सांस फूलने की समस्या का ज़िक्र आप सभी कभी न कभी करते ही हैं। इसका चिकित्सीय नाम डिस्पनिया है। सांस फूलने की समस्या का मतलब होता है कि आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है और आप एक तरीके की घुटन महसूस कर रहे हैं। सांस फूलने की समस्या कम, अधिक या बेहद गंभीर भी हो सकती है। कुछ मामलों में, लोग चिंता या तनाव भी अनुभव करते हैं, जिससे ये स्थिति और भी ज़्यादा खराब हो जाती है। 

ये बेहद आम है जब आपकी शारीरिक गतिविधि का असर क्षमता से अधिक हो जाता है या फिर जब आप किसी पहाड़ी इलाकों पर चढाई करते हैं, जहां ऑक्सीजन की कमी होती है। ऐसे मामलों में, कुछ आराम के बाद सांस सामान्य स्थिति पर आ जाती है।

सांस फूलने की समस्या, हालांकि, कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से भी हो सकती है। ये समस्या खून की कमी, श्वसन प्रणाली में संक्रमण या बीमारी, ब्रोंकाइटिस, ह्रदय की बीमारी और एलर्जी की वजह से भी हो सकती है। ये लक्षण उन लोगों में भी बेहद आम होते हैं, जिन्हे फेफड़े का कैंसर होता है।

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कई लोगों में सांस फूलने की दिक्कत ज़्यादा गंभीर नहीं होती। हालांकि, अगर ये बिना किसी वजह के होती है या आराम करते समय और रातभर परेशान करती है तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें। इसके साथ ही, अगर आपको ऐसे लक्षण भी दिखते हैं, जैसे बुखार, छाती में दर्द, गले में कसावट या छाती में घरघराहट तब भी अपने डॉक्टर से बात करें।

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जब आप डिस्पनिया से पीड़ित होते हैं तो कोई भी आसान चीज़ करना बेहद मुश्किल भरा काम लगता है। ये आपकी रोज़ाना की गतिविधियों को प्रभावित करता है और साथ ही आपके स्वास्थ को भी। लेकिन आप कुछ सरल घरेलू उपायों की मदद से अपनी जीवनशैली और डाइट में बदलाव कर इसे दूर कर सकते हैं। इसके साथ ही अपने डॉक्टर से सही इलाज के लिए भी बात करें।

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तो आइये आपको बताते हैं सांस फूलने के घरेलू उपाय -

  1. सांस फूलने से रोकने के लिए गहरी सांस लें - Take a deep breath to control shortness of breath in Hindi
  2. सांस फूलने से बचने के लिए होंठ गोल करके सांस लें - Pursed lip breathing technique for shortness of breath in Hindi
  3. सांस फूलने से रोकने के लिए ब्लैक कॉफी पीयें - Black coffee relieves shortness of breath in Hindi
  4. सांस फूलने पर भाप लें - Taking steam helps get rid of shortness of breath in Hindi
  5. सांस फूलने से रोकने के लिए अदरक का उपयोग करें - Ginger for shortness of breath in Hindi
  6. सांस फूलने के लिए चुकंदर के फायदे - Beetroot helps with shortness of breath in Hindi
  7. सांस फूलने से बचने के लिए सौंफ का सेवन करें - Fennel seeds benefits for shortness of breath in Hindi
  8. सांस फूलना रोकने के लिए धुम्रपान छोड़ें - Quit smoking to avoid shortness of breath in Hindi
  9. सांस फूलने की परेशानी को दूर करने के लिए रोजाना चलें - Walking regularly reduces shortness of breath problem in Hindi
  10. सांस फूलने से बचने के लिए रिलैक्सेशन थेरेपी के फायदे - Relaxation therapy benefits for shortness of breath in Hindi
  11. सांस फूलने की समस्या को दूर करने के कुछ टिप्स - Some tips for shortness of breath in Hindi
  12. सारांश

इसे डीप ब्रीथिंग और एब्डोमिनल ब्रीथिंग के अलावा डायफ्राग्मटिक ब्रीथिंग (Diaphragmatic Breathing) भी कहते हैं, जो आपके सांस फूलने की तकलीफ को ठीक करता है। ये तकनीक बेहद मददगार साबित होती है, खासकर तब जब आपको सांस फूलने की समस्या हो।

