डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी है, जो एडीज़ मच्छरों के काटने से फैलती है. डेंगू होने पर लोगों को सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, हड्डियों में दर्द और जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती हैं. इसके अलावा जी मिचलाना, उल्टी आना, आंखों के पीछे दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते दिखने लगते हैं. आज हम इस लेख में जानेंगे कि डेंगू में कौन सी दवाइयां दी जाती हैं.
(और पढ़ें - डेंगू होने पर क्या करना चाहिए)
-
डेंगू में कौन सी अंग्रजी दवा दी जाती है? - Which allopathic medicine is given in dengue in Hindi?
-
डेंगू का टीका - Dengue Vaccine in Hindi
-
डेंगू से राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक दवा - Ayurvedic medicines for Dengue in Hindi
-
डेंगू से राहत पाने के लिए घरेलू दवा - Home medicines for Dengue in Hindi
-
सारांश - Takeaway
डेंगू में कौन सी दवा दी जाती है? के डॉक्टर
डेंगू में कौन सी अंग्रजी दवा दी जाती है? - Which allopathic medicine is given in dengue in Hindi?
डेंगू के इलाज के लिए कोई विशिष्ट एंटी-वायरल दवा उपलब्ध नहीं है. डेंगू के लक्षणों के आधार पर इसका इलाज किया जाता है -
-
हलकी एनाल्जेसिक-एंटीपायरेटिक थेरेपी (Mild analgesic-antipyretic therapy)
अगर आपको डेंगू के हल्के लक्षण जैसे- शरीर में सुस्ती, हल्का बुखार और कमजोरी महसूस होती है, तो डॉक्टर एनाल्जेसिक-एंटीपायरेटिक थेरेपी (mild analgesic-antipyretic therapy) लेने की सलाह दे सकते हैं. इसमें डॉक्टर बुखार और शरीर की कमजोरी को कम करने के लिए हल्के-फुल्के बुखार की दवाई और शरीर की कमजोरी को दूर कने के लिए आराम करने की सलाह दे सकते हैं.
-
पैरासिटामोल (Paracetamol)
अगर आपको शरीर में दर्द के साथ-साथ तेज बुखार हो रहा है, तो इस स्थिति में डॉक्टर आपको पेरासिटामोल लेने की सलाह दे सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि डेंगू बुखार होने पर खुद से दवा न लें. कुछ लोग बुखार होने पर एस्पिरिन (Aspirin), सैलिसिलेट्स (other salicylates) और नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (non-steroidal anti-inflammatory drugs) का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना कर लेते हैं, जो डेंगू की स्थिति में आपके लिए सही नहीं है. इससे रक्तस्राव का खतरा बढ़ता है.
-
इलेक्ट्रोलाइट (Electrolyte)
शरीर में पानी की कमी के लक्षण (जैसे गला सूखना, मुंह का सूखना, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना) दिखने पर आपको इलेक्ट्रोलाइट भी दिया जा सकता है. (और पढ़ें - इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन)
-
प्लेटलेट्स चढ़ाना (Transfusion of platelets)
कुछ मामलों में डेंगू बुखार होने पर शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या काफी ज्यादा कम हो जाती है. इस स्थिति में डॉक्टर प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए प्लेटलेट्स भी चढ़ाने की सलाह दे सकते हैं.
(और पढ़ें - डेंगू टेस्ट की कीमत)
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
डेंगू का टीका - Dengue Vaccine in Hindi
डेंगू से लड़ने के लिए डेंगवाक्सिया (Dengvaxia) नामक वैक्सीन तैयार की गई है. इस वैक्सीन को यूएस फूड एंड ड्रग एडिमिनिस्ट्रेशन (US Food & Drug Administration) द्वारा मंज़ूरी मिल चुकी है. कुछ देशों में 9 से 45 वर्ष की आयु के लोगों यह टीका दिया जाता है. हालांकि, यह वैक्सीन उन्हीं लोगों को दी जा सकती है जिन्हें डेगू अपनी चपेट में ले चुका होता है. यानि टेस्ट में डेंगू की पुष्टि होने पर ही इस टीके को दिया जा सकता है.
