कब्ज एक ऐसी समस्या है, जिसमें व्यक्ति को एक हफ्ते में तीन या तीन से कम बार मल आता है। सही से मल न आने के साथ कब्ज में, सख्त और सूखा मल आने की समस्या भी होती है, जिन्हें पास कर पाना मुश्किल होता है। कब्ज के अन्य लक्षण हैं मल करते समय जोर लगाने की आवश्यकता, ऐसा लगना जैसे पूरा मल नहीं निकल पाया है, पेट फूलना, पेट में गड़गड़ाहट होना, पेट दर्द और ऐसा दर्द होना, जिससे पेट पर दबाव महसूस होता है।
कब्ज होने का सबसे आम कारण है खाने की अस्वस्थ आदतें, जैसे कम फाइबर लेना, शरीर में पानी की कमी होना या कुछ प्रकार की दवाएं लेना। कमजोर पाचन शक्ति के कारण, बूढ़े लोगों को कब्ज की समस्या अधिक होती है। इसके अन्य कारण हैं, आंतों से वेस्ट पदार्थ धीरे-धीरे निकलना, पेडू से संबंधित विकार और पेट की समस्याएं। सर्जरी और प्रेगनेंसी के कारण भी कब्ज हो सकती है।
(और पढ़ें - पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय)
कब्ज का पता लक्षणों और शारीरिक परीक्षण के द्वारा आसानी से लगाया जा सकता है। इसका पता लगाने के अन्य तरीके, लैब टेस्ट, इमेजिंग टेस्ट और एंडोस्कोपी आदि हैं।
कब्ज के इलाज के लिए प्राकृतिक उपचार को काफी समय से इस्तेमाल किया जा रह है, इसीलिए होम्योपैथी में भी इसपर ध्यान दिया जाता है। ब्रायोनिया एल्बा (Bryonia Alba), लाइकोपोडियम क्लैवाटम (Lycopodium Clavatum) और नक्स वोमिका (Nux Vomica) ऐसी होम्योपैथिक दवाएं हैं, जिन्हें कब्ज और कब्ज के लक्षणों के लिए इस्तेमाल किया जाता है और ये दवाएं काफी असरदार भी साबित हुई हैं।
- होम्योपैथी में कब्ज का उपचार कैसे होता है - Homeopathy me kabj ka ilaj kaise kiya jata hai
- कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा - Kabj ki homeopathic dawa
- होम्योपैथी में कब्ज के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me kabj ke liye khan-pan aur jeevanshaili ke badlav
- कब्ज के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Kabj ke homeopathic ilaj ke nuksan aur jokhim karak
- कब्ज के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Kabj ke homeopathic ilaj se jude anya sujhav
होम्योपैथी में कब्ज का उपचार कैसे होता है - Homeopathy me kabj ka ilaj kaise kiya jata hai
कब्ज से लंबा आराम दिलाने के लिए होम्योपैथिक उपचार काफी असरदार है। डाइट, शरीर के कार्य और जीवनशैली में बदलाव भी कब्ज की समस्या के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कारण हो सकते हैं। होम्योपैथिक दवाएं व्यक्ति के लक्षणों पर असर करती हैं, और इसके लिए रोगी की बीमारी, स्वभाव और उसके चिकित्सा इतिहास को ध्यान में रखा जाता है। इन सभी कारक का ध्यान रखते हुए होम्योपैथिक दवाएं तैयार की जाती हैं, जिससे कम से कम दुष्प्रभाव के साथ अच्छा असर देखने को मिलता है।
केमिस्ट के पास मिलने वाली कब्ज की दवाएं लक्षणों को दबाकर कुछ समय के लिए आराम तो देती हैं लेकिन इनसे दुष्प्रभाव भी होते हैं। होम्योपैथिक दवाओं में प्राकृतिक पदार्थों का इस्तेमाल करके कब्ज के कारण को और व्यक्ति को समस्या होने की संभावना का इलाज किया जाता है। इसी कारण, कब्ज से लंबे समय के लिए आराम मिलता है।
