- काक्कूलस इंडिकस (Cocculus Indicus)
सामान्य नाम : इंडियन कोकल (Indian cockle)
लक्षण : संवेदनशील प्रकृति वाले लोगों पर ये दवा बेहतर असर करती है। शारीरिक और मानसिक थकान से ग्रस्त गोरी रंगत और हल्के बालों वाली महिलाओं को इस दवा को लेने की सलाह दी जाती है। नीचे बताए गए लक्षणों के इलाज में इंडियन कोकल का इस्तेमाल किया जाता है :
- मोशन सिकनेस (सफर में उल्टी आना), चिंता या मानसिक तनाव और प्रेगनेंसी के कारण वर्टिगो हो
- कई दिनों तक बार-बार वर्टिगो के अटैक आना
- खाने के बाद, खड़े होने के दौरान और लेटने की पोजीशन से उठने पर अचानक उलझन होना
- चक्कर आने और सिरदर्द के साथ कानों में घंटी बजना
- सिर में खाली और खोखलापन महसूस होना
- खुली हवा, खाने के दौरान, नींद में परेशान होने के साथ, गतिविधि करने (जैसे कि तैराकी), माहवारी के दौरान, शोर में, छूने पर और मानसिक तनाव होने पर ये लक्षण और बढ़ जाते हैं।
- बिस्तर पर लेटने और गरमाई में रहने पर लक्षणों में सुधार आता है।
एक अध्ययन में सामने आया है कि अन्य होम्योपैथी दवाओं के साथ कोक्कुलस इंडिकस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकारों से जुड़े वर्टिगो के इलाज में असरकारी है। ये दवा चक्कर आने से संबंधित जी मितली को भी कम करने में मदद करती है।
अन्य रिसर्च में पाया गया कि अन्य होम्योपैथी दवाओं के साथ कोक्कुलस इंडिकस कानों में वेस्टिबुलर सिस्टम (शरीर के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला) में विकार के कारण चक्कर आने के इलाज में मददगार होती है। इस स्टडी में पता चला कि कोक्कुलस इंडिकस वेस्टिबुलर सिस्टम में खून की आपूर्ति को बढ़ाने में मदद करती है और इस प्रकार चक्कर आने की समस्या में कमी आती है।
- अंब्रा ग्रिसिया (Ambra Grisea)
सामान्य नाम : एंबरग्रिस (Ambergris)
लक्षण : संवेदनशील और जल्दी घबरा जाने वाले लोगों के लिए ये दवा बहुत फायदेमंद है। ये दवा पतली और शारीरिक रूप से कमजोर महिलाओं एवं बच्चों तथा वृद्ध लोगों पर अच्छी तरह से काम करती है। ये दवा नीचे बताए गए लक्षणों को भी ठीक करती है:
- सिर में भारीपन और कमजोरी महसूस होन के साथ वर्टिगो
- चक्कर आने के साथ पेट में कमजोरी
- वर्टिगो के कारण चक्कर आना जो कि लेटने के बाद ठीक हो जाए
- सोने के बाद वर्टिगो का और गंभीर हो जाना
- संगीत सुनने पर ये सभी लक्षण और बढ़ जाते हैं
- गर्मी और सुबह के समय भी लक्षण खराब रहते हैं
- खुली और ताजा हवा में धीरे-धीरे चलने से लक्षणों में सुधार आता है
रिसर्च में सामने आया है कि अंब्रा ग्रिसिया केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर कार्य करती है और चक्कर आने एवं वर्टिगो के अन्य लक्षणों को कम करने में मदद करती है।
अन्य अध्ययन के अनुसार अंब्रा ग्रिसिया कानों के अंदर वेस्टिबुलर सिस्टम में रक्त प्रवाह पर कार्य करती है और चक्कर आने की तीव्रता में कमी लाने में मदद मिलती है।
- कोनियम मैकुलेटम (Conium Maculatum)
सामान्य नाम : पॉइजन हेमलॉक (Poison hemlock)
लक्षण : ये दवा वृद्ध, मजबूत मांसपेशियों वाले और संवेदनशील महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है। यह उन लोगों को भी दी जाती है, जिनमें ग्रंथियों में सूजन, कैंसर और तंत्रिका तंत्र के विकारों (लकवा) की प्रवृत्ति होती है। कोनियम मैकुलेटम से निम्न लक्षणों के इलाज में भी मदद मिलती है :
- गर्दन या सिर घुमाने या हिलाने पर वर्टिगो या चक्कर आना
- वर्टिगो के कारण गर्दन और आंखों को हल्का-सा भी न घुमा पाना
- चक्कर आने जैसा महसूस होने से बचने के लिए सिर को एक दम सीधा रखना
- वर्टिगो या चक्कर आने के साथ गोल-गोल घूमने जैसा एहसास होना
- आगे झुकने, बिस्तर पर लेटने, नींद के दौरान या उठने पर करवट बदलने पर चक्कर आना
झुकने, गर्दन और सिर को हल्का-सा भी हिलाने, बिस्तर पर लेटने के दौरान करवट बदलने, शराब पीने (थोड़ी मात्रा में भी) और माहवारी के दौरान चक्कर और बढ़ जाते हैं। खुली हवा में लक्षणों में सुधार आता है।
एक रिसर्च में सामने आया है कि कोनियम मैकुलेटम केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर कार्य करती है इसलिए ये वर्टिगो या चक्कर को कम करने में असरकारी है।
- पेट्रोलियम (Petroleum)
सामान्य नाम : क्रूड रॉक ऑयल, मिनरल ऑयल (Crude rock oil, mineral oil)
