सर्जरी की जानकारी के लिए फॉर्म भरें।
हम 48 घंटों के भीतर आपसे संपर्क करेंगे।

सर्जरी द्वारा गर्भाशय को हटाने की प्रक्रिया को हिस्टेरेक्टॉमी नाम से जाना जाता है. हिस्टेरेक्टॉमी के अल्पकालिक साइड इफेक्ट्स में दर्द, रक्तस्राव और हार्मोनल उतार-चढ़ाव शामिल हो सकते हैं. साइड इफेक्ट इस बात पर निर्भर करते हैं कि किस प्रकार की सर्जरी द्वारा गर्भाशय को हटाया गया है और क्या सर्जरी के द्वारा अंडाशय को भी हटाया गया है.

आज इस लेख में आप गर्भाशय हटाने के साइड इफेक्ट के बारे में जानेंगे -

(और पढ़ें - क्या हिस्टेरेक्टॉमी के बाद सेक्स करना चाहिए)

  1. बच्चेदानी निकलवाने के प्रकार
  2. बच्चेदानी निकलवाने के नुकसान
  3. गर्भाशय हटाने के अन्य स्वास्थ्य जोखिम
  4. बच्चेदानी निकलवाने के बाद ठीक होने के तरीके
  5. सारांश
गर्भाशय हटाने के दुष्प्रभाव के डॉक्टर

एक डॉक्टर ही बेहतर तरीके से बता पाता है कि महिला को बच्चेदानी निलवाने के लिए किस तरह की सर्जरी की जरूरत है. आमतौर पर हिस्टेरेक्टॉमी के तहत 3 तरह की सर्जरी होती हैं -

  • टोटल हिस्टेरेक्टॉमी - इस सर्जरी में यूट्रस और सर्विक्स को निकाल दिया जाता है, लेकिन ओवरी को नहीं. 
  • सुपरासर्विकल हिस्टेरेक्टॉमी - इस सर्जरी में यूट्रस के सिर्फ ऊपरी हिस्से को निकाला जाता है और सर्विक्स को छोड़ दिया जाता है.
  • रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी - इस सर्जरी में यूट्रस, सर्विक्स, फैलोपियन ट्यूब, ओवरी, वजाइना का ऊपरी हिस्सा और आसपास के टिश्यू व लिम्फ नोड्स को भी निकाल दिया जाता है. इस तरह की हिस्टेरेक्टॉमी तब की जाती है, जब महिला को कैंसर होता है.

(और पढ़ें - ओवेरियन सिस्ट सर्जरी)

हिस्टेरेक्टॉमी पेट या योनि के माध्यम से की जाती है. कुछ लेप्रोस्कोपिक रूप से या रोबोट-सहायता तकनीक से भी की जा सकती है. इन सभी तकनीकों के अलग-अलग साइड इफेक्ट होते हैं. गर्भाशय हटाने के कई अल्पकालिक शारीरिक दुष्प्रभाव जैसे कि दर्द, रक्तस्राव और दीर्घकालिक दुष्प्रभाव जैसे कि ऑर्गन प्रोलैप्स हो सकते हैं. कुछ महिलाओं को इस प्रक्रिया के दौरान भावनात्मक दुष्प्रभावों का भी अनुभव हो सकता है. आइए, गर्भाशय हटाने के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानें -

Women Health Supplements
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

बच्चेदानी निकलवाने के कुछ नुकसान भी हैं. इनमें से कुछ जल्दी ठीक हो जाते हैं, तो कुछ को ठीक होने में समय लगता है. उदाहरण के लिए दर्द और ब्लीडिंग जल्दी ठीक हो जाते हैं. लंबे समय तक होने वाले नुकसान में कभी प्रेग्नेंट न होना और समय से पहले मेनोपॉज आ जाना शामिल है. आइए, बच्चेदानी निकलवाने के नुकसान के बारे में विस्तार से जानते हैं -

 

शारीरिक दुष्प्रभाव

हिस्टेरेक्टॉमी के बाद एक या दो दिन अस्पताल में रहने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन लेप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी में कभी-कभी अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं होती है. सर्जरी के बाद के कुछ दिन या हफ्तों तक योनि से रक्तस्राव होना आम है. यह पूरी तरह से सामान्य है. रिकवरी के दौरान इस हिस्से पर पैड लगाने से मदद मिलती है.

पेट की हिस्टेरेक्टॉमी के लगभग छह सप्ताह बाद अधिकांश मरीज अपने सामान्य जीवन में लौट सकते हैं. योनि हिस्टेरेक्टॉमी में ठीक होने का समय आमतौर पर कम होता है. इस सर्जरी के तीन या चार सप्ताह के भीतर महिला अपने सामान्य जीवन में लौट सकती है.

हिस्टेरेक्टॉमी के बाद के हफ्तों में निम्न साइड इफेक्ट का अनुभव हो सकता है-

कुल हिस्टेरेक्टॉमी के द्वारा अंडाशय को हटा देने पर महिला तुरंत रजोनिवृत्ति का अनुभव कर सकती है. इससे निम्न साइड इफेक्ट हो सकते हैं-

(और पढ़ें - गर्भाशय की सफाई)

महिलाओं के स्वास्थ के लिए लाभकारी , एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोंस को कंट्रोल करने , यूट्रस के स्वास्थ को को ठीक रखने , शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर सूजन को कम करने में लाभकारी माई उपचार आयुर्वेद द्वारा निर्मित अशोकारिष्ठ का सेवन जरूर करें ।  

भावनात्मक दुष्प्रभाव

गर्भावस्था के लिए गर्भाशय एक महत्वपूर्ण अंग है. इसे हटाने का मतलब है कि महिला गर्भवती नहीं हो पाएगी, जो कुछ के लिए भावनात्मक स्तर पर कठिन हो सकता है. हिस्टेरेक्टॉमी के दौरान गर्भाशय हटने के बाद मासिक धर्म भी बंद हो जाता है.