कैसे करें -

  1. सबसे पहले अपनी कमर के बल लेट जाएं, अपने हाथों को पेट के ऊपर रखें और मांसपेशियों को आराम दें।
  2. अब नाक की मदद से गहरी सांस लें, पेट को आगे बढ़ाएं और फेफड़ों को हवा से भर दें।
  3. अपनी सांस को कुछ सेकेंड के लिए अब रोक लें।
  4. अब धीरे-धीरे मुँह से सांस छोड़ें और फेफड़ों को पूरी तरह से खाली कर दें।
  5. इस प्रक्रिया को पांच से दस मिनट तक ऐसे ही दोहराएं।
  6. इस ब्रेथिंग व्यायाम को पूरे दिन में दो से तीन बार दोहराएं।

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होठों से सांस लेने की प्रक्रिया एक और बेहतरीन तकनीक मानी जाती है, जो साँस फूलने की समस्या को कम करने में मदद करती है। ये आपकी सांस फूलने की परेशानी को तेज़ी से कम करती है और सामान्य सांस को लय में लेकर आती है। इसके साथ ही इससे तनाव और चिंताएं भी दूर होती हैं।

कैसे करें -

  1. सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और गर्दन एवं कंधे की मांसपेशियों को आराम दें।
  2. फिर अपने होठों को ज़ोर से दबा लें।
  3. फिर कुछ सेकेंड के लिए अपनी नाक से सांस लेने की कोशिश करें।
  4. अब होंठों को थोड़ा खोलें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
  5. फिर से इसी प्रकार सांस लें और छोड़ें। ये प्रक्रिया करीब दस मिनट तक दोहराएं।
  6. इस तकनीक को आप कभी भी कर सकते हैं या जब लगे कि सांस फूल रही है तो आप आराम से इसे करें। कुछ ही मिनट में आप अच्छा महसूस करने लगेंगे।

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एक कप ब्लैक कॉफी सांस फूलने की समस्या का इलाज करने में मदद करती है। कॉफी में मौजूद कैफीन श्वसन प्रणाली को मजबूत करती है और शरीर में आने जाने वाली हवा की क्रियाओं को सुधारती है। इसके साथ ही, ये अस्थमा के लक्षणों को भी दूर करती है। एक या दो कप स्ट्रांग ब्लैक कॉफी पीयें जिससे सांस फूलने की समस्या से आराम मिले और सामान्य सांस की प्रक्रिया चलती रहे। लेकिन कॉफ़ी का ज़्यादा सेवन न करें, इससे आपके ह्रदय की गति और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता हैं।

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अगर श्वसन सम्बन्धी समस्याएं सांस फूलने की परेशानी बढ़ा रही हैं, तो भाप लेने का घरेलू उपाय बेहद अच्छा विकल्प माना जाता है। इससे आपकी नाक की नलियां साफ़ रहती है और सांस लेने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आती। इसके साथ ही भाप की गर्माहट और मॉइस्चर बलगम को कम कर देता है, जिससे सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं होती।

कैसे इस्तेमाल करें -

  1. सबसे पहले एक बढ़ा कटोरा पानी से भरें।
  2. अब उसमें कोई भी आवश्यक तेल मिलाएं जैसे नीलगिरी तेल या पुदीने का तेल
  3. अब कटोरे के पास अपना चेहरा लेकर जाएँ और अपने सिर को तौलिये से ढ़क लें।
  4. अब भाप लेना शुरू करें और कुछ मिनट तक इसी तरह गहरी सांस लें।
  5. अगर आपकी नाक बंद है तो इस उपाय को रोज़ाना दोहराएं।

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अदरक एक अन्य प्रभावी उपाय है जो छाती या नाक में बलगम का इलाज करने में मदद करता है, जिसकी वजह से सांस फूलने की समस्या बढ़ने लगती है। अदरक में मौजूद कई घटक बलगम को निकालते हैं। इससे आप आसानी से सांस लेने लगते हैं। इसके साथ ही ये गर्दन और श्वसन तंत्र संक्रमण से भी बचाता है।  इसके बेहतर लाभ के लिए रोज़ाना अदरक वाली चाय पीयें।

