डाइजेस्टिव सिस्टम (पाचन प्रणाली) में मुंह से लेकर गुदा तक कई अंग होते हैं, जो विभिन्न प्रकार की नलियों के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। इन सभी अंगों में से किसी एक में भी समस्या आने पर पूरा पाचन तंत्र खराब या कमजोर पड़ जाता है। डाइजेस्टिव सिस्टम का मुख्य काम भोजन पचाना होता है, जिससे हमें पर्याप्त पोषक तत्व मिलते हैं। ये पोषक तत्व हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और कोशिकाएं ठीक से काम कर पाती हैं। अगर भोजन पचाने की क्रिया ही कमजोर पड़ जाए तो हमारे शरीर को सही ढंग से पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं और परिणामस्वरूप पाचन तंत्र संबंधी कई रोग पैदा हो जाते हैं। पाचन तंत्र संबंधी कई रोगों को घरेलू उपायों की मदद से विकसित होने से रोका जा सकता है और कुछ रोगों का इलाज भी किया जा सकता है। यदि आपको पाचन तंत्र संबंधी रोग या खाना पचाने में अन्य कोई परेशानी महसूस हो रही, तो आपको ये लेख पढ़ना चाहिए। इस लेख में कुछ घरेलू उपायों के बारे में बताया गया है, जो आपकी पाचन प्रणाली को मजबूत करके पाचन संबंधी रोगों से बचाव रखते हैं और खाना पचाने मे मदद करते हैं।
- बेकिंग सोडा है पाचन संबंधी रोगों का घरेलू उपाय - Pachan sambandhi rogon ka gharelu nuskha hai baking soda
- सेब का सिरका है पाचन रोगों का घरेलू इलाज - Seb ka sirka hai pachan rogon ka gharelu nuskha
- सौंफ से करें पाचन से जुड़े रोगों का घरेलू उपचार - Saunf hai pachan pranali ke rog ka gharelu upchar
- साबुत अनाज है पाचन रोगों का घरेलू नुस्खा - Whole wheat hai pachan pranali smbandhi rog ka gharelu upay
- पुदीने की चाय से करें पाचन प्रणाली के रोगों का घरेलु उपचार - Pudine ki chay se karein pachan rogon ka gharelu ilaaj
- ब्लैक टी है पाचन रोगों का घरेलू उलाज - Black tea hai pachan se jude rogon ka gharelu nuskha
- पाचन संबंधित रोग का इलाज है अदरक - Digestive disorder ki ayurvedic dawa hai adarak
- पाचन रोगों का इलाज करने के लिए करें नींबू पानी का सेवन - Pachan sambandhi rogon ke liye karein nimbu pani ka sevan
- पपीता है पाचन रोग का घरेलू उपाय - Papaya hai pachan rog ko thik karne ka tarika
- गर्म पानी से करें पाचन प्रणाली के रोगों का घरेलू उपचार - Garam pani hai pachan pranali rog ka gharelu upay
बेकिंग सोडा है पाचन संबंधी रोगों का घरेलू उपाय - Pachan sambandhi rogon ka gharelu nuskha hai baking soda
पाचन तंत्र संबंधी कुछ बीमारियां जैसे अपच, पेट में गैस और पेट फूलना आदि सामान्य पाचन क्रिया को प्रभावित करती हैं। बेकिंग सोडा की मदद से इन बीमारियों को ठीक करके पाचन प्रक्रिया को फिर से सामान्य अवस्था में लाया जा सकता है। बेकिंग सोडा पेट में एसिड को बेअसर करने में भी काफी प्रभावी रूप से कार्य करता है। यह आमतौर पर सुरक्षित और नॉनटॉक्सिक (विषाक्त पदार्थों से मुक्त) होता है, इसलिए इसका आपकी सेहत पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
आवश्यक सामग्री
- ½ छोटा चम्मच बेकिंग सोडा
- आधा गिलास गर्म पानी
इस्तेमाल का तरीका
- एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं
- अब इस मिश्रण को गुनगुना होने पर पी लें
कब इस्तेमाल करें
बेकिंग सोडा का अधिक सेवन करने से कुछ समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि कब्ज, दस्त, जलन, उल्टी और मांसपेशियों में ऐंठन, इसलिए इस उपाय को दिन में सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल करें।
