गुड़ को गन्ने से तैयार किया जाता है। इसे चीनी का स्वस्थ विकल्प कहा जाता है। वैसे तो चीनी और गुड़ दोनों में ही समान मात्रा में कैलोरी होती है लेकिन गुड़ में शरीर के लिए जरूरी कई तरह के विटामिंस और मिनरल्स भी मौजूद होते हैं।
यह सुनहरे भूरे रंग से गहरे भूरे रंग का हो सकता है। कहा जाता है कि गुड़ का रंग जितना ज्यादा गहरा होगा उसका फ्लेवर उतना ही ज्यादा अच्छा होगा। दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देशों में गुड़ का सेवन किया जाता है। नेपाल, बांगलादेश, पाकिस्तान और श्रीलंका में स्थानीय व्यंजनों में गुड़ का बहुत इस्तेमाल किया जाता है।
सांभर और रसम के स्वाद को बढ़ाने के लिए उसमें एक चुटकी गुड़ डाला जाता है। गुड़ और मूंगफली से बनी चिक्की भी बहुत पसंद की जाती है। मिठाई, एल्कोहोलिक ड्रिंक, चॉकलेट, कैंडी, टॉनिक, सिरप और केक आदि बनाने में भी गुड़ का इस्तेमाल किया जाता है।
विश्व स्तर पर महाराष्ट्र गुड़ का सबसे बड़ा उत्पादक है। अमेरिका, एशिया और अफ्रीका में गुड़ का अत्यधिक उपयोग किया जाता है। भारत में ईख से बना गुड़ ज्यादा पसंद किया जाता है लेकिन ताड़ के रस, खजूर के रस से भी गुड़ तैयार किया जाता है।
गुड़ से सेहत को कई तरह के फायदे मिलते हैं। आयुर्वेदिक और पारंपरिक औषधियों में गुड़ को विशेष स्थान दिया गया है। इसमें आयरन प्रचुर मात्रा में होता है जिससे एनीमिया की समस्या दूर करने में मदद मिलती है। भोजन के बाद थोड़ा-सा गुड़ खाने से पाचन में सुधार होता है। मिर्च के साथ गुड़ खाने से भूख बढ़ती है।
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आयुर्वेद के अनुसार रोज़ गुड़ खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। गुड़ को मुहांसों का इलाज करने और शरीर का तापमान नियंत्रित करने के लिए भी जाना जाता है। खट्टी डकार आने की स्थिति में काले नमक के साथ गुड़ खाने से लाभ होता है।
गुड़ के बारे में तथ्य:
- वानस्पतिक नाम: सैकेरम ओफिसिनेरम
- कुल: पोएसी
- सामान्य नाम: गुड़
- संस्कृत नाम: शर्करा, गुड़
- भौगोलिक विवरण: ऐसा माना जाता है कि सबसे पहले गुड़ पूर्वी भारत में मिलता है जबकि ये भी कहा जाता है कि भारत में गुड़ को पुर्तगाली लेकर आए थे। विश्व स्तर पर भारत, नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान और श्रीलंका गुड़ के सबसे बड़े उत्पादक हैं।
- रोचक तथ्य: गुड़ को “सुपरफूड स्वीटनर” भी कहा जाता है।