कभी-कभार खांसी होना सामान्य समस्या है. बलगम के फेफड़ों से बाहर निकलते ही या खांसी पैदा करने वाले बैक्टीरिया और वायरस नष्ट होते ही खांसी बंद हो जाती है. वहीं, अगर किसी व्यक्ति को लगातार और लंबे समय तक खांसी रहे, तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है. यह किसी बीमारी का कारण हो सकती है. अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) लगातार होने वाली खांसी के मुख्य कारण हो सकते हैं, लेकिन सूजन कम होते ही, ये समस्या भी कम होने लगती है.
वहीं, अगर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या सीओपीडी का उपचार करने के बाद भी खांसी बंद नहीं होती है, तो इस स्थिति में दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. यहां तक कि हार्ट फेल भी हो सकता है. इसलिए, अगर किसी को अस्थमा या फेफड़ों से जुड़ी बीमारी की वजह से खांसी हो रही है, तो उसका समय पर इलाज करवाना जरूरी होता है. अन्यथा खांसी हृदय को प्रभावित कर सकती है.
आज इस लेख में आप खांसी और हृदय रोग के बीच संबध के बारे में विस्तार से जानेंगे -
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