सोते समय खर्राटे आना आम समस्या है, लेकिन खर्राटे आना किसी बीमारी या एलर्जी का कारण हो सकता है. इसके अलावा, नाक बंद होने पर भी खर्राटे आ सकते हैं. दरअसल, नाक बंद होने पर वायुमार्ग में रुकावट आ जाती है और इससे खर्राटे आने लगते हैं. अधिकतर लोगों को लगता है कि खर्राटों का कोई इलाज नहीं है, इसलिए यह सामान्य है और इसे रोका नहीं जा सकता है, जबकि ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है. एलोपैथी में खर्राटों का संपूर्ण इलाज उपलब्ध है. इसके लिए डॉक्टर की सलाह पर दवा या स्प्रे का इस्तेमाल किया जा सकता है.
इस लेख में आप खर्राटों को बंद करने वाली एलोपैथिक दवाइयों के बारे में जानेंगे -
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खर्राटे में लाभकारी एलोपैथिक दवाएं
अगर किसी को नींद में लगातार खर्राटे लेने की समस्या है, तो डॉक्टर उसकी स्थिति को देखकर डोमपेरिडोन दवा या फिर नासोनेक्स नेजल स्प्रे दे सकते हैं. आइए, दवाओं व स्प्रे के बारे में नीचे विस्तार से जानते हैं -
स्यूडोफेड्रिन सल्फेट - Pseudoephedrine Sulfate
खर्राटाें के लिए स्यूडोफेड्रिन सल्फेट दवा का सेवन किया जा सकता है. स्यूडोफेड्रिन सल्फेट दवा बंद नाक और सांस लेने में होने वाली दिक्कतों को कम करने में असरदार साबित हो सकती है. इस दवा को एक दिन में 240 मिलीग्राम से अधिक नहीं लेना चाहिए. रिसर्च में भी यह साबित हो चुका है कि स्यूडोफेड्रिन सल्फेट दवा लेने से खर्राटे धीरे-धीरे कम होने लगते हैं. साथ ही नींद भी अच्छे से आती है.
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डोमपेरिडोन टेबलेट - Domperidone Tablet
डोमपेरिडोन ऐसी टेबलेट है, जो खर्राटों को कम करने में असरदार साबित हो सकती है. नियमित रूप से डोमपरिडोन दवा लेने से नींद अच्छी आ सकती है. रिसर्च की मानें तो डोमपेरिडोन टेबलेट की उच्च खुराक लेने से खर्टारों में कमी आ सकती है. डॉक्टर की सलाह पर खर्राटों को रोकने के लिए इस दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं.
एक रिसर्च के अनुसार, 30 दिन तक 60 मिलीग्राम स्यूडोएफेड्रिन और 10 मिलीग्राम डोमपेरिडोन लेने से खर्राटों को पूरी तरह से बंद किया जा सकता है. यह रिसर्च 772 लोगों पर की गई. रिसर्च के बाद पाया गया कि 493 लोगों में सोने के दौरान खर्राटे आने की समस्या कम हुई.
डिकॉन्गेस्टेंट टैबलेट - Decongestants Tablet
नाक बंद होने पर वायुमार्ग बंद हो जाता है. इसकी वजह से व्यक्ति को रात में सोते समय खर्राटे आ सकते हैं. ऐसे में डिकॉन्गेस्टेंट टैबलेट असरदार साबित हो सकती है. डिकॉन्गेस्टेंट दवा नाक के मार्ग को साफ करने में मदद करती है. इस दवा को लेने से वायुमार्ग खुलता है और वायु प्रवाह में मदद मिलती है. डिकॉन्गेस्टेंट टेबलेट खर्राटों को कम करने में मदद कर सकती है. अगर इसे डॉक्टर की सलाह पर लिया जाए, तो यह दवा बिल्कुल सुरक्षित है. डिकॉन्गेस्टेंट टैबलेट के साथ-साथ स्प्रे के रूप में भी मिल जाती है.
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नैसोनेक्स नेजल स्प्रे - Nasonex Nasal Spray
नैसोनेक्स नेजल स्प्रे का इस्तेमाल एलर्जी व नेजल पॉलीप्स यानी नाक के मार्ग में असामान्य ऊतकों की वृद्धि का इलाज करने के लिए किया जाता है. यह एक टॉपिकल स्टेराइड स्प्रे है, जो बंद नाक से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है. नैसोनेक्स नेजल स्प्रे की मदद से खर्राटों को भी कम करने में मदद मिल सकती है. इतना ही नहीं इस स्प्रे की मदद से ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के दौरान होने वाली परेशानियों से भी राहत मिल सकती है.
नैसोनेक्स नाक को खोलने और नींद के दौरान सांस लेने में होने वाली दिक्कतों को ठीक कर सकता है. अगर किसी के नाक में खुला घाव है, तो उसे नैसोनेक्स नेलज स्प्रे का उपयोग नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, अगर किसी को हाल ही में खसरा या चिकनपॉक्स हुआ है, तो भी इसका यूज करने से बचें. इस स्प्रे के इस्तेमाल से सिरदर्द, नाक में जलन, नाक से खून आना, खांसी और घरघराहट जैसे साइड इफेक्ट नजर आ सकते हैं.
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सारांश
यह तो आप जान चुके हैं कि खर्राटे आने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं. ऐसे में खर्राटों को रोकने या बंद करने के लिए एलोपैथिक दवाइयों का इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर किसी को अक्सर ही सोते समय खर्राटे आते हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें. खर्राटे आने के दौरान कई बार लोगों को रात में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. इसलिए, समय रहते इसका इलाज करवाना जरूरी होता है.
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अस्वीकरण: ये लेख केवल जानकारी के लिए है. myUpchar किसी भी विशिष्ट दवा या इलाज की सलाह नहीं देता है. उचित इलाज के लिए डॉक्टर से परामर्श लें.
खर्राटे में फायदेमंद एलोपैथिक दवाएं के डॉक्टर

Dr. Varalakshmi Govindappa
कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
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