कान में दर्द होना एक ऐसी समस्या है जो आपका सोना, खाना या कोई भी काम करना मुश्किल कर देती है। कई बार कान का दर्द इतना बढ़ जाता है कि बर्दाशत करना मुश्किल हो जाता है, ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से चिकित्सा लेना आवश्यक होता है ताकि ये और अधिक बढ़े नहीं। हालांकि, कुछ तरीकों से कान का दर्द ठीक या कम किया जा सकता है। कान के दर्द की ट्रीटमेंट उसके होने की वजह पर निर्भर करती है। आमतौर पर ये दर्द किसी सामान्य कारण से होता है जो कुछ उपाय करने पर अपने आप ठीक हो जाता है। इस लेख में क्या कान का दर्द खतरनाक होता है, कान में दर्द हो रहा हो तो क्या करें और इसके लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए के बारे में बताया गया है।
- क्या कान दर्द एक गंभीर समस्या होती है? - Kya kaan me dard hona gambhir hota hai
- कान दर्द के लिए क्या करना चाहिए? - Kaan dard hone par kya kare
- कान दर्द के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं? - Kan dard ke liye doctor ke pas kab jana chahiye
- सारांश
क्या कान दर्द एक गंभीर समस्या होती है? - Kya kaan me dard hona gambhir hota hai
अधिकतर कान के दर्द की वजह इन्फेक्शन या संक्रमण ही होता है, जो कुछ उपाय करने से या डॉक्टर से दवा लेने पर कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाता है। इसके सामान्य कारण होते हैं कान के दबाव में बदलाव आना, कान में कुछ चले जाना, साइनस इन्फेक्शन, कान में पानी या साबुन चले जाना अादि।
(और पढ़ें - कान में संक्रमण के लक्षण)
कान के दर्द का सही व समय पर इलाज न किया जाए तो इससे कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जैसे -
- अगर कान में मौजूद तरल पदार्थ कई समय तक कान के अंदर ही रह जाता है, तो ये कान के पर्दे या उसके आस-पास मौजूद हड्डियों को नुक्सान पहुंचा सकता है, जिससे कुछ समय के लिए या लम्बे समय के लिए सुनने की क्षमता खो सकती है। (और पढ़ें - कान बहने के कारण)
- अगर लम्बे समय तक कान के संक्रमण का इलाज न किया जाए, तो ये शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। (और पढ़ें - फंगल इन्फेक्शन के लक्षण)
- संक्रमण के कारण कान के पर्दे के पीछे तरल पदार्थ जमने लगता है, जिससे कान का पर्दा फट भी सकता है। (और पढ़ें - कान के पर्दे में छेद के लक्षण)
(और पढ़ें - सुनने में परेशानी के घरेलू उपाय)
इन सभी स्थितियों में कान में बहुत दर्द होता है, इसीलिए कान के दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस लेख के आखिरी भाग में कान दर्द होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए के बारे में बताया गया है।
कान दर्द के लिए क्या करना चाहिए? - Kaan dard hone par kya kare
कान में दर्द होने पर निम्नलिखित प्राथमिक उपचार किए जा सकते हैं -
- कान में दर्द होने पर इस बात का ध्यान रखें कि कान में उंगली या कोई भी अन्य वस्तु न डालें, इससे दर्द और बढ़ सकता है। (और पढ़ें - कान बजने के कारण)
- दर्द से आराम के लिए आप कान पर एक कपडे को गीला करके रख सकते हैं। (और पढ़ें - कान में खुजली के कारण)
- कान दर्द के लिए ठंडी सिकाई भी की जा सकती है। इसके लिए बर्फ के टुकड़ों को तौलिये में लपेटकर अपने कान पर 15 से 20 मिनटों तक रखें। ध्यान रहे की कान की त्वचा पर बर्फ के टुकड़े सीधे न रखें, इससे आपकी त्वचा को नुकसान हो सकता है। (और पढ़ें - बर्फ की सिकाई कैसे करते हैं)
- कान में पानी न जाने दें। (और पढ़ें - बहरेपन के लक्षण)
- नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं (Non-steroidal anti-inflammatory drugs) से कान का दर्द कुछ समय तक कम हो सकता है, जैसे आइबुप्रोफेन, एसीटामिनोफेन और एस्पिरिन। याद रहे कि बच्चों को एस्पिरिन न दें और कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य करें। (और पढ़ें - पेन किलर के साइड इफेक्ट)
- पानी पीना न भूलें। (और पढ़ें - खाली पेट पानी पीने के फायदे)
- कान के दबाव को कम करने के लिए सीधे बैठें।
- कान में गर्म सिकाई करने से कान की सूजन और दर्द में आराम मिल सकता है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि आप जिस वस्तु से सिकाई कर रहे हैं, उसे सीधे अपनी त्वचा पर न रखें, इससे आपकी त्वचा को नुक्सान हो सकता है। (और पढ़ें - सूजन कम करने के घरेलू उपाय)
