बुखार होना बहुत ही आम स्थिति है और हर व्यक्ति को कभी न कभी या समय-समय पर बुखार होता ही है जो कुछ घरेलू उपाय या डॉक्टर से इलाज लेने के बाद ठीक हो जाता है। हालांकि, तेज बुखार होना एक गंभीर समस्या है, जिसके लिए तुरंत डॉक्टर के पास जाना आवश्यकत होता है नहीं तो ये जानलेवा हो सकती है।
(और पढ़ें - बच्चे को बुखार होने के कारण)
तेज बुखार तब होता है जब आपका मस्तिष्क शरीर को तापमान बढ़ाने के लिए संदेश देता है। ये आमतौर पर किसी चीज से रिएक्शन या चोट लगने के कारण होता है। कभी-कभी हल्का बुखार होने पर सही उपचार न मिलने या लापरवाही के कारण भी तेज बुखार हो जाता है
(और पढ़ें - चोट लगने पर क्या करें)
इस लेख में तेज बुखार किसे कहते हैं, तेज बुखार के लिए क्या करना चाहिए और इस स्थिति में डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता कब होती है के बारे में बताया गया है।
- तेज बुखार किसे कहते हैं - Tej bukhar kise kehte hai
- तेज बुखार के लिए क्या करना चाहिए - Tej bukhar ko kam karne ka tarika
- तेज बुखार के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं - Tej bukhar ke liye doctor ke pas kab jana chahiye
तेज बुखार किसे कहते हैं - Tej bukhar kise kehte hai
बहुत तेज बुखार होने को अंग्रेजी में “हाइपरपायरेक्सिया” (Hyperpyrexia) कहते हैं। ये एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें शरीर का मूल तापमान सामान्य से बहुत अधिक हो जाता है। एक व्यसक के शरीर का सामान्य तापमान 97 डिग्री फेरनहाइट (36.11 डिग्री सेल्सियस) से 99 डिग्री फेरनहाइट (37.22 डिग्री सेल्सियस) के बीच होता है। बच्चों व नवजात शिशुओं के शरीर का तापमान बड़ों के मुकाबले थोड़ा अधिक होता है। उनके लिए सामान्य तापमान 97.9 डिग्री फेरनहाइट (36.61 डिग्री सेल्सियस) से 100.4 डिग्री फेरनहाइट (38 डिग्री सेल्सियस) के बीच होता है।
(और पढ़ें - शरीर का सामान्य तापमान कितना होता है)
शरीर का सामान्य तापमान पूरे दिन में थोड़ा बहुत ऊपर-नीचे होता रहता है। सुबह के समय शरीर का तापमान सबसे कम होता है जो धीरे-धीरे बढ़ने लगता है और दोपहर के समय ये तापमान सबसे ज्यादा होता है।
जब शरीर का तापमान सामान्य से बढ़कर 104 से 106 डिग्री के पार हो जाता है, तो उसे बहुत तेज बुखार होना कहा जाता है। इस स्थिति आपातकालीन होती है और इसके लिए तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। तेज बुखार का सही इलाज न होने पर इससे मस्तिष्क या शरीर के अन्य अंगों को स्थायी नुक्सान और मौत भी हो सकती है।
तेज बुखार के लिए क्या करना चाहिए - Tej bukhar ko kam karne ka tarika
तेज बुखार होना एक आपातकालीन स्थिति होती है, जिसके लिए व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। मदद मिलने तक आप रोगी की निम्नलिखित तरीके से प्राथमिक चिकित्सा कर सकते हैं -
- व्यक्ति को ठंडे पानी से नहलाएं। (और पढ़ें - नहाने का सही तरीका)
- व्यक्ति के शरीर पर आइस पैक रखें और ठंडे पानी का छिड़काव करें।
- अगर जरुरत महसूस हो तो व्यक्ति को ठन्डे पानी से भिगो दें।
- व्यक्ति के माथे पर ठंडे पानी की पट्टियां करें।
- व्यक्ति को ठंडी हवा दें।
- व्यक्ति को कोई भी दवा बिना डॉक्टर से पूछे न दें।
- व्यक्ति के शरीर पर गीली चादर या तौलिये डाल दें और उसपर ठंडी हवा करें, ताकि पानी भाप बनकर उड़ सके और शरीर का तापमान कम हो सके।
- इसके अलावा अगर व्यक्ति ने बहुत टाइट कपडे पहने हैं, तो उन्हें उतार दें।
तेज बुखार होने पर सबसे पहले व्यक्ति के शरीर के तापमान को कम करने का प्रयास करना चाहिए। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर इसके कारण का इलाज करते हैं।
तेज बुखार के लिए डॉक्टर के पास कब जाएं - Tej bukhar ke liye doctor ke pas kab jana chahiye
तेज बुखार होना एक आपातकालीन स्थिति होती है, जिसके लिए तुरंत चिकित्सा लेना अनिवार्य होता है। तेज बुखार होने पर कभी भी डॉक्टर के पास जाना नजरअंदाज न करें। तेज बुखार के साथ निम्नलिखित लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सा अवश्य लें -
- अगर नवजात शिशु के शरीर का तापमान 100 डिग्री फेरनहाइट से अधिक हो जाता है। (और पढ़ें - नवजात शिशु को बुखार होने के कारण)
- पेशाब करने में दर्द होना। (और पढ़ें - पेशाब में दर्द और जलन क्यों होती हैं)
- सांस अनियमित होना। (और पढ़ें - सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे)
- गर्दन में अकड़न होना। (और पढ़ें - गर्दन में अकड़न के घरेलू उपाय)
- सुस्ती आना। (और पढ़ें - थकान दूर करने के लिए क्या खाएं)
- पेट में दर्द होना। (और पढ़ें - पेट दर्द के घरेलू उपाय)
- बहुत तेज सिरदर्द होना। (और पढ़ें - सिर दर्द से छुटकारा पाने के उपाय)
- दस्त होना। (और पढ़ें - दस्त रोकने के घरेलू उपाय)
- त्वचा पर चकत्ते होना।
- बार-बार उल्टी आना। (और पढ़ें - उल्टी रोकने के घरेलू उपाय)
अस्पताल जाने पर भी इस बात का ध्यान रखें कि तेज बुखार के लिए केवल जूनियर नर्स से चिकित्सा लेना अनिवार्य नहीं है, इसका इलाज किसी प्रशिक्षित नर्स या डॉक्टर की देख-रेख में होना चाहिए।
नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।