मौसम बदलते ही नाक में एलर्जी हो जाती है. इसके चलते कभी नाक बंद हो जाता है, तो कभी इसमें से पानी निकलने लगता है. इसके अलावा, नाक की अंदरूनी परत में सूजन हो जाती है. नाक की एलर्जी को ठीक करने में आयुर्वेदिक दवा और इलाज मददगार हैं. इसके लिए सितोपलादि चूर्ण, अणु तेल व श्वासारि क्वाथ जैसी आयुर्वेदिक दवाइयों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा, नाक की एलर्जी को वमन व विरेचना जैसे आयुर्वेदिक इलाज से भी ठीक किया जा सकता है.

आज इस लेख में हम नाक की एलर्जी की आयुर्वेदिक दवा व इलाज के संबंध में चर्चा करेंगे -

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  1. नाक की एलर्जी की आयुर्वेदिक दवा
  2. नाक की एलर्जी का आयुर्वेदिक इलाज
  3. सारांश
नाक की एलर्जी का आयुर्वेदिक उपचार व दवा के डॉक्टर

नाक की एलर्जी से राहत दिलाने में सितोपलादि चूर्ण, अणु तेल, श्वासारि क्वाथ जैसी आयुर्वेदिक दवाइयों की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है. नाक की एलर्जी की आयुर्वेदिक दवा के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है -

सितोपलादि चूर्ण

सितोपलादि चूर्ण में मुख्य रूप से मिश्री, वंशलोचन, काली मिर्चइलायची और दालचीनी होती है. नाक की एलर्जी को ठीक करने के लिए सितोपलादि चूर्ण का इस्तेमाल सालों से किया जाता रहा है.

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श्वासारी क्वाथ

मुलेठीतुलसीपिप्पली, दालचीनी, अदरकलवंग व तेज पत्र जैसी जड़ी-बूटियों से तैयार यह क्वाथ नाक की एलर्जी होने पर बहुत आराम पहुंचाती है. इसके सेवन से फेफड़ों का इलाज होता है और रेस्पिरेटरी सिस्टम तेजी से काम करता है. यह नाक के कंजेशन को ठीक करके फेफड़ों में कफ को बनने से रोकता है. माइक्रो ऑर्गेनिज्म से होने वाले इंफेक्शन से लड़ने में भी यह अहम भूमिका निभाता है.

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महालक्ष्मी विलास रस

मर्करी, गंधक, अभ्रक भस्म, कपूरजावित्रीजायफलविधारा बीजशतावरीगोखरू, पान के पत्ते का जूस जैसी सामग्रियों से भरपूर महालक्ष्मीविलास रस एक पारंपरिक आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन है, जो नाक की एलर्जी को ठीक करने की क्षमता रखता है. इसके साथ ही यह गले और साइनस को भी स्मूद करने में सहायक है. इसके सेवन से चेस्ट में जमा म्यूक्स ढीला पड़ता है, जिससे एलर्जी खत्म होती है. यह शरीर के तापमान और दर्द को भी कम करने में असरकारक है. इम्यून सिस्टम को बूस्ट करके आगे के इंफेक्शन से शरीर की रक्षा करता है.

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सहचरादि तेल

सहचरा के साथ बिल्व, अग्निमंठा, गंभारी, शालपर्णीगोक्षुरा, बृहती, अभीरु व सेव्य जैसी प्राकृतिक जड़ी बूटियों से युक्त यह एक आयुर्वेदिक हर्बल तेल है. इसका इस्तेमाल वात असंतुलन डिसऑर्डर को ठीक करने के साथ ही नाक की एलर्जी से राहत पाने के लिए भी किया जाता है. इससे नाक के पास मालिश करने की सलाह दी जाती है.

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अणु तेल

अणु तेल में जीवन्ती, जला, देवदारू, नागरमोथा, दालचीनी, अनंतमूल, श्वेत चंदनदारुहरिद्रा व मुलेठी जैसी जड़ी-बूटियां होती हैं. इसे लगाने से नाक की एलर्जी ठीक होती है. साथ ही इसको लगाने से सिरदर्दगले में दर्दकंधों का दर्द भी ठीक होता है. यह नसों को अंदर से शांत करके का काम भी करता है. इस तेल से की गई मालिश से सभी सेन्सरी ऑर्गन को आराम पहुंचता है. 

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नाक की एलर्जी को आयुर्वेदिक इलाज से भी ठीक किया जा सकता है. आइए, नाक की एलर्जी के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में विस्तार से जानते हैं -

वमन

यदि नाक की एलर्जी क्रॉनिक हो चुकी है, तो वमन क्रिया से राहत मिल सकती है. इसमें मरीज को पानी में औषधियां मिलाकर पीने के लिए दी जाती है और फिर उल्टी के जरिए पानी को बाहर निकाला जाता है. ऐसा करने से रेस्पिरेटरी सिस्टम में जमा टॉक्सिनस बाहर निकल जाते हैं. साथ ही शरीर से कफ दोष निकल जाता है और नाक को आराम पहुंचता है. 

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विरेचन

इस प्रक्रिया में व्यक्ति को एक निश्चित समय के लिए नियंत्रित शुद्धिकरण से गुजरना पड़ता है. इससे व्यक्ति के शरीर में त्रिदोष को संतुलित किया जा सकता है. इसके बाद शरीर से टॉक्सिन बाहर निकाल जाता है.

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नस्य

नस्य चिकित्सा में अणु तेल या अन्य ऐसे ही किसी आयुर्वेदिक दवा की मदद से किया जाता है. नास्य ट्रीटमेंट में अणु तेल को नाक में डाला जाता है, ताकि नाक की एलर्जी ठीक हो सके.

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नाक की एलर्जी  को ठीक करने में सितोपलादि चूर्ण, अणु तेल, श्वासारि क्वाथ जैसी आयुर्वेदिक दवाइयां मददगार साबित हुई हैं. नाक की एलर्जी को वमन पंचकर्म और विरेचना जैसे आयुर्वेदिक इलाज के जरिए भी ठीक किया जा सकता है. ध्यान रहे कि ये सब आयुर्वेदिक दवाइयां आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह पर ही लेनी चाहिए.

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