(और पढ़ें - डेंगू में क्या नहीं खाना चाहिए)
डेंगू से राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक दवा - Ayurvedic medicines for Dengue in Hindi
डेंगू के लक्षण दिखने पर इन दवाइयों के अलावा कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे भी अपना सकते हैं, जैसे -
- पुनर्नवा (Punarnava) एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है. इस जड़ी-बूटी का सेवन करने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ को बाहर किया जा सकता है.
- डेंगू बुखार से राहत पाने के लिए आयुर्वेद में अमृतोथारम कषायम (Amrithotharam kashayam) और अमृता सत्व (Amritha satva) जैसी कुछ हर्बल दवाएं भी मौजूद हैं.
- धतूरा (Dhatura) एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है. इसके इस्तेमाल से डेंगू बुखार की गंभीरता को कम किया जा सकता है. लेकिन आयुर्वेदिक चिकित्सक के सलाहनुसार ही इसका इस्तेमाल करें.
- पपीते का अर्क - आयुर्वेद में पतीते के अर्क का इस्तेमाल कई तरह की दवाइयों को तैयार करने के लिए किया जाता है. NCBI पर छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक, पपीते का रस प्लेटलेट्स के स्तर को सुधारने में आपके लिए मददगार हो सकता है.
(और पढ़ें - डेंगू की आयुर्वेदिक दवा)
डेंगू से राहत पाने के लिए घरेलू दवा - Home medicines for Dengue in Hindi
डेंगू गंभीर न होने पर इसका इलाज घर में किया जा सकता है. इससे आपके लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है.
- डेंगू फीवर होने पर तुलसी की चाय का सेवन करें. इसके लिए पानी में तुलसी की पत्तियों कुछ पत्तियों को डालकर उबाल लें. जब पानी उबल जाए, तो इसे थोड़ा ठंडा करके पिएं. दिन में 3 से 5 बार आप तुलसी की चाय का सेवन कर सकते हैं. इससे आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी.
- अगर आप दिन में दो बार 10 से 15 तुलसी की पत्तियो को चबाएं. इससे आपकी इम्यूनिटी बूस्ट हो सकती है.
- डेंगू में होने वाले बुखार को कम करने के लिए मेथी की पत्तियों से तैयार हर्बल चाय का सेवन किया जा सकता है. इससे डेंगू फीवर को कम होगा. साथ ही आपको काफी आराम महसूस हो सकता है.
- शरीर में ब्लड काउंट कम होने पर अनार और काले अंगूर से तैयार जूस का सेवन करें. इससे डेंगू के लक्षण कम हो सकते हैं.
- डेंगू होने पर इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. इस स्थिति में च्यवनप्राश का सेवन किया जा सकता है.
- डेंगू बुखार को कम करने के लिए आप धनिए की पत्तियों का सेवन करें. इसके लिए धनिए के कुछ पत्तियों को धोकर काट लें. अब इसे पीसकर पेस्ट तैयार कर लें. इसके बाद इसमें 1 कटोरी पानी मिला लें. तैयार जूस को दिन में दो बार पिएं. इससे बुखार को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
- विटामिन सी युक्त आहार को शामिल करें, जैसे आंवला, संतरा, नींबू. विटामिन सी आयरन को अवशोषित करने में आपकी मदद कर सकता है.
(और पढ़ें - डेंगू के घरेलू उपाय)
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
सारांश - Takeaway
डेंगू के लिए कोई विशिष्ट उपचार मौजूद नहीं है. डेंगू से उबरने के लिए खूब सारे तरल पदार्थों का सेवन करें. डेंगू फीवर को हल्के में न लें. अगर आपको डेंगू के हल्के लक्षण भी दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. डेंगू की आशंका होने पर तुरंत अपना ब्लड टेस्ट जरूर कराएं. डॉक्टर के जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन करें.
बुखार होने पर डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयों का सेवन करने से बचें. अन्यथा इससे आपकी परेशानी और अधिक बढ़ सकती है. अपना समय पर इलाज कराएं, ताकि समय रहते डेंगू फीवर पर काबू पाया जा सके.
(और पढ़ें - डेंगू की होम्योपैथिक दवा)