(और पढ़ें - कब्ज के लिए घरेलू उपाय)
कब्ज के लिए होम्योपैथिक दवा - Kabj ki homeopathic dawa
होम्योपैथी में निम्नलिखित दवाओं का उपयोग कब्ज ठीक करने के लिए किया जाता है:
- एलुमिना सिलिकाटा (Alumina Silicata)
सामान्य नाम: सिलिकेट ऑफ़ एलुमिना (Silicate of Alumina)
लक्षण: नीचे दिए लक्षणों में इस दवा का उपयोग किया जाता है:- झुकते समय पेट में दर्द होना।
- इनगुइनल हर्निया (पेट के निचले हिस्से से आंत का उभरकर बाहर आना)।
- आंत में रुकावट महसूस होना।
- सख्त मल आना, जिसे पास करना मुश्किल होता है।
- अनियमित रूप से मल आना।
- बहुत जोर लगाने पर ही मल आना।
- गुदा क्षेत्र में जलन होना।
- गुदा क्षेत्र में खुजली। (और पढ़ें - खुजली दूर करने के उपाय)
- खुजली वाले सख्त मस्से होना। (और पढ़ें - जननांग मस्सों के घरेलू उपाय)
- गुर्दे के क्षेत्र में दर्द।
- मूत्राशय और जननांग क्षेत्र में कमजोरी महसूस होना।
- पेशाब में गाढ़ा सफेद पदार्थ आना।
- एसिडिटी।
- पेट में दबाव महसूस होना, खासकर शाम के समय।
- पेट के क्षेत्र में कसाव महसूस होना।
- लेटे हुए पलटते समय पेट दर्द होना।
- मतली और कमजोरी। (और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के घरेलू उपाय)
- अनियमित रूप से भूख लगना।
- ड्राई फ्रूट्स और कॉफी व चाय जैसे गर्म पेय पदार्थ लेने की इच्छा होना।
- ज्यादा खाने की आदत।
- जीभ पर पीली या काली परत जमना।
- ब्रायोनिया एल्बा (Bryonia Alba)
सामान्य नाम: वाइल्ड हॉप्स (Wild Hops)
लक्षण: निम्नलिखित लक्षणों के लिए ये बहुत अच्छी दवा है:- मुंह सूखना।
- जीभ पर सफेद या पीली परत जमना।
- गले में तेज दर्द। (और पढ़ें - गले में दर्द के कारण)
- भूख कम लगना। (और पढ़ें - भूख न लगने के कारण)
- वाइन या कॉफी पीने की इच्छा होना।
- खाने के बाद मतली होना। (और पढ़ें - मतली रोकने के घरेलू उपाय)
- पेट में दबाव महसूस होना, खासकर ब्रेड खाने के बाद।
- पेट में सिकुड़न और जलन।
- पेट पर हाथ लगाने में दर्द होना।
- पेट फूलना, खासकर डिनर के बाद। (और पढ़ें - पेट फूल जाए तो क्या करें)
- नाभि के आसपास सूजन।
- कब्ज के साथ बड़े मल आना, जिन्हें पास करना मुश्किल होता है।
- हिलने-डुलने पर लक्षण बढ़ जाना और सुबह के समय स्पष्ट रूप से महसूस होना।
- पेट पर हाथ लगाने में दर्द बढ़ना और गर्म मौसम में लक्षण ज्यादा महसूस होना।
- कैल्केरिया कार्बोनिका (Calcarea Carbonica)
सामान्य नाम: कार्बोनेट ऑफ़ लाइम (Carbonate of Lime)
लक्षण: नीचे दिए लक्षणों को ठीक करने के लिए इस दवा का उपयोग किया जाता है:- बार-बार थूक आना।
- जीभ पर सफ़ेद परत जमना। (और पढ़ें - जीभ पर सफ़ेद परत जमने के कारण)
- गले में दर्द और हाथ लगाने पर दर्द होना। (और पढ़ें - गले के दर्द के लिए क्या करें)
- मुंह का स्वाद कड़वा या खट्टा होना।
- लगातार भूख-प्यास लगना।
- सुबह के समय ज्यादा खा लेना।
- पेट से खाना ऊपर की तरफ आना, जिससे खाने के बाद मुंह में कड़वा स्वाद रह जाता है।
- पाचन धीरे-धीरे होना व कमजोर होना। (और पढ़ें - पाचन तंत्र को मजबूत करने के उपाय)
