खसरा एक संक्रामक रोग है जो मीसल्स मोर्बिलीवायरस के कारण होता है। मीसल्स का टीका अब व्यापक रूप से उपलब्ध है और यह सुरक्षित और प्रभावी है, लेकिन अभी भी खसरा वैश्विक स्तर पर एक लाख से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार है, जिनमें ज्यादातर बच्चे हैं।

इस संक्रमण के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के बाद 7 से 14 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं। आमतौर पर इसमें तेज बुखार, खांसी, नाक बहना और आंखों से पानी आना जैसी समस्याएं देखी जाती हैं। इनके अलावा, कोप्लिक स्पॉट (मुंह में सफेद सूजन) एवं शरीर पर लाल दाने होना भी इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में से एक है, जिसे शुरुआती लक्षणों के 3 से 5 दिन बाद देखा जाता है।

(और पढ़ें - मीसल्स का टेस्ट)

इस बीमारी के शुरुआती 1 सप्ताह में रोगी खाना पीना कम कर देता है, धीरे-धीरे अवस्था में सुधार के साथ भोजन ग्रहण करने की स्थिति में भी सुधार आता है। ऐसे में चरणबद्ध तरीके से आहार लेना फायदेमंद साबित हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि खसरा संक्रमण के दौरान हमें क्या भोजन लेना चाहिए और किस तरह के भोजन से हमें बचना चाहिए, इसके साथ हम दो भारतीय डाइट प्लान साझा करेंगे, जिसका पालन करना आसान होगा। आइए जानते हैं :

  1. खसरा के लिए विटामिन A भोजन - Vitamin A food for measles in Hindi
  2. खसरा में पानी की कमी के लिए क्या खाएं - Drink enough fluid to avoid dehydration in Measle in Hindi
  3. खसरा में क्या खाना चाहिए - Foods to take during Measles in Hindi
  4. खसरा के दौरान क्या ना खाएं और परहेज - What not to eat in Measles in Hindi
  5. खसरा के लिए भारतीय डाइट प्लान - Indian diet plan for measles in Hindi
खसरा के दौरान क्या खाना चाहिए, क्या न खाएं और डाइट प्लान के डॉक्टर

सभी खसरा रोगियों को विटामिन ए के सप्लीमेंट दिए जाते हैं - दो खुराक जो 24 घंटे के अंतराल पर ली जानी होती हैं। यह मरीज में विटामिन ए के स्तर को ठीक करता है जो आमतौर पर खसरे के दौरान बहुत कम हो जाता है। यहां तक कि रोगी के अच्छी तरह से पोषित होने पर भी विटामिन ए पूरक दिया जाना चाहिए क्योंकि यह खसरे की जटिलताओं की आशंका कम कर देता है (आंखों को नुकसान या अंधापन) और यहां तक कि मृत्यु भी।

(और पढ़ें - विटामिन ए टेस्ट)

विटामिन ए सप्लीमेंट के आलावा सभी लाल, पीले और नारंगी फल व सब्जियां जैसे कि गाजर, कद्दू, शकरकंद, पपीता, आदि को प्राकृतिक रूप मरीज की डाइट में शामिल करें।

(और पढ़ें - विटामिन ए की कमी के लक्षण)

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इस बुखार के दौरान निर्जलीकरण यानी शरीर में पानी की कमी होना आम समस्या है। ऐसे में ओआरएस के अलावा नारियल पानी, फलों के रस, छाछ के साथ अपने शरीर में तरल पदार्थ की आवश्यकता पूरी करने की कोशिश करें। ये सभी पेय पदार्थ पचाने में आसान होते हैं और इलेक्ट्रोलाइट्स एवं अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। अन्यथा, अपने दैनिक आहार में 10-12 गिलास पानी पीने की कोशिश करें।

(और पढ़ें - पानी पीने के फायदे)

भूख कम लगने के कारण, इस बीमारी के दौरान कई रोगी भोजन नहीं कर पाते एवं आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं कर पाती। ऐसे में कुछ सरल उपाय करके, आप उनकी पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं, जैसे कि :

शुरू में, जैसा कि व्यक्ति भूख का अनुभव नहीं कर पाता है, वे ठीक से नहीं खा पाता। उस स्थिति में, उन्हें ऊर्जा की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ग्लूकोज के साथ संतरे और मौसमी जैसे फलों का जूस दे सकते हैं। इसके अलावा सब्जियों एवं दाल का सूप भी दे सकते हैं, यह रोगी की भूख को बढ़ाने और ऊर्जा की मात्रा ठीक रखने में मददगार साबित होते हैं।

धीरे-धीरे रोग की स्थिति सुधरने के साथ, रोगी साबुत फल और संतुलित आहार खाना शुरू कर सकते हैं। मसले हुए आलू, दलिया और मसले हुए चावल के साथ अपना ठोस भोजन शुरू कर सकते हैं, क्योंकि वे पचाने में आसान होते हैं।

रोगी को पीने के लिए बहुत सारा गर्म पानी दिया जा सकता है, क्योंकि यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है। बेहतर परिणाम के लिए, सुबह खाली पेट और शाम को भी गुनगुना पानी दे सकते हैं।

(और पढ़ें - खाली पेट गुनगुना पानी पीने के फायदे)

खसरा में ऊर्जा की कमी पूरी करने के लिए आहार - Diet for increasing energy level in Measles in Hindi

बुखार इस बीमारी का मुख्य लक्षण है। बुखार के कारण, एक व्यक्ति कम ऊर्जा स्तर और स्वाद न आना जैसे लक्षण अनुभव कर सकता है। इस हालत में, रोगी को दी जाने वाली डाइट पचाने में आसान होनी चाहिए, आहार में ऊर्जा से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाना चाहिए, जैसे कि मिक्स वेज खिचड़ी या दलिया, साबुदाना, चावल, सूजी की खीर, सैंडविच, आदि। भोजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए आप ताजी हर्ब्स जैसे कि तुलसी, धनिया, लहसुन, अदरक और नींबू आदि को शामिल कर सकते हैं।

(और पढ़ें - ऊर्जा बढ़ाने का तरीका)

खसरा के लिए प्रोटीन युक्त आहार - Protein can be helpful in Measles in Hindi

बुखार के कारण इस बीमारी के दौरान वजन कम और मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। स्वस्थ वजन और मांसपेशियों को बनाए रखने के लिए, अपनी डाइट में पचाने में आसान प्रोटीन विकल्प लेने की कोशिश करें जैसे कि दाल का सूप, काले चने का सलाद, दाल, सांबर, अंडे आदि।

(और पढ़ें - बुखार की आयुर्वेदिक दवा)

खसरा के लिए विटामिन C आहार - Vitamin C food for Measles in Hindi

एल-एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन सी) विशेष रूप से मीजल्स के लिए प्रसिद्ध एंटी-वायरल एजेंटों में से एक है। यह एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी जाना जाता है, जो इस बीमारी में त्वचा की स्थिति जैसे मुंह में सफेद पैच और शरीर पर लाल दाने आदि को ठीक करने में मदद करता है। संपूर्ण लाभ के लिए, हर दिन 2 से 3 प्रकार के खट्टे फल जैसे संतरे, मौसम्बी, नींबू आदि लेने की कोशिश करें।

(और पढ़ें - त्वचा पर चकत्ते की होम्योपैथी दवा)

खसरा में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भोजन - Food for increasing immunity in measles in Hindi

एक अच्छी प्रतिरक्षा प्रणाली आपको बीमारी के लक्षणों से तेजी से उबरने में मदद करती है। कुछ खाद्य विकल्प विभिन्न विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होते हैं, जो इस बीमारी के दौरान फायदेमंद साबित हो सकते हैं। हल्दी, जायफल, अदरक, लौंग, काली मिर्च, तुलसी के पत्ते इन्हीं पोषक तत्वों और उनके लाभों के लिए जाने जाते हैं। आप उन्हें दैनिक उपयोग के लिए काढ़ा, हर्बल चाय, सब्जियां, सूप, सलाद आदि के माध्यम से रोगी को दे सकते हैं। सभी रंगीन और मौसमी फल व सब्जियां इन पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत हैं और उन्हें लेना भी आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मददगार हो सकता है। आप उन्हें फलों के रस, शेक, सब्जियों का रस, सूप आदि के रूप में रोगी को दे सकते हैं।

(और पढ़ें - अदरक की चाय के फायदे)

