गठिया का अर्थ है एक या एक से अधिक जोड़ों में सूजन होना। हालांकि, गठिया का मतलब केवल सूजन नहीं होता, इसमें जोड़ों और उसके आस-पास के ऊतकों की 100 से अधिक समस्याएं शामिल हैं। प्रभावित ऊतकों और गठिया के प्रकार के आधार पर इसके लक्षण अचानक पैदा हो सकते हैं या ये समय के साथ धीरे-धीरे भी बढ़ सकते हैं।
ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis), गठिया का सबसे आम प्रकार है। ये हड्डियों के बीच में मौजूद कार्टिलेज के नुकसान के कारण होता है और अधिकतर उंगलियों, कूल्हों व घुटनों के जोड़ों को प्रभावित करता है। इसके कारण हड्डियां आपस में रगड़ खाने लगती हैं, जिससे दर्द, जोड़ों में सूजन, अकड़न और हिलने-डुलने में परेशानी जैसी समस्याएं अनुभव होती हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन ये अनुवांशिक हो सकता है। मोटापा, चोट, उम्र और रोज़ाना एक ही प्रकार से हिलने-डुलने वाला काम करने से ऑस्टियोआर्थराइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है। इसका पता लगाने के लिए कई प्रकार के इमेजिंग टेस्ट किए जाते हैं।
रूमेटाइड आर्थराइटिस, गठिया का दूसरा सबसे आम प्रकार है और इसमें जोड़ों व उसके आस-पास के ऊतकों में सूजन होती है। ये एक स्वप्रतिरक्षित समस्या है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ ऊतकों को नुकसान पहुंचाने लगती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस की तरह ही, रुमेटाइड आर्थराइटिस का भी सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है।
गठिया के मुख्य लक्षण, जोड़ों में दर्द व अकड़न, हाथ-पैर सुन्न होना और थकान आदि हैं। इसके अलावा, जोड़ों में गर्माहट महसूस हो सकती है और जोड़ों की अकड़न एक समय में एक घंटे तक रह सकती है। समय के साथ, जोड़ों की आकृति बिगड़ सकती है और उनमें अत्यधिक अकड़न हो सकती है। ऐसे कुछ टेस्ट मौजूद हैं, जिनसे इस समस्या का पता लगाया जा सकता है। ये टेस्ट हैं, रुमेटाइड फैक्टर टेस्ट, कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट और एक्स-रे।
गठिया के अन्य प्रकार हैं, जुवेनाइल आर्थराइटिस, सोरिएटिक आर्थराइटिस और गाउट।
कुछ अध्ययनों से ये साबित हुआ है कि गठिया के लिए होम्योपैथिक उपचार बहुत ज्यादा असरदार है। इसके लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं हैं, अर्निका मोंटाना (Arnica Montana), बेलाडोना (Belladonna), एपिस मेलिफिका (Apis Mellifica) और कॉस्टिका (Caustica)।
- होम्योपैथी में गठिया का उपचार कैसे होता है - Homeopathy me gathiya ka ilaj kaise kiya jata hai
- गठिया की होम्योपैथिक दवा - Gathiya ke liye homeopathic medicine
- होम्योपैथी में संधि शोध के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me gathiya ke khan-pan aur jeevanshaili me badlav
- संधि शोध के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Sandhi shoth ke homeopathic upchar ke nuksan aur jokhim karak
- गठिया के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Gathiya ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
