खसरा एक वायरल बीमारी है जो बहुत ही आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाती है। इसमें रोगी को बुखार, खांसी, गले में खराश और त्वचा पर चक्कतों जैसे लक्षण होते हैं। इसे अंग्रेजी में “मीसल्स” (Measles) कहा जाता है और ये रोगी की श्वसन प्रणाली को नुक्सान पहुंचता है।
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खसरे का वायरस संक्रमित व्यक्ति की नाक व गले में मौजूद होता है और जब वह व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो ये वायरस हवा में फैल जाता है। ये वायरस हवा में कई घंटों तक सक्रिय रह सकता है और अगर ये सांस के द्वारा किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में चला जाए, तो उसे भी खसरा हो जाता है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के द्वारा छुई गई किसी वस्तु को छूने या उस व्यक्ति के संपर्क में आने या उसके साथ खाना-पीना, बर्तन और अन्य चीजें शेयर करने से भी ये वायरस फैलता है।
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खसरा आमतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन ये बड़े लोगों को भी हो सकता है। अगर आपको पहले कभी खसरा नहीं हुआ है या आपको इसका टीका नहीं लगा है, तो आपको खसरा होने की संभावना अधिक है। कुछ मामलों में खसरा घातक भी हो सकता है, हालांकि ये एक हफ्ते से दस दिनों में ठीक हो जाता है।
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इस लेख में खसरा हो जाए तो क्या करना चाहिए और इसके लिए डॉक्टर के पास कब जाएं के बारे में बताया गया है।
- खसरा हो जाए तो क्या करना चाहिए? - Khasra ke liye kya kare
- खसरा होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? - Khasra ho jaye to doctor ke pas kab jaye
- सारांश
खसरा हो जाए तो क्या करना चाहिए? - Khasra ke liye kya kare
खसरा ठीक करने के लिए कोई दवाएं उपलब्ध नहीं हैं, इसके लक्षण कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। हालांकि, इसके लिए आप निम्नलिखित तरीके से प्राथमिक उपचार कर सकते हैं -
- खसरा होने पर आराम करना बहुत महत्वपूर्ण होता है ताकि हमारा शरीर अपनी पूरी ताकत बीमारी से लड़ने में लगा सके। जितना हो सके उतना आराम करें और ऐसे काम न करें जिनमें अधिक शारीरिक परिश्रम की आवश्यकता होती है। (और पढ़ें - ताकत बढ़ाने के घरेलू तरीके)
- इस बात का ध्यान रखें कि साफ-सफाई केवल बीमार व्यक्ति के लिए ही नहीं बल्कि उसके आस-पास मौजूद हर व्यक्ति के लिए बेहद जरुरी होती है, इसीलिए अपने हाथ थोड़ी-थोड़ी देर में अच्छी तरह से धोएं। इसके अलावा रोगी को खांसते व छींकते समय अपने मुंह को कवर करने के लिए कहें। (और पढ़ें - हाथ धोने का सही तरीका)
- बुखार और मांसपेशियों में दर्द के लिए एसीटामिनोफेन, आइबुप्रोफेन, एस्पिरिन और पेरासिटामोल जैसी दवाएं ली जा सकती हैं। याद रखें कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों को एस्पिरिन नहीं देनी चाहिए। कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें और पैकेट पर दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें। (और पढ़ें - बुखार के घरेलू उपाय)
- बुखार और पसीने के कारण हमारे शरीर का पानी निकलने लगता है और शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इससे बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। आप चाहें तो जूस या हर्बल चाय भी ले सकते हैं। इससे खांसी के कारण होने वाली गले की समस्याओं में भी आराम मिलेगा। (और पढ़ें - पानी कितना पीना चाहिए)
- खांसी और गले के दर्द के लिए आप अपने घर या ऑफिस में ह्युमिडिफायर का उपयोग कर सकते हैं। (और पढ़ें - ज्यादा खांसी हो तो क्या करे)
- अगर आपके बच्चे को खसरा हुआ है और उसकी आंख व पलकों के आस-पास पपड़ी जम रही है, तो आप रुई के टुकड़े को हल्का सा गीला करके उससे आराम से अपने बच्चे की आंख साफ कर सकते हैं, लकिन इस बात का ध्यान रखें कि इस कॉटन को आराम से फेंक दें। (और पढ़ें - आँख से कीचड़ आने का इलाज)
- विटामिन ए की कमी के कारण खसरे के लक्षण बढ़ सकते हैं, इसीलिए ऐसी चीजें जो विटामिन ए से समृद्ध हों। (और पढ़ें - विटामिन ए की कमी से रोग)
- सर्दी जुकाम के लक्षणों के लिए आप उचित उपाय कर सकते हैं, जैसे गर्म तरल पदार्थ लें जिनमें नींबू और शहद हों। इससे श्वसन नलियां को आराम मिलेगा और बलगम भी निकलेगा। इस बात का ध्यान रखें कि एक साल से छोटे बच्चों को शहद नहीं दिया जाना चाहिए। (और पढ़ें - बलगम निकालने के उपाय)
- चकत्ते ठीक होने के बाद कम से कम 5 दिनों तक काम पर न जाएं और अगर आपके बच्चे को खसरा है, तो उसे स्कूल या बाहर न भेजें। (और पढ़ें - त्वचा पर चकत्तों के घरेलू उपाय)
- अगर आपकी आंखों को तेज रौशनी से परेशानी होती है, तो अपने आस-पास रौशनी कम रखें और कमरे के पर्दे भी बंद रखें। आप चाहें तो धूप का चश्मा भी पहन सकते हैं। इसके अलावा टीवी या मोबाइल से दूर रहें।
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खसरा होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए? - Khasra ho jaye to doctor ke pas kab jaye
अगर आपको लगता है कि आपको खसरा है या इसके लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो अपने डॉक्टर के पास जाएं ताकि इसकी पुष्टि हो सके। निम्नलिखित स्थितियों में आपको तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए -
- सांस फूलना। (और पढ़ें - सांस फूलने के घरेलू उपाय)
- सुस्ती या ज्यादा नींद आना। (और पढ़ें - नींद न आने के कारण)
- लक्षणों का बढ़ जाना। (और पढ़ें - चिकन पॉक्स के लक्षण)
- सांस लेने में तकलीफ होना। (और पढ़ें - सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे)
- छाती में तेज दर्द होना। (और पढ़ें - छाती में दर्द के घरेलू उपाय)
- शरीर में पानी की कमी के लक्षण अनुभव होना। (और पढ़ें - शरीर में पानी की कमी दूर करने वाले फल)
- खांसी में खून आना। (और पढ़ें - खून की उल्टी के कारण)
- दौरे पड़ना। (और पढ़ें - मिर्गी का दौरा पड़ने पर क्या करे)
- सांस लेते समय छाती का दर्द बढ़ जाना। (और पढ़ें - छाती में दर्द होने पर क्या करें)
- उलझन होना या कुछ समझ न आना। (और पढ़ें - घबराहट कम करने के उपाय)
नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।
सारांश
खसरा (मीजल्स) एक संक्रामक बीमारी है जो वायरस के कारण होती है और बच्चों में अधिक सामान्य है। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, नाक बहना, लाल चकत्ते और आंखों में जलन शामिल हैं। खसरा होने पर रोगी को आराम करना, पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीना और हल्का भोजन करना चाहिए। बुखार कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह से दवा लें। त्वचा और आंखों की जलन कम करने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए रोगी को दूसरों से अलग रखें। खसरा से बचाव के लिए एमएमआर वैक्सीन सबसे प्रभावी उपाय है। किसी भी गंभीर लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।