- मतली महसूस होना, खासकर दूध पीने के बाद।
- खट्टे स्वाद वाली उल्टी आना।
- पेट में ऐंठन, जो रात के समय बढ़ जाती है।
- पेट का क्षेत्र फूलना और सूजन।
- पेट में जलन। (और पढ़ें - पेट में जलन एसिडिटी होने पर क्या करें)
- लिवर के क्षेत्र में जलन।
- पेट में ठंडक महसूस होना।
- पेट फूलना।
- बहुत कम मल आना।
- 2-2 दिनों बाद मल आना।
- मल करते समय मस्सों की सूजन। (और पढ़ें - बवासीर के लक्षण)
- पेट में जलन की भावना।
- गुदा क्षेत्र में भगंदर होना, जिनमें से बार-बार खून निकलता है।
- शारीरिक या मानसिक तनाव और नम मौसम में लक्षण बढ़ जाना। सूखे मौसम में लक्षण बेहतर होना।
- कॉस्टिकम (Causticum)
सामान्य नाम: हैनिमैन टिंक्चुरा एक्रिन साइन काली ()
लक्षण: ये दवा उन लोगों के लिए है जिन्हें लंबे समय से कब्ज की समस्या है। नीचे दिए लक्षण इस दवा से ठीक किए जाते हैं:- जीभ पर अल्सर होना।
- मुंह सूखना।
- खाना निगलते समय गले में दर्द। (और पढ़ें - निगलने में कठिनाई का इलाज)
- गला सूखना।
- गले में संकुचन महसूस होना।
- मुंह का स्वाद बासा होना।
- सोडा और बियर पीने की इच्छा होना।
- अपच। (और पढ़ें -अपच होने पर क्या करना चाहिए)
- पेट पर दबाव महसूस होना।
- खाने के बाद मतली महसूस होना।
- कमजोरी होना। (और पढ़ें - नसों की कमजोरी के लक्षण)
- खाने की उल्टी होना।
- पेट में दर्द।
- चक्कर आना। (और पढ़ें - चक्कर आने पर क्या करें)
- नाभि की सूजन। (और पढ़ें - नाभि में इन्फेक्शन के लक्षण)
- पेट दर्द के साथ पेट फूलना।
- लंबे समय तक कब्ज की समस्या रहना।
- रात के समय या शाम को दस्त होना। (और पढ़ें -दस्त बंद करने के लिए क्या करें)
- गुदा क्षेत्र में खुजली।
- सांस फूलना।
- बैठे-बैठे या लेटने पर दम घुटना।
- दिन के समय उनींदापन।
- रात के समय नींद न आना या ठीक से नींद न आना और चिंता वाले सपने आना।
- ठंडे मौसम में लक्षण बढ़ जाना और नम व गर्म मौसम में बेहतर होना।
- ग्रेफाइट (Graphites)
सामान्य नाम: ब्लैक लेड (Black Lead)
लक्षण: नीचे दिए लक्षण अनुभव होने पर ये दवा दी जाती है:- सांस से बदबू आना।
- जीभ पर फफोले। (और पढ़ें - जीभ के छाले के कारण)
- मीट खाने की इच्छा न होना।
- खाना खाने के बाद मतली और उल्टी।
- पेट में जकड़न और दर्द। (और पढ़ें - पेट में इन्फेक्शन के लक्षण)
- जिस साइड आप लेटे हैं उसकी विपरीत तरफ गैस के कारण दर्द होना।
- पेट के क्षेत्र में सूजन और हाथ लगाने में दर्द।
- पेट में सूजन और हाथ लगाने में दर्द।
- बड़े और सख्त मल आना, जिन्हें पास करना मुश्किल होता है।
- गुदा क्षेत्र में दर्द।
- एनल फिशर। (और पढ़ें - एनल फिशर के घरेलू उपाय)
- मस्सों में जलन महसूस होना।
- गर्म पेय पदार्थ, जैसे दूध लेने से और लेटने से पेट दर्द बेहतर होना।
- दर्द के अलावा बाकि लक्षण रात के समय और पीरियड्स के दौरान व बाद में बढ़ जाना। (और पढ़ें - पीरियड्स के दर्द के उपाय)
- लाइकोपोडियम क्लैवाटम (Lycopodium Clavatum)
सामान्य नाम: क्लब मॉस (Club Moss)
लक्षण: नीचे दिए लक्षण अनुभव करने पर इस दवा का उपयोग किया जाता है:- मुंह सूखना।
- सुबह उठने पर मुंह से गंदी बदबू आना। (और पढ़ें - मुंह से बदबू आने पर क्या करना चाहिए)