सेब का सिरका है पाचन रोगों का घरेलू इलाज - Seb ka sirka hai pachan rogon ka gharelu nuskha
सेब के सिरके पर कई नए अध्ययन किए जा चुके हैं और हर अध्ययन में इसकी नई औषधीय खूबियों के बारे में पता चलता है। सेब का सिरका त्वचा को अच्छा बनाने से लेकर वजन कम करने तक में मदद करता है। यह अपच को खत्म करके पाचन को बढ़ाने की भी क्षमता रखता है। पाचन संबंधी रोग होने के कारण पेट में अधिक एसिड बनने लगती है। सेब का सिरका इसी एसिड को खत्म करके पाचन को फिर से मजबूत बनाता है।
आवश्यक सामग्री
- 1 चम्मच सेब का सिरका
- 1 कप पानी
इस्तेमाल का तरीका
- सेब के सिरके को एक कप पानी में मिलाएं और फिर इसका सेवन करें
वैसे तो यह सुरक्षित होता है, लेकिन इसके अधिक सेवन से दांतों की ऊपरी सुरक्षात्मक परत क्षतिग्रस्त हो सकती है। इसके अलावा इससे मितली, गले में जलन और लो ब्लड शुगर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कब इस्तेमाल करें
अपच जैसे पाचन रोगों को रोकने और पाचन प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए खाना खाने से 30 मिनट पहले इस मिश्रण का सेवन करें।
नोट: इसका सेवन दिन में सिर्फ एक ही बार करें और दो या तीन दिन से अधिक न करें। इसका सेवन करने के बाद पानी से कुल्ला कर लें, क्योंकि यह दांतों को क्षति पंहुचा सकता है।
सौंफ से करें पाचन से जुड़े रोगों का घरेलू उपचार - Saunf hai pachan pranali ke rog ka gharelu upchar
सौंफ में मौजूद फाइबर कब्ज जैसे पाचन रोगों का इलाज करते हैं और पाचन तंत्र की नियमितता को बेहतर बनाते हैं। सौंफ में एंटी स्पास्मोडिक (ऐंठन को कम करने वाले) एजेंट होते हैं, जो पाचन तंत्र की नरम मांसपेशियों को आराम पहुंचाते हैं। इसके प्रभाव खराब पाचन संबंधी रोगों के लक्षणों को कम करते हैं, जैसे कि सूजन, पेट फूलना और पेट में मरोड़ या ऐंठन। इसकी विधि कुछ इस प्रकार है:
आवश्यक साम्रगी
- 1 छोटा चम्मच सौंफ
- आधा कप पानी
इस्तेमाल का तरीका
- सौंफ को गर्म पानी में उबाल लें
- अब इसे गुनगुना होने पर पी लें
- सौंफ का सीधा सेवन भी किया जा सकता है यह भी उतना ही प्रभावशाली होता है
कब इस्तेमाल करें
सौंफ को भोजन के तुरंत बाद खाने की सलाह दी जाती है, इसका सेवन आप तब तक कर सकते हैं, जब तक आपकी पाचन शक्ति पूरी तरह से ठीक व मजबूत न हो जाए।
साबुत अनाज है पाचन रोगों का घरेलू नुस्खा - Whole wheat hai pachan pranali smbandhi rog ka gharelu upay
अनाज वास्तव में कुछ विशेष प्रकार के पौधों के बीज होते हैं, जिन्हें सेरियल्स भी कहा जाता है। फाइबर से युक्त लोकप्रिय साबुत अनाज में ओट्स, क्विनोआ, फ़ारो और ऐसे प्रोडक्ट्स जो साबुत गेंहू से बने हों आदि शामित होते हैं। इन सभी आहारों में पाया जाने वाला फाइबर पाचन शक्ति को बेहतर बनाने में मदद करता है। पहले फाइबर मल को ढीला बनाता है और कब्ज को कम करता है, फिर इसके बाद कुछ अनाज के फाइबर प्री-बायोटिक्स की तरह काम करते हैं और आंत में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को पौषण प्रदान करते हैं।
इस्तेमाल का तरीका
आप साबुत अनाज को इन रूपों में खा सकते हैं
- ओटमील
- रोटी
- ब्राउन राइस
- मक्का
- साबुत अनाज से बने ब्रेड
इन्हें अपने रोजाना के आहार में शामिल करें, इनके सेवन से पाचन तंत्र से जुड़े रोगों के लक्षण कम होंगे और पाचन क्रिया में सुधार होगा।
कब इस्तेमाल करें
