अन्य पोषक तत्वों की तरह ही आपको कोलेस्ट्रॉल की भी आवश्यकता होती है। यह शरीर और भोजन से मिलने वाला वसायुक्त पदार्थ है। शरीर के कार्यों के लिए अन्य पोषक तत्वों की तरह ही कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है। उदाहरण के तौर पर कोलेस्ट्रॉल का उपयोग कोशिकाओं की बाहरी परत और कुछ हार्मोन्स के निर्माण के लिए किया जाता है।
आप यहां दिए लिंक पर क्लिक करके जान सकते हैं कि हाई कोलेस्ट्रॉल का इलाज कैसे किया जाता है।
लेकिन कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होने से आपको हार्ट अटैक व स्ट्रोक होने का खतरा हो सकता है। करीब 75 प्रतिशत कोलेस्ट्रॉल लीवर के द्वारा बनाया जाता है, इसके आलावा शेष कोलेस्ट्रॉल की पूर्ति भोजन द्वारा पूरी की जाती है। लिपोप्रोटिन के द्वारा कोलेस्ट्रॉल को रक्त में पहुंचाया जाता है।
इस लेख में आपको कोलेस्ट्रॉल क्या है इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही आपको कोलेस्ट्रॉल को रक्त में पहुंचाने वाले लिपोप्रोटीन के प्रकार और कोलेस्ट्रॉल की नॉर्मल रेंज और चार्ट के बारे में भी विस्तार से बताने का प्रयास किया गया है।
(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल में क्या खाना चाहिए)
- कोलेस्ट्रॉल क्या है, प्रकार और कार्य - Cholesterol kya hai, prakar aur karya
- कोलेस्टॉल कितना होना चाहिए, नार्मल रेंज और चार्ट - Cholesterol kitna hona chahiye, normal range aur range
- सारांश
कोलेस्ट्रॉल क्या है, प्रकार और कार्य - Cholesterol kya hai, prakar aur karya
कोलेस्ट्रॉल एक मोम या वसा जैसा पदार्थ होता है जो लीवर द्वारा निर्मित होता है। यह कोशिका झिल्ली, विटामिन डी, पाचन और कुछ हार्मोन के गठन के लिए महत्वपूर्ण होता है। कोलेस्ट्रॉल पानी में घुलता नहीं है इसलिए वह शरीर के अन्य अंगों में खुद नहीं पहुंच सकता। लिपोप्रोटीन्स नामक कण कोलेस्ट्रॉल को रक्तप्रवाह के माध्यम से शरीर के अन्य अंगों में पहुंचाने में मदद करते हैं।
(और पढ़ें - हार्मोन असंतुलन का इलाज)
कोलेस्ट्रॉल रक्त में प्रोटीन व लिपिड (फैट) से बने संरचनात्मक द्रव रूप में मौजूद होता है। कोलेस्ट्रॉल और प्रोटीन युक्त इसी तत्व को लिपोप्रोटीन कहा जाता है। इसके संयोजन के आधार पर लिपोप्रोटीन को मुख्य रूप से दो प्रकार में विभाजित किया जाता है। इसको आगे विस्तार से बताया गया है:
- हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल: HDL) कोलेस्ट्रॉल:
इस प्रकार के लिपोप्रोटीन में फैट की तुलना में प्रोटीन अधिक होता है। इसे अच्छा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर आपको हृदय संबंधी रोग कम होने की ओर संकेत करता है। (और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल का इलाज )
- लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल: LDL) कोलेस्ट्रॉल:
इस लिपोप्रोटीन में प्रोटीन की तुलना में फैट अधिक होता है। इसको खराब कोलेस्ट्रॉल माना जाता है। (और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय)
एचडीएल और एलडीएल के कार्य
एचडीएल (HDL) का ज्यादा हिस्सा प्रोटीन से बना होता है। कोशिकाओं से कोलेस्ट्रॉल को लेना और उसको नष्ट करने के लिए लीवर के पास ले जाना इसका मुख्य कार्य होता है। इससे शरीर से कोलेस्ट्रॉल साफ होता है। एचडीएल का स्तर कम होने से कोरोनरी आर्टरी डिजीज (धमनी की बीमारी) होने का खतरा बढ़ जाता है। जबकि एचडीएल के उच्च स्तर से आपका हृदय रोगों से बचाव होता है।
इसके अलावा एलडीएल (LDL) का ज्यादातर हिस्सा फैट से बना होता है और इसमें एक चौथाई हिस्सा प्रोटीन का होता है। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को लीवर से शरीर के अन्य हिस्सों तक ले जाता है, यह कोशिकाओं को दोबारा ठीक करने (repair) और अन्य कार्यों के लिए आवश्यक होता है।
