ब्रैस्ट कैंसर या स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसर में से एक है और महिलाओं में कैंसर से संबंधित मौत होने का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। पिछले कुछ दशकों से ब्रेस्ट कैंसर के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन सही समय पर पता लगने से और उचित उपचार मिलने से व्यक्ति की हालत में काफी हद तक सुधार लाया जा सकता है। इसी कारण, ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों का ध्यान रखना जरुरी है, खासकर अगर आपके घर में किसी को ब्रेस्ट कैंसर है या रहा है।
अगर आपको कोई संदिग्ध लक्षण अनुभव हों, तो तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाएं। ब्रेस्ट कैंसर के मुख्य लक्षण हैं, पूरे स्तन में या उसके किसी क्षेत्र में सूजन, त्वचा में जनल, दर्द या गड्ढे होना, निप्पल में दर्द, लाली, त्वचा निकलना या उसका अंदर की तरफ मुड़ना, ब्रेस्ट की त्वचा या निप्पल का मोटा होना, इससे असामान्य रिसाव होना और बगल के पास या ब्रेस्ट में गांठ होना।
(और पढ़ें - ब्रेस्ट में सूजन के कारण)
ये बात जानना महत्वपूर्ण है कि जरुरी नहीं इन लक्षणों का मतलब कैंसर ही हो, लेकिन इन्हें अनुभव करने पर डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है ताकि संदेह को खत्म किया जा सके। ब्रेस्ट कैंसर के लिए उपयोग किए जाने वाले उपचार के दुष्प्रभावों के कारण, अब होम्योपैथिक इलाज को भी लोकप्रियता मिल रही है। हालांकि, होम्योपैथिक उपचार से कैंसर कोशिकाओं के असर को बदला नहीं जा सकता, लेकिन इससे समस्या कम करने के साथ जीवन की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है।
ब्रेस्ट कैंसर के लिए उपयोग की जाने वाली आम दवाएं, पल्सेटिला (Pulsatilla), कोनियम (Conium), कार्सिनोसिनम (Carcinosinum), सेपिया (Sepia), स्टैफिसाग्रिया (Staphysagria), थूजा (Thuja) और बैरीटा आयोडाटा (Baryta iodata), आदि हैं। ये दवाएं कैंसर के शुरुआती चरणों के लिए और उन लोगों के लिए बहुत असरदार साबित हुई है जिन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने का बहुत ख़तरा है।
- होम्योपैथी में ब्रैस्ट कैंसर का इलाज कैसे होता है - Homeopathy me breast cancer ka ilaj kaise hota hai
- ब्रैस्ट कैंसर की होम्योपैथिक दवा - Breast cancer ki homeopathic dawa
- होम्योपैथी में ब्रैस्ट कैंसर के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me breast cancer ke liye khan-pan aur jeevanshaili ke badlav
- ब्रैस्ट कैंसर के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Breast cancer ke homeopathic ilaj ke nuksan aur jokhim karak
- ब्रैस्ट कैंसर के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Breast cancer ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
होम्योपैथी में ब्रैस्ट कैंसर का इलाज कैसे होता है - Homeopathy me breast cancer ka ilaj kaise hota hai
होम्योपैथिक दवाएं व्यक्ति के लक्षणों और उसे अन्य बीमारियां होने की संभावना के आधार पर दी जाती है। अध्ययनों से ये पता चला है कि, रेडियोथेरेपी के साथ बेलाडोना दवा का उपयोग करने से त्वचा संबंधी कैंसर के लक्षणों में बहुत सुधार आता है।
