घुटने के दर्द से परेशान लोगों के लिए अच्छी खबर है। भारतीय शोधकर्ताओं ने एक दवा का सुझाव दिया है जो इस बीमारी का उचित इलाज कर दर्द से निजात दिलाने में सहायक हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के शोधकर्ताओं द्वारा यह अध्ययन किया गया है, जिसमें उन्होंने पाया कि "मेथोट्रेक्सेट" दवा के तीन महीने के उपचार से वयस्कों में "प्राइमरी नी ऑस्टियोआर्थराइटिस" (ओए) के साथ घुटने की सूजन संबंधी समस्या में महत्वपूर्ण सुधार हो सकता है। उल्लेखनीय है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द से संबंधित एक आम बीमारी है जो अधिकांश मध्यम आयु वर्ग के लोगों से लेकर बुजुर्गों को प्रभावित करती है। घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस वाले कई लोगों में जलन के साथ सूजन, हरारत और दर्द का एहसास होता है।
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कैसे की गई रिसर्च?
कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के शोधकर्ताओं ने स्टडी के दौरान वयस्कों में प्राइमरी नी ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए ओरल मेथोट्रेक्सेट (methotrexate) दवा और प्लेसिबो ट्रीटमेंट का तुलना की, जिसमें उन्हें मेथोट्रेक्सेट दवा से काफी अच्छे नतीजे देखने को मिले। प्लेसिबो उपचार के तहत शोधकर्ताओं ने ग्लूकोसामाइन (glucosamine) दवा को शामिल किया था जो कि गठिया के दर्द में एक पेन रिलीफ (दर्द निवारक) दवा का काम करती है। एसएसकेएम अस्पताल से रिसर्च के शोधकर्ता बिस्वादीप घोष का कहना है " प्राइमरी नी ऑस्टियोआर्थराइटिस से जुड़े लगभग सभी रोगियों को जोड़ों में दर्द और सूजन का अनुभव होता है। इस अवधि के दौरान दर्द बढ़ने के साथ शारीरिक कार्यों में भी कमी हो जाती है।"
इस बीमारी के चलते पीड़ित व्यक्ति के घुटने में सूजन रहती है और दर्द के साथ हर बार घुटनों की संरचनाओं को थोड़ा और नुकसान पहुंचता है। हालांकि, कुछ समय बाद, जलन खत्म होने के साथ सूजन भी आंशिक रूप से कम हो जाती है। शोधकर्ता घोष का कहना है, "इस स्थिति में घुटनों के ठीक होने की उम्मीद कम हो जाती है। हालांकि, फिजियोथेरेपी के जरिए नी रिप्लेसमेंट से थोड़ी राहत जरूर मिलती है। लेकिन अगर हम घुटने की सूजन और दर्द को कम करने में सफल हुए तो हमारी यह रिसर्च ऑस्टियोआर्थराइटिस से जुड़े रोगियों के लिए मददगार साबित होगी।"
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घुटने में सूजन और दर्द की समस्या से पीड़ित लोग रिसर्च में हुए शामिल
प्राइमरी नी ऑस्टियोआर्थराइटिस से संबंधित जिन रोगियों (पुरुष और महिला) के दोनों घुटनों के जोड़ों में कम से कम छह महीने से सूजन और दर्द था। साथ ही एक्स-रे में भी इनके ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या से ग्रस्त होने की पुष्टि हई थी। ऐसे लोगों को इस अध्ययन में शामिल किया गया। रिसर्च के दौरान उन मरीजों की जांच की गई, जिनको जलन के साथ पूरे घुटने में दर्द और सूजन की समस्या थी। इसके बाद ऑस्टियोआर्थराइटिस के चयनित बायोमार्करों के लिए सभी रोगियों से इकट्ठा किए गए रक्त नमूनों (ब्लड सैंपल) और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों की जांच की गई। इसके साथ ही प्राइमरी नी ऑस्टियोआर्थराइटिस से जुड़े इंफ्लेमेटरी ग्रुप के मरीजों को अन्य सूजन जैसे कि गठिया के लिए एक जांच प्रक्रिया से गुरना पड़ा। इसके लिए समूह में शामिल मरीजों का एक क्लीनिकल एग्जाम, ब्लड टेस्ट, मस्कुलोस्केलेटल अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे के साथ-साथ उनके घुटनों का एमआरआई स्कैन किया गया।
इसके बाद इंफ्लेमेटरी ग्रुप में शामिल कुछ लोगों को रैन्डम्ली हफ्ते में एक बार मेथोट्रेक्सेट दवा की 15-20 मिलीग्राम खुराक खाने को दी गई। दूसरी ओर बाकी लोगों को प्लेसबो के रूप में ग्लूकोसामाइन दवा की प्रतिदिन 1,500 मिलीग्राम खुराक दी गई। इसके बाद महीने में एक बार इन लोगों की जांच की गई और जांच की यह प्रक्रिया तीन महीने तक चली। वहीं मरीजों को अनुमति थी कि अगर उन्हें जरूरत पड़ती है तो वह दर्द निवारक के रूप में एसिटामिनोफेन या ट्रैमाडोल दवा ले सकते हैं। इसके साथ घुटने के दर्द की समस्या में सुधार के लिए रिसर्च की शुरुआत में ही 7-10 दिनों के लिए नॉन-स्टेरायडल एंटी इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी) भी दी गई थीं।
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इस पूरी प्रक्रिया के दौरान जुलाई 2016 से जून 2019 तक प्राइमरी नी ऑस्टियोआर्थराइटिस वाले कुल 344 लोगों को शामिल किया गया और उनकी जांच की गई। अध्ययन के परिणामों से पता चला है कि सूजन और दर्द के साथ प्राइमरी नी ऑस्टियोआर्थराइटिस वाले रोगियों में ओरल मेथोट्रेक्सेट दवा लेने के तीन महीने बाद महत्वपूर्ण सुधार हुआ। इस तरह नए डाटा से पता चलता है कि मेथोट्रेक्सेट, "नी ऑस्टियोआर्थराइटिस" वाले लोगों (दर्द और सूजन से पीड़ित) के लिए एक प्रभावी दवा हो सकती है।