पाइल्स यानी बवासीर गुदा से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें एनस के अंदरूनी और बाहरी हिस्से में मस्से बन जाते हैं. इसके कारण एनस की नसों में सूजन और आसपास के हिस्से में दर्द होने लगता है. बवासीर के कारण आपको चलने-फिरने, बैठने-उठने और दैनिक कार्यों में दिक्कत आ सकती है. साथ ही मल त्याग करने में कठिनाई आ सकती है, लेकिन पाइल्स का इलाज संभव है.

पाइल्स के इलाज के लिए एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाइयां उपलब्ध हैं. इसके अलावा, पाइल्स को ठीक करने के लिए एक्यूप्रेशर का भी सहारा लिया जा सकता है. इससे मरीज को जल्दी आराम मिल सकता है.

आज इस लेख में हम पाइल्स के लिए एक्यूप्रेशर प्वाइंट के बारे में जानेंगे -

(और पढ़ें - पाइल्स का इंजेक्शन से इलाज)

  1. पाइल्स के लिए एक्यूप्रेशर प्वाइंट
  2. पाइल्स में एक्यूप्रेशर इलाज के फायदे
  3. पाइल्स के एक्यूप्रेशर इलाज में सावधानी
  4. सारांश
बवासीर के लिए एक्यूप्रेशर प्वाइंट और उपचार के डॉक्टर

पाइल्स की परेशानियों से राहत पाने के लिए एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स के जरिए इसका इलाज किया जा सकता है. एक्यूप्रेशर प्वाइंट SP8 और UB57 कुछ ऐसे प्वाइंट्स हैं, जिससे बवासीर का इलाज संभव है. आइए, इन प्वाइंट्स के बारे में विस्तार से जानते हैं -

एक्यूप्रेशर प्वाइंट UB57- मूत्राशय

पाइल्स की परेशानी होने पर UB57 प्वाइंट पर दबाव डालने से बवासीर या बवासीर के दर्द, कब्ज, पीठ के निचले हिस्से में दर्द व पैरों में ऐंठन को कम करने में प्रभावी होता है. इसके अलावा, इस प्वाइंट को दबाने से पैरों में रक्त परिसंचरण में सुधार होता है.

  • स्थान - यह एक्यूप्रेशर प्वाइंट टांग के पीछे और पेट की गैस्ट्रोक्निमियस मांसपेशियों के नीचे होता है.
  • UB57 एक्यूप्रेशर करने का तरीका - बवासीर की परेशानी से राहत पाने के लिए एक्यूप्रेशर UB57 प्वाइंट पर जोर से दबाव डालें और कुछ सेकंड के लिए रुकें. बेहतर परिणाम पाने के लिए दिन में दो बार UB57 प्वाइंट को प्रेस करें.
  • UB57 प्वाइंट दबाने के लाभ - बवासीर की परेशानी से राहत दिलाने के अलावा, यह एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स अन्य परेशानियों से भी राहत मिल सकता है. जैसे- पैरों की ऐंठन में राहत, मांसपेशियों को शिथिल करना, पैर दर्दपीठ दर्द का कम होना, पैरों में खराब परिसंचरण दूर होना इत्यादि. ऐसे में इन परेशानियों को दूर करने के लिए भी इस प्वाइंट्स को दबाना लाभकारी हो सकता है.

(और पढ़ें - हल्दी से बवासीर का इलाज)

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एक्यूप्रेशर प्वाइंट UB60- मूत्राशय

इस पॉइंट को दबाने से भी मरीज को आराम मिल सकता है.

  • स्थान - यह प्वाइंट बाहरी मैलेलेलस के पीछे पैर पर, टेंडो कैल्केनस और बाहरी मैलेलेलस के बीच में स्थित होता है.
  • UB60 एक्यूप्रेशर को करने का तरीका - बस इस प्वाइंट को थोड़ी देर के लिए दबाएं और फिर हल्का छोड़ दें.
  • UB60 प्वाइंट दबाने के लाभ - पाइल्स की परेशानी होने पर कई अन्य तरह की समस्याएं हो सकती हैं. इन परेशानियों को दूर करने में यह एक्यूप्रेशर लाभकारी होता है. इसके अलावा, यह निचली कमर दर्द में कमी, कम सुन्न होना, सिरदर्द में कमी, गर्दन की कठोरता, धुंधली दृष्टि में सुधार, एड़ी में दर्द में राहत, मिर्गी के दौरों को कम करने में लाभकारी होता है. ध्यान रखें कि इन परेशानियों को दूर करने के लिए डॉक्टर से भी उचित सलाह लेते रहें.

