ब्लड में यूरिक एसिड बढ़ने की वजह से गाउट की समस्या हो सकती है. इस समस्या को वातरक्त भी कहा जाता है. यह गठिया यानि आर्थराइटिस का ही एक प्रकार होता है.

गाउट होने पर मुख्य रूप से शरीर में हड्डियों के ज्वाइंट्स प्रभावित होते हैं. गाउट एक काफी दर्दनाक स्थिति है, इससे पीड़ित मरीजों को काफी अधिक दर्द का सामना करना पड़ता है. गाउट से ग्रसित होने पर आमतौर पर ज्वाइंट्स में लालिमा, सूजन और काफी तेज दर्द का अनुभव हो सकता है. अक्सर इस समस्या की शुरुआत पैरों के अंगूठे से होती है.

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अगर गाउट का इलाज समय पर नहीं किया गया, तो यह आपके किडनी को प्रभावित कर सकता है. इसलिए गाउट का समय पर इलाज जरूरी है. गाउट का इलाज कई तरीकों से किया जा सकता है.

एलोपैथी के अलावा होम्योपैथी में भी गाउट का इलाज कोल्चिकम, बेंज़ोइक एसिड, अर्निका ,रस टॉक्सिकोडेंड्रोन और लेडम पेलस्ट्रे जैसी दवाओं से संभव है. आज हम इस लेख में गाउट के होम्योपैथिक इलाज के बारे में जानेंगे.

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  1. गाउट की होम्योपैथिक दवाएं - Homeopathic medicines for gout in Hindi
  2. सारांश - Summary
गाउट की होम्योपैथिक दवा और इलाज के डॉक्टर

गाउट की समस्याओं को कम करने के लिए आप होम्योपैथिक में मौजूद दवाइयों का सेवन कर सकते हैं. बेंज़ोइक एसिड, कोल्चिकम, लेडम पेलस्ट्रे इत्यादि ऐसी दवाइयां हैं, जिससे आपको गाउट में होने वाली परेशानियों से राहत मिल सकता है. रिसर्च में भी इन दवाइयों को फायदेमंद बताया गया है. आइए विस्तार से जानें गाउट के होम्योपैथिक इलाज के बारे में.

कोल्चिकम - Colchicum

अगर आप गाउट में होने वाली समस्याओं को दूर करना चाहते हैं, तो कोलचिकम का इस्तेमाल कर सकते हैं. होम्योपैथी में यह दवाई गाउट के मरीजों को तब दी जाती है, जब मरीज के ज्वाइंट्स लाल और स्पर्श करने पर बहुत संवेदनशीलता महसूस होती हो. यह होम्योपैथिक दवाई गाउट के दर्द को कम करने में प्रभावकारी साबित हो सकती हैं. गाउट की समस्या बढ़ने पर बड़े पैरों के अंगूठे या एड़ी को हिलाना या छूना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि इस स्थिति में काफी असहनीय दर्द हो सकता है. गाउट के मरीजों को शाम या फिर रात में अधिक दर्द होता है. इसके अलावा ठंड, नम मौसम में भी दर्द बढ़ने की संभावना अधिक होती है और मौसम परिवर्तन या वसंत ऋतु में गाउट की परेशानी काफी ज्यादा बढ़ती है. ऐसी स्थिति में मरीजों को होम्योपैथिक डॉक्टर कोल्चिकम दवाई दे सकते हैं.

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बेंज़ोइक एसिड - Benzoic acid

होम्योपैथिक में इसका इस्तेमाल गाउट के लिए किया जाता है. विशेष रूप से घुटने या बड़े पैर के अंगूठे में समस्या बढ़ने पर होम्योपैथिक डॉक्टर आपको यह दवाई दे सकते हैं. इसके इस्तेमाल से जोड़ों में दर्द, तीव्र गठिया और गठिया के साथ कठोरता, सूजन और लंगड़ापन इत्यादि दूर करने की कोशिश की जाती है. इसके अलावा, गाउट के अन्य लक्षणों को दूर करने के लिए भी डॉक्टर आपको बेंज़ोइक एसिड का इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं. रिसर्च में बताया गया है कि गाउट के गंभीर लक्षणों को कम करने के लिए बेंजोइक एसिड का इस्तेमाल किया जा सकता है.

अर्निका - Arnica

गाउट की वजह से होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए होम्योपैथी में आपको अर्निका दी जा सकती है. इसके इस्तेमाल से गाउट में होने वाले दर्दनाक दर्द,  रैशेज और चलने में होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है. दरअसल, गाउट में दर्द के कारण व्यक्ति को प्रभावित हिस्से पर संपर्क करने या छूने से डर महसूस होता है. अर्निका का इस्तेमाल ऐसी ही स्थिति से दूर रहने के लिए किया जा सकता है.

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लेडम पेलस्ट्रे - Ledum palustre

गाउट की समस्या होने पर पैरों के बड़े अंगूठों में अत्यधिक सूजन हो सकती है. यह सूजन धीरे-धीरे घुटनों तक या फिर उससे ऊपर की ओर बढ़ सकती है. ऐसे में इस परेशानी को कम करने के लिए होम्योपैथिक डॉक्टर आपको लेडम पेलस्ट्रे का इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं. इससे ठंड की वजह से बढ़ रहे सूजन और दर्द को कम किया जा सकता है.

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बर्बेरिस वल्गरिस - Berberis vulgaris

जोड़ों में हो रहे दर्द और ऐंठन को कम करने के लिए बर्बेरिस वल्गरिस का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसकी वजह से गाउट के कारण चलने में दर्द और मरोड़ बढ़ने की शिकायत कम हो सकती है. साथ ही इसके इस्तेमाल से पीठ दर्द और गुर्दे की पथरी होने की आशंका को भी कम किया जा सकता है.

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लेडम - Ledum

गाउट की वजह से जोड़ों की लालिमा और सूजन को कम करने में यह दवा लाभकारी हो सकता है. अगर ठंडे की वजह से आपकी समस्या बढ़ रही है, तो डॉक्टर की सलाह पर आप इस दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं.

रस टॉक्सिकोडेंड्रोन - Rhus toxicodendron

गाउट में ज्वाइंट्स को मोड़ने में परेशानी हो सकती है. इसके अलावा जोड़ों में सूजन और गर्मी का एहसास हो सकता है. इस परेशानी को कम करने के लिए डॉक्टर आपको रस टॉक्सिकोडेंड्रोन का इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं.

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गाउट की परेशानियों को कम करने के लिए आप होम्योपैथिक दवाइयों का सहारा ले सकते हैं.  बेंज़ोइक एसिड, कोल्चिकम, लेडम पेलस्ट्रे इत्यादि ऐसी दवाइयां हैं, जिससे आपको काफी फायदा हो सकता है.  

लेकिन ध्यान रखें कि होम्योपैथिक इलाज को अपनाने से पहले एक बार डॉक्टर से उचित सलाह जरूर लें. वहीं, अपनी गंभीरता के आधार पर मेडिकल विकल्प चुनें.

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