मलेरिया मच्छर जनित बीमारी है जो प्लास्मोडियम नामक परजीवी के कारण होती है। बुखार और सर्दी लगना मलेरिया के सबसे सामान्य लक्षणों में शामिल हैं। हालांकि, अगर समय पर मलेरिया का इलाज न किया जाए तो मरीज़ की मृत्यु तक हो सकती है।
आयुर्वेद के अनुसार मलेरिया के प्रमुख लक्षणों में बुखार और ठंड लगना शामिल है जिसका संबंध विषम ज्वर (एक प्रकार का बुखार) से होता है। इसमें बुखार स्थिर या चढ़ता-उतरता रहता है।
आयुर्वेद में मलेरिया के इलाज के लिए गुडूची और निम्बा जैसी जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। ये कड़वी जड़ी बूटियां खराब दोषों को वापिस से संतुलन में लाती हैं। आयुर्वेदिक उपचार जैसे कि विरेचन (शुद्धिकरण) और बस्ती (एनिमा) से मलेरिया के बुखार से राहत पाने में मदद मिलती है। आयुष 64, सुदर्शन चूर्ण, अमृतारिष्ट और गुडूच्यादि क्वाथ के आयुर्वेदिक मिश्रण मलेरिया के लक्षणों से राहत दिलाने में मददगार हैं।
मच्छर भगाने की क्रीम, मलेरिया के खतरे वाले क्षेत्रों की यात्रा करते समय उचित सावधानी बरतकर, पूरी बाजू के कपड़े पहनकर मलेरिया से बचा जा सकता है।
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