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एक्यूप्रेशर प्वाइंट SP6- तिल्ली

यह एक्यूप्रेशन प्वाइंट भी बवासीर के मरीजों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है.

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एक्यूप्रेशर प्वाइंट SP8- प्लीहा

इससे होने वाले लाभों के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है.

  • स्थान - यह टांगे के आगे वाले हिस्से में थोड़ा नीचे होता है. स्पष्ट रूप से यह एसपी9 और मेडियल मैलेलस की नोक को जोड़ने वाली लाइन पर होता है.
  • एक्यूप्रेशर करने का तरीका - अपने अंगूठे का प्रयोग करें और SP8 बिंदु को धीरे से पकड़ें, एक मिनट के बाद इसे छोड़ दें. यही प्रक्रिया दूसरे पैर से भी करें.
  • SP8 प्वाइंट दबाने के लाभ - इस प्वाइंट को दबाने से कई स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों का इलाज हो सकता है, जैसे- एनोरेक्सियापेचिश, गंभीर गर्भाशय रक्तस्राव, गंभीर गर्भाशय ऐंठन, प्रसवोत्तर रक्तस्राव आदि. इसके अलावा यह नपुंसकता, पेट दर्द, दस्त, एडिमापेशाब में कठिनाई में भी काफी फायदेमंद है.

(और पढ़ें - बवासीर का होम्योपैथिक इलाज)

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बवासीर के लिए एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स का लाभ यह है कि एक या दो एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स के साथ, ऊपर बताए गए कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं. इनका उद्देश्य किसी भी विकार से बचाव कर संतुलन और स्वस्थ शरीर प्रदान करना है.

यूरिनरी ब्लैडर यानी मूत्राशय के लिए बताये गए UB एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स पर दबाव बनाकर पाइल्स के उपचार के अलावा गंभीर गर्भाशय रक्तस्राव, गंभीर गर्भाशय ऐंठन, प्रसवोत्तर रक्तस्राव, नपुंसकता, पेट दर्द, दस्त, एडिमा, पेशाब में कठिनाई व थकान आदि समस्याओं को दूर करने में भी मदद कर सकता है.

(और पढ़ें - खूनी बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज)

पाइल्स के एक्यूप्रेशर इलाज में कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना जरूरी है, ताकि आपको कोई शारीरिक या मानसिक कष्ट न हो. इन सावधानियों को बरतने की जरूरत है, जैसे -

  • गर्भवती महिलाओं को बवासीर की समस्या में एक्यूप्रेशर इलाज से बचना चाहिए.
  • दस्त और बुखार से ग्रसित लोगों को पाइल्स के लिए एक्यूप्रेशर उपचार से परहेज करना चाहिए.
  • यदि आपको मूत्राशय से जुड़ी गंभीर समस्या है, तो एक्यूप्रेशर उपचार आपके लिए उपयुक्त नहीं है.
  • बवासीर की पुरानी समस्या वाले वृद्ध व्यक्तियों को भी एक्यूप्रेशर उपचार नहीं करवाना चाहिए.

(और पढ़ें - बवासीर में खून रोकने के घरेलू उपाय)

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पाइल्स के शुरुआती स्टेज के उपचार के लिए एक्यूप्रेशर चिकित्सा एक प्राकृतिक और सरल उपाय है. हालांकि, सिर्फ यही एकमात्र उपचार विकल्प नहीं है और अन्य उपचार विधियों के साथ संयुक्त रूप से कार्य करती है. इसके अलावा, यह एक धीमी प्रक्रिया है जिससे बवासीर की समस्या दूर होने में समय लगता है. गर्भवती महिलाओं और मूत्राशय की गंभीर समस्या से ग्रस्त लोगों को पाइल्स के एक्यूप्रेशर इलाज से परहेज करना चाहिए. अगर एक्यूप्रेशर से बवासीर की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है या समस्या और अधिक बढ़ रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

(और पढ़ें - बवासीर का ऑपरेशन)

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