1. एपिस मेलिफिका
सामान्य नाम : द हनी बी
लक्षण : जिन लोगों को निम्न प्रकार की समस्याएं हों, उन्हें इस दवा से लाभ मिल सकता है।
- गंभीर दर्द के साथ अंडाशय में सूजन, विशेष रूप से दाहिने अंडाशय में
- अंडाशय में ट्यूमर
- अनियमित पीरियड्स
- चक्कर आना और थकान महसूस होना
- हाथ, पैर और पीठ में दर्द
- महिलाओं के जननांगों में सूजन
- पेट में भारीपन और दर्द
विशेषज्ञों की मानें तो खुली हवा में समय बिताने और ठंडे पानी से स्नान करने से इन लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
2. नैट्रियम म्यूरिएटिकम
सामान्य नाम : क्लोराइड ऑफ सोडियम
लक्षण : यह उपाय मुख्य रूप से सुबह के समय महसूस होने वाली कमजोरी और थकावट को दूर करने के लिए किया जाता है। जिन लोगों को निम्न प्रकार की समस्याएं हैं उन लोगों में यह उपाय काफी फायदेमंद हो सकता है।
- पीरियड्स में अनियमितता
- सफेद रंग का स्त्राव होना
- योनि का सूखापन
- पेट में दर्द होना, यह सुबह के समय बढ़ जाता है
- गर्भाशय का आगे की ओर झुकना (अपनी स्थिति से नीचे आ जाना)
- पीठ दर्द और कुछ ऐसी चीजों की इच्छा होना, जिससे पीठ को सपोर्ट मिलता रहे
बहुत ज्यादा दिमागी मेहनत करने पर यह लक्षण गंभीर हो सकते हैं। खुली हवा में समय बिताने, ठंडे पानी से नहाने और दाहिने करवट सोने से इन लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
3. सीपिया ऑफिसिनैलिस
सामान्य नाम : इंकी जूस ऑफ कटलफिश
लक्षण : गर्भाशय से जुड़े विकारों के इलाज के लिए सीपिया ऑफिसिनैलिस को सबसे बेहतर होम्योपैथिक उपचार माना जाता है। जिन लोगों को निम्न प्रकार की समस्याएं हों उनके इलाज में इस उपचार को प्रभावी माना जाता है।
- अत्यधिक पसीना और कमजोरी
- दर्द का पीठ में पहुंच जाना
- खुजली के साथ योनि से पीले-हरे रंग का स्राव होना
- मासिक धर्म के दौरान तेज दर्द होना
- सुबह के वक्त खाली पेट होने पर उल्टी या मतली का अनुभव होना
- योनि में दर्द
- गर्भाशय और योनि का आगे की ओर बढ़ जाना
4. कैल्केरिया कार्बोनिका
सामान्य नाम : कार्बोनेट ऑफ लाइम
लक्षण : जिन लोगों को निम्न प्रकार की समस्याएं होती हैं उनमें यह उपचार प्रभावी हो सकता है।
- पोषण के कारण होने वाली समस्याएं
- विभिन्न ग्रंथियों में सूजन
- अधिक काम के कारण मानसिक या शारीरिक समस्याएं
- पुरानी मोच और जोड़ों की सूजन
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द और पेट में चर्बी का जमाव
- मासिक धर्म से पहले सफेद डिस्चार्ज, पेट में दर्द, ठंड लगना और सिरदर्द
- मासिक धर्म के पहले और बाद में जलन व खुजली
- जननांग में अत्यधिक पसीना आना
- पीरियड्स के दौरान दांत दर्द और चक्कर आना
- अत्यधिक रक्तस्राव के साथ मासिक धर्म समय से पहले आना और लंबे समय तक रहना
2018 में प्रकाशित एक मामले की रिपोर्ट में बताया गया कि कैल्केरिया कार्बोनिका के साथ आहार में बदलाव और नियमित व्यायाम करने से पीसीओएस में काफी लाभ मिलता है। कुछ रोगियों का इन उपायों के साथ करीब डेढ़ साल तक उपचार किया गया, परिणामस्वरूप लोगों ने फिर पीसीओएस की पुनरावृत्ति का अनुभव नहीं किया।