- चबाने और उबासी लेने से कान में दबाव कम होता है। (और पढ़ें - कान बंद होने के कारण)
- कान के दर्द के लिए आप मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली कान की ड्रॉप्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, लेकिन इन्हें इस्तेमाल करने से पहले इनके पीछे दिए गए आदेशों को पढ़ लें या डॉक्टर से सलाह लें। (और पढ़ें - कान बहना रोकने के घरेलू उपाय)
- अगर किसी छोटे बच्चे के कान में दर्द है, तो उन्हें कुछ खिला दें या दूध पीला दें। (और पढ़ें - बच्चों को मां का दूध पिलाने के फायदे)
- अगर कान का दर्द जबड़े और दांत तक फैल रहा है, तो कान के आस-पास हल्के हाथों से मसाज करें। (और पढ़ें - दांत दर्द हो तो क्या करना चाहिए)
(और पढ़ें - कान के रोग के प्रकार)
कान दर्द के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं? - Kan dard ke liye doctor ke pas kab jana chahiye
वैसे तो कान का दर्द अपने आप कुछ समय में ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में इसके लिए डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता हो सकती है। निम्नलिखित स्थितियों में तुरंत डॉक्टर के पास जाएं -
- आगर आपके कान का दर्द बहुत तेज है।
- अगर आपको कान दर्द के साथ लम्बे समय से तेज बुखार है। (और पढ़ें - तेज बुखार में क्या करना चाहिए)
- अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को कान दर्द के साथ बुखार, सिरदर्द, गर्दन में अकड़न और सुस्ती जैसे लक्षण हो रहे हैं। ये मेनिनजाइटिस या इन्सेफेलाइटिस के लक्षण हो सकते हैं।
- अगर आपको बहुत तेज कान दर्द होता और एकदम से ठीक हो जाता है, तो ये कान का पर्दा फटने का लक्षण हो सकता है। इसे नजरअंदाज न करें और जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाएं। (और पढ़ें - कान के पर्दे में छेद के लक्षण)
- अगर आपको कान में दर्द के साथ कान से मवाद निकलना और कान के आस-पास लाली अनुभव हो रहे हैं, तो ये एक गंभीर स्थिति हो सकती है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से इलाज लें। (और पढ़ें - कान बहने के कारण)
- अगर आपको कान दर्द के साथ चक्कर आ रहे हैं। (और पढ़ें - चक्कर आने पर क्या करें)
- अगर आपको कान दर्द के साथ वर्टिगो, कान बजना या बहरापन अनुभव हो रहे हैं।
- अगर आपको बहुत तेज सिरदर्द हो रहा है। (और पढ़ें - सिरदर्द होने पर क्या करे)
- अगर आपको कान दर्द के साथ अस्वस्थ महसूस हो रहा है या बेचैनी हो रही है। (और पढ़ें - घबराहट कम करने के उपाय)
- अगर आपके कान के आस-पास सूजन है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। (और पढ़ें - आंखों की सूजन के घरेलू उपाय)
- कान के दर्द का कई घंटों तक ठीक न होने और बढ़ते जाना कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
- अगर आपकी चेहरे की मांसपेशियां लटक रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
- अगर आपके कान में से पस या खून निकल रहा है। (और पढ़ें - चेहरे के लकवे के लक्षण)
- अगर नवजात शिशु के कान में दर्द हो रहा है या उसके साथ कोई भी अन्य लक्षण हो रहे हैं, तो तुरंत शिशु को डॉक्टर के पास ले जाएं।
(और पढ़ें - नवजात शिशु व बच्चों की देखभाल)
सारांश
कान में दर्द का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है, लेकिन त्वरित राहत के लिए कुछ सामान्य उपाय किए जा सकते हैं। अगर दर्द हल्का है, तो गर्म पानी की सिकाई या गर्म कपड़े का इस्तेमाल किया जा सकता है। ओटीसी दर्द निवारक दवाएं, जैसे पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन, भी दर्द कम कर सकती हैं। अगर कान में संक्रमण का शक हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है, क्योंकि एंटीबायोटिक्स की जरूरत पड़ सकती है। कान को साफ रखने और किसी भी प्रकार की चोट या खरोंच से बचाने का ध्यान रखना चाहिए। घरेलू उपाय, जैसे गर्म तेल का उपयोग, बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह स्थिति को खराब कर सकता है। बच्चों और वयस्कों दोनों में, कान के दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और अगर दर्द लगातार बना रहे या सुनने में समस्या हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।