आगे किए गए अध्ययनों से ये पता चला कि होम्योपैथिक उपचार कैंसर के प्राकृतिक कार्य को नहीं बदलता, लेकिन समस्या को कम करता है और अन्य उपचार के लिए सहायक भी है।
कार्सिनोसिनम, फायटोलेका और थूजा जैसी दवाओं पर भी कई अध्ययन किए गए हैं। ये पाया गया है कि कोनियम और सिराइनम दवाओं का उपयोग करने से ब्रेस्ट की गांठ का साइज कम हुआ है। किसी अन्य रोगी में ये देखा गया कि लिवर तक फैले हुए ब्रेस्ट कैंसर में होम्योपैथिक उपचार ने पहले लिवर के नुकसान को ठीक किया और फिर ब्रेस्ट कैंसर का भी इलाज किया।
(और पढ़ें - लिवर कैंसर के लक्षण)
ब्रैस्ट कैंसर की होम्योपैथिक दवा - Breast cancer ki homeopathic dawa
ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली आम दवाएं निम्नलिखित हैं:
- कार्सिनोसिनम (Carcinosinum)
सामान्य नाम: ए नसोड़ फ्रॉम कार्सिनोमा (A nosode from carcinoma)
लक्षण: ये दवा उन लोगों के लिए ज्यादा असरदार है, जिन्हें कभी कैंसर था या उनके परिवार के किसी सदस्य को कैंसर था। निम्नलिखित लक्षण अनुभव होने पर ये दवा दी जाती है:- तेज दर्द होना।
- ब्रेस्ट का सख्त होना या गांठ बनना।
- गर्भाशय में रसौली। (और पढ़ें - बच्चेदानी में गांठ होने के कारण)
- ब्रेस्ट से असामान्य रिसाव होना।
- रक्तस्त्राव और स्तन में दर्द।
- बदहजमी और पेट में गैस बनना। (और पढ़ें - पेट में गैस बनने पर क्या खाना चाहिए)
- हड्डियों और जोड़ों से संबंधित लक्षण।
- आत्महत्या के ख्याल आना।
- कोनियम मैकुलेटम (Conium Maculatum)
सामान्य नाम: पाइजन हेमलॉक (Poison hemlock)
लक्षण: ये दवा उन लोगों को सूट करती है, जिनका स्वभाव उदासीन होता है और उन्हें शोक के कारण समस्याएं होती हैं। इसे निम्नलिखित लक्षणों के लिए उपयोग किया जाता है;- ब्रेस्ट में सख्त गांठें।
- बहुत तेज दर्द होना। (और पढ़ें - गर्भावस्था में ब्रेस्ट पेन के कारण)
- निप्पल में चुभन वाला दर्द होना।
- गहरी सांस लेने या चलने पर लक्षण बिगड़ जाना।
- कमजोरी और लड़खड़ाना। (और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के उपाय)
- पीरियड्स के दौरान और पहले ब्रेस्ट में दर्द और भारीपन।
- बगल की ग्रंथियों में उल्सर और सूजन।
- ब्रेस्ट में दूध न होने पर भी गांठें मौजूद होना।
- स्तन का ढीलापन और सिकुड़न। (और पढ़ें - ब्रेस्ट टाइट करने के तरीके)
- पेशाब करने के बाद सफेद रिसाव।
- अंडाशय की सूजन। (और पढ़ें - अंडाशय में गांठ के लक्षण)
- नसों की कमजोरी, जिससे पैरालिसिस तक हो सकता है।
- अल्ट्रासाउंड में ओवरी का सामान्य से बड़ा लगना।
- फायटोलेका डिकेन्डरा (Phytolacca Decandra)
सामान्य नाम: पोक रुट (Poke root)
लक्षण: नीचे दिए गए कुछ लक्षण अनुभव करने पर ये दवा दी जाती है:- दर्दनाक और भारी ब्रेस्ट।
- ब्रेस्ट के रंग में हल्का बैंगनीपन।
- स्तन में सख्त गांठें महसूस होना। (और पढ़ें - ब्रेस्ट इन्फेक्शन का इलाज)
- बगल में मौजूद ग्रंथियों की सूजन। (और पढ़ें - लिम्फ नोड्स में सूजन के कारण)
- निप्पल में दर्द होना और उनका फटना।
- निप्पल्स का अंदर की तरफ मुड़ना।
- निप्पल्स से खून जैसा रिसाव होना।
- स्तन ग्रंथियों से गर्मी निकलना और उनकी सूजन।
- स्तन ग्रंथियों में पस से भरे फोड़े। (और पढ़ें - फोड़े फुंसी के घरेलू नुस्खे)
- स्तनपान कराते समय निप्पल का दर्द पूरे शरीर में फ़ैलना। (और पढ़ें - स्तनपान से जुड़ी समस्याएं)