5. लैक्चेसिस म्यूटस
सामान्य नाम : बुशमास्टर या सुरूकुकू स्नेक पॉइजन
लक्षण : यह उपाय मासिक धर्म की शुरुआत और अंत में विशेष रूप से उपयोगी है। इसके अलावा जिन महिलाओं को निम्न प्रकार की समस्याएं हों यह उनके लिए भी फायदेमंद हो सकती है।
- स्तनों का नीला हो जाना और सूजन
- बाएं अंडाशय में दर्द, सूजन और कठोरता
- बैठने और उठते वक्त पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना
- चुस्त कपड़ों के दबाव को सहन न कर पाना, विशेष रूप से गर्दन के आसपास
- पेट में दर्द और संवेदनशीलता का अनुभव होना
6. लाइकोपोडियम क्लैवाटम
सामान्य नाम : क्लब मॉस
लक्षण : उम्रदराज, दाएं अंडाशय में शिकायत और जिन लोगों को निम्न समस्याएं होती हैं, उनमें यह उपचार फायदेमंद हो सकता है।
- मासिक धर्म में देरी और इसका लंबे समय तक बने रहना
- योनि से सफेद पदार्थ निकलना और जलन
- दाएं अंडाशय के हिस्से में दर्द
- शौच के समय योनि से रक्त स्त्राव होना
- विकृत रूप से पेट का फूल जाना
- दस्त
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द
- रात के समय बार-बार पेशाब जाना
- पेट में तरल पदार्थ जमा होने के साथ लिवर के कार्यों में समस्या उत्पन्न होना
- भूख अधिक लगना
आमतौर पर देखने को मिलता है कि रोगियों में शाम 4 से 8 बजे के बीच उपरोक्त समस्याओं का अनुभव अधिक होता है। गर्म भोजन और गर्म पेय पदार्थ से गले और पेट को राहत मिलता है।
7. ब्रयोनिया अल्बा
सामान्य नाम : वाइल्ड हॉप्स
लक्षण : मांसपेशी में होने वाले दर्द को ठीक करने में ब्रयोनिया अल्बा फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा जिन लोगों को निम्न लक्षणों का अनुभव होता है यह उन लोगों में भी काफी प्रभावी है।
- रक्तस्राव के साथ समय से पहले मासिक धर्म होना
- पेट से जुड़े लक्षणों के साथ मासिक धर्म में अनियमितता
- पैरों में दर्द होना जो सामान्य गतिविधियों के कारण गंभीर रूप ले सकता है।
- सांस लेते समय ओवरी के आसपास लगे टांकों में दर्द
- दाएं अंडाशय में गंभीर दर्द। यह दर्द जांघों तक पहुंच सकता है
- मासिक धर्म दौरान स्तनोंं में दर्द
- स्तन का गर्म और कठोर महसूस होना
- पीरियड्स से ठीक पहले नाक से लगातार खून आना
- पीठ में दर्द, मुख्य रूप से मौसम में बदलाव के कारण
8. पल्साटिला प्राटेंसिस
सामान्य नाम : विंड फ्लावर
लक्षण : जिन महिलाओं को निम्न लक्षणों का अनुभव होता हो, उनको विंड फ्लावर से लाभ मिल सकता है।
- मासिक धर्म न आना या बहुत देर से आना
- मासिक धर्म के दौरान थक्का युक्त रक्तस्राव होना
- मासिक धर्म के दौरान ठंड लगना, मतली और दर्द
- जघन क्षेत्र और नीचे की ओर दबाव महसूस होना
- पीठ में दर्द होना, विशेष रूप से बैठते समय
- मासिक धर्म के दौरान और बाद में लूज़ मोशन
- योनि में जलन के साथ सफेद रंग का क्रीमी तरल निकलना
- प्यास कम लगना और मुंह सूखना
खुली हवा में जाने पर रोगी को बेहतर महसूस होता है। वसायुक्त भोजन इन लक्षणों को और खराब कर सकते हैं और इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करना चाहिए।