जब हम छुट्टियों पर कहीं लम्बे समय के लिए जाते हैं तो वहां खाना पीना तो बहुत होता है, पर हम व्यायाम करना छोड़ देते हैं। यदि आप दो से पांच महीनों तक व्यायाम करना छोड़ देते हैं तो इसका आपके शरीर पर काफी प्रभाव पढ़ सकता है। चलिए जानते हैं व्यायाम छोड़ने से क्या क्या हो सकता है।

  1. हृदय के लिए वर्कआउट छोड़ने के नुकसान - Dangers of stopping exercise suddenly for heart in hindi
  2. बॉडी के लचीलेपन के लिए वर्कआउट छोड़ने के नुकसान - Not working out results in loss of flexibility in hindi
  3. मांसपेशियों की मजबूती के लिए वर्कआउट छोड़ने के नुकसान - Loss of muscle when you stop working out in hindi
  4. बीमारियों से बचने के लिए वर्कआउट छोड़ने के नुकसान - Fitness declines faster in illness in hindi
  5. शरीर को शेप में रखने के लिए वर्कआउट छोड़ने के नुकसान - Maintenance is easier than getting back in shape after long layoff in hindi
  6. फिटनेस बनाए रखने के लिए वर्कआउट छोड़ने के नुकसान - Age affects fitness in hindi
  7. स्वस्थ दिमाग के लिए वर्कआउट छोड़ने के नुकसान - Side effects of stopping working out for nervous system in hindi
  8. सारांश

एरोबिक फिटनेस का मतलब है हमारी मांसपेशियों में रक्त से ऑक्सीजन का परिवहन और उपयोग करने की शरीर की क्षमता। यदि आप व्यायाम करना छोड़ देते हैं तो व्यायाम छोड़ने के एक या दो हफ्ते के अंदर ही यह क्षमता कम हो जाती है। साथ ही दिल की काम करने की क्षमता कम हो जाती है। व्यायाम छोड़ने के तीन से चार सप्ताह में आपकी हार्ट (heart) रेट सामान्य दर से चार से 15 धड़कने और बढ़ जाती है और रक्त की मात्रा 24 घंटे में पांच प्रतिशत और दो हफ्तों में 20 प्रतिशत घट जाती है।

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यदि आप छह महीने से कम व्यायाम कर के छोड़ देते हैं तो एक वर्ष या उससे अधिक समय तक व्यायाम करने वाले व्यक्ति की तुलना में तेजी से अपनी फिटनेस खो देंगे।

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यदि आप स्ट्रेचिंग (stretching) का व्यायाम करना बंद कर देते हैं तो आप अपने शरीर के लचीलेपन को जल्दी खो देते हैं। स्ट्रेचिंग अभ्यास को बंद करने से आपकी मांसपेशियां और पट्टा (tendons) फिर से उसी रूप में वापस आना शुरू हो जाते हैं जैसे वो व्यायाम शुरू करने से पहले थे। स्ट्रेचिंग बंद करने के तीन दिनों में ही आप अपने शरीर के लचीलेपन को खोना शुरू कर देते हैं। इसलिए स्ट्रेचिंग का अभ्यास कम से कम सप्ताह में तीन बार या प्रतिदिन करना चाहिए।

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जब आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (strength training) छोड़ते हैं तो आपकी मांसपेशियों में बदलाव कुछ ही दिनों में दिखने लगता है। जब आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग छोड़ते हैं तो शरीर से प्रोटीन खोना शुरू कर देते हैं, जो आपके परिसंचरण में अवशोषित हो जाता है और पेशाब के माध्यम से बाहर निकल जाता है। थोड़ा ही पर मांसपेशियां महत्पूर्ण प्रोटीन को 72 घंटों में ही खोना शुरू कर देती हैं। जैसी की कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस में ऊपर देखा गया, लंबे समय से व्यायाम करने वालों की तुलना में कम समय से व्यायाम करने वालों के मसल्स (muscles) जल्दी कम होने लगते हैं।

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जो व्यक्ति स्वस्थ होते हैं और एक्सरसाइज बंद करते हैं, वे व्यक्ति बीमारी या चोट के कारण एक्सरसाइज बंद करने वाले व्यक्ति की तुलना में बहुत धीमी गति से मसल्स और कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस खोते हैं। स्वस्थ रह कर व्यायाम छोड़ने की तुलना में बीमारी या चोट के कारण ज्यादा तनाव लेकर व्यायाम छोड़ने से आप अपने फिटनेस के स्तर को दोगुनी तेजी से खो देते हैं। यदि आपको फ्रैक्चर है या आपकी सर्जरी हुई है या आप बेड रेस्ट पर हैं तो पूरी तरह ठीक होकर दुबारा एक्सरसाइज शुरू करने में आपको 12 से 24 महीने लग सकते हैं।

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ये ध्यान रखें कि अपनी फिटनेस के स्तर को बनाए रखना इतना मुश्किल नहीं है इसलिए अगर आप अपनी फिटनेस से ब्रेक लेने का सोच रहे हैं, तो दुबारा विचार करें। एरोबिक और स्ट्रेंथ स्तर को बनाए रखने के लिए आपको सप्ताह में केवल दो बार 20 मिनट उच्च तीव्रता वाले अंतराल ट्रेनिंग (high-intensity interval training - HIIT) की ज़रूरत है। इसको करते हुए हृदय गति आपकी अधिकतम ह्रदय गति का 80 या 90 प्रतिशत होनी चाहिए।

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हम उम्र के कारण अपनी ताकत और संपूर्ण फिटनेस दोगुनी गति से खोते हैं। इसका कारण हमारा हार्मोन का स्तर होता है। जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारा मानव विकास हार्मोन कम होने लगता है। हम अपने तनाव को नियंत्रित करने की क्षमता भी खो देते हैं और हमें तनाव हार्मोन से रिकवर होने में दिक्कत होती है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढती है, कसरत के बाद हमारा शरीर अधिक थकान महसूस करता है।

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यदि आप व्यायाम करना छोड़ देते हैं तो आपके तंत्रिका तंत्र की क्षमता कम हो जाती है। तंत्रिका की उत्तेजना जिसके कारण आप भारी सामान पहले सामान्य ताकत से उठा पाते थे, अब नहीं उठा पाते क्योंकि आप अपनी तंत्रिका की उत्तेजनाओं को खो देते हैं। जब आप वजन उठाते हैं तो हो सकता है आप पहले जितना ही वजन उठा पाएं, पर इससे आपके ऊतक (tissue) को खतरा पहुंच सकता है। आपको ज़्यादा मेहनत करनी पड़ेगी और ज़्यादा आराम की भी जरूरत होगी। 

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वर्कआउट छोड़ने से शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। नियमित व्यायाम बंद करने पर मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति धीरे-धीरे कम होने लगती है। इसके साथ ही शरीर में चर्बी बढ़ सकती है और वजन भी बढ़ सकता है। मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है, जिससे ऊर्जा का स्तर कम महसूस होता है। मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है, जैसे तनाव और चिंता का बढ़ना। वर्कआउट न करने से हृदय स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है और ब्लड शुगर के स्तर में बदलाव हो सकते हैं, जो दीर्घकालिक बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

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