लक्षण : ये दवा पतले और गोरी रंगत वाले लोगों पर ज्यादा असर करती है। इससे नीचे बताए गए लक्षणों का भी इलाज किया जा सकता है :
- मोशन सिकनेस के कारण वर्टिगो या चक्कर आना
- जी मितली और उल्टी के कारण वर्टिगो या चक्कर आना
- सिर के पीछे वर्टिगो या चक्कर महसूस होना, खासतौर पर बैठे या लेटे हुई स्थिति से उठने पर, आगे गिरने जैसा महसूस होने के साथ
- पूरे शरीर में सुन्नता और अकड़न के साथ चक्कर आना
- खाना खाने के बाद उलझन और चक्कर आने जैसा महसूस होना
शोर में, खाने पर, आगे झुकने पर, कार में बैठने पर और धीरे चलने पर ऊपर बताए गए लक्षण और खराब हो जाते हैं। गर्म हवा या सिर उठाकर जमीन पर लेटने से लक्षणों से आराम मिलता है।
अध्ययनों की श्रृंखला में सामने आया है कि अन्य होम्योपैथी दवाओं के साथ पेट्रोलियम लेने से चक्कर आने या वर्टिगो और अन्य संबंधित लक्षणों जैसे कि जी मितली को कम करने में मदद मिलती है।
- वर्टिगोहील (Vertigoheel)
- इस दवा को कोनियम मैकुलेटम, अंब्रा ग्रिसिया, पेट्रोलियम और कोक्कुलस इंडिकस से बनाया गया है। इसका इस्तेमाल वर्टिगो (चक्कर आने) के इलाज में किया जाता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि वर्टिगोहील डिमेनहाइड्रिनेट (वर्टिगो के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एलोपैथी दवा) की तरह ही असरकारी है। डिमेनहाइड्रिनेट, वर्टिगो या चक्कर आने के विभिन्न कारणों के इलाज में असरकारी है।
अध्ययनों के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त वृद्ध मरीजों में वर्टिगो/चक्कर आने के इलाज में विशेष रूप से वर्टिगोहील प्रभावशाली है।
- जेलसीमियम (Gelsemium)
सामान्य नाम : यैलो जास्मीन (Yellow jasmine)
लक्षण : ये दवा उन युवा लोगों पर ज्यादा असर करती है जो संवेदनशील होते हैं, आसानी से परेशान हो जाते हैं और जल्दी घबरा जाते हैं। इस दवा से निम्न लक्षणों को भी ठीक किया जा सकता है :
- धुंधला दिखने के साथ वर्टिगो या चक्कर आना
- अचानक सिर घुमाने पर चक्कर आना
- सिर के पीछे से वर्टिगो का फैलना
- पूरे शरीर पर गर्म महसूस होने साथ चक्कर आने का एहसास
- चक्कर आने पर सिर में भारीपन महसूस होना जो कि पेशाब करने के बाद ठीक हो जाए
- अचानक बुरी खबर सुनने, किसी की बीमारी के बारे में सोचने और धूम्रपान करने पर चक्कर और बढ़ जाते हैं।
खुली हवा, लगातार धीरे-धीरे चलने और पेशाब करने से लक्षणों में सुधार आता है। अध्ययन में सामने आया है कि तनाव के कारण होने वाली चिंता के इलाज में जेलसीमियम असरकारी है।
- अर्जेन्टम नाइट्रिकम (Argentum Nitricum)
सामान्य नाम : नाइट्रेट ऑफ सिल्वर (Nitrate of silver)
लक्षण : ये दवा पतले और हमेशा घबराने वाले लोगों पर सबसे ज्यादा असर करती है। इन्हें बार-बार सिरदर्द के साथ सिर में हल्का दर्द महसूस होता है। इस दवा से नीचे बताए गए लक्षणों को भी ठीक किया जा सकता है:
- वर्टिगो या चक्कर आने के साथ सिरदर्द और मोशन सिकनेस के कारण
- उलझन में रहने के साथ चक्कर आना
- अंधेरे में चलने पर वर्टिगो या चक्कर आना
- गोल घूमने पर सिर चकराने जैसा एहसास होना
- वर्टिगो या चक्कर आने के साथ कान बजना
- मीठा खाने के बाद लक्षण और बढ़ जाते हैं।
गर्म वातावरण या मानसिक तनाव होने पर लक्षण और बढ़ जाते हैं जबकि डकार आने के बाद और खुली हवा में जाने पर लक्षणों में सुधार आता है।
- फेरम पिक्रिकम (Ferrum Picricum)
सामान्य नाम : पिक्रेट ऑफ आयरन (Picrate of iron)
लक्षण : ये दवा उन लोगों पर बेहतर असर करती है जिनमें खून ज्यादा होता है और जिनका रंग सांवला होता है। इस दवा से निम्न लक्षणों को भी ठीक किया जा सकता है:
- चक्कर आने के साथ ऐसा महसूस होना कि आसपास सब कुछ घूम रहा है
- ऐसा एहसास होना कि किसी ने सिर को धक्का दिया और व्यक्ति गिर जाएगा
- मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों में जमाव के कारण वर्टिगो
वैज्ञानिक रूप से ये साबित हो चुका है कि फेरम पिक्रिकम चक्कर आने या वर्टिगो और कान में घंटी बजने के इलाज में मददगार है।
अध्ययनों से संकेत मिलता है कि लाइकोपोडियम क्लेवेटम के साथ चिनिनम सल्फ्यूरिकम ब्रेन ट्यूमर से जुड़े लक्षणों जैसे कि कान में घंटी बजने, सिरदर्द और जी मितली एवं उल्टी के साथ वर्टिगो के इलाज में मदद कर सकती है। मरीज के मानसिक लक्षणों के आधार पर ही लाइकोपोडियम क्लेवेटम की सलाह दी जाती है।