बीमारियों से बचाव के लिए बच्चों व लोगों को टीकाकरण अभियान के तहत कई टीके लगाएं जाते हैं। इसी तरह बच्चों और व्यस्कों को हैजा रोग से बचाव के लिए हैजा का टीका (कॉलरा वैक्सीन) दिया जाता है। हैजा से पीड़ित व्यक्ति को गंभीर रूप से दस्त और उल्टियां होती हैं। अगर यह स्थिति जल्द ठीक न हो तो इसके कारण शरीर में पानी की कमी होना और मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। हैजे से बचाव और सुरक्षा के तौर पर ही बच्चों व व्यस्कों को हैजा का टीका लगाया जाता है।
(और पढ़ें - शिशु का टीकाकरण चार्ट)
हैजे की गंभीरता को देखते हुए इस लेख में आपको हैजा का टीके के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही आपको हैजा का टीका क्या है, हैजा के टीके की खुराक और उम्र, हैजा के टीके की कीमत, हैजा के टीके के साइड इफेक्ट और हैजा का टीका किसे नहीं देना चाहिए आदि के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।
(और पढ़ें - शिशु और बच्चों की देखभाल)
- हैजा का टीका क्या है? - Cholera ka tika kya hai
- हैजा के टीके की खुराक - Haija ke tike ki khurak
- हैजा के टीके की कीमत - Cholera vaccine cost
- हैजा के टीके से होने वाले साइड इफेक्ट - Haija ke tike se hone wale side effects
- हैजा का टीका किसे नहीं लगाना चाहिए? - Cholera vaccine kise nahi lagana chahiye
- हैजा के टीके की खोज किसने की? - Haija ke tike ki khoj
- सारांश
हैजा का टीका क्या है? - Cholera ka tika kya hai
हैजा का टीका मुख्य रूप से हैजा रोग से बचाव के लिए लगाया जाता है। कई देश ऐसे हैं जहां पर हैजा होने की संभावनाएं अधिक होती हैं। भारत में भी कई जगह ऐसी हैं जहां पर बच्चों और लोगों को हैजा होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। आपको बता दें कि हैजा बैक्टीरिया से दूषित भोजन और पानी की वजह से फैलता है। विब्रियो कॉलरे (Vibrio cholerae) नामक बैक्टीरिया ही हैजा (कॉलरा) की मुख्य कारण होता है। यह एक संक्रामक रोग है, जो कि एक व्यक्ति से दूसरे में बेहद ही आसानी से फैलता है। इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति के मल में मौजूद बैक्टीरिया के कारण भी यह रोग अन्य व्यक्तियों अपनी चपेट में ले लेता है। हैजा से प्रभावित इलाकों में जाने वाले लोगों को भी इसके होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है।
हैजा होने पर निम्न तरह के लक्षण दिखाई देते हैं –
- गंभीर दस्त (और पढ़ें - दस्त को रोकने के घेरलू उपाय)
- उल्टी (और पढ़ें - नवजात शिशु की उल्टी को ठीक करने के उपाय)
- दिल की धड़कने तेज होना
- मांसपेशियों में ऐंठन (और पढ़ें - मांसपेशियों में ऐंठन के घरेलू उपचार)
- ब्लड प्रेशर लो होना
हैजा या कॉलरा होने पर व्यक्ति या बच्चे के शरीर में पानी की कमी हो जाती है और इसकी वजह मरीज की कुछ ही घंटों में मृत्यु भी हो सकती है।
(और पढ़ें - बच्चों की इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं)
हैजा होने पर दस्त और उल्टी से बचाव के लिए ही हैजा का टीका लगाया जाता है। अगर हैजा का समय रहते इलाज न किया जाए, तो इसकी वजह से व्यक्ति को किडनी फेलियर, कोमा, आदि घातक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
(और पढ़ें - गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण चार्ट)
हैजा के टीके की खुराक - Haija ke tike ki khurak
