेज करने वाले घटक।
दूध
  • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
सोआ
  • ये एजेंट शरीर में होमियोस्टैसिस (किसी अंग या प्रणाली के असामान्य कार्य को ठीक करने के लिए शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया) की स्थिति को बनाए रखने में मदद करते हैं तथा तनाव और कमजोरी के दौरान शरीर के कार्यों को सुचारु रूप से चलाते हैं।
  • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
  • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन पैदा होना) को कम करने वाली दवाएं।
  • स्वैच्छिक या अनैच्छिक रूप से नस पर नस चढ़ने की समस्या को कम करने या रोकने के लिए उपयोग किए जाने वाली दवाएं।
उशिरा
  • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस को बढ़ने से रोक कर इस बीमारी के प्रबंधन में इस्‍तेमाल होने वाली दवाएं।
  • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।
  • सूक्ष्मजीवों को बढ़ने से रोकने या खत्म करने वाले पदार्थ।
  • दवाएं जो त्वचा के छिद्रों को कम करती हैं और शरीर की कोशिकाओं को संकुचित।
वाचा
  • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ऐसे एजेंट्स जो डिप्रेशन के लक्षणों से राहत दिलाते हैं।
  • ये दवाएं तंत्रिका तंत्र पर अपने असर और उत्तेजित नसों को शांत करने के लिए उपयोग की जाती हैं।
  • शीतल प्रभाव वाली दवा जो शरीर को आराम देकर चिंता, चिड़चिड़ापन और तनाव से राहत देती है।
बहेड़ा
  • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
  • फंगल संक्रमण का उपचार करने वाले तत्व।
  • बैक्‍टीरिया को बढ़ने से रोकने वाली दवाएं।
  • वो दवा या एजेंट जो सूक्ष्म जीवों को नष्ट और उन्हें बढ़ने से रोकता है।
कमल
  • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
  • वे एजेंट्स जो त्‍वचा को मुलायम, कोमल और मॉइश्‍चराइज़ करने में मदद करते हैं।
  • फंगल को बढ़ने से रोकने वाले एजेंट्स।
  • बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने या खत्म करने वाले पदार्थ।
इलायची
  • मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन को रोकने वाली दवाएं।
  • तेज सुगंध वाले तत्‍व।
प्रियांगू
  • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
  • मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन को रोकने वाली दवाएं।
  • रक्‍त वाहिकाओं में संकुचन पैदा करने वाले घटक जिससे उस हिस्‍से में रक्‍त प्रवाह में कमी आती है।
  • फंगल को नष्ट करने या उसके विकास को रोकने वाली दवा।
प्रसारिणी
  • दर्द को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं या एजेंट।
  • गठिया के लक्षणों को ठीक करने वाली दवाएं।
  • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
चावल
  • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
  • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।

Kairali Maharajaprasarani Thailam के लाभ - Kairali Maharajaprasarani Thailam Benefits in Hindi

Kairali Maharajaprasarani Thailam इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -

मुख्य लाभ



Kairali Maharajaprasarani Thailam की खुराक - Kairali Maharajaprasarani Thailam Dosage in Hindi

यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Kairali Maharajaprasarani Thailam की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Kairali Maharajaprasarani Thailam की खुराक अलग हो सकती है।

आयु वर्ग खुराक
व्यस्क(पुरुष)
  • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
  • अधिकतम मात्रा: 1 दवा को उप्युक्त मात्रा मे प्रभावित हिस्से में लगाएं
  • दवा का प्रकार: औषधीय तेल
  • दवा लेने का माध्यम: त्वचा
  • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
  • दवा लेने की अवधि: उपचार लम्बे समय तक जारी रहेगा
व्यस्क(महिला)
  • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
  • अधिकतम मात्रा: 1 दवा को उप्युक्त मात्रा मे प्रभावित हिस्से में लगाएं
  • दवा का प्रकार: औषधीय तेल
  • दवा लेने का माध्यम: त्वचा
  • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
  • दवा लेने की अवधि: उपचार लम्बे समय तक जारी रहेगा
बुजुर्ग
  • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
  • अधिकतम मात्रा: 1 दवा को उप्युक्त मात्रा मे प्रभावित हिस्से में लगाएं
  • दवा का प्रकार: औषधीय तेल
  • दवा लेने का माध्यम: त्वचा
  • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
  • दवा लेने की अवधि: उपचार लम्बे समय तक जारी रहेगा
किशोरावस्था(13 से 18 वर्ष)
  • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
  • अधिकतम मात्रा: 1 दवा को उप्युक्त मात्रा मे प्रभावित हिस्से में लगाएं
  • दवा का प्रकार: औषधीय तेल
  • दवा लेने का माध्यम: त्वचा
  • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
  • दवा लेने की अवधि: उपचार लम्बे समय तक जारी रहेगा


Kairali Maharajaprasarani Thailam के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Kairali Maharajaprasarani Thailam Side Effects in Hindi

चिकित्सा साहित्य में Kairali Maharajaprasarani Thailam के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Kairali Maharajaprasarani Thailam का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।



Kairali Maharajaprasarani Thailam से सम्बंधित चेतावनी - Kairali Maharajaprasarani Thailam Related Warnings in Hindi

  • क्या Kairali Maharajaprasarani Thailam का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?


    गर्भवती महिलाओं के लिए Kairali Maharajaprasarani Thailam सुरक्षित है।

    सुरक्षित
  • क्या Kairali Maharajaprasarani Thailam का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?


    स्तनपान कराने वाली महिलाएं Kairali Maharajaprasarani Thailam का सेवन कर सकती है।

    सुरक्षित
  • क्या Kairali Maharajaprasarani Thailam का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?


    दुष्प्रभावों की चिंता किए बिना बच्चों को Kairali Maharajaprasarani Thailam दी जा सकती है।

    सुरक्षित
  • क्या Kairali Maharajaprasarani Thailam शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?


    Kairali Maharajaprasarani Thailam के सेवन के बाद चक्कर आना या झपकी आना जैसी दिक्कतें नहीं होती हैं। इसलिए आप वाहन चला सकते हैं या मशीनरी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

    नहीं
  • क्या Kairali Maharajaprasarani Thailam का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?


    नहीं, इसका कोई प्रमाण नहीं है कि Kairali Maharajaprasarani Thailam को लेने से आपको इसकी लत पड़ जाएगी। कोई भी दवा डॉक्टर से पूछ कर ही लें, जिससे कोई हानि न हो।

    नहीं

इस जानकारी के लेखक है -

Dr. Braj Bhushan Ojha

BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव


संदर्भ

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 49-52

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 5-8

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 19-20

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 35-36

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume- IV. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 27-28

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 60-61

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Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001 : Page No - 3 - 4.

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001 : Page No - 3 - 4.

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2008: Page No - CLXXIII - CLXXV

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 122 - 123

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No 220 - 221

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 177 - 179

Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 33 - 34

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