- पीरियड्स के दौरान और पहले ब्रेस्ट में दर्द।
- अंडाशयक के क्षेत्र में दर्द।
- एस्टेरियस रुबेंस (Asterias Rubens)
सामान्य नाम: रेड स्टारफिश (Red starfish)
लक्षण: निम्नलिखित लक्षण अनुभव होने पर ये दवा दी जाती है:- ब्रेस्ट की नसों में दर्द।
- ब्रेस्ट में लगातार हल्का दर्द होते रहना, जो उल्टे हाथ और उसकी उंगलियों तक फैल सकता है।
- ऐसा महसूस होना जैसे स्तन अंदर की तरफ खिंच रहे हैं।
- निप्पल्स का अंदर की तरफ जाना।
- ब्रेस्ट में अल्सर होना। (और पढ़ें - ब्रेस्ट में दर्द के घरेलू उपाय)
- उल्टा हाथ और उसकी उंगलियां सुन्न होना।
- दर्द या अन्य लक्षणों का हिलने-डुलने पर बढ़ जाना।
- थूजा ऑक्सिडेंटलिस (Thuja Occidentalis)
सामान्य नाम: आर्बर विटै (Arbor vitae)
लक्षण: नीचे दिए लक्षण के लिए ये दवा असरदार है:- त्वचा पर मस्से होना। (और पढ़ें - मस्से हटाने के घरेलू उपाय)
- पूरे शरीर और स्तन में तेज चुभन वाला दर्द।
- आराम करने पर दर्द बढ़ना और सूखे मौसम में बेहतर हो जाना।
- तेज़ी से वजन कम होना। (और पढ़ें - वजन बढ़ाने के उपाय)
- ब्रेस्ट में गांठें।
- निप्पल्स के पास दर्दनाक गांठें बनना।
- शरीर के दाएं हिस्से में लक्षण अधिक अनुभव होना।
- ठंडा मौसम बर्दाश न कर पाना। (और पढ़ें - सर्दियों में क्या खाएं)
- निप्पल्स का अंदर की तरफ मुड़ना।
- दाएं अंडाशय में दर्द।
- पल्सेटिला प्रेटेंसिस (Pulsatilla Pratensis)
सामान्य नाम: विंडफ्लॉवर (Windflower)
लक्षण: निम्नलिखित लक्षणों को अनुभव करने पर ये दवा दी जाती है:- लक्षणों का बदलना।
- लक्षण बताते हुए रोना आ जाना।
- खुली हवा में लक्षण बेहतर होना।
- निप्पल से पीले रंग का रिसाव। (और पढ़ें - निप्पल की समस्याओं के लक्षण)
- अंगों को हाथ लगाने में दर्द होना।
- फैट वाला खाना खाने से लक्षण बढ़ जाना।
- पीरियड्स में रुकावट के कारण हार्मोन संबंधी समस्याएं। (और पढ़ें - हार्मोन असंतुलन के नुकसान)
- छाती के क्षेत्र में अल्सर।
- ठंड लगना।
- बच्चे को दूध पिलाते समय मां को बहुत ज्यादा दर्द होना। (और पढ़ें - बच्चे को दूध पिलाने का तरीका)
- सोरिनम (Psorinum)
सामान्य नाम: स्कैबीज वेसिकल (Scabies vesicle)
लक्षण: नीचे दिए लक्षणों में इस दवा का उपयोग किया जाता है:- ब्रेस्ट की सूजन।
- ब्रेस्ट में दर्द।
- निप्पल में दर्द के साथ खुरदुरा व जलन वाला रिसाव।
- ब्रेस्ट और निप्पल में जलन और अल्सर। (और पढ़ें - ब्रेस्ट में दूध की अधिकता के लक्षण)
- निप्पल से खुरदुरे रिसाव के कारण ग्रंथि में रगड़ लगना।
- अत्यधिक गंभीर खुजली होना।
- अल्सर होना, जिन्हें ठीक होने में समय लगता है।
- सूखापन और एक्जिमा। (और पढ़ें - एक्जिमा के लिए योग)
- अत्यधिक ब्रेस्ट में खुजली के कारण सो न पाना।
- आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum Album)
सामान्य नाम: आर्सेनियस एसिड (Arsenious acid)
लक्षण: नीचे दिए गए लक्षण अनुभव करने पर इस दवा का उपयोग किया जाता है:- ब्रेस्ट में अल्सर।
- कमजोरी होना। (और पढ़ें - मांसपेशियों की कमजोरी दूर करने के उपाय)
- बीमारी से मरने का डर।
- गुस्सा आना और यह चिंता होना कि दवा लेना व्यर्थ है क्योंकि मौत होने वाली है। (और पढ़ें - गुस्सा कैसे कम करें)
- दर्द के कारण बेचैनी होना, जिससे महिला इधर-उधर घूमती रहती है।
- निप्पल्स से बहुत ही असामान्य और खून की तरह रिसाव होना।
