एन्सेफेलोसील या एन्सेफेलोसिल, इस बीमारी से शायद कई लोग अनजान होंगे. यह एक दुर्लभ प्रकार का जन्म दोष है, जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है. यह बीमारी महिला के गर्भवती होते ही भ्रूण में विकसित हो सकती है. यह एक प्रकार का न्यूरल ट्यूब दोष है. इस गंभीर बीमारी के कारण सिर्फ 43 प्रतिशत शिशु की जीवित रह पाते हैं.
आज हम इस लेख में बताएंगे कि एन्सेफेलोसेले क्या है और इसके कारण, लक्षण व इलाज क्या हैं -
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- एन्सेफेलोसील क्या है?
- एन्सेफेलोसील के कारण
- एन्सेफेलोसील के लक्षण
- एन्सेफेलोसील के इलाज
- एन्सेफेलोसील में कितने प्रतिशत शिशु जीवित रहते हैं?
- सारांश
एन्सेफेलोसील क्या है?
एन्सेफेलोसील एक प्रकार का न्यूरल ट्यूब से सम्बंधित जन्म दोष है. बता दें कि न्यूरल ट्यूब एक संकीर्ण चैनल है, जो गर्भावस्था के तीसरे और चौथे सप्ताह के दौरान मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी बनाने के लिए फोल्ड व बंद हो जाता है. एन्सेफलोसेले तब होता है जब गर्भावस्था के दौरान न्यूरल ट्यूब पूरी तरह से बंद नहीं होती है. ऐसे में परिणामस्वरूप यह सिर के बीच वाले हिस्से या नाक से लेकर गर्दन तक के पिछले हिस्से को प्रभावित कर सकता है. वैसे, आमतौर पर यह सिर के पिछले, सिर के टॉप या माथे और नाक के बीच के हिस्से को प्रभावित कर सकता है. आंकड़े बताते हैं कि 10 हजार जीवित शिशुओं में किसी 1 को एन्सेफेलोसील की समस्या होती है.
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एन्सेफेलोसील के कारण
एन्सेफेलोसील होने के सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें कई कारक शामिल हो सकते हैं. कुछ मामलों में यह आनुवंशिक हो सकता है. अगर परिवार के किसी सदस्य को न्यूरल ट्यूब से जुड़ी कोई समस्या रही हो, तो भविष्य में किसी भी बच्चे को ऐसी समस्या हो सकती है. इसके अलावा, कुछ शोधकर्ता यह भी मानते हैं कि गर्भावस्था से पहले या गर्भावस्था के दौरान कुछ पर्यावरणीय जोखिम इसका कारण हो सकते हैं. इसके अलावा, कुछ अन्य कारण इस प्रकार हैं -
- समय से पहले शिशु का जन्म.
- गर्भावस्था के दौरान गर्भवती में पोषक तत्व की कमी.
- जन्म के दौरान शिशु का कम वजन.
- शिशु में कई तरह के जन्म दोष होना.
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एन्सेफेलोसील के लक्षण
एन्सेफेलोसेले के लक्षण के बारे में बात की जाए, तो यह शिशु के शारीरिक आकार से ही पता चल सकता है. हालांकि, इसके कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार हैं -
- सिर के आकार में बदलाव, जैसे - सिर का अधिक बड़ा या छोटा होना.
- नाक बंद महसूस होना.
- मैनिंजाइटिस यानी एक तरह का दिमागी बुखार.
- शारीरिक व मानसिक विकास में कमी.
- आंखों से जुड़ी समस्या, जैसे - देखने में परेशानी होना.
- हाथ-पैरों में ताकत महसूस न होना.
- दौरे पड़ना.
- मस्तिष्क में अधिक तरल पदार्थ, जिसे हाइड्रोसेफलस कहा जाता है.
- सांस लेने में समस्या.
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एन्सेफेलोसील के इलाज
एन्सेफेलोसेले का इलाज सिर्फ सर्जरी से किया जा सकता है. एन्सेफेलोसेले किस जगह पर है और सिर व चेहरे का कौन-सा हिस्सा इससे प्रभावित हुआ है, उससे तय होता है कि कितनी सर्जरी की जानी हैं. वहीं, एन्सेफेलोसेले के कारण होने वाली न्यूरल संबंधी समस्याएं सर्जरी के बाद भी रह सकती हैं. साथ ही इसका इलाज कितने वक्त तक चलेगा यह बच्चे कि स्थिति पर निर्भर करता है.
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एन्सेफेलोसील में कितने प्रतिशत शिशु जीवित रहते हैं?
आंकड़ों की बात करें, तो एन्सेफेलोसेले से प्रभावित बच्चों में से सिर्फ 43 प्रतिशत ही जीवित रह पाते हैं. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि जीवित रहे बच्चे पूरी तरह से सामान्य हो जाएं. उन्हें जीवनभर के लिए मासनिक व शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
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सारांश
एन्सेफेलोसेले होना न सिर्फ बच्चे के लिए कष्टदायी है, बल्कि पूरे परिवार के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. हालांकि, इस बीमारी के इलाज के दौरान शिशु के साथ-साथ माता-पिता को भी पूरी हिम्मत रखने की आवश्यकता है. इसके अलावा, अगर शिशु के जन्म के कुछ वक्त बाद ही शिशु में कुछ असाधारण बदलाव दिखें, तो तुरंत इस बारे में डॉक्टर से बात करें. हो सकता है शुरुआत से ही इसका इलाज करने से इसके प्रभाव को कम किया जा सके.
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एन्सेफेलोसील के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

Dr. Anil Pathak
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42 वर्षों का अनुभव

Dr. Pritesh Mogal
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Dr Shivraj Singh
पीडियाट्रिक
13 वर्षों का अनुभव