- जीभ का अपने आप हिलना।
- जीभ पर छाले।
- गले में रुकावट के साथ जलन महसूस होना।
- गले में सूजन होना।
- भूख न लगना। (और पढ़ें - बच्चों में भूख ना लगने के कारण)
- मतली और मोशन सिकनेस।
- रात के समय अत्यधिक प्यास लगना।
- मीठा खाने की इच्छा होना। (और पढ़ें - मीठे की लत छुड़ाने के उपाय)
- खाने के बाद एसिडिटी।
- शाम को 4 से 8 बजे के बीच में और लेटने पर लक्षण बढ़ जाना।
- गर्मी में या गर्म सिकाई से भी लक्षण बढ़ जाना।
- हिलने-डुलने पर लक्षण बेहतर होना।
- नैट्रम म्यूरिएटिकम (Natrum Muriaticum)
सामान्य नाम: क्लोराइड ऑफ़ सोडियम (Chloride of Sodium)
लक्षण: ये दवा उन लोगों पर असर करती है, जिन्हें लंबे समय से कब्ज की समस्या है और उन्हें बहुत सख्त व सूखे मल आते हैं, जिन्हें पास करना मुश्किल होता है। निम्नलिखित लक्षणों में इस दवा से आराम मिलता है:- दांतों में झनझनाहट।
- मुंह में छाले। (और पढ़ें - मुंह के छाले के घरेलू उपाय)
- जीभ की आगे की नोक पर जलन।
- गले में रुकावट महसूस होना। (और पढ़ें - गले में खराश के लक्षण, कारण)
- गले में ऐंठन।
- मुंह का स्वाद कड़वा होना।
- कड़वी चीजें खाने-पीने का मन करना।
- खाते समय पसीना आना।
- भूख कम लगना।
- दूध और अन्य फैट वाला खाना खाने की इच्छा न होना।
- सुबह के समय पेट दर्द। (और पढ़ें - पेट दर्द में क्या खाना चाहिए)
- पेट के क्षेत्र में सूजन।
- पेट में गड़गड़ाहट।
- हर्निया।
- बार-बार कब्ज होना। (और पढ़ें - कब्ज के लिए योग)
- मल में खून आना। (और पढ़ें - पेशाब में खून आने के कारण)
- गुदा के क्षेत्र में ऐंठन।
- सुबह के समय सूखी खांसी।
- सांस फूलना। (और पढ़ें - सांस फूलने के उपाय)
- छाती और गर्दन के निचले क्षेत्र में दर्द।
- तेज संगीत और मानसिक तनाव से लक्षण बढ़ना।
- खुले क्षेत्र में रहने से, नियमित रूप से खाने से और ठंडे पानी से नहाने से कुछ हद तक लक्षण बेहतर हो जाना।
- नक्स वोमिका (Nux Vomica)
सामान्य नाम: पाइजन नट (Poison Nut)
लक्षण: ये दवा उन लोगों के लिए है जिन्हें मल करते समय गुदा के क्षेत्र में रुकावट और दर्द होता है। नीचे दिए लक्षणों में इस दवा की आवश्यकता होती है:- जबड़े में सिकुड़न। (और पढ़ें - जबड़े में फ्रैक्चर के लक्षण)
- जीभ पर पीली परत जमना।
- दांत में दर्द, जो ठंडा खाने से बढ़ जाता है।
- गले में खुजली होना, खासकर सुबह के समय। (और पढ़ें - गले में खुजली हो तो क्या करें)
- गले में सूजन के साथ खिंचाव होना।
- सुबह के समय मतली।
- पेट में दर्द। (और पढ़ें - पेट दर्द के घरेलू उपाय)
- पेट पर हाथ लगाने में दर्द।
- फैट वाला खाना खाने की इच्छा होना।
- बहुत कम मल आना।
- मल करते समय तेज दर्द होना।
- गुदा क्षेत्र में लगातार तकलीफ होना।
- धीरे-धीरे सांस लेना। (और पढ़ें - सांस फूलने के घरेलू नुस्खे)
- पीठ में दर्द।
- मानसिक तनाव, सूखे व ठंड के मौसम में और तंत्रिकाओं को उत्तेजित करने वाले पदार्थ लेने से लक्षण बढ़ जाना।
- नम मौसम में और आराम करने पर लक्षण बेहतर होना।
होम्योपैथी में कब्ज के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me kabj ke liye khan-pan aur jeevanshaili ke badlav