- ब्रेस्ट में जलन होना।
- चिंता के कारण अच्छी नींद भी न आना। (और पढ़ें - चिंता दूर करने के उपाय)
- नम मौसम, आधी रात के बाद और कोल्ड ड्रिंक पीने से लक्षण बढ़ जाना।
- सिकाई से लक्षण बेहतर होना।
होम्योपैथी में ब्रैस्ट कैंसर के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me breast cancer ke liye khan-pan aur jeevanshaili ke badlav
होम्योपैथिक उपचार के साथ आपको कुछ सावधानियों की आवश्यकता होती है, जिनके बारे में नीचे दिया गया है:
क्या करें:
- बीमारी को ठीक होने में मदद करने के लिए स्वस्थ और पौष्टिक आहार लें।
- दर्द होने पर, व्यक्ति को खाने-पीने की वह चीज़ें दें जो उनका खाने का मन कर रहा है। इससे व्यक्ति को कुछ देर के लिए आराम मिलेगा और वह बेहतर महसूस करेंगे। (और पढ़ें - कैंसर में क्या खाना चाहिए)
- खुली हवा में एक्सरसाइज और सैर करने से दिमाग शांत होता है और व्यक्ति शारीरिक रूप से भी बेहतर महसूस करता है। (और पढ़ें - दिमाग शांत करने का तरीके)
क्या न करें:
- होम्योपैथिक दवाओं को किसी तेज गंध वाले पदार्थ या परफ्यूम के साथ न रखें, इससे दवाओं के कार्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
- होम्योपैथिक दवाओं को कॉफी, हर्बल चाय, आइसक्रीम और मसालेदार खाने के साथ न लें क्योंकि ये सब खाने की चीजें दवा के साथ क्रिया करती हैं।
- किसी भी प्रकार के शारीरिक या मानसिक दबाव से बचें, इससे उपचार पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
(और पढ़ें - स्तन कैंसर की सर्जरी कैसे होती है)
ब्रैस्ट कैंसर के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Breast cancer ke homeopathic ilaj ke nuksan aur jokhim karak
होम्योपैथिक दवाओं का कोई दुष्प्रभाव अभी तक सामने नहीं आया है। हालांकि, किसी योग्य होम्योपैथिक डॉक्टर से दवा लेना आवश्यक है, ताकि दवा का पूरा असर हो सके और आपको उपचार से फायदा मिले।
(और पढ़ें - ब्रेस्ट की देखभाल कैसे करें)
ब्रैस्ट कैंसर के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Breast cancer ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
होम्योपैथिक दवाएं ब्रेस्ट कैंसर का पूरा उपचार नहीं कर पातीं, लेकिन इसे अन्य उपचार के साथ लेने पर जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है और कुछ लक्षणों से भी राहत मिलती है। अध्ययनों में ये पाया गया है कि होम्योपैथिक दवाएं ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए उपयोगी हैं। हालांकि, इन दवाओं की योग्यता की पुष्टि करने के लिए और अध्ययनों की आवश्यकता है।
कैंसर के लिए उपयोग किए जाने वाले आम उपचार से तुलना की जाए, तो होम्योपैथिक उपचार से व्यक्ति का जीवनकाल अधिक बढ़ता है। इससे पेनकिलर दवाओं और अन्य दवाओं का इस्तेमाल करने की जरुरत कम होती है। इसी कारण, ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों के लिए होम्योपैथी एक अच्छा उपचार है जिसे मुख्य इलाज के साथ लिया जा सकता है।
(और पढ़ें - रात को सोते समय ब्रा पहननी चाहिए या नहीं)
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ब्रैस्ट कैंसर की होम्योपैथिक दवा और इलाज के डॉक्टर

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संदर्भ
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