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चाय बनाने के लिए -

  1. एक चम्मच अदरक के टुकड़ों को दो कप उबलते पानी में डाल दें।
  2. फिर बर्तन को पांच से दस मिनट के लिए ढ़क दें।
  3. अब मिश्रण को छान लें और फिर शहद को उसमें मिला लें।
  4. फिर इस मिश्रण को पीयें।
  5. इसके साथ ही बलगम से छुटकारा पाने के लिए अदरक के टुकड़ों को भी आप चबा सकते हैं।

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अगर आपको एनीमिया की वजह से सांस फूलने की समस्या है तो आप चुकंदर खा सकते हैं। चुकंदर में अधिक मात्रा में आयरन होता है, साथ ही फाइबर, कैल्शियम, पोटेशियम और विटामिन भी होता है। 

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कैसे इस्तेमाल करें -

  1. सबसे पहले एक मध्यम आकार के चुकंदर, तीन गाजर, मुट्ठीभर पालक और आधा शकरकंद को एक साथ मिलाकर मिक्सर में डाल दें। फिर इसे पी जाएं। पूरे दिन में इस मिश्रण को एक बार ज़रूर पीयें।
  2. इसके आलावा, एक या दो चुकंदर को छिलकों के साथ गैस पर रख कर भून लें। फिर चुकंदर को ठंडा करके, छीलकर उनपर नमक और मिर्च डालकर खा लें।
  3. इसके साथ ही, अपने आहार में और अधिक आयरन से समृद्ध खाद्य पदार्थ मिलाएं।

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आयुर्वेदा के अनुसार, सौंफ सांस की समस्या का इलाज करने में मदद करती है। इसमें एक्सपेक्टरेंट के गुण बलगम को निकालते हैं और श्वसन से जुड़ी बीमारी का इलाज करते हैं, जैसे ब्रोंकाइटिस और कफ। इसके साथ ही सौफ में मौजूद आयरन एनीमिया का भी इलाज करते हैं।

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कैसे इस्तेमाल करें -

  1. सबसे पहले एक चम्मच सौफ को गर्म पानी में डाल दें।
  2. फिर पांच से दस मिनट के लिए उसे ढ़क कर रखें।
  3. सब मिश्रण को छान लें और इस सौफ की चाय को पूरे दिन में दो से तीन बार पीयें।
  4. आप सौफ को भूनकर उन्हें आराम-आराम से भी खा सकते हैं।

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अगर आप धूम्रपान कभी-कभी करते हैं या रोज़ करते हैं तो जान लीजिये, धूम्रपान कई स्वास्थ्य समस्याएं देता है, जैसे डिस्पनिया। इसमें मौजूद हानिकारक केमिकल्स श्वसन समस्याएं और सांस फूलने की समस्या को आसानी से बढ़ा सकती हैं। तो अब धूम्रपान करना छोड़ दें और सामने वाला व्यक्ति जो धूम्रपान कर रहा है, उसके भी सामने जाने से बचें। जैसे-जैसे आपके सांस की दिक्कते सही होती जाएंगी वैसे-वैसे फेफड़ों के कैंसर का जोखिम भी कम होता जाएगा।

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चलना, सांस फूलने की समस्या के लिए बेहद अच्छा इलाज माना जाता है। ये अधिक वजन वाले लोगों के बीच बेहद आम होता है। रोज़ाना चलने से आपका स्टैमिना सुधरता है और सांस फूलने की परेशानी में भी कमी आती है। इससे आपका वजन भी कम होता है। पूरे हफ्ते में 30 से 60 मिनट तक पांच बार चलें, इससे आपका मेटाबॉलिज्म और स्टैमिना दोनों बढ़ेगा।

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आराम देने वाली थेरेपी जैसे, योग और मेडिटेशन सांस फूलने की समस्या से निजात दिलाने में मदद करती है। इस तरह की थेरेपी पूरे शरीर में खून और ऑक्सीजन को अच्छे से पहुँचाती है और ह्रदय की गति को भी कम करती है। इसके साथ ही, ये तनाव और चिंताओं को भी कम करती है। अगर मुमकिन हो, तो खुली जगह में योग और मेडिटेशन करें, जिससे ताज़ा और शुद्ध हवा आपको मिल सके।