इस बुखार के दौरान कैफीन युक्त और मीठे पेय नहीं पीने चाहिए। ये पेय शरीर में निर्जलीकरण यानी डिहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं। अपने कैफीन युक्त पेय (चाय, कॉफी, ग्रीन टी, एनर्जी ड्रिंक्स) को अन्य पेय जैसे हल्दी की चाय, बिना-कैफीन की ग्रीन टी, नींबू पानी, जूस आदि से बदल सकते हैं।

कुछ खाद्य पदार्थों में रिफाइंड शुगर, संतृप्त वसा (सैचुरेटेड फैट), सोडियम, प्रेज़रवेटिव आदि ज्यादा होते हैं, जो रोगी के प्रतिरक्षा तंत्र को धीमा कर सकते हैं एवं रोगी के ठीक होने की स्पीड को धीमा कर सकते हैं। उनसे बचने की कोशिश करें, वे हैं -

  • तला हुआ भोजन - समोसा, कचौड़ी, पकौड़े आदि
  • जंक फूड - पिज्जा, बर्गर आदि
  • प्रोसेस्ड फूड - जैम, जेली, रेडी-टू-ईट फूड आदि
  • हैवी मीट - मटन, बीफ, पोर्क आदि
  • ट्रांस वसा - वनस्पति घीं, मक्खन, प्रोसेस्ड चीज़, पैकेट वाला खाना आदि
  • कार्बोनेटेड पेय - कोला और सोडा आदि
  • मिठाई - केक, पेस्ट्री, मिठाई, आदि
  • नमकीन - नमकीन, तले हुए आदि

(और पढ़ें - चीनी खाने के नुकसान)

यहां हम दो सैंपल डाइट प्लान साझा कर रहे हैं, जिनका मरीज की हालत के अनुरूप इस्तेमाल किया जा सकता है। इन्हें लक्षणों को नियंत्रित करने और इस बीमारी के दौरान तेजी से रिकवरी के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है :

खसरा के रोगी के लिए डाइट प्लान-1 - Measles diet plan 1 in Hindi

खसरा के रोगी के लिए पहले 7 दिनों का डाइट प्लान, जैसा कि इस दौरान रोगी खा नहीं पाता, ऐसे में साधारण तरल या हल्के ठोस आहार दें। इस प्रकार के आहार के लिए, आप दिए गए सैंपल डाइट का पालन कर सकते हैं :

  • सुबह खाली पेट - पानी (1 गिलास) + भिगोए हुए किशमिश (8-10)
  • सुबह का नाश्ता - मूंग दाल और सब्जी के साथ दलिया (1-2 कटोरी)
  • मध्य आहार - ग्लूकोज (1-2 चम्मच) के साथ संतरे या मौसम्बी का रस (1 गिलास)
  • दोपहर का भोजन - खिचड़ी (1 कटोरी) + पालक कढ़ी (1 कटोरी)
  • शाम की चाय - नारियल पानी (1) + भुना मखाना (1 कटोरी)
  • रात का खाना - वेजिटेबल सूप (1 कटोरी) + मसला हुआ चावल (1 कटोरी) + मसला हुआ आलू (1 कटोरी) + मूंग दाल (1 कटोरी)
  • सोते समय - हल्दी वाला दूध (1 गिलास)

खसरा के रोगी के लिए डाइट प्लान 2 - Measles diet plan 2 in Hindi

इस डाइट प्लान को लक्षणों के पता लगने के 7वें दिन के बाद दिया जा सकता है या जब आप देख सकते हैं कि रोगी कुशलतापूर्वक खाने में सक्षम है, तब इस डाइट को दे सकते हैं :

  • सुबह खाली पेट -  पानी (1 गिलास) + बादाम (6-8) + भिगोए हुए किशमिश (8-10)
  • सुबह का नाश्ता - पनीर सैंडविच / अंडा सैंडविच (2) + पुदीना चटनी (2 चम्मच)
  • मध्य आहार - संतरा या मौसम्बी का जूस (1 गिलास)
  • दोपहर का खाना - डोसा (2) + सांबर (1 कटोरी) + चटनी (1-2 चम्मच)
  • शाम की चाय - नारियल पानी (1) + भुना मखाना (1 कटोरी) / उबले अंडे का बाहरी भाग (2)
  • रात का खाना - वेजिटेबल सूप (1 कटोरी), चपाती (2) / चावल (1 कटोरी) + मसला हुआ आलू (1 कटोरी) + सोया / चिकन करी (1 कटोरी)
  • सोते समय - हल्दी वाला दूध (1 गिलास)
Dr. Dhanamjaya D

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