जैसे और भी दूसरी तरह की एलर्जी होती है ऐसे ही सल्फ़ा एलर्जी होती है । जिस में पित्ती, खुजली वाली त्वचा या मुंह या गले में सूजन जैसे लक्षण हो सकते हैं। यह सल्फाइट एलर्जी से अलग है। सल्फ़ा एलर्जी तब होती है जब आपको उन दवाओं से एलर्जी हो जाती है जिनमें सल्फ़ा होता है। एक स्टडी के अनुसार , सल्फ़ा एंटीबायोटिक्स लेने वाले लगभग 3 प्रतिशत लोगों को एलर्जी हो जाती है। इसका मतलब है कि सल्फ़ा से एलर्जी होने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है।
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- सल्फ़ा एलर्जी कब होती है?
- सल्फ़ा एलर्जी के लक्षण
- सल्फ़ा एलर्जी से होने वाले नुकसान
- किस तरह की दवाइयों से सल्फा एलर्जी होती है?
- सल्फा एलर्जी का ट्रीटमेंट कैसे करें?
- सल्फा एलर्जी को कैसे रोकें?
- सारांश
सल्फ़ा एलर्जी कब होती है?
सल्फ़ा एलर्जी एक प्रकार की दवा एलर्जी है। अगर आपको सल्फ़ा एलर्जी है, तो सल्फ़ा युक्त दवाएँ लेने से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। सल्फ़ा एलर्जी का सबसे आम लक्षण त्वचा पर लाल चकत्ते और पित्ती है, हालाँकि कुछ लोगों में गले में सूजन या सांस लेने में तकलीफ़ जैसे ज़्यादा गंभीर लक्षण होते हैं।
"सल्फ़ा" सल्फोनामाइड्स का संक्षिप्त रूप है, इस में ज़्यादातर एंटीबायोटिक्स होते हैं। यह अन्य दवाओं में भी पाया जाता है। एंटीबायोटिक्स ऐसी दवाएँ हैं जो आप तब लेटे हैं जब आपको जीवाणु संक्रमण होता है । सल्फ़ा दवाएँ बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकती हैं। सल्फोनामाइड्स को मौखिक रूप से यानि मुँह से लिया जा सकता है या सीधे आपकी त्वचा या आँखों पर लगाया जा सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि सल्फ़ा एलर्जी 3% से 8% लोगों में होती है।
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सल्फ़ा एलर्जी के लक्षण
सल्फ़ा एलर्जी के लक्षण अन्य दवा एलर्जी के लक्षणों के समान ही होते हैं। जैसे -
- त्वचा पर दाने या पित्ती
- आँखों में खुजली
- स्किन में खुजली
- मुँह में सूजन
- गले में सूजन
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सल्फ़ा एलर्जी से होने वाले नुकसान
सल्फा एलर्जी के कारण गंभीर नुकसान हो सकते हैं, जिनमें एनाफिलैक्सिस और स्टीवंस-जॉनसन सिंड्रोम शामिल हैं।
एनाफिलैक्सिस - एनाफिलैक्सिस एक गंभीर और जानलेवा एलर्जिक प्रतिक्रिया है। यदि आपको कोई और एलर्जी या अस्थमा हो तो आपको एनाफिलैक्सिस होने का खतरा ज्यादा हो सकता है . एनाफिलैक्सिस के लक्षण आमतौर पर एलर्जेन के संपर्क में आने के 5 से 30 मिनट के भीतर दिखाई देते हैं। लक्षणों में शामिल हैं:
- एक खुजलीदार लाल चकत्ते जिसमें पित्ती या घाव हो
- गले शरीर के अन्य क्षेत्रों में सूजन
- घरघराहट, खाँसी या साँस लेने में कठिनाई
- छाती में जकड़न
- निगलने में कठिनाई
- उल्टी
- दस्त
- पेट में ऐंठन
- चेहरे या शरीर का पीला या लाल रंग
स्टीवंस-जॉनसन सिंड्रोम - स्टीवंस-जॉनसन सिंड्रोम सल्फा एलर्जी की एक दुर्लभ जटिलता है लेकिन हो सकती है । इस स्थिति में त्वचा पर दर्दनाक और छाले वाले घाव होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मुँह
- गला
- आँखें
- जननांग क्षेत्र
स्टीवंस-जॉनसन सिंड्रोम महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा होता है। कुछ लोगों में ये स्थिति आनुवंशिक भी पाई जाती है । स्टीवंस-जॉनसन सिंड्रोम के लक्षणों में शामिल हैं:
- असामान्य त्वचा छाले
- त्वचा का लाल होना
- थकान
- दस्त
- मतली और उल्टी
- बुखार
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किस तरह की दवाइयों से सल्फा एलर्जी होती है?
