लिवर शरीर के जरूरी अंगों में से एक होता है. स्वस्थ शरीर के लिए लिवर का हेल्दी होना जरूरी है, लेकिन खराब खानपान व लाइफस्टाइल और मेडिकल कंडीशन की वजह से लिवर को नुकसान पहुंचता है. इसके साथ ही कुछ दवाइयां भी लिवर डैमेज का कारण बन सकती हैं. हाई ब्लड प्रेशर व हाई कोलेस्ट्रॉल का इलाज करने वाली ऐसी कई दवाइयां हैं, जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं. इन दवाइयों में लिवर की कोशिकाओं और पित्त के प्रवाह को नुकसान पहुंचाने की क्षमता होती है. ऐसे में इन दवाइयों को लेने के बाद धीरे-धीरे लिवर को नुकसान पहुंच सकता है.
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आज इस लेख में आप उन दवाइयों के बारे में विस्तार से जानेंगे, जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं -
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दवाइयों से लिवर डैमेज होने के लक्षण
लिवर खराब या डैमेज होने के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं. कुछ दवाइयां लेने के तुरंत बाद लिवर डैमेज के लक्षण दिखाई दे सकते हैं. वहीं, कुछ दवाइयां लंबे समय बाद लिवर डैमेज का कारण बन सकती हैं. दवाइयां कुछ दिनों या सालों में लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं. दवाइयों की वजह से लिवर को नुकसान होने पर निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं -
- पेट दर्द
- बुखार
- दस्त
- पेशाब का रंग गहरा पीला
- त्वचा और आंखों का रंग पीला होना
- मतली और उल्टी
- गंभीर थकान या नींद आना
- सफेद रंग का मल
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लिवर डैमेज करने वाली दवाइयों के नाम
लिवर को स्वस्थ रखना जरूरी होता है, लेकिन अनजाने में कुछ दवाइयों को लेने के बाद लिवर को नुकसान पहुंचने लगता है. कुछ दवाइयां लिवर की क्षति का कारण बन सकती हैं. इस समस्या को ड्रग इंड्यूस्ड लिवर डिजीज के रूप में जाना जाता है. इन दवाइयों में डॉक्टर द्वारा लिख गई दवाइयां व ओवर-द-काउंटर दवाइयां दोनों शामिल हो सकती हैं -
एसिटामिनोफेन - Acetaminophen
एसिटामिनोफेन ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक (पेन किलर) दवा है. यह दवा मांसपेशियों के दर्द से राहत दिला सकती है, लेकिन अधिक एसिटामिनोफेन लेने से लिवर डैमेज होने की आशंका बढ़ जाती है. एसिटामिनोफेन दवा को अधिक मात्रा में लेने के बाद 24 से 72 घंटे के बीच लिवर डैमेज होना शुरू हो सकता है. दो से चार दिन के बाद लिवर डैमेज होने के लक्षण भी नजर आ सकते हैं. इसलिए, अगर कोई गलती से अधिक एसिटामिनोफेन ले लेता है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.
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एंटीकॉन्वेलसेंट्स - Anticonvulsants
एंटीकॉन्वेलसेंट्स दवा भी लिवर डैमेज का कारण बन सकती है. इस दवा का उपयोग मिर्गी का इलाज करने के लिए किया जाता है. अधिक मात्रा में एंटीकॉन्वेलसेंट्स दवा लेने के 1 से 6 सप्ताह के बीच लिवर डैमेज के लक्षण दिखने शुरू हो सकते हैं. इसलिए, मिर्गी होने पर इस दवा को हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए.
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एंटीबायोटिक - Antibiotics
एंटीबायोटिक्स दवाइयां का उपयोग बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज के लिए किया जाता है. अक्सर कई लोग इंफेक्शन होने पर लगातार एंटीबायोटिक्स दवा ले लेते हैं. इससे लिवर को नुकसान पहुंच सकता है. इसके लक्षण कुछ हफ्तों में दिखाई दे सकते हैं.
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मिथाइल्डोपा - Methyldopa
मिथाइल्डोपा नामक दवा का उपयोग हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए किया जाता है. हाई ब्लड प्रेशर का इलाज करने के लिए अक्सर डॉक्टर इस दवा को लिखते हैं, लेकिन लंबे समय तक इस दवा को लेने से लिवर डैमेज हो सकता है. इस दवा का असर लिवर पर सीधे तौर पर पड़ सकता है. मिथाइल्डोपा लेने के 2 से 12 सप्ताह बाद लिवर डैमेज के लक्षण नजर आ सकते हैं.
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स्टैटिन - Statins
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर डॉक्टर स्टैटिन दवाइयां लिख सकते हैं. स्टैटिन दवाइयां हाई कोलेस्ट्रॉल का इलाज करती हैं. स्टैटिन लेने पर लिवर में एंजाइम का स्तर अधिक हो सकता है, जोकि लिवर की क्षति का संकेत हो सकता है. लिवर में एंजाइम के स्तर का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट करने की जरूरत पड़ती है, लेकिन स्टैटिन दवाइयां लिवर को तुरंत नुकसान नहीं पहुंचाती हैं, बल्कि दवा लेने के 10 साल बाद लिवर डैमेज के लक्षण नजर आ सकते हैं. यह दवा लिवर को धीर-धीरे नुकसान पहुंचाती है.
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अन्य दवाएं
ऊपर बताई गई दवाइयों के अलावा भी कई अन्य ऐसी दवाइयां हैं, जो लिवर डैमेज का कारण बन सकती हैं, जो इस प्रकार हैं -
- गर्भनिरोधक गोलियां
- ऐमियोडैरोन
- एनेस्थीसिया के प्रकार
इन दवाओं से लिवर को अलग-अलग तरह से नुकसान पहुंच सकता है. गर्भनिरोधक दवाइयां लेने के हफ्तों या महीनों बाद लिवर डैमेज हो सकता है. ऐसे में इन दवाइयों को बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए.
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सारांश
लिवर हमारे शरीर का सबसे अहम अंग होता है, ये तो सभी जानते ही हैं. ऐसे में लिवर को हेल्दी रखना जरूरी होता है. वहीं, कई ऐसी स्थितियां होती हैं, जिनकी वजह से लिवर को नुकसान पहुंच सकता है. यहां तक कि कुछ दवाइयां भी लिवर डैमेज होने का कारण बन सकती हैं. ऐसे में आपको किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टर की राय जरूर लेनी चाहिए. साथ ही अधिक डोज और लंबे समय तक किसी भी दवा को लेने से बचना चाहिए.
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