ब्लड शुगर या ग्लूकोज टेस्ट द्वारा खून में शुगर (ग्लूकोज) की मात्रा को मापा जाता है, ग्लूकोज एक प्रकार का शुगर (शर्करा) ही होता है, जो खून में मौजूद होता है।

(और पढ़ें - लैब टेस्ट)

ग्लूकोज शरीर की कोशिकाओं के लिए शक्ति का एक मुख्य स्त्रोत होता है, इन कोशिकाओं में मस्तिष्क कोशिकाएं भी शामिल हैं। ग्लूकोज एक प्रकार का सामान्य शुगर होता है, जो शरीर के लिए शक्ति का मुख्य स्त्रोत होता है। आप जितना कार्बोहाइड्रेट्स लेते हैं आपका शरीर उसको ग्लूकोज़ में बदल देता है। जब शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स तीव्रता से ग्लूकोज में बदलने लग जाते हैं, तो खून में शुगर या ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है।

(और पढ़ें - कार्बोहाइड्रेट के स्रोत)

  1. ब्लड शुगर (ग्लूकोज) टेस्ट क्या होता है? - What is Blood Sugar (Glucose) Test in Hindi?
  2. ब्लड ग्लूकोज (शुगर) टेस्ट क्यों किया जाता है - What is the purpose of Blood Glucose (Sugar) Test in Hindi
  3. ब्लड शुगर (ग्लूकोज) टेस्ट से पहले - Before Blood Sugar (Glucose) Test in Hindi
  4. ब्लड ग्लूकोज (शुगर) टेस्ट के दौरान - During Blood Glucose (Sugar) Test in Hindi
  5. ब्लड शुगर (ग्लूकोज) टेस्ट के बाद - After Blood Sugar (Glucose) Test in Hindi
  6. ब्लड ग्लूकोज (शुगर) टेस्ट के क्या जोखिम होते हैं - What are the risks of Blood Glucose (Sugar) Test in Hindi
  7. ब्लड शुगर (ग्लूकोज) टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Blood Sugar (Glucose) Test Normal Range and Result in Hindi
  8. ब्लड शुगर (ग्लूकोज) टेस्ट कब करवाना चाहिए - When to get tested with Blood Sugar (Glucose) Test in Hindi

ब्लड ग्लूकोज (शुगर) टेस्ट क्या होता है?

ब्लड शुगर (ग्लूकोज) टेस्ट तत्काल परिणाम देता है। इस टेस्ट से आपको निम्न बातों पर निर्णय लेने के लिए आवश्यक जानकारी मिलती है - 

(और पढ़ें - शुगर का आयुर्वेदिक इलाज)

  1. आपके रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ा हुआ है या कम है?
  2. क्या आपके आहार या व्यायाम को बदलने की जरूरत है?
  3. क्या आपकी डायबिटीज की दवाएं या उपचार काम कर रहा है या नहीं? (और पढ़ें - डायबिटीज में परहेज)
  4. क्या आपका इलाज अपेक्षा अनुसार चल रहा है या नहीं?

अगर आपको डायबिटीज नहीं भी है, तो भी आपके डॉक्टर इस टेस्ट को आपके रूटीन चेककप में शामिल करवाने के लिए कह सकते हैं। या, इसको यह देखने के लिए करवाया जा सकता है कि कहीं आपको डायबिटीज होने का खतरा तो नहीं है। 

(और पढ़ें - शुगर के लिए योगासन)

यदि निम्न में से कोई भी कारक आपके लिए सत्य हैं, तो आपको डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है -

  1. यदि आपकी उम्र 45 वर्ष या उससे अधिक हो।
  2. यदि आपका वजन अधिक हो। (और पढ़ें - वजन कम कैसे करे)
  3. यदि आप व्यायाम नहीं करते हैं।
  4. यदि आपका रक्तचाप, ट्राइग्लिसराइड्स या कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा हुआ हो। (और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय)
  5. यदि आपका इंसुलिन रेजिस्टेंस का इतिहास रहा हो।
  6. यदि आपका मधुमेह का पारिवारिक इतिहास रहा हो।

(और पढ़ें - हाई बीपी का आयुर्वेदिक इलाज)

आप रक्त शर्करा का टेस्ट दो तरीके से कर सकते हैं।

  1. जिन लोगों को डायबिटीज है, वह इस पर नज़र रखने के लिए दैनिक रूप से ग्लूकोमीटर का उपयोग कर सकते हैं।
  2. अगर किसी को बस साल में एक या दो बार टेस्ट करवाना हो तो वे लैब में जाकर टेस्ट करवा सकते हैं।

