प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कभी-न-कभी हार्टबर्न के लक्षणों का सामना करना ही पड़ता है. अगर हार्टबर्न की समस्या सप्ताह में दो या उससे अधिक बार होती है, तो यह गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग हो सकता है. इसे एसिड रिफ्लक्स के रूप में भी जाना जाता है. एसिड रिफ्लक्स की वजह से व्यक्ति को उल्टी, मतली, चक्कर और सिरदर्द जैसे लक्षणों से गुजरना पड़ सकता है. इसके अलावा, कुछ लोग एसिड रिफ्लक्स की वजह से तनाव या चिंता का भी अनुभव कर सकते हैं. अध्ययनों में भी साबित हुआ है कि जिन लोगों को एंग्जायटी होती है, उनमें एसिड रिफ्लक्स होने की संभावना अधिक हो सकती है. वर्ष 2018 के एक अध्ययन में पता चला है कि एसिड रिफ्लक्स वाले कई लोगों को तनाव हो सकता है. वहीं, तनाव वाले लोगों में भी एसिड रिफ्लक्स के लक्षण देखने को मिल सकते हैं.

आप यहां दिए ब्लू लिंक पर क्लिक करके जान पाएंगे कि तनाव व चिंता का आयुर्वेदिक इलाज क्या है.

आज इस लेख में आप एंग्जायटी और एसिड रिफ्लक्स के बीच के संबंध के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. एसिड रिफ्लक्स क्या है?
  2. एंग्जायटी और एसिड रिफ्लक्स में संबंध
  3. एंग्जायटी से एसिड रिफ्लक्स होने के कारण
  4. क्या एसिड रिफ्लक्स से एंग्जायटी हो सकती है?
  5. एंग्जायटी और एसिड रिफ्लक्स का इलाज
  6. एंग्जायटी और एसिड रिफ्लक्स से बचने के टिप्स
  7. सारांश
क्या एंग्जायटी से एसिड रिफ्लक्स होता है? के डॉक्टर

एसिड रिफ्लक्स तब होता है, जब पेट से एसिड भोजन नली में वापस चला जाता है. इस स्थिति में आपको मतली, पेट खराबछाती में दर्दपेट में दर्द, उल्टी, बदबूदार सांस और निगलने में दिक्कत जैसे लक्षणों का भी अनुभव हो सकता है. एसिड रिफ्लक्स गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग यानी जीईआरडी का एक लक्षण होता है. जीईआरडी को एसिड रिफ्लक्स के रूप में भी जाना जाता है. अमेरिकल कॉलेज ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी की मानें तो लाखों लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं.

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एंग्जायटी और एसिड रिफ्लक्स एक-दूसरे से काफी हद तक संबंधित होते हैं. शोधकर्ताओं ने एसिड रिफ्लक्स और तनाव के बीच के संबंध के बारे में दो सिद्धांतों का वर्णन किया है. शोधकर्ताओं का मानना है कि एसिड रिफ्लक्स और तनाव में संबंध हो सकता है, क्योंकि कई अध्ययनों में साबित हुआ है कि एसिड रिफ्लक्स व्यक्ति को तनावपूर्ण स्थिति में डाल सकता है. इसकी वजह से लोगों को तनाव और चिंता का सामना करना पड़ सकता है. 

इसके अलावा, कुछ रिसर्च में यह भी साबित हुआ है कि तनाव और चिंता एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं यानी जो व्यक्ति तनाव में रहता है, उसमें एसिड रिफ्लक्स के लक्षण बढ़ सकते हैं. कुछ मामलों में चिंता और तनाव भी एसिड रिफ्लक्स के कारक हो सकते हैं.

एक अध्ययन में पता चला है कि एसिड रिफ्लक्स वाले लोगों में तनाव और चिंता देखने को मिलती है. खासकर, जो लोग एसिड रिफ्लक्स की वजह से सीने में दर्द की शिकायत करते हैं, उनमें चिंता का स्तर अधिक देखने को मिला. इस आधार पर कहा जा सकता है कि एंग्जायटी से एसिड रिफ्लक्स हो सकता है. इसके साथ ही एसिड रिफ्लक्स भी एंग्जायटी की वजह बन सकता है.