हैजा के टीके की खुराक को लेने से एक घंटा पहले और बाद में कुछ भी खाने या पीने को माना किया जाता है। 2 से 5 साल के बच्चों को हैजा के टीके की तीन खुराक दी जाती हैं, जबकि वयस्कों और 6 साल से अधिक आयु के बच्चों को 7 से 14 दिनों में दो खुराक में इस वैक्सीन को दिया जाता है। अगर इस वैक्सीन की दूसरी खुराक को लेने में 6 सप्ताह से ज्यादा समय बीत चुका है तो ऐसे में इस वैक्सीन के कोर्स को दुबारा शुरू करना पड़ता है।
(और पढ़ें - टिटनेस इंजेक्शन क्या है)
वयस्कों और 6 साल से अधिक आयु के बच्चों को हैजा के टीके की बूस्टर डोज (रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ाने वाली खुराक) दो साल के बाद दी जानी चाहिए। इसके अलावा 2 से 5 साल के बच्चों को हर छह माह में बूस्टर डोज देने की सलाह दी जाती है। यह टीका दो साल से कम आयु के बच्चे को नहीं दिया जाना चाहिए।
(और पढ़ें - पोलियो का टीका क्यों लगवाना चाहिए)
हैजा के टीके की कीमत - Cholera vaccine cost
हैजा से बचाव के लिए देश में कई ब्रांड में टीके और दवाएं उपलब्ध है। ब्रांड के आधार पर इस वैक्सीन की मात्रा अलग-अलग हो सकती है। हैजा से बचाव के लिए मिलने वाले टीके, दवा और इंजेक्शन के प्रकार में मिलते हैं। देश में मिलनी वाले हैजे के टीके और उनकी कीमतों को नीचे विस्तार से बताया जा रहा है।
हैजा का टीका/दवा | कीमत |
शैंकॉल ऑरल वैक्सीन (Shanchol Oral Vaccine) | 355 |
डॉक्सट 50एमजी (Doxt 50 mg) | 14 |
डिलाइन 100एमजी (Deline 100 mg) | 59 |
डोक्सी 24 (Doxy 24) | 26 |
हैजा के टीके से होने वाले साइड इफेक्ट - Haija ke tike se hone wale side effects
हैजा के टीके से फायदे होने के साथ ही इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। कुछ मामलों में हैजा के टीके से निम्न तरह के दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं।
सामान्य रूप से होने वाले दुष्प्रभाव
- पेट के निचले हिस्से में दर्द या पेट दर्द
- सिरदर्द
- भूख कम लगना
- जी मिचलाना और उल्टी आना
- थकान होना
कम होने वाले दुष्प्रभाव
- दस्त होना (और पढ़ें - नवजात शिशु के दस्त को रोकने के उपाय)
- बुखार होना (और पढ़ें - बुखार कम करने के घरेलू उपाय)
कुछ दुष्प्रभावों में इलाज की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि कई दुष्प्रभाव इलाज के दौरान ठीक हो जाते हैं। इसके साथ ही आपके डॉक्टर इस समय होने वाले सभी दुष्प्रभावों को कम करने के बारे में भी आपको विस्तार से बताते हैं। (और पढ़ें - डीपीटी वैक्सीन कब लगाई जाती है)
वैक्सीन से होने वाली प्रतिक्रियाएं
हैजा के टीके के बाद आपको गंभीर एलर्जी, तेज बुखार या अन्य समस्या भी हो सकती है। गंभीर रूप से एलर्जी होने पर व्यक्ति को शीतपित्त, चेहरे और गले में सूजन, चक्कर आना और कमजोरी की समस्या होती है। टीके या दवा लेने के कुछ मिनटों या कुछ घंटों के बाद ये समस्याएं व्यक्ति को महसूस हो सकती है।
(और पढ़ें - नवजात शिशु को खांसी क्यों होती है)
हैजा का टीका किसे नहीं लगाना चाहिए? - Cholera vaccine kise nahi lagana chahiye
हैजा के टीका को कुछ विशेष परिस्थितियो में लेने की सलाह नहीं दी जाती है। किसी रोग या अन्य स्वास्थ्य स्थिति के कारण डॉक्टर हैजा का टीका शिशु, वयस्कों को देना उचित नहीं मानते है। आगे जानते हैं कि किन लोगों को कॉलरा वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए।
- यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को हैजे के टीके की पिछली खुराक से घातक एलर्जी हो या इंजेक्शन की जगह पर एलर्जी हो तो ऐसे में किसी को भी वैक्सीन की दोबारा खुराक नहीं लेनी चाहिए। (और पढ़ें - बीसीजी का टीका क्यों लगाया जाता है)
- यदि कोई व्यक्ति या मरीज मलेरिया की रोकथाम के लिए दवाएं ले रहा है तो ऐसे में उसको हैजा का टीका लेने के लिए कम से कम 10 दिनों का इंतजार करना चाहिए। (और पढ़ें - मलेरिया के घरेलू उपाय)
- हैजा के टीके में मौजूद तत्व से किसी प्रकार की गंभीर एलर्जी होने वाले लोगों को इस टीके को लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। (और पढ़ें - टीकाकरण क्यों करवाना चाहिए)
- गर्भवती महिला को वैक्सीन लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इस वैक्सीन के प्रभाव से गर्भवती और स्तनपान कराने महिला को क्या जोखिम या नुकसान होते हैं, इस विषय पर किसी प्रकार के तथ्य मौजूद नहीं हैं।
- यदि हैजा का टीका लेने पहले व्यक्ति ने एंटीबायोटिक्स दवाएं ली हैं, तो ऐसे में हैजे के टीके या दवा का असर कम हो सकता है। इसके लिए व्यक्ति को करीब 14 दिनों पहले तक किसी एंटीबायोटिक दवा को नहीं लेना होता है। (और पढ़ें - हेपेटाइटिस बी टीका कब लगाएं)
- जिन लोगों को हैजा का टीका लेने से पहले हल्की या गंभीर बीमारी हो, उनको इस टीके को लेने से पहले स्वस्थ होने तक का इंतजार करना चाहिए। साथ ही दोबारा खुराक लेते समय यदि आप बीमार हैं तो इस बारे में अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। (और पढ़ें - एलर्जी होने पर क्या करें)
टीका लेने के बाद भी व्यक्ति को कुछ विशेष सावधानियों का ध्यान रखना होता है। जानकारों के मुताबिक हैजा का टीका लेने के करीब 7 दिनों तक व्यक्ति को अपनी साफ सफाई के प्रति सजग रहना चाहिए। इस दौरान व्यक्ति को मल त्यागने के बाद और खाना खाने से पहले अच्छी तरह से अपने हाथों को धोना चाहिए, क्योंकि दवा के तत्व व्यक्ति के मल में सात दिनों तक रहते हैं, इस वजह से भी व्यक्ति के बीमार होने की संभावना होती है।
(और पढ़ें - जापानी इन्सेफेलाइटिस टीकाकरण)
हैजा के टीके की खोज किसने की? - Haija ke tike ki khoj
मानव को हैजा के प्रति पहली बार प्रतिरोधक बनाने के लिए 1885 में स्पेन के चिकित्सक जेयुम फेरेन आई क्लो (Jaume Ferran i Clua) ने इस बैक्टीरियल रोग का इनोकुलेशन (inoculation: एक प्रक्रिया जिसमें बैक्टीरिया में परीक्षण किया जाता है) बनाया। इसके बाद रूस के जीवाणुविज्ञानी वॉल्डमर हैफकिन (Waldermar haffkine) ने 1892 में पहली बार हैजा के टीके का निर्माण किया।
(और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण के कारण)
भारत में हैजा:
भारत के कई राज्यों से आज भी हैजा के कई मामले सामने आ जाते हैं। इस रोग के लिए अस्पतालों में इलाज उपलब्ध है। लेकिन समय रहते इस रोग का इलाज न कराने से मरीज की मृत्यु तक हो सकती है।
(और पढ़ें - बच्चों की भूख बढ़ाने के उपाय)
सारांश
हैजा का टीका (Cholera Vaccine) हैजा से बचाव के लिए दिया जाने वाला एक प्रभावी उपाय है, जो आमतौर पर ओरल (मुंह से लेने वाला) रूप में उपलब्ध होता है। इसे उन क्षेत्रों में प्राथमिकता दी जाती है जहां हैजा होने की संभावना अधिक होती है। टीके के हल्के साइड इफेक्ट में पेट दर्द, मतली या डायरिया शामिल हो सकते हैं। हालांकि यह 100% सुरक्षा प्रदान नहीं करता, लेकिन स्वच्छता और सुरक्षित पेयजल के साथ इसका उपयोग हैजा से बचाव को मजबूत बनाता है।