कुछ महिलाओं के लिए गर्भावस्था और मासिक धर्म स्त्रीत्व के महत्वपूर्ण पहलू हैं. एक ही प्रक्रिया में दोनों की क्षमता खो देना कुछ महिलाओं को मानसिक तौर पर परेशान कर सकता है. यहां तक कि अगर कोई महिला गर्भावस्था या मासिक धर्म से छुटकारा पाने के ख्याल से उत्साहित होती है, तो भी प्रक्रिया के बाद परस्पर विरोधी भावनाएं आ सकती हैं.

(और पढ़ें - गर्भाशय बाहर निकलना)

समय से पहले मेनोपॉज की संभावना

बच्चेदानी निकलवाने के साथ ही पीरियड्स न आना किसी भी महिला को प्रभावित कर सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि बच्चेदानी निकलवाने से मेनोपॉज वाले लक्षण शुरू हो सकते हैं, जिसमें डिप्रेशन भी शामिल है.

(और पढ़ें - ओवेरियन सिस्ट सर्जरी)

Chandraprabha Vati
₹359  ₹400  10% छूट
खरीदें

सेक्स लाइफ पर असर

इस सर्जरी के बाद डेढ़ महीने तक सेक्स करने के लिए मना किया जाता है. साथ ही मेनोपॉज से सेक्स लाइफ भी प्रभावित होती है. इसके अलावा, सेक्स के दौरान दर्द भी होता है. यह सब शरीर में एस्ट्रोजेन के बदलाव की वजह से होता है.

(और पढ़ें - बच्चेदानी की सूजन के घरेलू उपाय)

अन्य अंगों को खतरा

बच्चेदानी निकलवाने से आसपास के टिश्यू, ब्लैडर, यूरेथ्रा (urethra), ब्लड वेसल्स और नसों को नुकसान पहुंच सकता है. साथ ही खून के थक्के भी बन सकते हैं. 

(और पढ़ें - फैलोपियन ट्यूब निकालने की सर्जरी)

हिस्टेरेक्टॉमी एक बड़ी सर्जरी है और किसी भी सर्जरी की तरह इसके कई जोखिम हो सकते हैं, जैसे -

  • रक्त की हानि
  • मूत्राशय, मूत्रमार्ग, रक्त वाहिकाओं और तंत्रिकाओं सहित आसपास के ऊतकों को नुकसान
  • खून के थक्के
  • संक्रमण
  • आंतों में रुकावट

इस प्रकार के जोखिम अधिकांश सर्जरी के साथ होते हैं और इसका मतलब यह नहीं है कि हिस्टेरेक्टॉमी सुरक्षित नहीं है. डॉक्टर अधिक गंभीर जोखिमों को कम करने के लिए उचित कदम उठा सकते हैं.

(और पढ़ें - फैलोपियन ट्यूब निकालने की सर्जरी)

बच्चेदानी निकलवाने के बाद ठीक होने में अमूमन एक से डेढ़ महीने लग जाते हैं. आइए जानते हैं कि बच्चेदानी निकलवाने के बाद ठीक होने के कौन से तरीके हैं -

  • पर्याप्त आराम.
  • कसे हुए कपड़े पहनने से परहेज.
  • भारी चीजें बिल्कुल न उठाना.
  • हल्की एक्सरसाइज जैसे वॉकिंग.
  • सर्जरी वाली जगह को हल्के से साफ करना.
  • इंफेक्शन की जांच करने के लिए सर्जरी वाली जगह की जांच करते रहना.
  • सर्जरी वाली जगह को पानी से बचाना.
  • डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों का नियमित सेवन.
  • सेक्स न करना.
  • वजाइना में कुछ भी न डालना.

(और पढ़ें - बच्चेदानी में कैंसर का इलाज)

हिस्टेरेक्टॉमी या गर्भाशय हटाने के कई छोटे और दीर्घकालिक दुष्प्रभाव हो सकते हैं. मासिक धर्म रुक जाना और गर्भवती न हो पाना हिस्टेरेक्टॉमी के स्थायी प्रभाव हैं. ये दो साइड इफेक्ट महिला को भावनात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं. इसके अलावा, दर्द, खुजली, रक्तस्राव आदि साइड इफेक्ट भी आम हैं. प्रक्रिया के लाभों और जोखिमों को जानने के लिए डॉक्टर से बात करें और सर्जरी के बाद क्या बदलाव होंगे, इस पर जरूर विचार करें.

(और पढ़ें - हिस्टेरोस्कोपी क्या है?)

Dr. Arpan Kundu

Dr. Arpan Kundu

प्रसूति एवं स्त्री रोग
7 वर्षों का अनुभव

Dr Sujata Sinha

Dr Sujata Sinha

प्रसूति एवं स्त्री रोग
30 वर्षों का अनुभव

Dr. Pratik Shikare

Dr. Pratik Shikare

प्रसूति एवं स्त्री रोग
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Payal Bajaj

Dr. Payal Bajaj

प्रसूति एवं स्त्री रोग
20 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