पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीसीओएस महिलाओं के अंडाशय से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है. इसकी वजह से महिलाओं के शरीर में हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं. आमतौर पर महिलाओं को यह समस्या प्रजनन आयु के दौरान होती है. पीसीओएस के चलते महिलाओं की प्रजनन क्षमता बुरी तरह से प्रभावित होती है. ऐसे में समय रहते इसका उचित इलाज जरूरी है. इलाज के तौर पर डॉक्टर क्लोमीफीन व मेटफार्मिन जैसी जरूरी दवाइयां दे सकते हैं.
आप यहां दिए लिंक पर क्लिक करके पीसीओएस का आयुर्वेदिक इलाज जान सकते हैं.
आज इस लेख में हम इसी विषय पर बात करेंगे और उन दवाइयों के बारे में जानेंगे, जो पीसीओएस में दी जा सकती हैं -
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क्या है ये समस्या?
पीसीओएस की समस्या होने पर महिला के लिए गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है. इस स्थिति में महिलाओं के शरीर में एंड्रोजन हार्मोन अधिक मात्रा में रिलीज होने लगता है. इससे ओवुलेशन में अनियमितता आती है. पीसीओएस की स्थिति में अंडाशय में बहुत सारे सिस्ट बन जाते हैं, जो ओवुलेशन की प्रक्रिया में रुकावट पैदा करते हैं. लंबे समय तक पीरियड्स न आना, अनचाहे बाल उगना, गर्भधारण न कर पाना, मुहांसे, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर पीसीओएस के आम लक्षण माने जाते हैं.
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पीसीओएस में फायदेमंद एलोपैथिक दवाएं
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का कोई संपूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाओं के माध्यम से इसके लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. उदाहरण के लिए, अगर कोई महिला गर्भवती होना चाहती है लेकिन पीसीओएस की वजह से गर्भधारण करने में दिक्कत आ रही है, तो इस स्थिति में कुछ दवाएं कारगर हो सकती हैं, जो गर्भधारण को संभव बनाती हैं. मोटापा, डायबिटीज व हृदय रोग जैसे जोखिमों को भी दवाइयों से कम किया जा सकता है. आइए, कुछ ऐसी ही दवाओं के बारे में जानते हैं -
क्लोमिफीन - Clomiphene
शोधकर्ताओं का कहना है कि क्लोमिफीन पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के उपचार के लिए प्रभावी दवा है. क्लोमिफीन का उपयोग उन महिलाओं में ओवुलेशन को प्रेरित करने के लिए किया जाता है, जिनमें अंडे का उत्पादन नहीं हो पाता है. इस एंटी एस्ट्रोजन दवा को पीरियड्स से पहले लेने की सलाह दी जाती है.
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मेटफार्मिन - Metformin
अगर क्लोमिफीन दवा लेने के बाद भी गर्भधारण करने में मुश्किल होती है, तो डॉक्टर मेटफार्मिन दवा लेने की सलाह दे सकते हैं. ये दवा वजन घटाने में भी मदद कर सकती है. मेटफार्मिन दवा का उपयोग पीसीओएस की वजह से होने वाले टाइप 2 डायबिटीज को ठीक करने के लिए किया जाता है.
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स्पिरोनोलैक्टोन - Spironolactone
यह दवा त्वचा पर एंड्रोजन हार्मोन के स्तर को कम कर सकती है. जब पीसीओएस की स्थिति में महिलाओं के अनचाहे बाल उगने लगते हैं, तो स्पिरोनोलैक्टोन दवा कारगर हो सकती है. स्पिरोनोलैक्टोन दवा कई तरह के जन्म दोष भी पैदा कर सकती है, इसलिए इस दवा को लेते समय प्रभावी गर्भनिरोधक की जरूरत होती है. अगर कोई महिला गर्भवती है या इसकी योजना बना रही है, तो उन्हें स्पिरोनोलैक्टोन दवा नहीं दी जाती है.
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ओर्लिस्टेट - Orlistat
मोटापा पॉलीसिस्टिव ओवरी सिंड्रोम का आम लक्षण होता है. ऐसे में मोटापा करने के लिए ओर्लिस्टेट दवा कारगर साबित हो सकती है. ओर्लिस्टेट ऐसी दवा है, जो शरीर को भोजन में कुछ वसा यानी फैट को पचाने से रोकती है. इसलिए, यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी सुधार कर सकती है. साथ ही वजन घटाने में भी मदद कर सकती है.
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गोनाडोट्रोपिन - Gonadotropins
गोनाडोट्रोपिन एक हार्मोन दवाई है. इसे इंजेक्शन के जरिए दिया जाता है. यह ओवेरियन और टेस्टीक्युलर के कार्य को नियंत्रित करती है. गोनाडोट्रोपिन यौन विकास और प्रजनन के लिए जरूरी होती है.
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सारांश
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक हार्मोनल स्थिति है, जो प्रजनन आयु की महिलाओं में देखने को मिलती है. इस दौरान महिलाओं के शरीर में एंड्रोजन का स्तर बढ़ने लगता है और अंडाशय में सिस्ट या गांठे बनने लगती हैं. जब ये गांठे बड़ी होती हैं, तो ओवुलेशन की प्रक्रिया में बांधा आती है. ऐसे में पीसीओएस के लक्षणों में कमी करके इसका उपचार किया जा सकता है. इस स्थिति में डॉक्टर जीवनशैली, खानपान में बदलाव के साथ ही कुछ दवाइयां लेने की भी सलाह देते हैं. पीसीओएस एक गंभीर स्थिति है, इसलिए कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के बिल्कुल न लें.
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अस्वीकरण: ये लेख केवल जानकारी के लिए है. myUpchar किसी भी विशिष्ट दवा या इलाज की सलाह नहीं देता है. उचित इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह लें.
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