कब्ज एक ऐसी समस्या है, जिसमें व्यक्ति को एक हफ्ते में तीन या तीन से कम बार मल आता है। सही से मल न आने के साथ कब्ज में, सख्त और सूखा मल आने की समस्या भी होती है, जिन्हें पास कर पाना मुश्किल होता है। कब्ज के अन्य लक्षण हैं मल करते समय जोर लगाने की आवश्यकता, ऐसा लगना जैसे पूरा मल नहीं निकल पाया है, पेट फूलना, पेट में गड़गड़ाहट होना, पेट दर्द और ऐसा दर्द होना, जिससे पेट पर दबाव महसूस होता है।
कब्ज होने का सबसे आम कारण है खाने की अस्वस्थ आदतें, जैसे कम फाइबर लेना, शरीर में पानी की कमी होना या कुछ प्रकार की दवाएं लेना। कमजोर पाचन शक्ति के कारण, बूढ़े लोगों को कब्ज की समस्या अधिक होती है। इसके अन्य कारण हैं, आंतों से वेस्ट पदार्थ धीरे-धीरे निकलना, पेडू से संबंधित विकार और पेट की समस्याएं। सर्जरी और प्रेगनेंसी के कारण भी कब्ज हो सकती है।
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कब्ज का पता लक्षणों और शारीरिक परीक्षण के द्वारा आसानी से लगाया जा सकता है। इसका पता लगाने के अन्य तरीके, लैब टेस्ट, इमेजिंग टेस्ट और एंडोस्कोपी आदि हैं।
कब्ज के इलाज के लिए प्राकृतिक उपचार को काफी समय से इस्तेमाल किया जा रह है, इसीलिए होम्योपैथी में भी इसपर ध्यान दिया जाता है। ब्रायोनिया एल्बा (Bryonia Alba), लाइकोपोडियम क्लैवाटम (Lycopodium Clavatum) और नक्स वोमिका (Nux Vomica) ऐसी होम्योपैथिक दवाएं हैं, जिन्हें कब्ज और कब्ज के लक्षणों के लिए इस्तेमाल किया जाता है और ये दवाएं काफी असरदार भी साबित हुई हैं।