सुबह के समय साबुत अनाज का सेवन सबसे बेहतर माना जाता है, इससे पेट या डाइजेस्टिव सिस्टम और भी बेहतर तरीके से काम करने लगते हैं।
पुदीने की चाय से करें पाचन प्रणाली के रोगों का घरेलु उपचार - Pudine ki chay se karein pachan rogon ka gharelu ilaaj
पुदीने में एंटीस्पास्मोडिक प्रभाव होते हैं, जो मतली व बदहजमी जैसे पाचन रोग के लक्षणों को कम करके पाचन तंत्र को ठीक करने में मदद करते हैं। यह पेट की मुलायम मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन को भी कम करता है और साथ ही पचाने की क्रिया को बढ़ाती है। अगर आपको एसिड के कारण पेट या पाचन क्रिया में कोई समस्या हो रही है, तो इस उपाय को न आजमाएं क्योंकि पुदीना पेट में मौजूद एसिड को और बढ़ा सकता है।
आवश्यक सामग्री
- 2-3 चम्मच पुदीना
- 1 कप गर्म पानी
- 2-3 इलायची
इस्तेमाल का तरीका
- इलायची और पुदीने को 1 कप पानी के साथ 3 से 4 मिनट के लिए उबाल लें
- अब इसे गुनगुना होने पर पी लें
कब इस्तेमाल करें
इस उपाय को दिन में दो बार आजमाएं, जब तक आपकी डाइस्टिव प्रक्रिया ठीक न हो जाए।
ब्लैक टी है पाचन रोगों का घरेलू उलाज - Black tea hai pachan se jude rogon ka gharelu nuskha
ब्लैक टी कई स्वास्थ्य संबंधी यौगिकों को बढ़ावा देती है। इनमें थिएरोबिगिंस (यह यौगिक पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है) और थीफ्लेविन्स (जो कि एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और पेट में अल्सर जैसे रोग होने से रोकता है) शामिल हैं। चूहों पर किए गए एक शोध में यह पाया गया कि ब्लैक टी पेट के खाली रहने व किसी दवा के कारण बदहजमी को दूर रखने की क्षमता रखती है, इसलिए ब्लैक टी पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और यह पेट के रोग होने की रोकथाम होती है।
आवश्यक सामग्री
- 1 कप ब्लैक टी
- ½ चम्मच शहद
इस्तेमाल का तरीका
- टी बैग को एक कप गर्म पानी में 5 से 10 मिनट के लिए भिगोएं
- अब बैग को बाहर निकाल कर ब्लैक टी का सेवन करें
कब इस्तेमाल करें
पाचन प्रणाली को मजबूत रखने और पाचन रोग होने से बचाव करने के लिए रोजाना दिन में दो बार ब्लैक टी पिएं।
पाचन संबंधित रोग का इलाज है अदरक - Digestive disorder ki ayurvedic dawa hai adarak
अदरक पाचन प्रणाली से जुड़े सभी प्रकार के रोगों में इस्तेमाल होने वाली औषधि है। यह अपच, मतली, दस्त और कब्ज आदि जैसी बीमारियों के इलाज में मदद करती है। अदरक में जिंजरोल्स और शगोयल्स नाम के यौगिक पाए जाते हैं जो पेट में संकुचन की प्रकिया को बढ़ाते हैं।
आवश्यक सामग्री
- 1 छोटा चम्मच पीसी या घिसी हुई अदरक
- 1 छोटा चम्मच नींबू का रस या सेब का सिरका
- 1 छोटा चम्मच शहद
- 1 कप गर्म पानी
इस्तेमाल का तरीका
- पानी को उबलने के लिए रख दें
- अब इसमें अदरक, नींबू का रस और एक चम्मच शहद डालें
- पानी को 5 मिनट तक उबलने दें
- अब गुनगुना होने पर इसका सेवन करें
कब इस्तेमाल करें
अदरक की इस हर्बल चाय को दिन में 2 बार पिएं, जब तक आपकी पाचन क्रिया बढ़ न जाए।
पाचन रोगों का इलाज करने के लिए करें नींबू पानी का सेवन - Pachan sambandhi rogon ke liye karein nimbu pani ka sevan
नींबू पानी के एल्कलाइन प्रभाव पेट में बनी एसिड को बेअसर करने और पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है। पाचन क्रिया बढ़ाने और अपच जैसे पाचन रोगों इलाज करने के अलावा नींबू को विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। हालांकि, इसके अधिक सेवन से दांतों की परत नष्ट या खराब हो सकती है, इसलिए इसे सावधानी के साथ नीचे दी गई विधि अनुसार ही इस्तेमाल करें।