होम्योपैथिक दवाओं के साथ आपको कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है, जिनके बारे में नीचे दिया गया है:
क्या करें:
- ताजे फल और सब्जियों के साथ स्वस्थ और पौष्टिक आहार लें। इससे आपको सक्रीय रहने में भी मदद मिलेगी।
- रोजाना व्यायाम और थोड़ा शारीरिक कार्य करें, ताकि आपकी जीवनशैली सक्रीय रहे।
- आरामदायक कपडे पहनें।
क्या न करें:
- अत्यधिक नमक या चीनी न लें। (और पढ़ें - चीनी की लत दूर करने के उपाय)
- प्रोसेस्ड या कैन वाले खाद्य पदार्थ न लें, इनसे दवाओं के कार्य पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
- कॉफी और चाय जैसे उत्तेजक पदार्थ न लें, ये तंत्रिका तंत्र के कार्य पर असर कर सकते हैं।
- शराब और सिगरेट न लें। (और पढ़ें - सिगरेट पीना छोड़ने के तरीके)
- तेज गंध वाले पदार्थों का इस्तेमाल न करें, जैसे साबुन, रूम फ्रेशनर और परफ्यूम आदि।
- मसालेदार और तेज पदार्थ न लें, जैसे प्याज और लहसुन। (और पढ़ें - मसालेदार खाने के नुकसान)
- होम्योपैथिक दवाओं को सीधी धूप में न रखें।
(और पढ़ें - कब्ज में क्या नहीं खाना चाहिए)
कब्ज के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Kabj ke homeopathic ilaj ke nuksan aur jokhim karak
होम्योपैथिक दवाएं प्राकृतिक पदार्थों से बनाई जाती हैं, इसीलिए इसके दुष्प्रभाव नहीं होते और ये सुरक्षित मानी जाती हैं। हालांकि, होम्योपैथिक दवाएं एक योग्य डॉक्टर से सही खुराक में लेना बहुत आवश्यक है। किसी भी हाल में अपने आप दवा न लें। अगर डॉक्टर को सारे लक्षण और अन्य महत्वपूर्ण बातों के बारे में पहले ही बताया गया है, तो होम्योपैथिक दवाओं से किसी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं।
(और पढ़ें - कब्ज दूर करने के घरेलू उपाय)
कब्ज के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Kabj ke homeopathic ilaj se jude anya sujhav
अगर कुछ दिनों में समस्या ठीक हो जाए, तो कब्ज कोई गंभीर समस्या नहीं है। हालांकि, लंबे समय तक कब्ज रहने से व्यक्ति की रोजमर्रा की ज़िंदगी पर बुरा असर पड़ सकता है। इसी कारणवश, इस समस्या को खत्म करने के लिए कुछ उपाय करना बहुत जरुरी है। इसके लिए होम्योपैथिक उपचार बहुत असरदार है, जिससे न केवल कब्ज के लक्षण ठीक होते हैं, बल्कि इसके अंदरूनी कारण और व्यक्ति को समस्या होने की संभावना भी ठीक होती है। इसके कारण व्यक्ति को लंबे समय तक समस्या से छुटकारा मिल जाता है।
(और पढ़ें - कब्ज हो तो क्या करना चाहिए)
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कब्ज की होम्योपैथिक दवा और इलाज के डॉक्टर

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12 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
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- State of Victoria. [Internet]. Department of Health & Human Services. Constipation.
- National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Symptoms & Causes of Constipation.
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