हिचकी एक बहुत ही आम समस्या है, जिससे ज्यादातर कोई समस्या या परेशानी नहीं होती है। डायाफ्राम (पेट से छाती को अलग करने वाली मासपेशी जो श्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है) के अनैच्छिक संकुचन के कारण हिचकी आती है।
ज़्यादातर हिचकी अधिक खाने-पीने या शराब पीने के कारण आती है या ये डायफ्राम को प्रभावित करने वाली बीमारयों के कारण भी आ सकती है। हिचकी किसी समस्या का संकेत भी हो सकती है और इसे रोकने के लिए बहुत सारे उपाय हैं जिनके बारे में विस्तार से नीचे बताया गया है।
इस लेख में हिचकी क्या है, क्यों आती है, बार-बार हिचकी आने पर क्या करना चाहिए और लगातार हिचकी आने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए के बारे में बताया गया है।
- हिचकी क्या है - Hichki kya hoti hai
- हिचकी क्यों आती है - Hichki kyun aati hai
- लगातार हिचकी आने पर क्या करें, कैसे रोकें - Hichki kaise band hoti hai
- ज्यादा हिचकी आने पर डॉक्टर के पास कब जाएं - Lagatar hichki aane par doctor k kab dikhayen
हिचकी क्या है - Hichki kya hoti hai
डायाफ्राम मांसपेशियों के अनैच्छिक संकुचन के कारण हिचकी आती है। डायाफ्राम फेफड़ों के नीचे मौजूद एक पतली सी गुंबद के अाकार की मांसपेशी होती है जो छाती को पेट से अलग करती है। हर बार हिचकी आने पर आपकी "वोकल कॉर्ड्स" (Vocal cords:आवाज़ उत्पन्न करने वाले ऊतक) बंद होती हैं, जिससे हिचकी की आवाज़ आती है।
हिचकी अचानक आना शुरू हो जाती हैं जिससे लोग परेशान होने लगते हैं और इससे छुटकारा पाने के लिए अलग-अलग उपाय करने लगते हैं।
अधिकतर हिचकी बिना किसी कारण या गले से छाती तक जाने वाली तंत्रिकाओं के प्रभावित होने पर आती है। ये कई समस्याओं, जैसे निमोनिया और किडनी फेलियर के कारण भी आ सकती है। कुछ दुर्लभ मामलों में हिचकी से बोलने, खाने-पीने और सोने में समस्याएं आती हैं।
हिचकी क्यों आती है - Hichki kyun aati hai
हिचकी ज्यादातर बिना किसी कारण आती है और अपने आप ठीक भी हो जाती है। हालांकि, कई बार ऐसे मामले भी देखे गए हैं जहां लोगों को कई दिनों, हफ़्तों और महीनों तक लगातार हिचकी आने की समस्या रही है। हिचकी एक बहुत ही आम समस्या है जो किसी को भी हो सकती है, यहां तक कि नवजात शिशुओं और गर्भ में मौजूद भ्रूण को भी।
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हिचकी आने के कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित हैं -
- डायाफ्राम को प्रभावित करने वाली बीमारियां
- जल्दी-जल्दी खाना
- सिगरेट पीना (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के उपाय)
- बहुत अधिक खाना या पीना
- स्ट्रोक
- च्युइंग गम चबाना
- पेट के तापमान में बदलाव (ठंडा गरम खाना या पीना)
- गरम या तीखा खाना (और पढ़ें - मसालेदार खाने के नुकसान)
- ब्रेन ट्यूमर
- ज्यादा शराब पीना (और पढ़ें - शराब की लत का इलाज)
- पेट की सर्जरी
- कुछ दवाएं खाना
- हानिकारक धुआं
- चिंता (और पढ़ें - चिंता दूर करने के घरेलू उपाय)
- स्ट्रेस (और पढ़ें - तनाव दूर करने के घरेलू उपाय)
- कोल्ड ड्रिंक्स पीना (और पढ़ें - पेय पदार्थ के फायदे और नुकसान)
बच्चों को हिचकी आने के कारण रोना, खांसी आना या गर्ड (एसिड भाटा रोग) हो सकते हैं।
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लगातार हिचकी आने पर क्या करें, कैसे रोकें - Hichki kaise band hoti hai
बार-बार या लगातार हिचकी आना रोकने के लिए कई तरकीबें अपनाई जा सकती हैं। इन तरकीबों से खून में कार्बनडाइऑक्साइड बढ़ाने की कोशिश की जाती है ताकि डायफ्राम मासपेशी का संकोच सही हो सके। हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि इन उपायों से हिचकी रुक जाएगी।
ये उपाय निम्नलिखित हैं -
- अपनी सांस रोकें और 10 तक गिनें।
- जल्दी से एक पानी का गिलास पी लें।
- एक पेपर बैग अपने मुंह पर रखकर मुंह से सांस लें।
- किसी को आपको डराने या चौंकाने के लिए कहें।
- एक चम्मच शहद या चीनी खा लें। बच्चों के लिए कॉर्न सिरप का उपयोग करें।
- अपनी जीभ को पकड़कर बाहर खीचें।
- नीम्बू खा लें।
- तालु पर ब्रश से गुदगुदी करें।
- जीभ की पिछली तरफ एक चम्मच चीनी रखें।
- पानी से कुल्ला करें।
- अपने कान में उंगली डाल लें।
इस बात का ध्यान रखें कि हर उपाय हर व्यक्ति को सूट नहीं करता है इसीलिए स्थिति बिगड़ने पर अपने डॉक्टर से बात करें।
ज्यादा हिचकी आने पर डॉक्टर के पास कब जाएं - Lagatar hichki aane par doctor k kab dikhayen
हिचकी एक बेहद आम समस्या है जो घातक नहीं होती और इसे बहुत ही दुर्लभ मामलों में आपातकालीन स्थिति माना जाता है। हालांकि, निम्नलिखित समस्याएं होने पर डॉक्टर के पास जाएं -
- 3 घंटों से अधिक देर तक लगातार हिचकी आते रहना।
- हिचकी के साथ बहुत तेज पेट दर्द होना। (और पढ़ें - पेट दर्द के घरेलू उपाय)
- बुखार होना। (और पढ़ें - बुखार भगाने के घरेलू उपाय)
- सांस फूलना। (और पढ़ें - सांस फूलने के घरेलू उपाय)
- थूक में खून आना।
- हिचकी के कारण सोने और खाने में समस्याएं होना।
- हिचकी के कारण उल्टी आना।
(और पढ़ें - उल्टी रोकने के घरेलू उपाय)
नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।
संदर्भ
- Brañuelas Quiroga J, Urbano García J, Bolaños Guedes J. Hiccups: a common problem with some unusual causes and cures. 2017 Jan;67(654):13. PMID: 27789508
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- Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria; Hiccups
- National Center for Advancing Translational Sciences [internet]: US Department of Health and Human Services; Chronic hiccups