(और पढ़ें - शुगर में क्या खाना चाहिए)

आपके डॉक्टर दो तरह के ब्लड शुगर टेस्ट करने को कह सकते हैं - 

  1.  'फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट', जो आपके वर्तमान रक्त शर्करा के स्तर को मापता है।
  2. 'हीमोग्लोबिन ए1सी टेस्ट, जो आपके पिछले 90 दिनों के रक्त में शर्करा के स्तर को दर्शाता है।

इन टेस्ट के परिणाम से पता चलेगा कि आपको प्रीडायबिटीज या डायबिटीज है या नहीं।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में शुगर का इलाज)

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ब्लड शुगर या ग्लूकोज टेस्ट किसलिए  किया जाता है?

(और पढ़ें - मधुमेह रोगियों के लिए नाश्ता)

आपके डॉक्टर यह देखने के लिए कि कहीं आपको प्री-डायबिटीज या डायबिटीज तो नहीं है, आपका ब्लड शुगर टेस्ट करवाने को बोल सकते हैं। यह टेस्ट आपके खून में ग्लूकोज की मात्रा को मापता है।

आपका शरीर अनाज और फल जैसे खाद्य पदार्थों से कार्बोहाइड्रेट लेता है और उन्हें ग्लूकोज में बदलता है। ग्लूकोज (एक प्रकार की चीनी) आपके शरीर के लिए ऊर्जा के मुख्य स्रोतों में से एक है।

(और पढ़ें - डायबिटीज डाइट चार्ट)

डायबिटीज रोगियों को अपने ब्लड शुगर के स्तर पर नज़र रखने के लिए ऐसे टेस्ट उपलब्ध हैं जो घर पर किये जा सकते हैं। इस टेस्ट के परिणाम से आपके अपने रक्त शर्करा के स्तर का पता चल जाएगा, जिससे आप ये अन्दाज़ा लगा सकेंगे कि आपको अपने आहार, व्यायाम या डायबिटीज की दवाइयों में बदलाव लाने की ज़रुरत है या नहीं।

(और पढ़ें - हाइपोग्लाइसीमिया क्या है)

ब्लड शुगर के स्तर का बहुत ज़्यादा या कम होने से क्या होता है?

  • रक्त शर्करा कम होने (हाइपोग्लाइसीमिया) से 'सीज़र्स' हो सकते हैं, या आप कोमा में जा सकते हैं। ऐसा दुर्लभ मामलों में ही होता है।
  • रक्त शर्करा ज़्यादा होने (हाइपरग्लेसेमिया) से 'कीटोएसिडोसिस' जन्म ले सकता है। यह आपके लिए बहुत ही खतरनाक स्थिति होती है, जो कि टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों के लिए अक्सर चिंता का विषय है। कीटोएसिडोसिस तब होता है जब आपका शरीर केवल ईंधन के लिए वसा का उपयोग करना शुरू करता है।

(और पढ़ें - डायबिटिक कीटोएसिडोसिस के लक्षण)

ब्लड शुगर या ग्लूकोज टेस्ट से पहले क्या किया जाता है?

ब्लड शुगर (ग्लूकोज) टेस्ट को या तो रैंडम टेस्ट (सामान्य स्थिति में) या फिर फास्टिंग टेस्ट (बिना कुछ खाए) के रूप में किया जा सकता है। 

(और पढ़ें - थायराइड फंक्शन टेस्ट)

फास्टिंग टेस्ट में टेस्ट होने से 8 घंटे पहले डॉक्टर पानी के सिवा कुछ भी पीने व खाने से बचने की सलाह देते हैं। डॉक्टर ब्लड ग्लूकोज फास्टिंग टेस्ट को सुबह के समय करने की सलाह भी दे सकते हैं, क्योंकि ऐसा करने से आपको पूरा दिन भूखा रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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रैंडम शुगर या ग्लूकोज टेस्ट से पहले आप रोजाना खाने वाली सामान्य चीजें खा सकते हैं।

डॉक्टर ज्यादातर फास्टिंग टेस्ट का ही सुझाव देते हैं, क्योंकि इनके रिजल्ट अधिक सटीक होते हैं और इनके रिजल्ट की व्याख्या करना (समझाना) आसान होता है।

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अगर आप किसी प्रकार की कोई भी दवा, सप्लीमेंट्स या अन्य हर्बल उत्पाद आदि ले रहे हैं, तो टेस्ट होने से पहले डॉक्टरों को इस बारे में बता दें। कुछ प्रकार की दवाएं ब्लड शुगर स्तर को प्रभावित कर सकती हैं। अगर आप कुछ प्रकार की दवाएं लेते हैं तो डॉक्टर टेस्ट होने से पहले कुछ समय के लिए उन दवाओं को छोड़ने या खुराक में कुछ बदलाव करने के लिए बोल सकते हैं।

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दवाएं जो ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित करती हैं, इनमें निम्न शामिल हो सकती हैं:

गंभीर तनाव होना भी खून में ग्लूकोज या शुगर के स्तर को बढ़ा सकता है, जो आमतौर पर निम्न कारकों के कारण हो सकता है:

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अगर आपको पहले इनमें से कोई भी समस्या हुई है, तो डॉक्टर को इस बारे जरूर बताएं। 

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ब्लड शुगर या ग्लूकोज टेस्ट के दौरान क्या किया जाता है?

यह सामान्य खून टेस्ट की तरह ही होता है, जिसमें जांच करने के लिए नस से खून का सैम्पल निकाला जाता है। सैम्पल निकालने से पहले जिस जगह पर सुई लगानी होती है उस जगह को एंटीसेप्टिक द्वारा साफ करके सभी रोगाणुओं को मार दिया जाता है। उसके बाद बाजू के ऊपरी हिस्से पर एक इलास्टिक बैंड या पट्टी बांध दी जाती है, जिससे नसों में खून का बहाव रूक जाता है और नसें फुलने लगती हैं। नसे फुलने के कारण वे स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगती है, तो उनमें सुई लगा दी जाती है। नसों से निकाला गया खून सुई से जुड़ी एक शीशी या ट्यूब में भर लिया जाता है।

(और पढ़ें - एसजीपीटी टेस्ट)

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ब्लड शुगर या ग्लूकोज टेस्ट के बाद क्या किया जाता है?

टेस्ट के बाद जहां से सैम्पल निकाला गया था वहां पर थोड़ा दर्द या तकलीफ महसूस हो सकती है और वहां पर नीला निशान भी पड़ सकता है। यह जल्दी गायब हो जाता है। जब सुई त्वचा के अंदर जाती है तो कुछ लोगों को उस समय थोड़ा दर्द महसूस होता है, सुई निकालने के बाद उस जगह को थोड़ा दबाया जाता है, जिससे निशान नहीं पड़ पाता।

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सैम्पल को निकालने के बाद उसे टेस्टिंग के लिए लेबोरेटरी भेज दिया जाता है। रिजल्ट आने के बाद डॉक्टर उसके बारे में आपसे चर्चा करके इलाज शुरू करते हैं।

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ब्लड शुगर या ग्लूकोज टेस्ट मेें क्या जोखिम हो सकते हैं?

बल्ड शुगर टेस्ट में कोई जोखिम व दुष्प्रभाव नहीं होते या बहुत कम होते हैं। आपको जहाँ सुई लगाई गई हो, वहां पर दर्द या सूजन हो सकती है, ऐसा खासकर तब होता है, जब सैम्पल आपकी नस से लिया गया हो।

(और पढ़ें - सूजन कम करने के उपाय)

ब्लड शुगर या ग्लूकोज टेस्ट का रिजल्ट और नॉर्मल रेंज?

1. सामान्य रिजल्ट -

(और पढ़ें - पैप स्मीयर टेस्ट)

अगर आपका फास्टिंग ब्लड शुगर (ग्लूकोज) टेस्ट किया गया है, तो 70 से 100 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर के बीच के स्तर को नॉर्मल रेंज माना जाता है।

अगर आपका रैंडम ब्लड शुगर (ग्लूकोज) किया गया है, तो सामान्य रिजल्ट इस बात पर निर्भर करता है कि आपने आखरी बार कब खाया था। ज्यादातर बार ब्लड ग्लूकोज स्तर 125 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम ही रहता है।

2. असामान्य रिजल्ट –

अगर फास्टिंग ब्लड शुगर या ग्लूकोज टेस्ट किया गया हो तो:

(और पढ़ें - इन्सुलिन टेस्ट)

