वच आयुर्वेदिक दवाओं में चरक और सुश्रुता के समय से प्रयोग किया जाता है। इसे संस्कृत में बच और घोरबच कहते हैं जबकि अंग्रेज़ी में कैलामस और स्वीट फ़्लैग भी कहा जाता है और इसका वनस्पति नाम एकोरस कैलेमस (acorus calamus) है। इन नामों के अलावा वच को वेखंड के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत में एक स्थानीय पौधा है और लगभग 1800 मीटर की ऊंचाई तक पूरे भारत में पाया जाता है।
वच की झाड़ी छोटी होती है। यह विशेष रूप से दलदली जगहों पर उगती है जैसे मणिपुर, असम आदि। इसकी जड़ें लगभग मध्यम ऊँगली के जितनी मोटी होती हैं। पत्ते 0.9 मीटर से लेकर 1.8 मीटर तक लम्बे हैं। इसके पत्ते हरे, चमकीले और नोकदार होते हैं।
इसके पत्ते सुगंधित होते हैं। इसके मुख्य प्रभाव मस्तिष्क, स्वर रज्जु (vocal cord), पेट, लिवर, फेफड़े, और गर्भाशय पर दिखाई देते हैं। इसलिए इन अंगों से संबंधित कई बीमारियों के लिए इसका उपयोग किया जाता है।