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इनगुइनल हर्निया या वंक्षण हर्निया या अंडकोष में हर्निया तब होता है जब नरम ऊतक किसी क्षतिग्रस्त या कमज़ोर क्षेत्र से पेट की निचिली मांसपेशियों, ज्यादातर पेट और जांध के बीच के भाग में या उसके आसपास, से बाहर फ़ैल या उभर जाता है। यह किसी को भी हो सकता है, लेकिन यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज़्यादा आम है। इस स्थिति को ठीक करने के लिए सर्जरी की जाती है।
हर बार सर्जरी की आवश्यकता नहीं भी होती, परन्तु आम तौर पर हर्निया बिना सर्जरी के ठीक नहीं होते। कई स्थितियों में हर्निया का उपचार न किया जाना जानलेवा भी हो सकता है। सर्जरी के साथ कई जोखिम और जटिलताएं जुड़ी होने के बावजूद भी ज़्यादातर मरीज़ों को सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
अगर हर्निया से कोई परेशानी न हो रही हो, तत्काल सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन जैसा कि पहले बताया गया है, ज़्यादातर हर्निया बिना सर्जरी के पूरी तरह ठीक नहीं हो पाते। ये समय के साथ बड़े और असुविधाजनक भी हो सकते हैं।
अधिकतर लोगों को हर्निया का उभार (Bulge) दर्दरहित लगता है। हालांकि खांसने, झुकने या कोई सामान उठाने में इसमें दर्द या परेशानी हो सकती है। आपको डॉक्टर द्वारा सर्जरी की सलाह दी जा सकती है अगर:
अगर मरीज़ की आंतें मुड़ जाती हैं या फंस जाती हैं तो हर्निया खतरनाक हो सकता है। ऐसा होने पर आपको निम्न परेशानियां हो सकती हैं:
इन में से कोई भी परेशानी होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। यह एक जानलेवा स्थिति है और इसमें आपातकालीन सर्जरी की आवशयकता हो सकती है।
अंडकोष में हर्निया के ऑपरेशन की तैयारी के लिए आपको निम्न कुछ बातों का ध्यान रखना होगा और जैसा आपका डॉक्टर कहे उन सभी सलाहों का पालन करना होगा:
इन सभी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लिंक पर जाएँ - सर्जरी से पहले की तैयारी
वंक्षण हर्निया की सर्जरी दो प्रकार से की जा सकती है: ओपन सर्जरी या लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से।
इस प्रक्रिया को हर्नियोराफी (Herniorrhaphy) या हर्नियोप्लास्टी (Hernioplasty) भी कहा जाता है। एनेस्थीसिया का प्रभाव शुरू होते ही, सर्जरी शुरू की जाती है। सर्जन ऊसन्धि (Groin; पेट और जांध के बीच का भाग) में एक लम्बा चीरा काटते हैं। इसके बाद सर्जन हर्निया के स्थान का पता लगाते हैं। फिर उसे आसपास के अन्य ऊतकों से अलग किया जाता है। सर्जन हार्नियाग्रस्त ऊतक को पेट की ओर वापिस दबा देंगे।
टांकों की मदद से चीरे को सिल दिया जाएगा और पेट की कमज़ोर मांसपेशियों को प्रबल किया जायेगा। कभी कभी सर्जन पेट के ऊतकों को मज़बूत करने के लिए और दोबारा हर्निया न बन जाए इसके जोखिम को कम करने के लिए एक मैश (Mesh; जाल) भी लगा सकते हैं।
यह सर्जरी तब की जाती है जब हर्निया छोटा होता है और उस तक पहुंचना आसान होता है। इसमें ओपन सर्जरी की तुलना छोटे चीरे काटे जाते हैं लेकिन चीरों की संख्या ज़्यादा होती है। चीरों के माधयम से लैप्रोस्कोप (Laparoscope) डाला जाता है, जिससे एक वीडियो कैमरा जुड़ा होता है जो डॉक्टर को अंदरूनी अंगों को देखने और सर्जरी करने में मदद करता है, और अन्य सर्जिकल उपकरण डाले जाते हैं। आगे की प्रक्रिया ओपन सर्जरी के समान ही होती है।
आम तौर पर लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy) ओपन सर्जरी से कम पीड़ादायक होती है।
वंक्षण हर्निया का ऑपरेशन अक्सर आउट-पेशेंट (Out-Patient; सर्जरी के बाद मरीज़ को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती) आधार पर की जाती है। हालांकि अगर कोई जटिलताएं हों तो, जब तक वे ठीक नहीं हो जाती तब तक मरीज़ को अस्पताल में ही रखा जायेगा।
सर्जरी के बाद मूत्रत्याग करने में परेशानी न हो इसके लिए मूत्राशय में एक कैथेटर लगाया जा सकता है। पुरुषों में सर्जरी के कुछ घंटों तक मूत्रत्याग करने में परेशानी हो सकती है। यह कैथेटर द्वारा ठीक की जा सकती है।
सर्जरी के बाद आप कुछ दिनों में सामान्य गतिविधियां शुरू कर सकते हैं। कम से कम चार से छह हफ़्तों तक कोई थकाने वाले व्यायाम न करें। आप करीब तीन हफ़्तों के बाद संभोग कर सकते हैं।
ओपन सर्जरी में पूरी तरह रिकवरी होने में छह हफ्ते लग सकते हैं और लैप्रोस्कोपी में करीब दो हफ्ते, इसलिए अपने डॉक्टर के निर्देशों का पूरी तरह पालन करें।
इस सर्जरी के बाद निम्न जोखिम और जटिलताएं हो सकती हैं: