सर्दियों का मौसम दस्तक दे चुका है। कभी ठंड के नाम पर तो कभी प्रदूषण के नाम पर सुस्ती भी तन-मन पर हावी होने लगी है। ऐसे में शारीरिक व्यायाम और एक्टिविटी की कमी आपके लिए घातक साबित हो सकती है। यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हाल ही जनरल ऑफ द अमेरिकन जेरियाट्रिक्स सोसाइटी में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक कम शारीरिक क्रिया करने वाले लोगों में मृत्यु का जोखिम ज्यादा बढ़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग स्वास्थ्य को लेकर गंभीर हैं, उनकी तुलना में सेहत को लेकर कम जागरुक लोगों पर यह खतरा अधिक मंडरा रहा है।

रिसर्च के मुताबिक अध्ययनकर्ताओं ने अपने शोध में पाया कि शारीरिक रूप से कम एक्टिव लोगों की मौत के आंकड़ों में भी इजाफा हुआ है, जो करीब 9 प्रतिशत तक बढ़ा है। शारीरिक गतिविधियों से जुड़े होने पर मृत्यु की आशंका कम हो जाती है। साथ ही रोजाना कसरत करने से हमें हृदय रोग, डायबिटीज, मानसिक बीमारी और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों से भी बचाव होता है।
 
यह शोध ब्राजील की फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ पेलोटास की रिसर्च टीम ने किया है। रिसर्च टीम ने ब्राजील के वयस्कों पर अध्ययन किया और मृत्यु व शारीरिक व्यायाम के बीच के संबंध को ध्यान से देखा।

डब्ल्यूएच की ताजा रिपोर्ट
वहीं लैंसेट चाइल्ड एंड एडोलेसेंट हेल्थ जरनल में प्रकाशित डब्ल्यूएचओ की ताजा रिसर्च के मुताबिक स्कूल जाने वाले 80 प्रतिशत से ज्यादा युवा दिन में एक घंटे के लिए भी शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं होते। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट बताती है कि विश्वभर में करीब 85 प्रतिशत लड़कियां और 78 प्रतिशत लड़कों में शारीरिक गतिविधि का स्तर बहुत कम है, जो उनके वर्तमान और भविष्य के स्वास्थ्य से खिलवाड़ जैसा है। रिपोर्ट के तहत कम शारीरिक गतिविधि का सबसे न्यूनतम स्तर बांग्लादेश, भारत और अमेरिका के युवाओं (लड़कों) में पाया गया।

अध्ययन में पता चला कि बांग्लादेश और भारत में शारीरिक गतिविधि का निम्न स्तर (जहां साल 2016 में 63 प्रतिशत और 72 फीसदी लड़के सक्रिय नहीं थे) क्रिकेट जैसे राष्ट्रीय खेलों पर ज्यादा फोकस के कारण हो सकता है।

ज्यादा सुस्ती मौत की वजह कैसे? 
उत्तर भारत में दिसंबर से फरवरी के बीच अत्यधिक ठंड पड़ती है और जो लोग गर्मियों के महीनों में नियमित एक्सरसाइज व वॉक करते हैं वे भी इस मौसम में आलसी और सुस्त हो जाते हैं। व्यायाम और शारीरिक गतिविधियां कम होने की वजह से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हृदय रोग, रक्तचाप (बीपी), लिवर की समस्या, हाई कोलेस्ट्रॉल, डिप्रेशन, कैंसर और डायबिटीज संबंधित समस्याएं आसानी से घर कर जाती हैं। जो समय के साथ-साथ जानलेवा साबित होती हैं।

इस शोध के बाद अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि कम फिजिकल एक्टिविटी से मौत का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए शारीरिक गतिविधि, व्यायाम और कसरत के जरिए आप इन जानलेवा बीमारियों को दूर कर स्वस्थ रह सकते हैं।

(और पढ़ें - सुस्ती दूर करने के घरेलू उपाय)

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क्या करें? 
इस समस्या से निजात पाने के लिए आपको अपनी आदतों को बदलना होगा। अपनी दिनचर्या में नीचे बताई गई चीजों को शामिल करें।

सर्दी हो या गर्मी, समय पर सोना और सुबह जल्दी उठना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है। इससे हमारे शरीर को एक सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, जो हमारी एकाग्रता और याददाश्त को भी बढ़ाती है। इतना ही नहीं जब आप जल्दी उठने की आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं तो सुस्ती दूर होती है, जिससे आप आसपास पनप रही बीमारियों को भी दूर भगाने में सफल रहते हैं।
 
रोजाना नहाना हमारे शरीर के लिए जितना जरूरी है उतना ही हमारे मस्तिष्क के लिए भी है। स्नान करने से हमारे शरीर को अलग एनर्जी मिलती है। इससे सुस्ती भी दूर होती है और बीमारियां भी।

संतुलित आहार लें 
एक संतुलित और पौष्टिक भोजन हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। भोजन संतुलित मात्रा में लें, अक्सर सर्दियों में लोग ज्यादा खा लेते हैं, जिससे आलस बहुत आता है। हेल्दी और पौष्टिक भोजन हमारे शरीर के साथ ही साथ मन को ऊर्जा प्रदान करता है। हेल्दी डाइट से मूड रिफ्रेश रहता है और सुस्ती भी आपके आसपास नहीं फटकती।

सकारात्मक सोच 
किसी भी काम को करने से पहले सकारात्मक सोच का होना बहुत जरूरी है। इसलिए आलस को भगाने के लिए सोच को पॉजिटिव रखें और सकारात्मक ऊर्जा एवं सोच रखने वाले लोगों के साथ रहें। ऐसे लोगों को दोस्त बनाएं जो अपनी और आपकी सेहत के प्रति चिंता करें और आपको स्वस्थ रखने के लिए जरूरी दबाव भी आप पर बनाएं।

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