  • 100 से 125 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर के बीच का स्तर यह संकेत देता है कि खाली पेट होने के दौरान आपका ग्लूकोज स्तर बिगड़ा हुआ है, यह एक प्रकार का प्री-डायबिटीज (डायबिटीज से पहले की स्थिति) हो सकता है।
  • 125 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर या उससे उपर का स्तर आमतौर पर डायबिटीज के संकेत देता है।

अगर रैंडम ब्लड शुगर या ग्लूकोज टेस्ट किया गया हो तो:

(और पढ़ें - शुगर के लिए योगासन)

  • आपमें 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर या उससे उपर का स्तर आमतौर पर डायबिटीज के संकेत देता है।
  • आपके रैंडम ब्लड शुगर या ग्लूकोज टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर आपके डॉक्टर आपको फास्टिंग ब्लड शुगर (ग्लूकोज) टेस्ट या एचबीएवनसी (HBA1C) टेस्ट करवाने का सुझाव दे सकते हैं।
  • अगर किसी ऐसे व्यक्ति का टेस्ट किया गया है, जिसको डायबिटीज है तो रैंडम ब्लड के असामान्य रिजल्ट का मतलब है कि डायबिटीज को ठीक तरीके से नियंत्रित नहीं किया जा रहा।

3. एचबीए1सी टेस्ट (HbA1c) –

बिना डायबिटीज के किसी व्यक्ति में सामान्यतः 5.7 प्रतिशत तक होता है। डायबिटीज के मरीज के लिए 7.0 प्रतिशत या उससे कम होता है।

कुछ अन्य मेडिकल समस्याएं भी ब्लड शुगर या ग्लूकोज के स्तर को सामान्य से अधिक कर सकती हैं, जैसे:

  • ऑवरएक्टिव थायरॉयड ग्रंथि
  • अग्नाशय का कैंसर
  • अग्नाशयशोथ (अग्नाशय में सूजन, जलन, लालिमा आदि)
  • आघात, स्ट्रोक, सर्जरी या हार्ट अटैक के कारण तनाव

ब्लड शुगर या ग्लूकोज का स्तर सामान्य से कम होने (हाइपोग्लाइसीमिया) के निम्न कारण हो सकते हैं:

(और पढ़ें - नार्मल ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए)

ब्लड ग्लूकोज (शुगर) टेस्ट कब करवाना चाहिए?

अगर आप में डायबिटीज के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो डॉक्टर ब्लड ग्लूकोज टेस्ट करवाने का सुझाव दे सकते हैं। डॉक्टर ज्यादातर फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज टेस्ट करवाने का ही सुझाव देते हैं।

(और पढ़ें - मीठे की लत से छुटकारा पाने के उपाय)

जिन लोगों को पहले से ही डायबिटीज है, उनमें डायबिटीज के स्तर पर नजर रखने के लिए भी इस टेस्ट का उपयोग किया जा सकता है।

निम्न स्थितियों में भी ब्लड शुगर (ग्लूकोज) टेस्ट किया जा सकता है:

अगर आपका वजन अधिक है (25 या उससे अधिक बीएमआई स्तर) और आपमें नीचे दिए गए जोखिम कारकों में से कोई है, तो आपको डॉक्टर से टेस्ट करवाने के बारे में बात करनी चाहिए।

  • अगर आपके पिछले ब्लड शुगर टेस्ट का स्तर हाई था।
  • ब्लड प्रेशर 140/90 मिमी एचजी या उससे अधिक या अस्वास्थ्यकर कोलेस्ट्रॉल का स्तर। (और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए क्या खाएं)
  • पहले कभी ह्रदय संबंधी रोग हुऐ हों।
  • वे महिलाएं जिनमें गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज का परीक्षण किया गया हो।
  • पॉलीसिस्टिक अंडाशय रोग (Polycystic ovary disease), महिलाओं में एक ऐसी स्थिति जिसमें फीमेल सेक्स हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिसके कारण अंडाशय में सिस्ट हो जाता है। (और पढ़ें - कामेच्छा बढ़ाने के उपाय)
  • अगर आपके करीबी रिश्ते में किसी को डायबिटीज है (जैसे मां-बाप, भाई या बहन आदि)
  • अगर आप शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं।

(और पढ़ें - एलर्जी टेस्ट कैसे होता है)

ब्लड शुगर (ग्लूकोज) टेस्ट से जुड़े सवाल और जवाब

सवाल लगभग 5 साल पहले

मैं घर पर डायबिटीज का टेस्ट कैसे कर सकती हूं?

