डिप्रेशन एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जो किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है. डिप्रेशन दिमाग को प्रभावित करता है, इसलिए एंटीडिप्रेसेंट दवाएं इसके इलाज में फायदेमंद साबित हो सकती हैं. सामान्य एंटीडिप्रेसेंट दवा डिप्रेशन को कम करने की जगह उसके लक्षणों को कम करती है.
डिप्रेशन का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एंटीडिप्रेसेंट ब्रेन में न्यूरोट्रांसमीटर नामक कुछ केमिकल्स को नियंत्रित करने का काम करती हैं. इनके कुछ साइड इफेक्ट्स जैसे चक्कर आना, बहुत नींद आना और वजन घटना हो सकते हैं.
आज इस लेख में हम जानेंगे कि एंटीडिप्रेसेंट क्या है और इसके प्रकार, उपयोग व नुकसान क्या-क्या हैं -
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एंटीडिप्रेसेंट के प्रकार
डिप्रेशन के इलाज के लिए कई प्रकार की एंटीडिप्रेसेंट उपलब्ध हैं, जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है-
- सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीअपटेक इन्हिबिटर्स: यह दवाओं का एक वर्ग है, जो आमतौर डिप्रेशन, स्ट्रेस डिसऑर्डर और अन्य मनोवैज्ञानिक स्थितियों के उपचार में उपयोग की जाती है. इन दवाओं में शामिल हैं - फ्लुओक्सेटीन, पैरोक्सेटाइन, सेर्ट्रालीन, सिटालोप्राम और एसिटैलोप्रैम.
- एटिपिकल एंटीडिप्रेसेंट: इसमें ट्राजोडोन, मर्टाजापाइन, वोर्टियोक्सेटीन, विलाजोडोन हाइड्रोक्लोराइड और बुप्रोपियन दवाएं शामिल हैं.
- ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट्स: इसमें इमिपरामाइन टोफ्रेनिल, नोर्ट्रिप्टीलीन, एमिट्रिप्टिलाइन और डेसिप्रामाइन ड्रग्स शामिल हैं.
- मोनोमाइन ऑक्सीडेज इनहिबिटर: मोनोमाइन ऑक्सीडेज इनहिबिटर में ट्रॅनलीसीप्रोमाइन, फिनलेजिन और आइसोकारबॉक्साइड शामिल हैं. इन दवाओं के सेवन के साथ डाइट का खास ख्याल रखना होता है.
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एंटीडिप्रेसेंट के उपयोग
एंटीडिप्रेसेंट को कई तरह के मानसिक विकारों और डिप्रेशन की स्थितियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे ही कुछ अन्य स्थितियों के बारे में नीचे बताया गया है-
- प्रमुख डिप्रेशन डिसऑर्डर
- लगातार डिप्रेशन या बार-बार डिप्रेशन होना
- माइग्रेन की रोकथाम
- पीरियड्स से पहले होने वाली बेचैनी
- सोशल एंजाइटी डिसऑर्डर या ज्यादा भीड़ में जाने से डर लगना
- घबराहट की समस्या
- सदमे के बाद का होने वाला स्ट्रेस डिसऑर्डर
- पुराने दर्द में कारगर
- अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर
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एंटीडिप्रेसेंट दवा के नुकसान
एंटीडिप्रेसेंट बेशक डिप्रेशन का इलाज करने में कारगर होती हैं, लेकिन कुछ दवाओं के नुकसान लंबे समय तक होते हैं, जबकि कुछ अस्थाई होते हैं. कुछ एंटीडिप्रेसेंट दवा के साइड इफेक्ट्स तुरंत सामने आ जाते हैं, तो कई एंटीडिप्रेसेंट के लंबे समय बाद साइफ इफेक्ट दिखाई देते हैं. आइए विस्तार से जानें, एंटीडिप्रेसेंट के नुकसान के बारे में-
- उत्तेजित या अस्थिर महसूस करना
- खट्टी डकारें आना
- दस्त या कब्ज की शिकायत
- भूख ना लगना और वजन घटना
- सिर चकराना
- आंखों से कम दिखाई देना
- मुंह में सूखापन बढ़ना
- बहुत ज्यादा पसीना आना
- मल में खून आना
- खून की उल्टी होना
- हरदम उलझन में रहना और चीजें जल्दी समझ ना आना
- मतिभ्रम होना
- पेशाब करने में समस्या होना
- नींद न आने की समस्या होना
- सिर दर्द होना
- लो सेक्स ड्राइव
- पुरुषों को इरेक्शन में कठिनाई होना
हालांकि ये साइड इफेक्ट्स अस्थाई होते हैं और समय के साथ इनमें सुधार हो जाता है, लेकिन कुछ यौन समस्याएं लंबे समय तक बरकरार रह सकती हैं.
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सारांश
डिप्रेशन किसी को भी हो सकता है, लेकिन एंटीडिप्रेसेंट ड्रग्स से डिप्रेशन को कंट्रोल किया जा सकता है. एंटीडिप्रेसेंट डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं. यदि एंटीडिप्रेसेंट ड्रग्स के साइड इफेक्ट्स अधिक परेशान करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर दवाओं को बदलने की सलाह लेनी चाहिए.
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अवसादरोधी दवाएं के डॉक्टर

Dr. Prince Asrani
मनोविज्ञान
2 वर्षों का अनुभव

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Dr. Ansha Patel
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11 वर्षों का अनुभव