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आपको बता दें कि तनाव या चिंता लोअर एसोफेजल स्फिंक्टर में दबाव को कम कर सकती है. यह मांसपेशियों का एक बैंड है, जो पेट को बंद रखता है. साथ ही एसिड को अन्नप्रणाली में लीक होने से रोकता है.

जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक तनाव में रहता है, तो मांसपेशियों में भी तनाव पैदा होने लगता है. ऐसे में पेट की मांसपेशियां प्रभावित होने लगती हैं. तनाव अंग पर दबाव बढ़ा सकता है और एसिड को ऊपर धकेल सकता है. तनाव पेट के एसिड उत्पादन को बढ़ा भी सकता है.  

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एंग्जायटी से एसिड रिफ्लक्स हो सकता है. इसके अलावा, कई रिसर्च में यह भी साबित हुआ है कि एसिड रिफ्लक्स से एंग्जायटी हो सकती है. एसिड रिफ्लक्स वाले लोगों में तनाव और चिंता देखने को मिल सकती है. आपको बता दें कि जिन एसिड रिफ्लक्स या जीआईआरडी वाले लोगों को सीने में दर्द का अनुभव होता है, उन्हें तनाव और चिंता अधिक होती है. अगर आपको जीआईआरडी और एंग्जायटी दोनों के लक्षणों का अनुभव हो, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें.

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वैसे तो जीवनशैली और खान-पान में सामान्य से बदलाव करके एंग्जायटी और एसिड रिफ्लक्स को ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर आपको गंभीर एंग्जायटी और एसिड रिफ्लक्स हो रहा है, तो आप कुछ दवाइयों का भी उपयोग कर सकते हैं -

  • ओवर-द-काउंटर एंटासिड को लिया जा सकता है. 
  • इसके अलावा, प्रोटोन पंप इनहिबिटर लेने से भी इनमें आराम मिल सकता है.
  • एच2 ब्लॉकर्स का उपयोग करने से भी इनके लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है.
  • चिंता को कम करने के लिए एंटीडिप्रेसेंट को लिया जा सकता है.
  • बीटा ब्लॉकर्स जैसी दवाइयां भी एंग्जायटी को कम कर सकती हैं.

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एंग्जायटी और एसिड रिफ्लक्स से बचने के लिए आप कुछ उपायों को आजमा सकते हैं. जानें, एंग्जायटी और एसिड रिफ्लक्स से बचने के उपाय -

  • फैट वाले भोजन को खाने से बचें.
  • बिस्तर पर जाने से कम से कम 3 घंटे पहले खाना खा लें.
  • कैफीनशराबमसालेदार और जंकफूड खाने से परहेज करें.
  • एंग्जायटी से बचने के लिए नियमित रूप से मेडिटेशन करें.
  • इसके अलावा, एक्सरसाइज व योग के माध्यम से भी एंग्जायटी और एसिड रिफ्लक्स से बचा जा सकता है.

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एसिड रिफ्लक्स और तनाव के बीच गहरा संबंध हो सकता है. क्योंकि ये दोनों ही एक-दूसरे से संबंधित होते हैं. एंग्जायटी होने पर व्यक्ति को एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है. कई मामलों में एंग्जायटी एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को ट्रिगर भी कर सकता है. इतना ही नहीं अगर किसी व्यक्ति को एसिड रिफ्लक्स है, तो उसे तनाव हो सकता है. एसिड रिफ्लक्स और एंग्जायटी दोनों ही गंभीर स्थितियां हो सकती हैं. इसलिए, अगर आप इन दोनों से बचना चाहते हैं, तो अपनी जीवनशैली और खान-पान को हेल्दी बनाए रखने की पूरी कोशिश करें.

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