आवश्यक सामग्री
- 1 नींबू का रस
- 1 गिलास गर्म पानी
इस्तेमाल का तरीका
- नींबू को गुनगुने या गर्म पानी में अच्छे से निचोड़ लें
- स्वाद के लिए चाहें तो काला नमक भी मिला सकते हैं
- गुनगुना होने पर इस घोल को पी लें
अपने दांतों के बचाव के लिए नींबू पानी पीने के बाद साफ पानी से कुल्ला कर लें, ऐसा करने से नींबू के हानिकारक एसिड प्रभाव दांतों को नुकसान नहीं पहुंचा पाते।
कब इस्तेमाल करें
इस उपाय को रोजाना दिन में दो से तीन बार इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
पपीता है पाचन रोग का घरेलू उपाय - Papaya hai pachan rog ko thik karne ka tarika
पपीता एक स्वादिष्ट मीठा नारंगी फल है, जिसे कई बार अपच के घरेलू उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। पपीते में पैपेन नामक एंजाइम मौजूद होते हैं। यह एक शक्तिशाली एंजाइम है, जो हमारे खाने में मौजूद प्रोटीन को तोड़कर पाचन और अवशोषित करने की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं। कुछ लोग प्राकृतिक रूप से पर्याप्त एंजाइम नहीं बना पाते हैं, जिसके कारण उनकी पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है और उनको पाचन रोग हो जाते हैं। पैपेन जैसे एंजाइम का अतिरिक्त सेवन करने से अपच के लक्षणों से आराम मिलता है और डाइजेशन ट्रैक्ट मजबूत होता है। कुछ अध्ययनों से यह सामने आया है कि पपीते में एंटी पैरासिटिक (परजीवी को नष्ट करने वाले) गुण होते हैं और यह बच्चों के मल में अधिक पैरासाइट्स को बहार निकालने की क्षमता रखता है।
कब खाएं
पाचन प्रक्रिया में सुधार करने के लिए पपीते को सुबह और दोपहर का खाना खाने के दो घंटे बाद खाना शुरू करें। रात के समय पपीते का सेवन ना करें, इस समय यह डाइजेशन संबंधी कोई सुधार नहीं करता उल्टा स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
गर्म पानी से करें पाचन प्रणाली के रोगों का घरेलू उपचार - Garam pani hai pachan pranali rog ka gharelu upay
जब आपके शरीर में पर्याप्त पानी होता है, तो डाइजेस्टिव सिस्टम से भोजन गुजरने में आसानी होती है। खाना खाने के बाद या उससे पहले कभी भी ठंडा पानी न पिएं, क्योंकि शोधकर्ताओं के अनुसार ठंडे पानी को पचने में 1 घंटे से अधिक समय लगता है जबकि गर्म पानी सिर्फ 30 मिनट में अवशोषित हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हमारे शरीर को ठंडा पानी अवशोषित करने से पहले उसे गर्म करना पड़ता है। गर्म पानी डाइजेस्टिव सिस्टम को तेज और मजबूत करने के साथ पेट में ऐंठन, सूजन और गैस जैसे पाचन रोगों को भी कम करता है।
कब और कितना पिएं
पाचन तंत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है। दिन भर में हर 1 घंटे बाद 1 कप गर्म पानी जरूर पीना चाहिए इसके अलावा खाना खाने के आधे घंटे बाद पानी पियें।
इन सभी उपायों के साथ पाचन प्रणाली को और भी जल्दी मजबूत करने के लिए कई और तरीकों को अपनाया जा सकता है, जैसे कि रोजाना कसरत करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और खाना आसानी से पचता है, साथ ही यह कब्ज के लक्षणों को भी कम करने में मदद करती है। मेडिटेशन (ध्यान) भी एक ऐसा विकल्प है, जिससे आप अपने डाइजेशन को बेहतर बना सकते हैं। मेडिटेशन से तनाव और चिंता कम होती है, पाचन प्रणाली से संबंधित रोगों के लक्षण कम हो जाते हैं।