हेड कोल्ड शब्द से शायद आप सोच रहे होंगे कि किसी कारण से सिर ठंडा हो जाता है, जबकि यह एक हेल्थ कंडीशन है. यह समस्या अपने आप ठीक हो सकती है, लेकिन कुछ मामलों में इलाज की भी जरूरत पड़ सकती है. अब आखिर क्या है यह शारीरिक परेशानी इसे यहां लेख में विस्तार से आगे समझेंगे.

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  1. हेड कोल्ड होने की समस्या क्या है?
  2. हेड कोल्ड के लक्षण
  3. हेड कोल्ड के कारण
  4. हेड कोल्ड का इलाज
  5. डॉक्टर से कब संपर्क करें?
  6. हेड कोल्ड से कैसे बचें?
  7. सारांश
हेड कोल्ड के डॉक्टर

हेड कोल्ड की समस्या मामूली हो सकती है, लेकिन इसका असर डेली लाइफ पर पड़ सकता है. सीडीसी (सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के अनुसार, हेड कोल्ड को कॉमन कोल्ड भी कहा जाता है. वयस्कों में कॉमन कोल्ड की समस्या एक साल में दो से तीन बार देखी जाती है, जबकि बच्चों में आठ या इससे भी ज्यादा बार कॉमन कोल्ड की समस्या हो सकती है. ज्यादातर कॉमन कोल्ड की समस्या लगभग एक सप्ताह तक रहती है. लेकिन कुछ लोग, विशेष रूप से कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में हेड कोल्ड रहने की वजह से अन्य बीमारियां जैसे ब्रोंकाइटिससाइनससंक्रमण या निमोनिया शुरू हो सकता है. इसलिए, इस समस्या से बचाव के लिए सबसे पहले इसके लक्षणों को समझना जरूरी है.

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कॉमन कोल्ड के लक्षणों में शामिल है -

रिसर्च के अनुसार, वायरस के संपर्क में आने के एक से तीन दिन के बाद हेड कोल्ड के लक्षण नजर आ सकते हैं. ये लक्षण 7 से 10 दिन तक बने रह सकते हैं. 

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हेड कोल्ड के मुख्य कारणों में शामिल हैं -

  • राइनोवायरस.
  • ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस.
  • ह्यूमन पैराइन्फ्लुएंजा वायरस.
  • रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस.

इन वायरस के अलावा हेड कोल्ड होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं. दरअसल, छींकने या खांसने की वजह से हवा में बिखरने वाले ड्रॉप्लेट्स के संपर्क में आने से वायरस हवा में फैल जाता है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति वायरस के संपर्क में आता है, तो हेड कोल्ड का शिकार होने की आशंका बढ़ सकती है. ध्यान रखें कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में हेड कोल्ड का खतरा ज्यादा होता है.

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हेड कोल्ड की समस्या वायरल इंफेक्शन के कारण होती है, इसलिए एंटीबायोटिक्स लेने से कोई फायदा नहीं होता है. इसलिए, हेड कोल्ड की समस्या होने पर निम्न उपचार कारगर साबित हो सकते हैं -

  • जितना हो सके आराम करें.
  • तरल पदार्थों विशेष रूप से पानी और जूस का सेवन ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए.
  • कॉफीसोडा व शराब जैसे पेय पदार्थों का सेवन न करें, क्योंकि इससे बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है.     
  • गर्म पानी में नमक डालकर दिन में एक से दो बार गरारे कर सकते हैं.
  • गर्म चाय या सूप का सेवन कर सकते हैं.
  • सोर थ्रोट स्प्रे या सेलाइन स्प्रे का इस्तेमाल नाम बंद होने की समस्या पर किया जा सकता है.
  • सिर या शरीर में दर्द होने पर ओवर-द-काउंटर मिलने वाली दवा जैसे एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) या आईबुप्रोफेन का सेवन किया जा सकता है.
  • वयस्क एस्पिरिन का सेवन कर सकते हैं, लेकिन बच्चों और किशारों को एस्पिरिन न दें, क्योंकि इससे रेये सिंड्रोम का खतरा बढ़ सकता है.

नोट: ऊपर हमने दवाओं के नाम सिर्फ जानकारी के लिए दी है. आप किसी भी तरह की दवाओं के सेवन से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें. वहीं यह भी ध्यान रखें कि एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया को मारते हैं, हेड कोल्ड पैदा करने वाले वायरस को नहीं. इसलिए, अपनी मर्जी से दवाओं के सेवन से बचें.

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निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए -

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निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखकर और हेड कोल्ड से बचा जा सकता है -

  • कॉमन कोल्ड से संक्रमित लोगों दूरी बनाएं.
  • संक्रमित लोगों से हाथ मिलाने के बाद हैंड वॉश जरूर करें. आप चाहें तो सैनिटाइजर या साबुन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
  • अगर आप हेड कोल्ड की समस्या से पीड़ित हैं, तो बार-बार अपने आंख, नाक और मुंह को न छुएं.
  • संक्रमित लोगों का तौलिया, बर्तन या अन्य व्यक्तिगत चीजें शेयर नहीं करनी चाहिए.
  • हेल्दी डायट फॉलो करें.
  • प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएं.
  • सात से नौ घंटे की नींद जरूर लें.
  • नियमित रूप से एक्सरसाइजयोगासन या मेडिटेशन करें.

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आमतौर पर हेड कोल्ड की समस्या ठीक होने में एक सप्ताह से 10 दिन तक का वक्त लग सकता है. अगर यह समस्या 10 दिन में ठीक न हो और मरीज ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या साइनसाइटिस का पेशेंट हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. मरीज की हेल्थ कंडीशन और बीमारी को गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर इलाज कर सकते हैं, जिससे जल्द से जल्द मिल सकता है.

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