- सल्फा कई तरह की दवाइयों में पाया जाता है, जिसमें एंटीबायोटिक और नॉन-एंटीबायोटिक दवाएँ शामिल हैं। सल्फा युक्त एंटीबायोटिक्स लेने से एलर्जी होने की संभावना अधिक होती है। सल्फा युक्त दवाओं में शामिल हैं:
- सल्फोनामाइड एंटीबायोटिक्स, जिसमें सल्फामेथोक्साज़ोल-ट्राइमेथोप्रिम (बैक्ट्रीम, सेप्ट्रा) और एरिथ्रोमाइसिन-सल्फिसोक्साज़ोल (एरिज़ोल, पेडियाज़ोल)
- कुछ मधुमेह की दवाएँ, जैसे कि ग्लाइबुराइड (डायबेटा, ग्लिनेज प्रेसटैब्स)
- दवा सल्फासालजीन (एज़ुल्फ़िडाइन), जिसका उपयोग रुमेटीइड गठिया, क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस के उपचार में किया जाता है
- दवा डैप्सोन, जिसका उपयोग डर्मेटाइटिस और कुछ प्रकार के निमोनिया के उपचार में किया जाता है
- दवा सुमाट्रिप्टन (इमिट्रेक्स), जिसका उपयोग माइग्रेन के उपचार में किया जाता है
- कुछ सूजन-रोधी दवाएँ, जैसे कि सेलेकॉक्सिब (सेलेब्रेक्स)
- कुछ मूत्रवर्धक, जैसे कि हाइड्रोक्लोरोथियाज़ाइड (माइक्रोज़ाइड) और फ़्यूरोसेमाइड (लासिक्स)
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सल्फा एलर्जी का ट्रीटमेंट कैसे करें?
यदि आपको सल्फ़ा दवाओं से एलर्जी है, तो उपचार ऐसे होंगे जो इसके लक्षणों को कम कर सके । आपका डॉक्टर पित्ती, दाने और खुजली से राहत के लिए एंटीहिस्टामाइन या कॉर्टिकोस्टेरॉइड लिख सकते हैं। यदि आपको श्वसन संबंधी लक्षण हैं, तो ब्रोन्कोडायलेटर दिया जा सकता है।
यदि आपको दवा की आवश्यकता है और सल्फ़ा-मुक्त कोई दवाई नहीं है, तो डॉक्टर आपको डीसेन्सिटाइजेशन प्रक्रिया की सलाह दे सकते हैं। डीसेन्सिटाइजेशन में दवा को धीरे-धीरे कम खुराक में तब तक दिया जाता है जब तक कि एक प्रभावी खुराक पूरी न हो जाए।
अगर आपको सल्फा एलर्जी के कारण एनाफिलैक्सिस और स्टीवंस-जॉनसन सिंड्रोम दोनों हो गया है या दोनों में से कोई एक हो गया है तो आपको एनाफिलैक्टिक प्रतिक्रिया के लिए एपिनेफ्रीन दिया जाएगा। यदि आपको स्टीवंस-जॉनसन सिंड्रोम हो जाता है, तो हो सकता है आपको अस्पताल में ऐड्मिट करवा कर निम्नलिखित उपचार किये जाएँ-
- सूजन को नियंत्रित करने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स
- त्वचा के संक्रमण को रोकने या नियंत्रित करने के लिए एंटीबायोटिक्स
- अंतःशिरा (IV) इम्युनोग्लोबुलिन
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सल्फा एलर्जी को कैसे रोकें?
सल्फा एलर्जी की कोई प्रमुख जांच नहीं होती है। सल्फा दवाओं के लिए आगे की एलर्जी प्रतिक्रिया की रोकथाम के लिए कुछ उपाय आप कर सकते हैं :
- आप जब भी डॉक्टर के पास जाएँ तो अपनी सभी एलर्जी के बारे में बात दें ताकि डॉक्टर को मालूम हो कि आपको कौन सी दवाएँ नहीं देनी चाहिए।
- यदि आपको पहले सल्फा दवाओं के लिए गंभीर या एनाफिलैक्टिक प्रतिक्रिया हुई है, तो एक आपातकालीन एपिनेफ्रीन सिरिंज (एपिपेन) साथ रखें।
- अपने साथ एक मेडिकल अलर्ट कार्ड रखें या एक मेडिकल अलर्ट ब्रेसलेट पहनें जो आपकी एलर्जी के बारे में आपकी देखभाल करने वाले लोगों को जानकारी दे सकें ।
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सारांश
सल्फा एलर्जी होने का मतलब है कि आपको सल्फा युक्त दवाओं से एलर्जी है। कई दवाएं ऐसी होती हैं जिनमें सल्फा होता है, एंटीबायोटिक दवाओं से सल्फा एलर्जी होना सबसे आम है। हमेशा ये ध्यान रखें कि आपके डॉक्टर इस बात को जानते हों कि आपको कोई एलर्जी है ताकि सल्फा युक्त दवाओं से बचा जा सके।