किडनी संबंधी कई प्रकार के रोगों के समूह को किडनी रोग कहा जाता है। जब किडनी किसी वजह से खराब हो जाती है, काम करना बंद कर देती है या ठीक तरीके से काम नहीं कर पाती तो इस स्थिति को किडनी रोग कहा जाता है।
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किडनी रोग में इलाज के साथ-साथ जरूरी है कि आप खानपान पर भी ध्यान दें। किडनी रोग में सही खानपान से पथरी, किडनी में सूजन आदि बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है। इस लेख में हमने किडनी रोग में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, परहेज के बारे में विस्तार से बताया है। तो चलिए जानते हैं किडनी रोग में क्या खाएं क्या न खाएं:
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किडनी रोग में क्या खाएं? - kidney rog me kya khaye
- किडनी रोग में पत्ता गोभी खाने के फायदे - kidney rog me patta gobhi khaye
- किडनी रोग होने पर लहसुन खाने के फायदे - kidney rog hone par lehsun khaye
- किडनी रोग कम करने के लिए फूल गोभी खाने के फायदे - kidney rog kam karne ke liye fool gobhi khana chahiye
- किडनी रोग से छुटकारा पाने के लिए प्याज खाने के फायदे - kidney rog se chutkara pane ke liye pyaj khaye
- किडनी रोग में सेब खाने के फायदे - kidney rog me seb khana chahiye
- किडनी रोग को दूर करने के लिए अन्य आहार - kidney rog ko door karne ke liye any aahar
- किडनी रोग में क्या न खाएं? - kidney rog me kya na khaye
- किडनी रोग में परहेज कैसे करें? - Kidney rog me parhej
- सारांश
किडनी रोग में क्या खाएं? - kidney rog me kya khaye
किडनी रोग में पत्ता गोभी खाने के फायदे - kidney rog me patta gobhi khaye
फूलगोभी कई विटामिन और खनिज पदार्थों से समृद्ध होती है। इसमें विटामिन K, विटामिन सी और कई विटामिन बी मौजूद होते हैं। इसके अलावा इसमें घुलनशील फाइबर होता है, यह एक ऐसा फाइबर है जिससे आपको नियमित रूप से मल आता है और इस तरह आपका पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
फूलगोभी में फाइटोकेमिकल होते हैं। फाइटोकेमिकल कैंसर से लड़ने के लिए जाने जाते हैं, साथ ही ह्रदय को स्वस्थ रखते हैं। फाइटोकेमिकल ऐसे केमिकल यौगिक हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचने से पहले ही शरीर में मौजूद हानिकारक मुक्त कणों को तोड़ देते हैं।
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किडनी रोग होने पर लहसुन खाने के फायदे - kidney rog hone par lehsun khaye
लहसुन दांतों में मैल लगने से बचाता है, कोलेस्ट्रॉल कम करता है और सूजन दूर करता है। जिन लोगों को किडनी रोग होता है उन्हें डॉक्टर द्वारा यही सलाह दी जाती है कि वो अपनी डाइट में सोडियम की मात्रा को कम कर दें। नमक की जगह लहसुन पाउडर आपके खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। स्वाद देने के साथ-साथ लहसुन आपको कई स्वास्थ्य लाभ भी देती है। लहसुन में मैंगनीज, विटामिन सी व विटामिन बी6 और सल्फर घटक होते हैं जिनमें सूजनरोधी गुण पाए जाते हैं।
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किडनी रोग कम करने के लिए फूल गोभी खाने के फायदे - kidney rog kam karne ke liye fool gobhi khana chahiye
पत्ता गोभी में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे विटामिन सी, विटामिन k और विटामिन बी। इसमें इंडोल्स (Indoles) जैसे सूजनरोधी घटक होते हैं और यह फाइबर का बेहतरीन स्रोत है। साथ ही, मसली हुई पत्ता गोभी को आप आलू की जगह पर भी खा सकते हैं, क्योंकि इसमें पोटैशियम कम मात्रा में होता है। आप इसकी सब्जी बनाकर या सलाद के रूप में भी खा सकते हैं।
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किडनी रोग से छुटकारा पाने के लिए प्याज खाने के फायदे - kidney rog se chutkara pane ke liye pyaj khaye
खाने में प्याज डालने से स्वाद आता है, इसमें सल्फर घटक होता है, जिसकी वजह से प्याज में तेज गंध आती है। लेकिन प्याज फ्लवोनोइड्स से समृद्ध होती है, खासकर कुअरसिटिन (Quercetin) से, यह एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है जो हृदय रोग को दूर करता है और कई प्रकार के कैंसर से बचाता है।
प्याज में पोटैशियम कम होता है और यह क्रोमियम का अच्छा स्रोत है, यह एक ऐसा खनिज है जो कार्बोहाइड्रेट, फैट और प्रोटीन मेटाबॉलिज्म में मदद करता है। आप अलग-अलग प्रकार की प्याज का इस्तेमाल करें, जैसे सफेद, ब्राउन, लाल आदि। बर्गर, सैंडविच और सलाद में कच्चा प्याज जरूर खाएं और सब्जियों में ज्यादा से ज्यादा प्याज मिलाएं।
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किडनी रोग में सेब खाने के फायदे - kidney rog me seb khana chahiye
सेब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, कब्ज से बचाता है, ह्रदय रोग से सुरक्षित रखता है और कैंसर के जोखिम को कम करता है। सेब में फाइबर अधिक होता है और इसमें सूजनरोधी गुण होते हैं। किडनी रोग के लिए सेब बेहद अच्छा है। आप सेब को कच्चा, एप्पल सॉस के रूप में या सेब का जूस या सेब के सिरके के रूप में ले सकते हैं।
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किडनी रोग में क्या न खाएं? - kidney rog me kya na khaye
किडनी रोग में निम्नलिखित चीजें न खाएं:
1. किडनी रोग में प्रोसेस्ड और फास्ट फूड:
प्रोसेस्ड और जंक फूड में अक्सर नमक, चीनी और अस्वस्थ वसा मौजूद होती है। किडनी रोग से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप इनसे दूर रहें। इसमें स्नैक फूड जैसे चिप्स, क्रैकर और कूकीज साथ ही पहले से पैक्ड खाना, डब्बे में बंद सूप और अन्य आहार शामिल हैं। बल्कि जो खाने स्वस्थ दिखते हैं जैसे बंद डब्बे की सब्जियां और फल - उनमें भी चीनी या नमक की मात्रा अधिक हो सकती है। कम मात्रा में सोडियम वाले डिब्बाबंद या फ्रोजन फल और सब्जियां बिना किसी चीनी के तैयार होते हैं, अगर आपके पास ताजा उत्पाद उपलब्ध नहीं है तो आप यह विकल्प चुन सकते हैं।
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2. पोटैशियम और फॉस्फोरस से समृद्ध खाद्य पदार्थ न खाएं:
किडनी रोग की गंभीरता और प्रकार को देखते हुए, आपको डॉक्टर सलाह दे सकते हैं कि आप अधिक मात्रा में पोटैशियम और फास्फोरस का सेवन करना बंद कर दें। क्योंकि जब आपकी किडनी अच्छे से अपना कार्य नहीं कर पाती है तब ये खनिज पदार्थ आपके रक्त में इकट्ठा होने लगते हैं। डॉक्टर आपको यह भी सलाह दे सकते हैं कि नमक के विकल्प के रूप में पोटैशियम से समृद्ध खाद्य पदार्थ न खाएं। इनमें दूध, योगर्ट, एवोकाडो, केला और अन्य सब्जियां व फल, नट्स और बीन्स शामिल हैं। फॉस्फोरस से समृद्ध खाद्य पदार्थों में सॉफ्ट ड्रिंक, डेयरी प्रोडक्ट, बीन्स आदि शामिल हैं।
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3. अधिक प्रोटीन न खाएं:
प्रोटीन की मात्रा को नियंत्रित करें, क्योंकि अत्यधिक प्रोटीन खाने से किडनी रोग का जोखिम बढ़ जाता है। अंडे, चिकन, मछली, मीट और डेयरी उत्पादों में प्रोटीन काफी ज्यादा होता है, इन्हें अधिक मात्रा में खाने से शरीर में विषाक्त पदार्थ इख्ठा होने लग जाते हैं, जो कि आपकी खराब किडनी के लिए समय पर साफ करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। जब आपको किडनी रोग हो तो हाई प्रोटीन डाइट कम लें।
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4. ज्यादा नमक न खाएं:
सोडियम अधिक मात्रा में लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और किडनी के सही से कार्य न करने से शरीर में द्रव का स्तर भी अधिक होने लगता है। खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए नमक की जगह हर्ब्स का इस्तेमाल करें। प्रोसेस्ड फूड, बंद डब्बे वाले आहार, बाहर के खाने आदि में सोडियम अधिक मात्रा में होता है। सोडियम की सही मात्रा जानने के लिए अपने डॉक्टर से एक बार सलाह जरूर लें।
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किडनी रोग में परहेज कैसे करें? - Kidney rog me parhej
किडनी रोग में परहेज इस प्रकार है:
1. शराब का सेवन कम करें:
रोजाना दिन में चार बार से ज्यादा शराब पीने वालों में शराब न पीने वालों के मुकाबले किडनी रोग का जोखिम दोगुना होता है। वहीँ अगर कोई इंसान धूम्रपान के साथ-साथ अत्यधिक शराब का सेवन करता है तो उसमे यह जोखिन पांच गुना अधिक बढ़ जाता है। इसलिए किडनी रोग से बचने के लिए शराब का सेवन करना कम कर दें।
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2. अधिक मात्रा में चीनी न खाएं:
कई खाद्य और पेय पदार्थों में काफी मात्रा में चीनी मौजूद होती है, जिसकी वजह से वजन बढ़ सकता है। मोटापे के कारण से हाई बीपी और शुगर का जोखिम बढ़ जाता है। यह दोनों किडनी रोग होने के सबसे सामान्य कारण हैं। इसलिए कोई भी डिब्बा-बंद खाद्य पदार्थ लेने से पहले डब्बे पर लिखी सामग्रियों को एक बार जांच लें और अपनी डाइट में चीनी कम कर दें।
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3. प्रोसेस्ड फूड न खाएं:
कई लोग जिन्हें किडनी रोग होता है उन्हें अपनी डाइट में फास्फोरस की मात्रा कम कर देनी चाहिए। वहीँ प्रोसेस्ड फूड में सोडियम और फास्फोरस की बहुत अधिक मात्रा होती है। जो किडनी रोगियों के लिए खतरनाक हो सकता है। कुछ स्टडी का कहना है कि प्रोसेस्ड फूड से अधिक मात्रा में फॉस्फोरस लेने से गुर्दे स्वस्थ हों तो भी उन्हें नुकसान पहुंच सकता है। इसका मतलब अगर गुर्दे स्वस्थ नहीं हैं, तो प्रोसेस्ड फूड का सेवन जितना कम किया जाए उतना अच्छा है।
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4. धूम्रपान न करें:
यह तो सभी जानते हैं कि धूम्रपान करना फेफड़ों या ह्रदय के लिए नुकसानदायक होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि यह आपकी किडनी के लिए भी हानिकारक होता है। जो लोग धूम्रपान करते हैं उनके मूत्र में प्रोटीन होने की आशंका बढ़ जाती है जो किडनी खराब होने का एक लक्षण है।
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5. दर्द निवारक गोलियों का अत्यधिक प्रयोग न करें:
मेडिकल स्टोर में मिलने वाली दर्द निवारक गोलियां आपके दर्द को तो कम कर देती हैं, लेकिन इनसे आपकी किडनी को नुकसान पहुंच सकता है, खासकर तब जब आपको पहले से ही किडनी रोग हो। इसलिए कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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सारांश
किडनी रोग में सही आहार और परहेज का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि किडनी पर ज़्यादा दबाव न पड़े और उसके कार्य में सुधार हो सके। ऐसे मरीजों को कम प्रोटीन, सोडियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस वाला आहार लेना चाहिए। किडनी रोगी प्रोटीन में दाल, चना, मटर और मांसाहार का सेवन सीमित मात्रा में करें। नमक कम करें और पैकेज्ड फूड या फास्ट फूड से बचें, क्योंकि इनमें सोडियम अधिक होता है। फल में केला, संतरा, टमाटर जैसी पोटैशियम वाले फलों से बचना चाहिए। दूध और डेयरी उत्पादों का सेवन भी सीमित करें, क्योंकि इनमें फॉस्फोरस होता है। तरल पदार्थ का सेवन डॉक्टर की सलाह अनुसार करें, खासकर अगर सूजन या यूरिन में कमी हो।
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