होम्योपैथी में गठिया का उपचार कैसे होता है - Homeopathy me gathiya ka ilaj kaise kiya jata hai
गठिया को ठीक करने के लिए और लक्षणों से राहत दिलाने के लिए होम्योपैथिक उपचार में व्यक्ति के पूरे स्वास्थ्य और उसके चिकित्सा इतिहास का ध्यान रखा जाता है। होम्योपैथी में केवल समस्या के मुख्य लक्षण का ही उपचार नहीं किया जाता, बल्कि इसके कारण का भी पता लगाया जाता है। इसके लिए व्यक्ति के शुरूआती लक्षण, लक्षणों का तरीका, बीमारी से संबंधित कारक और उन कारकों के बारे में पूछा जाता है, जिनसे लक्षण बढ़ जाते हैं।
इसके बाद व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर उसे उचित होम्योपैथिक दवा दी जाती है। कुछ अध्ययनों से गठिया के इलाज में होम्योपैथिक दवाओं के असर की पुष्टि हुई है। उदाहरण के लिए, रुमेटाइड आर्थराइटिस से ग्रस्त लोगों पर किए गए एक अध्ययन में उन्हें उनके लक्षणों के आधार पर होम्योपैथिक दवा दी गई, जिससे 82 प्रतिशत लोगों को लक्षणों में आराम मिला।
(और पढ़ें - गठिया के दर्द का इलाज)
रुमेटाइड आर्थराइटिस वाले 16 लोगों पर किए गए एक अन्य अध्ययन में ये पाया गया कि होम्योपैथिक परामर्श से समस्या में काफी हद तक मदद मिली।
गठिया की होम्योपैथिक दवा - Gathiya ke liye homeopathic medicine
गठिया के लिए उपयोग की जाने वाली होम्योपैथिक दवाएं निम्नलिखित हैं:
- एकोनिटम नेपेलस (Aconitum Napellus)
सामान्य नाम: मॉन्क्सहुड (Monkshood)
लक्षण: नीचे दिए लक्षणों में इस दवा से आराम मिल सकता है:- छाती में दर्द। (और पढ़ें - छाती में दर्द होने पर क्या करें)
- धड़कन तेज होने के साथ चिंता होना।
- उंगलियों में गुदगुदी।
- पीठ की मांसपेशियां सुन्न होना और उनमें अकड़न।
- गर्दन में अकड़न, जिससे दर्द होता है।
- हाथ-पैरों में ठंड की भावना होना।
- हाथ-पैरों में कुछ देर के लिए भावना न रहना।
- हाथ और पैर में तेज दर्द होना, जो गर्म मौसम में बढ़ जाता है।
- उल्टे हाथ में दर्द।
- जोड़ों की सूजन।
- हाथ-पैर में दर्द, जो रात को बढ़ जाता है।
- कूल्हे के जोड़ का ढीला महसूस होना। (और पढ़ें - कूल्हे की हड्डी के फ्रैक्चर के लक्षण)
- जोड़ों का आपस में रगड़ना।
- जांघों में गुदगुदी।
- त्वचा और जीभ में सूजन।
- छाती में लगातार दबाव महसूस होना।
- सांस फूलना, जो रात के समय बहुत बढ़ जाता है।
- आवाज के प्रति संवेदनशीलता।
- लगातार चिंतित और परेशान रहना।
- बेचैनी होना।
- खुली हवा में लक्षण बेहतर हो जाना।
- अर्निका मोंटाना (Arnica Montana)
सामान्य नाम: लेपर्ड्स बेन (Leopard’s Bane)
लक्षण: ये दवा लंबे समय से चल रहे गठिया के लिए अच्छी है और निम्नलिखित लक्षण अनुभव करने पर दी जाती है:- घबराहट और उलझन।
- पूरे शरीर में अतिसंवेदनशीलता, जिसके कारण व्यक्ति को अच्छा नहीं लगता कि कोई उसे हाथ लगाए।
- अकेले रहने की इच्छा होना।
- मुंह का स्वाद कड़वा होना।
- मसूड़ों में दर्द। (और पढ़ें - मसूड़ों में सूजन के घरेलू उपाय)
- छाती में दर्द।
- पीठ, हाथ और टांगों में दर्द।
- लेटने पर सतह बहुत सख्त महसूस होना।
- सिर नीचे करके लेटने पर बेहतर महसूस करना।
- हाथों के अगले हिस्से में ठंडक महसूस होना।
- पेडू के क्षेत्र में कमजोरी। (और पढ़ें - पेडू में दर्द के कारण)
- जोड़ों में सूजन, जो पैरों से शुरू होकर ऊपर की तरफ जाती है।
- थकने के बाद भी नींद न आना।
- सोते समय अपने आप मल आना।
- एपिस मेलिफिका (Apis Mellifica)
सामान्य नाम: हनी बी वेनम (Honey bee venom)
लक्षण: नीचे दिए लक्षणों को ठीक करने के लिए इस दवा का उपयोग किया जाता है:- बेहोशी होना। (और पढ़ें - बेहोश होने पर क्या करना चाहिए)
- गुस्सैल और उग्र व्यवहार।
- सिर में ऐसा दर्द होना जैसे किसी ने छुरा भौंका हो।
- चेहरे पर सूजन के साथ दर्द।
- मुंह और गले में जलन व दर्द।
- मसूड़ों और होठों की सूजन।
- प्यास कम लगना।
- सांस लेने में दिक्कत होना।
- घुटनों में सूजन।
- टांगों में दर्द। (और पढ़ें - टांगों में ऐंठन का इलाज)
- पीठ और हाथ-पैर में गठिया का दर्द, जो गर्मी या दबाव बनाने से बदत्तर हो जाता है।
- सोकर उठने के बाद और दोपहर में जोड़ों का दर्द होना।
- दाईं तरफ लेटने पर दर्द बेहतर होना।
- थकान और लगातार उनींदापन। (और पढ़ें - थकान दूर करने के उपाय)
- हाथ-पैर सुन्न होना।
- हाथ-पैर में खुजली और झुनझुनी।
- बेलाडोना (Belladonna)
सामान्य नाम: डेडली नाइटशेड (Deadly Nightshade)
लक्षण: ये दवा चंचल दिमाग वाले लोगों को ज्यादा सूट करती है जिनका दिमाग आसानी से भटक जाता है। नीचे वे लक्षण दिए गए हैं, जिनमें इस दवा का उपयोग किया जाता है:- प्रभावित जोड़ में अचानक दर्द, जलन और लाली।
- सिर में नस फड़कती हुई महसूस होना।
- रात के समय सिरदर्द। (और पढ़ें - सिर दर्द होने पर क्या करना चाहिए)
- चेहरे में सूजन के साथ उसकी मांसपेशियों में झटके पड़ना।
- दांत में दर्द और जीभ लाल होना। (और पढ़ें - दांत दर्द के घरेलू उपाय)
- हाथ-पैर में तेज दर्द।
- जोड़ों में हाथ लगाने पर दर्द होना।
- जोड़ों में सूजन।
- त्वचा पर लाल फैलती हुई धारियां बनना। (और पढ़ें - स्किन एलर्जी के लक्षण)
- हाथ-पैर में मरोड़ के साथ दर्दनाक ऐंठन।
- हाथ-पैर ठंडे पड़ना।
- पेट दर्द के साथ भूख लगना बंद होना।
- सीधे न लेटने पर रीढ़ की हड्डी में दर्द।
- धड़कन बहुत तेज होने के साथ सांस लेने में दिक्कत।
- गर्दन में अकड़न। (और पढ़ें - गर्दन में अकड़न के लिए उपाय)
- पेडू के क्षेत्र में और कूल्हे के जोड़ में दर्द।
- बेचैनी वाली नींद आना।
- ब्रायोनिया एल्बा (Bryonia Alba)
सामान्य नाम: वाइल्ड हॉप्स (Wild Hops)
लक्षण: नीचे दिए लक्षणों को इस दवा से ठीक किया जाता है:- चिड़चिड़ापन।
- मुंह और गला सूखना। (और पढ़ें - गले के सूखने पर क्या करें)
- उठने पर मतली और बेहोशी।
- पेट पर हाथ लगाने में दर्द।
- गर्दन में अकड़न।
- पीठ में अकड़न और कठोरता। ये लक्षण मौसम में थोड़े से भी बदलाव से बढ़ जाते हैं, जैसे तापमान बढ़ने से।
- घुटनों में अकड़न और तेज दर्द, जो हिलने-डुलने से या शारीरिक परिश्रम करने से बढ़ जाता है।
- पांव में सूजन और छूने में गरम महसूस होना। (और पढ़ें - पैरों में सूजन के घरेलू उपाय)
- सूजन के कारण जोड़ों में लाली, जो ठंडी सिकाई करने से बेहतर हो सकते हैं।
- हाथ-पैर में खिंचाव वाला दर्द।
- हल्का सा भी दबाव बनाने पर हाथों और टांगों में दर्द होना।
- दाएं हाथ व पैर का लगातार हिलते रहना।
- त्वचा का रंग फीका पडना।
- कैल्केरिया फॉस्फोरिका (Calcarea phosphorica)
सामान्य नाम: फॉस्फेट ऑफ़ लाइम (Phosphate of Lime)
लक्षण: बच्चों को ये दवा देने की सलाह नहीं दी जाती है। नीचे दिए लक्षणों से आराम दिलाने के लिए इस दवा का उपयोग किया जाता है:- डिप्रेशन।
- चक्कर आने के साथ सिर में हल्का दबाव।
- ऊपरी जबड़े की हड्डी में दाईं से बाईं ओर जाने वाला दर्द।
- दांतों में संवेदनशीलता। (और पढ़ें - दांतों में झनझनाहट के कारण)
- जीभ सुन्न होना और सूजन।
- हाथ-पैर में थकान और दर्द।
- गर्दन में अकड़न।
- दाईं से बाईं तरफ जाने वाली गर्दन की ऐंठन।
- हल्का सा भी हिलने-डुलने पर पीठ में तेज दर्द।
- पीठ में तेज दर्द। (और पढ़ें - पीठ दर्द की होम्योपैथिक दवा)
- कंधों में दर्द।
- उल्टे हाथ में दर्द और पैरालिसिस।
- हाथ और उंगलियों के जोड़ न हिला पाना।
- पैरों में व्याकुलता।
- नसों में सूजन।
- पूरे शरीर में खुजली और जलन।
- पैरों में थकान और कमजोरी।
- पिंडलियों की हड्डियों में दर्द।
- सोते समय अत्यधिक पसीना आना। (और पढ़ें - ज्यादा पसीना आना रोकने के उपाय)
- कॉस्टिकम (Causticum)
सामान्य नाम: हैनिमैनस टिंक्चुरा एक्रिन साइन काली (Hahnemann’s Tinctura acris sine Kali)
लक्षण: नीचे दिए लक्षण अनुभव होने पर इस दवा का उपयोग किया जाता है:- चेहरे पर मस्से।
- बार-बार मूड बदलना।
- चेहरे की दाईं तरफ संवेदना न होना और पैरालिसिस।
- चेहरे की हड्डियों में दर्द।
- जबड़े को हिलाने में दर्द। (और पढ़ें - जबड़े में दर्द का इलाज)
- दांतों से बार-बार गाल को अंदरूनी तरफ से काट लेना।
- मीठा खाने की बिलकुल इच्छा न होना। (और पढ़ें - मीठा खाने के लाभ)
- कंधों के बीच में अकड़न और कठोरता।
- गर्दन में दर्द।
- पीठ की दाईं तरफ दर्द।
- पीठ की मांसपेशियां सुन्न होना।
- जोड़ों में गंभीर दर्द।
- हाथों में संवेदना न रहना। (और पढ़ें - स्पोंडिलोसिस के लक्षण)
- अत्यधिक दर्द के कारण चलने में दिक्कत होना।
- पांव में खुजली।
- रात के समय टांगों में बेचैनी होना।
- रात के समय उनींदापन या नींद न आना। (और पढ़ें - नींद की कमी के कारण)
- ठंडे मौसम में लक्षण बत्तर हो जाना।
- डुलकमारा (Dulcamara)
सामान्य नाम: वुडी नाइटशेड (Woody Nightshade)
लक्षण: नीचे दिए लक्षणों में इस दवा का उपयोग किया जाता है:- अशांति और व्यग्रता।
- सुबह के समय मतली। (और पढ़ें - मतली के घरेलू उपाय)
- सिर में जमाव।
- चेहरे पर लाली।
- मुंह एक तरफ मुड़ना।
- गर्दन में अकड़न।
- हाथों और कंधों में तेज दर्द।
- कूल्हे की ऊपरी तरफ तेज दर्द।
- ठंड लगने के साथ हाथों का पैरालिसिस।
- हथेलियों में पसीना आना।
- घुटनों तक सूजन होना, जो ठंडे और नम मौसम में बढ़ जाता है।
- पांव में झनझनाहट। (और पढ़ें - पैरों में जलन के घरेलू उपाय)
- सामान्य कमजोरी और थकान।
- हाथ-पैर का पैरालिसिस।
- दिन में उनींदापन।
- बहुत जल्दी नींद खुल जाना।
- छाती पर वजन महसूस होना।
- सांस लेने में दिक्कत। (और पढ़ें - सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे)
- गठिया का दर्द खत्म होने के बाद दस्त होना और दस्त बंद होने के बाद दोबारा दर्द शुरू हो जाना।
- त्वचा के फोड़े फुंसी ठीक होने के बाद गठिया का दर्द शुरू हो जाना।
- मुंह का स्वाद कड़वा होना।
होम्योपैथी में संधि शोध के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me gathiya ke khan-pan aur jeevanshaili me badlav
होम्योपैथिक उपचार के साथ आपको कुछ खान-पान और जीवनशैली के बदलाव करने पड़ते हैं, जिनके बारे में नीचे दिया गया है:
क्या करें:
- होम्योपैथिक उपचार लेते समय पर्सनल हाइजीन का और अपने आस-पास सफाई का पूरा ध्यान रखें।
- स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है, इसके लिए नियमित रूप से व्यायाम करें ताकि आपका शरीर सक्रिय रहे।
- ताज़ी सब्जियां खाएं, जिनमें अधिक पोषण हो।
- ढीले और आरामदायक कपडे पहनें।
क्या न करें:
- प्रोसेस्ड खान-पान से बचें।
- होम्योपैथिक दवाओं के साथ चाय, कॉफी और सोडा जैसे पेय पदार्थ न लें।
- किसी भी हालत में शराब और सिगरेट से दूर रहें। (और पढ़ें - सिगरेट पीना कैसे छोड़ें)
- साबुन और परफ्यूम जैसे तेज गंध वाले पदार्थों से दूर रहें, इनसे दवा के कार्य पर प्रभाव पड़ सकता है।
- टाइट कपडे या ऐसे कपडे न पहनें जो आरामदायक न हों।
- मिर्च वाला खाना व उत्तेजक पदार्थ न खाएं, जैसे प्याज व लहसुन।
संधि शोध के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Sandhi shoth ke homeopathic upchar ke nuksan aur jokhim karak
होम्योपैथिक दवाएं बहुत सुरक्षित मानी जाती हैं, क्योंकि इन्हें बहुत ही कम मात्रा में घोल बनाकर दिया जाता है। दवा देने से पहले व्यक्ति के लक्षणों व अन्य कारक का अच्छे से अवलोकन किया जाता है और इस प्रकार से दवा चुनी जाती है जिससे उसका कोई दुष्प्रभाव न हो। एक योग्य डॉक्टर द्वारा दी गई होम्योपैथिक दवा को उचित तरीके से लेने पर न केवल लक्षणों में आराम मिलता है, बल्कि दोबारा से समस्या होने से भी बचाव होता है।
गठिया के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Gathiya ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
गठिया एक दर्दनाक समस्या है, जिसमें व्यक्ति की जीवनशैली पर बुरा असर पड़ता है। जोड़ों में दर्द और सूजन के कारण रोगी को अपने रोजाना के काम करने में दिक्कत हो सकती है। केवल लक्षणों को ही नहीं, बल्कि बीमारी के कारण को ठीक करनी के लिए और व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने के लिए होम्योपैथी एक बहुत ही अच्छा तरीका है।
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संदर्भ
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- American Academy of Family Physicians. [Internet]. Leawood,Kansas, United States; Osteoarthritis.
- MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Rheumatoid arthritis.
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- Brien SB, Leydon GM, Lewith G. Homeopathy enables rheumatoid arthritis patients to cope with their chronic ill health: a qualitative study of patient's perceptions of the homeopathic consultation.. Patient Educ Couns. 2012 Dec;89(3):507-16. PMID: 22177660.
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