गाउट एक प्रकार का गठिया होता है. यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब रक्त में यूरिक एसिड बनने लगता है. इसके कारण जोड़ों में सूजन हो जाती है, जिसे गाउट कहा जाता है. गाउट होने पर तेज दर्द और बुखार भी हो सकता है. अगर लंबे समय तक गाउट का इलाज न कराया जाए, तो क्रोनिक गठिया, पथरी और किडनी फेलियर की समस्या हो सकती है.

ऐसे में इसके उपचार के साथ-साथ आहार में फल को शामिल करना भी अहम होता है, क्योंकि फल भी गाउट में राहत दिलाने में फायदेमंद माने जाते हैं. गाउट के लिए विटामिन-सी से समृद्ध फल जैसे संतरा, अंगूर, कीवी, आम और स्ट्रॉबेरी आदि का सेवन करने की सलाह दी जाती है.

आज इस लेख में जानेंगे कि गाउट में कौन-से फल खाने चाहिए -

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  1. गाउट में खाए जाने वाले फल
  2. गाउट में कौन-से फल नहीं खाने चाहिए
  3. सारांश
गाउट में कौन से फल खाएं के डॉक्टर

गाउट होने पर कई तरह के फलों का सेवन करने की सलाह दी जाती है, लेकिन सबसे ज्यादा असरदार फल संतरा, अंगूर, कीवी, आम और स्ट्रॉबेरी हैं. ये फल किस तरह गाउट में फायदा पहुंचाते हैं, आगे विस्तार से जानिए -

संतरा

गाउट के मरीजों के लिए संतरा लाभकारी हो सकता है. इस संबंध में प्रकाशित वैज्ञानिक शोध के अनुसार, संतरे में विटामिन-सी की भरपूर मात्रा होती है. विटामिन-सी को एक तरह का एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव से युक्त फल माना जाता है. संतरे में मौजूद विटामिन-सी का यह एंटीइंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम कर सकता है. साथ ही विटामिन-सी से शरीर के यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में भी सहायता मिलती है. इसलिए, गाउट के मरीज को अपने आहार में संतरा जरूर शामिल करना चाहिए.

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अंगूर

अंगूर खाने के फायदे गाउट पर भी नजर आ सकते हैं. दरअसल, अंगूर में विटामिन-सी के साथ ही कई अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो गाउट के प्रभाव को धीमा करने का काम कर सकते हैं. इससे गाउट, गठिया और अन्य सूजन की समस्या से राहत मिल सकती है. ऐसे में गाउट को ठीक करने के लिए नियमित रूप से अंगूर खाना बेहतर होगा.

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कीवी

कीवी फल को गुणों का खजाना कहा जाता है, जो गाउट को ठीक करने में मदद कर सकता है. इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटीफीवर गुण होते हैं. एंटी इंफ्लेमेटरी गुण गाउट के सूजन को कम करता है, एनाल्जेसिक प्रभाव से दर्द में राहत मिलती है और एंटीफीवर गुण बुखार को ठीक करने का काम कर सकता है.

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आम

गाउट में कौन-सा फल खाना चाहिए, इस सवाल का एक जवाब आम भी है. गाउट के लिए आम को लेकर किए गए अध्ययन से पता चलता है कि आम भी विटामिन-सी का अच्छा स्रोत है. जैसा कि लेख में बताया गया है कि विटामिन-सी एंटीइंफ्लेमेटरी गुण की तरह कार्य कर सकता है, जिसे सूजन को कम करने के लिए जाना जाता है. ऐसे में गाउट के कारण होने वाली सूजन को कम करने में भी आम मदद कर सकता है.

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स्ट्रॉबेरी

गाउट को ठीक करने में स्ट्रॉबेरी सहायक साबित हो सकती है. एक मेडिकल रिसर्च की मानें, तो स्ट्रॉबेरी में विटामिन-सी की समृद्ध मात्रा होती है, जो रक्त में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है. साथ ही विटामिन-सी एंटीइंफ्लेमेटरी के तौर पर काम करके गाउट के कारण हुई सूजन को ठीक करने में अहम भूमिका निभा सकता है.

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गाउट को ठीक करने में जितनी अहम भूमिका फल की होती है, उतनी ही अहम भूमिका इस समस्या को बढ़ाने में भी हो सकती है. केला, सेब, लीचीअनानास ऐसे फल हैं, जिनके सेवन से गाउट की स्थिति गंभीर हो सकती है. आइए, आगे जानते हैं कि केला, सेब, लीची और अनानास को गाउट में खाने से क्यों माना किया जाता है.

  • गाउट से पीड़ित मरीजों को शुगरी यानी मीठे फल न लेने कि सलाह दी जाती है. केला उन्हीं मीठे फलों में आता है, इसलिए गाउट की स्थिति में इसके सेवन को कम या बंद कर देना चाहिए.
  • सेब में यूरिक एसिड की मात्रा पाई जाती है, जो रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ाने का काम कर सकता है. इससे गाउट में सुधार होने के बजाय ये गंभीर रूप ले सकता है.
  • गाउट से जूझ रहे लोगों को लीची से परहेज करना चाहिए. लीची में शुगर की अच्छी मात्रा होती है, जो गाउट के लिए हानिकारक साबित हो सकती है.
  • अगर गाउट है और अनानास खाने की सोच रहे हैं, तो इस विचार को मन से निकाल दें. दरअसल, अनानास एक शुगरी फल है. गाउट की स्थिति में शुगरी फलों से परहेज करने का सुझाव दिया जाता है.

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गाउट को सही खानपान से कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है. इस समय संतरा, अंगूर, कीवी, आम और स्ट्रॉबेरी आदि फलों का सेवन करना चाहिए और केला, सेब, लीची और अनानास से दूर रहना चाहिए. अगर गाउट की स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर है, तो डॉक्टर को दिखाएं और उनके द्वारा बताए गए इलाज व खानपान को ही अपनाएं.

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