हर साल हृदय रोगों से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, इसलिए हृदय को स्वस्थ रखना आज की जरूरत बन गया है.
आज के समय में हृदय रोग का इलाज जानना जरूरी है, जो आप इस लिंक पर जाकर पता कर सकते हैं.
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए योगासन और आयुर्वेदिक उपचार काफी अहम रोल निभाते हैं. योगासन पूरे शरीर को स्वस्थ रखते हैं साथ ही ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी बैलेंस करते हैं. जिससे हृदय रोग भी दूर रहते हैं. बद्धकोनासन, कपालभाती और गोमुखासन ऐसे आसन हैं जो दिल के रोग को दूर करने में मदद कर सकते हैं.
आज इस लेख में आप जानेंगे कि हृदय रोग के लिए योग कैसे फायदेमंद है -
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हृदय रोगों से बचाने वाले योगासन
हमारे आज के व्यस्त लाइफ स्टाइल ने काफी बीमारियों में इजाफा किया है, खासकर कि कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (CVD) में. लेकिन योग के माध्यम से ब्लड लिपिड के बढ़े हुए लेवल, ब्लड प्रेशर, साइकोलॉजिकल स्ट्रेस आदि समस्याओं को कम किया जा सकता है जो कि हृदय रोगों का कारण हैं. सेतु बांध सर्वांगासन, मेडिटेशन और संबधित को दिल से संबंधित बीमारियो को दूर कर सकते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं हृदय रोग के लिए कौन-कौन से योग हैं फायदेमंद.
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बद्धकोणासन
बद्धकोणासन ब्लड सर्कुलेशन में सुधार लाता है. जिससे ब्लड क्लॉट (Clot) नहीं बनते. सर्कुलेशन अच्छा होने के कारण धमनियां (Arteries) भी अच्छे से काम करती हैं. इस योग से ब्लड प्रेशर/हाइपरटेंशन जैसी स्थिति में भी सुधार लाया जा सकता है. यह बैठकर किया जाने वाला आसन कूल्हे, पेट की मसल्स और जांघों को स्ट्रेच करने में मदद करता है और ह्दय को स्वस्थ रखता है.
कैसे करें
- इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं और पैरों को आगे की ओर खोल लें.
- अब पैरों को आपस में जोड़ लें और इस तरह का पोज़ बनायें कि पैरों के बीच में एक डायमंड शेप बन सके.
- अपनी एड़ियों को पेल्विस के करीब लाने की कोशिश करें.
- सांस अंदर लेते समय ऊपर की ओर उठने की कोशिश करें और सांस छोड़ते समय वापिस जमीन पर आएं. इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें.
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सेतुबंधासन
सेतुबंधासन भी बीपी की समस्या को दूर करने में मददगर हो सकता है. जो हृदय रोग होने का एक रिस्क फैक्टर है. अगर हाई बीपी लेवल है तो इसे अधिक इंटेंसिटी के साथ न करें.
कैसे करें
- एक मैट पर पीठ के बल लेट जाएं.
- हाथों से एड़ियों को पकड़ने की कोशिश करें, अगर एड़ी नहीं पकड़ी जा रही तो जहां तक हाथ जा रहा है वहीं रहने दें.
- अब पैरों को जमीन पर रखते हुए हिप्स को ऊपर उठाएं.
- हिप्स के साथ-साथ, छाती और पेट भी ऊपर रहेगा. कुछ समय इसी अवस्था में रहें.
- फिर वापिस नीचे आ जाएं.
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कपालभाति
कपालभाति एक ब्रीदिंग तकनीक है और यह प्राणायाम का ही एक प्रकार है. प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम, कपालभाती आदि हृदय के लिए काफी लाभदायक हो सकता है.
कैसे करें
- कपालभाती करने के लिए सबसे पहले एक मैट पर बैठ जाएं.
- अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें ताकि यह एक्सरसाइज अच्छे से हो सके.
- अपने घुटनों को मोड़ लें और एक पैर के ऊपर दूसरा पैर रखें.
- एक लंबी और गहरी सांस लें.
- अब सांस जल्दी-जल्दी बाहर छोड़ें ताकि पेट पर असर महसूस हो सके.
- इस दौरान केवल सांस बाहर छोड़ने पर अधिक फोकस करना है.
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गोमुखासन
गोमुखासन भी हृदय के लिए लाभदायक होता है. इस आसन से मसल्स रिलैक्स होती हैं और आराम मिलता है. साथ ही एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है. जिससे मन और दिमाग तनाव रहित होते हैं. साथ ही कार्डियोवैस्कुलर मजबूत होती है फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ती है और मांसपेशियां स्ट्रांग बनती हैं.
कैसे करें
- इसे करने के लिए सबसे पहले रिलैक्स हो कर बैठ जाएं.
- कमर सीधी रखें और पैरों को एक दूसरे के ऊपर क्रिस क्रॉस फॉर्म में रख लें.
- अब एक हाथ को सिर के ऊपर लेकर जाएं और दूसरे हाथ को कमर के पीछे.
- पहले हाथ को भी पीछे की ओर करें और दोनों हाथों को एक दूसरे से पकड़ने की कोशिश करें.
- इस दौरान काफी स्ट्रेच महसूस होगा.
- लेकिन रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधी रखें.
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मेडिटेशन
मेडिटेशन करने से स्ट्रेस से राहत मिलती है, दिमाग काफी शांत महसूस करता है. मानसिक रूप से कई समस्याएं मेडिटेशन करने से हल हो सकती हैं. इससे आपकी हार्ट रेट भी नियमित रहती है और हार्ट बीट भी. सुबह–सुबह मेडिटेशन करना सबसे अधिक लाभदायक होता है.
कैसे करें
- कुछ समय के लिए शांत जगह बैठ जाएं और दिमाग में कुछ भी ख्याल न लेकर आएं.
- कुछ समय खुद के साथ केवल शांतिपूर्वक बिताए.
- इससे शरीर और मस्तिष्क एक दूसरे से जुड़ते है.
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सारांश
हार्ट रेट शारीरिक और मानसिक स्थिति से प्रभावित होता है. अगर शरीर स्वस्थ रहने के साथ-साथ मन से भी स्वस्थ रहेगा तो हृदय रोगों का रिस्क काफी कम हो सकता है. योग करना न केवल शरीर के लिए बल्कि मन के लिए भी अच्छा होता है. गोमुखासन, मेडिटेशन और कपालभाति आदि योगासन शरीर को टॉक्सिंस से फ्री रखने के साथ-साथ, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने और दिल के रोग से बचाने में लाभदायक हो सकते हैं.
योग के निरंतर अभ्यास से डिप्रेशन, हाइपरग्लाइसीमिया आदि रोगों से भी बचाव होता है. जिसकी वजह से हृदय रोग भी दूर रहते हैं. लेकिन योग करने से पहले एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. यदि पहली बार योग कर रहे हैं तो किसी एक्सपर्ट की निगरानी में करें.
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हृदय रोग के लिए योगासन के डॉक्टर

Dr. Manju
कार्डियोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr. Farhan Shikoh
कार्डियोलॉजी
11 वर्षों का अनुभव

Dr. Amit Singh
कार्डियोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव
