पूर्वोतानासन का नाम दो शब्दों के मेल से बना है: पूर्व, और उत्तान। पूर्व यानी पूर्व दिशा या शरीर का अगला हिस्सा, और उत्तान मतलब खिचा हुआ। इस आसन से आपका स्वास्थ्य अच्छा होता है और तनाव से भी मुक्त रहते हैं। इस लेख में पूर्वोतानासन करने के तरीके व उससे होने वाले लाभों के बारे में बताया गया है। साथ ही लेख में यह भी बतायाा गया है कि पूर्वोतानासन के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
- पूर्वोतानासन के फायदे - Purvottanasana ke fayde
- पूर्वोतानासन करने से पहले यह आसन करें - Purvottanasana karne se pehle yeh aasan kare
- पूर्वोतानासन कैसे करें? - Purvottanasana karne ka tarka
- पूर्वोतानासन का आसान तरीका - Purvottanasana ka aasaan tarika
- पूर्वोतानासन करने में क्या सावधानी बरती जाए - Purvottanasana karne me kya savdhani barte
- पूर्वोतानासन करने के बाद आसन - Purvottanasana karne ke baad aasan
- सारांश
पूर्वोतानासन के फायदे - Purvottanasana ke fayde
हर आसन की तरह पूर्वोतानासन के भी कई लाभ होते हैं। उनमें से कुछ हैं यह:
- हाथों, कलाईयों और पैरों को मज़बूत करता है।
- छाती, कंधों और टख़नों में खिचाव लाता है।
- स्वसन प्रक्रिया में सुधार होता है|
- थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित करता है।
(और पढ़ें - ध्यान के लाभ)
पूर्वोतानासन करने से पहले यह आसन करें - Purvottanasana karne se pehle yeh aasan kare
पूर्वोतानासन करने से पहले आप यह आसन कर सकते हैं।
- उत्कटासन (Utkatasana or Chair Pose)
- वीरभद्रासन 1 (Virabhadrasana or Warrior Pose 1)
- वीरभद्रासन 2 (Virabhadrasana or Warrior Pose 2)
- दंडासन (Dandasana or Staff Pose)
- पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana or Seated Forward Bend)
(और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के उपाय)
पूर्वोतानासन कैसे करें? - Purvottanasana karne ka tarka
पूर्वोतानासन करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से दे रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें।
- दंडासन में बैठ जायें। हल्का सा हाथों से ज़मीन को दबाते हुए, और साँस अंदर लेते हुए रीढ़ की हड्डी को लंबा करने की कोशिश करें।
- हांतों को कूल्हों से एक फुट पीछे रख लें। इस बात का ख़ास ध्यान रहें कि उंगलियाँ आगे की तरफ होनी चाहिए (तस्वीर देखिए)।
- अब साँस अंदर लेते हुए कूल्हों को ऊपर उठायें। कोशिश करें की पैरों के तलवे ज़मीन पर टिक जायें। अगर ऐसा ना हो तो थोड़े समय और अभ्यास के साथ ऐसा होना शुरू हो जाएगा — अभी शरीर को उसकी क्षमता से ज़्यादा ना धकेलें।
- जब आप पूर्ण रूप से उपर उठ चुके हों, तब अपने सिर को उठायें ताकि अपने पीछे देख सकें। सिर को इस मुद्रा में लाने के बाद दृष्टि अपनी नाक पर केंद्रित करें।
- इस मुद्रा में लोशिश करें के आपकी टाँगें बिल्कुल सीधी रहें और एड़ियां साथ जुड़ी हों।
- कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं — 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें।
- 5 बार साँस लेने के बाद आप इस मुद्रा से बाहर आ सकते हैं। आसन से बाहर निकलने के लिए साँस छोड़ते हुए सिर को ऊपर कर लें, और फिर कूल्हों को वापिस ज़मीन पर ले आयें। दंडासन में समाप्त करें।
(और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के उपाय)
पूर्वोतानासन का आसान तरीका - Purvottanasana ka aasaan tarika
किसी भी योगासन में कभी भी अपनी शारीरिक क्षमता से ज़्यादा करने की कोशिश ना करें। अगर आप से पूर्वोतानासन पूरी तरह से नहीं हो रहा हो, या आपकी पीठ या कंधे में दर्द हो तो आप अपनी कमर को सहारा देने के लिए किसी व्यक्ति की मदद ले सकते हैं। यदि कोई मदद करने के लिए ना हो तो आप अपनी कमर के नीचे एक कुर्सी का सहारा ले सकते हैं। अगर यह भी आपकी लिए कठिन हो तो अपने कूल्हों को ज़मीन पर ही टीका कर रखें।
(और पढ़ें - सांस लेने में दिक्कत)
यहां समान श्रेणी की दवाएं देखें
पूर्वोतानासन करने में क्या सावधानी बरती जाए - Purvottanasana karne me kya savdhani barte
- अगर आपकी कलाई में चोट हो तो पूर्वोतानासन बहुत सावधानी से करें।
- अगर आपकी गर्दन में दर्द या चोट हो, तो पूर्वोतानासन ना करें।
- अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न लगायें।
(और पढ़ें - मानसिक रोग)
पूर्वोतानासन करने के बाद आसन - Purvottanasana karne ke baad aasan
- अर्ध बद्ध पद्मा पश्चिमोत्तानासन (Ardha Baddha Padma Paschimottanasana or Half Bound Lotus Seated Forward Bend)
- त्रिअंग मुखेकपद पश्चिमोत्तानासन (Trianga Mukhaikapada Paschimottanasana or Three-Limbed Forward Bend)
- जानुशीर्षासन (Janu Sirsasana or Head-to-Knee Forward Bend)
(और पढ़ें - पेट में गैस का इलाज)