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सांस फूलने की समस्या को दूर करने के कुछ टिप्स -

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  1. इस बात का ध्यान रखें कि किस वक़्त या कौन सी गतिविधि करने से आपको सांस फूलने की समस्या होती है।
  2. अगर आपको सोने में तकलीफ होती है, तो कई तकियों को सिर के आसपास रखकर सोएं। इसके साथ ही आप अपनी साइड में भी और पैरों के बीच में भी तकिया रखकर सो सकते हैं।
  3. अधिक गर्म कमरे में न सोएं, इससे स्थिति और भी ज़्यादा खराब हो सकती है। (और पढ़ें - सोने का सही तरीका)
  4. सांस फूलने की समस्या से राहत पाने के लिए आप अपनी अवस्था को बदल सकते हैं।
  5. जब आपकी सांस फूलने लगे तो, आप उस समय जो काम कर रहे हैं उसे करना बंद कर दें। तब तक, जब तक आपकी सांस सामान्य न हो जाए।
  6. अपनी सांस पर ध्यान देने की बजाए, कोशिश करें कि आप अपना ध्यान कही और लगाएं। इससे आप सांस को नियंत्रित कर पाएंगे।
  7. कोई भी परिश्रमी गतिविधि के बीच में रोज़ाना छोटा-छोटा ब्रेक लेने की कोशिश करें, जिससे सांस फूलने की समस्या को रोका जा सके।
  8. विषाक्त केमिकल्स के बीच न रहें। (और पढ़ें - बंद नाक खोलने के उपाय)
  9. रोज़ाना फल और सब्ज़ियां अच्छे से खाएं।
  10. शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए और बलगम को पतला करने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा पानी पीयें। इससे बलगम को निकालने में आसानी होगी और आपको भी सांस फूलने की तकलीफ नहीं होगी।
  11. काम के बीच में आराम दें। कुर्सी पर बैठ जाएं और हाथों को घुटनों पर रखें और कंधों और हाथों की मासंपेशियों को आराम दें।
  12. अगर आपके सामने टेबल है तो टेबल पर तकिये को रखे और दोनों हाथों को भी टेबल पर रख लें। अब सिर को तकिये पर आराम से रखें। अपने शरीर को एकदम ढ़ीला छोड़ दें।
  13. आप दीवार से टिककर भी शरीर एकदम ढ़ीला छोड़कर खड़े हो सकते हैं। इससे शरीर को आराम देने में मदद मिलेगी और सांस भी सामान्य तरीके से चलती रहेगी।
  14. आप टेबल पर अपने हाथ रखकर सिर को नीचे झुकाकर कंधों और गर्दन की माँसपेशियों को आराम दे सकते हैं।
  15. बिना डॉक्टर से पूछे किसी भी तरह की दवाई या सप्लीमेंट्स न लें।
  16. जिन लोगों को अस्थमा है, वो व्यायाम करने से पहले इन्हेलर का इस्तेमाल करें। (और पढ़ें - अस्थमा के लिए योग)
  17. घर में हुमिडिफायर (Humidifier) का इस्तेमाल करें, खासतौर पर सर्दियों में, क्योंकि उस समय हवा रूखी हो जाती है और बलगम को सुखा देती है, जिसकी वजह से आप सांस नहीं ले पाते।

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सांस फूलने की समस्या को कम करने के लिए कुछ घरेलू उपाय प्रभावी हो सकते हैं। सबसे पहले, नियमित रूप से भाप लेना श्वसन नलिकाओं को साफ रखने में मदद करता है, जिससे सांस लेने में आसानी होती है। अदरक और शहद का मिश्रण या तुलसी की पत्तियों का काढ़ा पीने से सांस की तकलीफ में राहत मिल सकती है, क्योंकि ये प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं। प्राणायाम और गहरी सांस लेने के व्यायाम भी फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं। साथ ही, भोजन में हल्दी, लहसुन और काली मिर्च का प्रयोग फेफड़ों को मजबूत रखने और सांस फूलने की समस्या को कम करने में मदद करता है। अगर समस्या गंभीर हो, तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

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