कभी-कभार खांसी होना सामान्य समस्या है. बलगम के फेफड़ों से बाहर निकलते ही या खांसी पैदा करने वाले बैक्टीरिया और वायरस नष्ट होते ही खांसी बंद हो जाती है. वहीं, अगर किसी व्यक्ति को लगातार और लंबे समय तक खांसी रहे, तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है. यह किसी बीमारी का कारण हो सकती है. अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) लगातार होने वाली खांसी के मुख्य कारण हो सकते हैं, लेकिन सूजन कम होते ही, ये समस्या भी कम होने लगती है.

वहीं, अगर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या सीओपीडी का उपचार करने के बाद भी खांसी बंद नहीं होती है, तो इस स्थिति में दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. यहां तक कि हार्ट फेल भी हो सकता है. इसलिए, अगर किसी को अस्थमा या फेफड़ों से जुड़ी बीमारी की वजह से खांसी हो रही है, तो उसका समय पर इलाज करवाना जरूरी होता है. अन्यथा खांसी हृदय को प्रभावित कर सकती है.

आज इस लेख में आप खांसी और हृदय रोग के बीच संबध के बारे में विस्तार से जानेंगे -

(और पढ़ें - हृदय रोग से बचने के उपाय)

  1. खांसी कैसे हृदय रोग का कारण बनती है?
  2. खांसी की वजह से होने वाले हृदय रोग का इलाज
  3. क्या सभी तरह की खांसी हृदय रोग का कारण बन सकती है?
  4. सारांश
क्या खांसी और हृदय रोग के बीच कोई संबंध है? के डॉक्टर

लगातार होने वाली खांसी हार्ट फेलियर का कारण बन सकती है. हार्ट फेलियर तब होता है, जब हृदय की मांसपेशियों में शिथिलता आ जाती है. ऐसा हृदय की मांसपेशियों में संकुचन या कठोरता के कारण हो सकता है. 

जब हृदय की मांसपेशियों में संकुचन होता है, तो तरल पदार्थ (बलगम) वापस फेफड़ों में चला जाता है. इससे पल्मोनरी एडिमा नामक स्थिति पैदा हो सकती है. ऐसे में बलगम को बाहर निकालने के लिए लगातार खांसी आती है. जब खांसी की वजह से हृदय रोग होने लगता है, तो कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं -

(और पढ़ें - हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक दवा)

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अगर किसी को लगातार खांसी हो रही है और बलगम निकल रहा है, तो इस स्थिति में डॉक्टर से बात करना बहुत जरूरी हो जाता है. ऐसे में डॉक्टर बीमारी का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्टछाती का एक्स-रेइकोकार्डियोग्रामइलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईकेजी) आदि टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं. टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद ही डॉक्टर इसका सही इलाज करते हैं. साथ ही निम्न प्रकार की सलाह दे सकते हैं -

जीवनशैली में बदलाव

अपने जीवन में निम्न प्रकार के बदलाव लाकर इस समस्या से कुछ हद तक बचा जा सकता है -

  • खांसी हृदय को प्रभावित कर सकती है. इसलिए, हृदय को स्वस्थ रखने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें.
  • अधिक वजन भी हृदय रोगों को जन्म दे सकता है. इसलिए, वजन को कंट्रोल में रखें. अगर वजन अधिक है, तो इसे कम करने की कोशिश करें.
  • तनाव कम करें और पूरी नींद लें.
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज और योगाभ्यास करने से भी हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है.
  • हृदय को स्वस्थ रखने के लिए शराब, धूम्रपान और कैफीन से परहेज करें.

(और पढ़ें - हृदय के कौन-कौन से टेस्ट होते हैं)

दवाइयां

जब जीवनशैली में बदलाव करने पर व्यक्ति को कोई फर्क नहीं पड़ता है, तो डॉक्टर कुछ दवाइयां लिख सकते हैं. हार्ट फेलियर के इलाज में निम्न दवाइयां उपयोग में लाई जा सकती हैं -

  • एंजियोटेंसिन-कंवर्टिंग एंजाइम (एसीई) इनहेबिटर
  • एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर
  • एंजियोटेंसिन रिसेप्टर नेप्रिल्सिन इनहेबिटर
  • बीटा ब्लॉकर
  • एल्डोस्टेरोन एंजियोटेंसिन
  • डिजॉक्सिन
  • हाइड्रालाजिन और इसोसॉरबिड मोनोनाइट्रेट
  • ड्यूरेटिक्स
  • SGLT2 इनहेबिटर

(और पढ़ें - हृदय रोग में क्या खाएं)

हृदय को स्वस्थ बनाए रखने और विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाने के लिए Myupchar Ayurveda Hridyas को दवा के रूप में खाया जा सकता है -

खांसी होना सामान्य होता है. मौसम बदलने पर लोगों को खांसी व जुकाम से परेशान होना पड़ता है. इसके साथ ही धूल-मिट्टी और प्रदूषण के कणों की वजह से भी कई बार खांसी होने लगती है. सर्दी, फ्लू, निमोनिया व एसिड रिफ्लक्स की वजह से भी खांसी हो सकती है. ये खांसी कुछ दिनों में ठीक हो जाती है और अन्य कोई दिक्कत नहीं होती है. ऐसे में कहा जा सकता है कि सभी तरह की खांसी हृदय रोग का कारण नहीं बन सकती है.

वहीं, अगर किसी को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या सीओपीडी की वजह से खांसी हो रही है और इलाज के बाद भी खांसी ठीक नहीं हो रही है, तो यह हृदय रोग की ओर संकेत हो सकता है. यह स्थिति हार्ट फेलियर की हो सकती है. ऐसे में डॉक्टर से इलाज करवाना जरूरी हो जाता है.

(और पढ़ें - हृदय रोग के लिए योगासन)

अगर किसी को कभी-कभी खांसी होती है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. यह सामान्य हो सकती है, लेकिन अगर किसी को अस्थमा या ब्रोंकाइटिस है और उसकी वजह से लगातार खांसी हो रही है और खांसी बंद नहीं हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए. फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों की वजह से होने वाली खांसी न सिर्फ आपको परेशान करती है, बल्कि हार्ट फेलियर का कारण भी बन सकती है. इसलिए, इसे हृदय संबंधी खांसी कहा जाता है. अगर कुछ दिनों तक लगातार खांसी होती है, तो डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए.

(और पढ़ें - हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर में अंतर)

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