व्यक्ति खर्राटे तब लेता है, जब सोने के दौरान सांस लेते समय गले के टिश्यू रिलैक्स हो जाते हैं. ये हवा के रास्ते को रोकने लगते हैं और तब जो तेज कर्कश आवाज निकलती है, उसे खर्राटे कहा जाता है. खर्राटे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के पहले लक्षण भी हो सकते हैं, जो हृदय रोग के लिए जोखिम भरे हो सकते हैं. इसलिए, जरूरी है कि समय रहते इसका इलाज करा लिया जाए. ऐसे में होम्योपैथिक दवा बेहतर विकल्प हो सकती है. अन्य इलाज की तुलना में होम्योपैथिक दवा का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता. ओपियम, लेम्ना माइनर, चाइना व काली सल्फ के सेवन से खर्राटे की समस्या से निजात पाया जा सकता है.
आज इस लेख में आप खर्राटे की होम्योपैथिक दवा के बारे में जानेंगे -
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खर्राटे में फायदेमंद होम्योपैथिक दवा
होम्योपैथिक दवा खर्राटे के पीछे के कारण को जड़ से खत्म करके खर्राटे को भी ठीक कर सकती है. ओपियम, लेम्ना माइनर, चाइना, लॉरोसेरेसस व काली सल्फ जैसी होम्योपैथिक दवा खर्राटे के इलाज के लिए सुरक्षित है और बिना किसी साइड इफेक्ट के असर करती हैं. आइए, खर्राटे की होम्योपैथिक दवाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं -
ओपियम - Opium
जिन लोगों को सोते ही खर्राटे आने लगते हैं और नींद खुल जाती है, उनके इलाज में ओपियम दवा अहम भूमिका निभा सकती है. यह दवा उन लोगों के लिए भी अच्छी है, जिन्हें नींद तो बहुत आती है, लेकिन सो नहीं पाते हैं.
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लेम्ना माइनर - Lemna minor
लेम्ना माइनर उन लोगों के इलाज के लिए सही हैं, जिन्हें खर्राटे के साथ-साथ नाक बंद होने और हर समय बदबू आने की समस्या रहती है. यदि नाक में सूजन की वजह से खर्राटे आ रहे हैं, तो भी लेम्ना माइनर लाभदायक है. यह होम्योपैथिक दवा उन रोगियों का इलाज भी कर सकती है, जिनकी स्थिति बारिश के मौसम में और बिगड़ जाती है.
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काली सल्फ - Kali Sulph
होम्योपैथिक दवा काली सल्फर उन लोगों की खर्राटे की समस्या को कम करती है, जिनके खर्राटे एडेनोइड्स (adenoids) हटवाने के बाद भी ठीक नहीं होते हैं.
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डलकामारा - Dulcamara
अगर नींद के दौरान नाक बंद हो, मुंह खुला हो और साथ में व्यक्ति खर्राटे भी ले रहा हो, तो इस केस में डलकामारा होम्योपैथिक दवा काम आ सकती है.
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लॉरोसेरेसस - Laurocerasus
जब नींद में सांस लेते समय दम घुटने जैसा महसूस हो रहा हो और सांस लेने में दिक्कत हो, तो लॉरोसेरेसस होम्योपैथिक दवा काम आ सकती है. इस तरह के व्यक्ति को सोते समय एंग्जायटी और बेचैनी भी महसूस हो सकती है.
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लैक कैनिनम - Lac caninum
जिन लोगों में ठंड के मौसम में खर्राटे की समस्या बढ़ जाती है, उनके लिए लैक कैनिनम बढ़िया होम्योपैथिक दवा है. यह संवेदनशील लोगों के इलाज में भी काम आ सकती है.
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सारांश
खर्राटे आना एक ऐसी बीमारी है, जो आगे चलकर बड़ी मुसीबत पैदा कर सकती है. इसलिए, यह जरूरी है कि खर्राटे के लक्षण दिखाई देते ही इसका इलाज करा लिया जाए. खर्राटे को ठीक करने में होम्योपैथिक दवा काली सल्फ, लॉरोसेरेसस व चाइना अहम भूमिका निभाती हैं. साथ ही ध्यान रहे कि किसी भी दवा के सेवन से पहले होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए, क्योंकि यह जरूरी नहीं है कि एक ही दवा का असर सब पर समान तरह से हो. दरअसल होम्योपैथिक दवा का सेवन कई लक्षणों के आधार पर किया जाता है, इसलिए डॉक्टर का परामर्श जरूरी है.
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