डेंगू बुखार साफ पानी में पैदा होने वाले एडीज मच्छर के कारण फैलता है. ये मच्छर शरीर में कई गंभीर बीमारी जैसे चिकनगुनिया और जीका वायरस आदि को भी जन्म दे सकता है.

इसके तीन चरण होते हैं. इन चरणों में डेंगू शुरुआत से रिकवरी तक पहुंच जाता है. ज्यादा गंभीर होने पर डेंगू बुखार, डेंगू हेमरेजिक फीवर (DHF- Dengue Hemorrhagic Fever) का रूप ले लेता है. इस लेख में हम बताएंगे कि डेंगू की सबसे गंभीर अवस्था कौन सी है? साथ ही डेंगू के स्टेज के बारे में भी जानेंगे.

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  1. डेंगू रोग के तीन चरण क्या हैं? - What are the three stages of dengue in Hindi?
  2. डेंगू की सबसे गंभीर अवस्था कौन सी है? - What is the most critical stage of dengue in Hindi?
  3. बच्चों में डेंगू की सबसे गंभीर अवस्था? - What is the most critical stage of dengue in children in Hindi?
  4. सारांश - Takeaway
डेंगू की सबसे गंभीर अवस्था कौन सी है? के डॉक्टर

डेंगू के तीन चरण इस प्रकार हैं -

  • चरण 1 (एक्यूट फीवर स्टेज) - इस चरण में व्यक्ति को तेज बुखार होता है जो एक से 5 दिन कर रह सकता है. ये तेज बुखार 39-40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. इस चरण में व्यक्ति को पेट दर्द, मतली, उल्टी आदि लक्षण दिखाई देते हैं. शरीर के तापमान को कम करने के लिए पैरासिटामोल जैसे एंटीपायरेटिक (antipyretics) काम आ सकते हैं. यदि रोगी या संक्रमित बच्चे पर्याप्त मात्रा में आहार नहीं ले पा रहे और कमजोर हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है. 
  • चरण 2 (क्रिटिकल स्टेज) - ये चरण बेहद गंभीर होता है जो 5 से 7 दिन तक व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है. इस स्टेज में शरीर का तापमान गिरना शुरू हो जाता है. साथ ही ब्लड प्रेशर भी कम होने लगता है. ऐसे में व्यक्ति को लक्षणों के तौर पर बेचैनी, कमजोरी, ठंडी त्वचा, तेज पल्स, प्लेटलेट्स में गिराव, खून की उल्टी, इंटरनल रक्तस्राव आदि नजर आ सकते हैं.
  • चरण 3 (रिकवरी स्टेज) - ये स्टेज आखिरी होती है, जिसमें व्यक्ति सामान्य स्थिति में आने के लिए कुछ दिनों का इंतजार करता है. इस चरण में रोगियों को भूख लगती है और उनकी पल्स सामान्य होने लगती है. वहीं पैरों और बाहों में दाने रिकवरी के ही लक्षण हैं.

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डेंगू बुखार से ग्रस्त कुछ रोगियों में डेंगू हेमरेजिक फीवर (DHF- Dengue Hemorrhagic Fever) की समस्या विकसित हो सकती है. ये बीमारी डेंगू का एक गंभीर और घातक रूप है.

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आमतौर पर डेंगू के लक्षण शुरू होने के 3-7 दिन बाद व्यक्ति का बुखार कम होना शुरू हो जाता है, उस दौरान रोगी में डेंगू हेमरेजिक फीवर के रूप में गंभीर बीमारी के संकेत विकसित हो सकते हैं. इन संकेतों में गंभीर पेट दर्द, लगातार उल्टी (दिनभर में कम से कम 3 बार), तापमान में बदलाव, मानसिक परिवर्तन आदि शामिल हैं. वहीं शुरुआती लक्षण में बेचैनी, ठंडी त्वचा, पल्स में उतार-चढ़ाव शामिल हैं.

डेंगू बुखार के दौरान यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए.

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डेंगू वायरस के कारण होने वाला सिंड्रोम, डेंगू हेमरेजिक फीवर (DHF - Dengue Hemorrhagic Fever) 10 साल से कम उम्र के बच्चों को नकारात्मत रूप से प्रभावित कर सकता है. बच्चों में डेंगू के लक्षण पेट में दर्द, रक्तस्राव, अचानक तेज बुखार, सिरदर्द के साथ-साथ गले में खराश, खांसी, मतली, उल्टी श्वसन और आंतों में दिक्कत आदि नजर आ सकते हैं. इस बीमारी के कारण सबसे ज्यादा मौतें बच्चों में होती हैं. एक वर्ष से कम उम्र के शिशुओं को विशेष रूप से इस समस्या के कारण मृत्यु का खतरा हो सकता है.

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डेंगू हेमरेजिक फीवर (DHF) होने पर व्यक्ति को ऊपर बताए गए लक्षण नजर आ सकते हैं. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है.

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