Dr. Joydeep Sarkar MBBS , कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, श्वास रोग विज्ञान, गुर्दे की कार्यवाही और रोगों का विज्ञान, हीपैटोलॉजी (यकृत पित्त अग्न्याशय चिकित्सा ), आंतरिक चिकित्सा, मधुमेह चिकित्सक

ब्लड ग्लूकोज मॉनिटर का इस्तेमाल करके घर पर ही अपने ब्लड शुगर का टेस्ट कर सकते हैं। होम ब्लड ग्लूकोज मॉनिटर से यह पता चलता है कि शरीर कितने प्रभावी रूप से ग्लूकोज बना रहा है। होम ब्लड ग्लूकोज किट ग्लूकोज टेस्टिंग स्ट्रिप्स को रीड करता है। ये स्ट्रिप्स खून की एक बूंद से ग्लूकोज (शुगर) के लेवल का पता लगाती हैं।

सवाल लगभग 5 साल पहले

मैंने अपना ब्लड शुगर टेस्ट करवाया था। खाली पेट मेरा ब्लड शुगर लेवल 134 और खाना खाने के बाद ब्लड शुगर 200 था। क्या मेरे शुगर का लेवल गंभीर है? मैं क्या करूं?

Dr. Kuldeep Meena MBBS, MD , कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, पीडियाट्रिक, डर्माटोलॉजी, श्वास रोग विज्ञान, गुर्दे की कार्यवाही और रोगों का विज्ञान, सामान्य चिकित्सा, अन्य, संक्रामक रोग, आकस्मिक चिकित्सा, प्रतिरक्षा विज्ञान, आंतरिक चिकित्सा, मल्टीस्पेशलिटी

आपका शुगर लेवल बहुत अधिक है आपको इसे कंट्रोल करने की जरूरत है। आप डायबिटीज विशेषज्ञ से मिलें और उनसे अपना ट्रीटमेंट करवाएं।

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरी मां की ब्लड शुगर रिपोर्ट में खाली पेट लेवल 271 एमजी और खाना खाने के बाद 360 एमजी आया था। क्या यह लेवल ज्यादा है? ब्लड शुगर को कैसे कंट्रोल कर सकते है? कृपया बताएं कि क्या करना चाहिए?

Dr. Joydeep Sarkar MBBS , कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, श्वास रोग विज्ञान, गुर्दे की कार्यवाही और रोगों का विज्ञान, हीपैटोलॉजी (यकृत पित्त अग्न्याशय चिकित्सा ), आंतरिक चिकित्सा, मधुमेह चिकित्सक

आपकी मां का शुगर लेवल बहुत ज्यादा है। उन्हें डायबिटीज के लिए दवा की जरूरत है। आप आगे की जांच और इसे नियंत्रित करने के लिए उन्हें एंडोक्रिनोलोजिस्ट के पास लें जाए। उन्हें ग्लाइसेमिक इंडेक्स के अनुसार ही खाना खिलाएं।

सवाल लगभग 5 साल पहले

कुछ दिन पहले ही मैंने अपना शुगर टेस्ट करवाया है फास्टिंग में (खाली पेट) शुगर का लेवल 92 है और खाना खाने के बाद शुगर का लेवल 150 है। मेरे परिवार में भी शुगर प्रॉब्लम है।

Dr. Anand Singh MBBS , सामान्य चिकित्सा

आप एचबीए1सी टेस्ट करवा लें, इसमें आपको पिछले 3 महीने के शुगर लेवल का पता चल जाएगा। आपको दवा की जरूरत नहीं है बल्कि जीवनशैली में कुछ बदलाव करके भी आप अपना शुगर लेवल कंट्रोल कर सकते हैं।

संदर्भ

  1. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Diabetes Tests & Diagnosis
  2. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Blood sugar test
  3. American Pregnancy Association: Glucose Tolerance Test
  4. American Diabetes Association. http://care.diabetesjournals.org/content/37/Supplement_1/S14.full.pdf+html. Diabetes Care.
  5. Virginia A. Moyer, MD, MPH; on behalf of the U.S. Preventive Services Task Force. Screening for Gestational Diabetes Mellitus: U.S. Preventive Services Task Force Recommendation Statement . Ann Intern Med. 2014;160(6):414-420.
  6. American Diabetes Association. Diagnosing Diabetes and Learning About Prediabetes. Diabetes basics. diagnosis.
  7. American Diabetes Association [internet]; Checking Your Blood Glucose
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