पूरे दिन काम करने के बाद व्यक्ति चाहता है कि उसे रात में अच्छी और गहरी नींद आए. लेकिन कई कारणों के चलते व्यक्ति सही से नींद नहीं ले पाता. इसमें से एक कारण है स्लिप डिस्क यानी हर्नियेटेड डिस्क (Herniated Disc) की समस्या.
जब किसी व्यक्ति को स्लिप डिस्क की समस्या होती है तो लक्षणों के तौर पर उसे पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द महसूस होता है. यह दर्द व्यक्ति के पैरों तक चला जाता है. इसके अलावा स्लिप डिस्क में यदि व्यक्ति लंबे समय तक एक स्थान पर बैठा रहे तो उसे झुकने या शरीर को मोड़ने में दिक्कत महसूस हो सकती है. स्लिप डिस्क के लक्षणों में मांसपेशियों में ऐंठन, झनझनाहट, पैरों में या हाथों में चुभने जैसा महसूस करना, मांसपेशियां कमजोर होना आदि भी शामिल हैं.
(और पढ़ें - स्लिप डिस्क का इलाज)
इस समस्या के दौरान ठीक से सोना थोड़ा मुश्किल होता है. लेकिन सोने की कुछ ऐसी पोजीशंस हैं जिन्हें अपनाकर व्यक्ति स्लिप डिस्क होने पर भी अच्छी नींद ले सकता है. हम आपको इस लेख में उन्ही स्लीपिंग पॉजीशंस के बारे में बताएंगे.
- स्लिप डिस्क के दौरान सोने का तरीका क्या है? - What is the best way to sleep if you have slip disc in Hindi?
- स्लिप डिस्क होने पर किस तरीके से ना सोएं? - How not to sleep with a slip disc in Hindi?
- सारांश - Takeaway
स्लिप डिस्क के दौरान सोने का तरीका क्या है? - What is the best way to sleep if you have slip disc in Hindi?
स्लिप डिस्क के दौरान सोने का सही तरीका कुछ इस प्रकार है -
घुटनों के बीच में लगाएं तकिया
यदि आपको स्लिप डिस्क है तो सोते वक्त अपने घुटनों के बीच में एक तकिया लगाकर सोएं. हो सकता है कि तकिया लगाने के बाद आप पीठ के बल सोने में असहज महसूस करें. ऐसे में आप करवट लेकर सोने की कोशिश कर सकते हैं. ऐसा करने से व्यक्ति काफी आराम महसूस करता है. इससे अलग यदि करवट लेने के दौरान आपकी कमर और गर्दन के बीच में झनझनाहट महसूस हो तो उस जगह भी आप छोटा सा तकिया लगा सकते हैं. लेकिन ध्यान दें कि आप चाहे एक तकिया इस्तेमाल करें या दो, केवल एक करवट में सोना समस्या को और बढ़ा सकता है. साथ ही ऐसा करने से मांसपेशियां भी असंतुलित हो सकती हैं. इसलिए अपनी स्थिति को बदलते रहें.
(और पढ़ें - अच्छी नींद के टिप्स)
फीटल पोजीशन यानी भ्रूण की स्थिति में सोना
यदि आपको स्लिप डिस्क है तो आप अपनी स्थिति भ्रूण के समान कर लें. इसके लिए आप सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों घुटनों को मोड़ते हुए छाती तक लेकर जाएं. अब अपने सिर को भी घुटने की तरफ मोड़ें. हालांकि पीठ के बल सोते समय इस स्थिति को ज्यादा देर तक टिकाया नहीं जा सकता. ऐसे में आप इस स्थिति को बनाए रखने के लिए दाएं या बाएं करवट में सो सकते हैं. इस स्थिति से सोने से दर्द कम होने के साथ-साथ मांसपेशियों की कमजोरी भी दूर हो सकती है.
(और पढ़ें - स्लिप डिस्क की होम्योपैथिक दवा)
पेट के बल सोते वक्त तकिया लगाएं
आमतौर पर स्लिप डिस्क होने पर पेट के बल सोने के लिए मना करते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे आपकी गर्दन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. लेकिन अगर आप इस दबाव को कम करना चाहते हैं तो पेट के निचले हिस्से पर एक तकिया लगाएं. ऐसा करने से पेट के बल सोने के कारण डिस्क के बीच में जो तनाव महसूस होगा, उसे दूर किया जा सकता है.
(और पढ़ें - स्लिप्ड डिस्क में क्या खाना चाहिए)
घुटनों के नीचे रखें तकिया
स्लिप डिस्क में पीठ के बल सोना सबसे आरामदायक माना जाता है. इस दौरान आप अपने घुटने के नीचे एक तकिया रख सकते हैं. ऐसा करने से व्यक्ति को दर्द का अहसास नहीं होगा. जब आप अपनी पीठ के बल सोते हैं, तो आपका वजन समान रूप से वितरित यानी डिस्ट्रीब्यूट हो जाता है और आपके शरीर के सबसे चौड़े हिस्से में चला जाता है. इसके कारण प्रभावित हिस्से पर कम दबाव पड़ता है.
(और पढ़ें - सोने का सही तरीका)
स्लिप डिस्क होने पर किस तरीके से ना सोएं? - How not to sleep with a slip disc in Hindi?
अगर आपको स्लिप डिस्क है तो ऐसे में पेट के बल सोने से बचें. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे रीढ़ की हड्डी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. दरअसल, पेट के बल सोने से सर्वाइकल के आसपास मौजूद मांसपेशियों पर अनावश्यक दबाव पड़ सकता है, जिसके कारण व्यक्ति का दर्द बढ़ सकता है. इसके अलावा एक ही करवट में सोने से भी बचें. वरना मांसपेशियां असंतुलित हो सकती हैं.
(और पढ़ें - स्लिप डिस्क का आयुर्वेदिक इलाज)
सारांश - Takeaway
स्लिप डिस्क में अच्छी नींद लेने के लिए इस लेख में बताई गई सोने की स्थितियां आपके बेहद काम आ सकती हैं. लेकिन यदि आपको किसी भी स्थिति को अपनाते वक्त दर्द या दबाव महसूस हो तो उस स्थिति का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर करें.
(और पढ़ें - स्लिप डिस्क के घरेलू उपाय)
स्लिप डिस्क में कैसे सोना चाहिए, कैसे नहीं? के डॉक्टर

Dr. Manoj Kumar S
ओर्थोपेडिक्स
8 वर्षों का अनुभव

Dr. Ankur Saurav
ओर्थोपेडिक्स
20 वर्षों का अनुभव

Dr. Pritish Singh
ओर्थोपेडिक्स
12 वर्षों का अनुभव