(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए जूस)
कोलेस्टॉल कितना होना चाहिए, नार्मल रेंज और चार्ट - Cholesterol kitna hona chahiye, normal range aur range
कोलेस्ट्रॉल का स्तर बच्चों और व्यस्कों में अलग अलग होता है। इसके स्तर को कुल कोलेस्ट्रॉल, लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल: Low-density lipoproteins), हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल: High-density lipoproteins) और ट्राइग्लिसराइड (रक्त में एक प्रकार का फैट) के आधार पर मापा जाता है। आगे आपको कोलेस्ट्रॉल की नार्मल रेंज चार्ट के माध्यम से बताई गई है।
व्यस्कों के लिए कोलेस्ट्रॉल चार्ट
कुल कोलेस्ट्रॉल (मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर: mg/dl) | हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर: mg/dl) | लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर: mg/dl) | ट्राइग्लिसराइड (मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर: mg/dl) | |
आदर्श स्तर | 200 से कम | आदर्श रूप से 60 और अधिक: पुरूषों के लिए 40 या अधिक, महिलाओं के लिए 50 या अधिक | 100 से कम, यदि कोरोनरी आर्टरी डिजीज हो तो 70 से कम होना चाहिए। | 149 से कम |
जोखिम स्तर | 200 से 239 | आंकड़े उपलब्ध नहीं | 130-159 | 150-199 |
अधिक स्तर | 240 या अधिक | आंकड़े उपलब्ध नहीं | 160 या अधिक, 190 को बेहद अधिक स्तर माना जाता है | 200 या अधिक, 500 को बेहद अधिक माना जाता है |
कम स्तर | आंकड़े उपलब्ध नहीं | 40 से कम | आंकड़े उपलब्ध नहीं | आंकड़े उपलब्ध नहीं |
(और पढ़ें - लिपिड प्रोफाइल टेस्ट क्या है)
बच्चों के लिए कोलेस्ट्रॉल चार्ट
कुल कोलेस्ट्रॉल (मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर: mg/dl) | हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर: mg/dl) | लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर: mg/dl) | ट्राइग्लिसराइड (मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर: mg/dl) | |
आदर्श स्तर | 170 और कम | 45 से अधिक | 110 से कम | 9 साल से कम आयु के बच्चों में 75 से कम, 10 से 19 वर्ष के बच्चों में 90 से कम होना। |
जोखिम स्तर | 170 से 199 | 40 से 45 | 110 से 129 | 9 साल से कम आयु के बच्चों में 75 से 99, 10 से 19 वर्ष के बच्चों का स्तर 90 से 129 तक, |
अधिक स्तर | 200 या अधिक | आंकड़े उपलब्ध नहीं | 130 या अधिक | 9 साल से कम आयु के बच्चों में 100 से अधिक, 10 से 19 साल के बच्चों में 130 या अधिक, |
कम स्तर | आंकड़े उपलब्ध नहीं | 40 से कम | आंकड़े उपलब्ध नहीं | आंकड़े उपलब्ध नहीं |
(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए डाइट चार्ट)
सारांश
इस लेख से यह स्पष्ट होता है कि मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल के 2 प्रकार होते हैं - एडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल और एचडीएल यानी अच्छा कोलेस्ट्रॉल। साथ ही वयस्कों और बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का लेवल अलग-अलग होता है। खराब काेलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाने के लिए संतुलित जीवनशैली का पालन करना चाहिए। साथ ही पोषक तत्वों से युक्त डाइट लेनी चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल नार्मल रेंज कितना होना चाहिए और चार्ट के डॉक्टर

Dr. Manju
कार्डियोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव

Dr. Farhan Shikoh
कार्डियोलॉजी
11 वर्षों का अनुभव

Dr. Amit Singh
कार्डियोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव
