पेट दर्द ऐसी समस्या है, जो आमतौर पर किसी भी उम्र के व्यक्ति को महसूस हो सकती है. ये दर्द पेट के दाएं हिस्से में, बाएं हिस्से में, ऊपर या निचले हिस्से में कहीं भी हो सकता है. अगर पेट के ऊपरी हिस्से की बात करें, तो यहां दर्द होने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं. ये कारण कभी-कभी काफी गंभीर भी हो सकते हैं. इसलिए, कारण का जानना सबसे आवश्यक है.
आज इस लेख में हम पेट के ऊपरी भाग में होने वाले दर्द के बारे में जानेंगे-
(और पढ़ें - पेट दर्द का आयुर्वेदिक इलाज)
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द के लक्षण
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द के कारण
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द का निदान
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द का उपचार
- सारांश
पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द के लक्षण
पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द के कई लक्षण हो सकते हैं, जो निम्न प्रकार से हैं-
- बहुत अधिक दर्द या प्रेशर
- बुखार
- जी मिचलाना या उल्टी आने जैसा महसूस होना
- अचानक वजन कम होना
- पेट में सूजन
- छूने पर पेट अधिक नरम लगना
- मल के साथ रक्त आना
पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द के कारण
पेट के ऊपरी हिस्से में स्प्लीन, पैंक्रियाज, किडनी, एड्रेनल ग्लैंड, लिवर व गॉल ब्लैडर जैसे जरूरी अंग होते हैं. पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है -
अपच की परेशानी
अगर पाचन ठीक से नहीं होता है, तो ऊपरी पेट में जलन महसूस होती है. यह दर्द ऐसा प्रतीत होता है, जैसे सीने की ओर से आ रहा हो. कभी-कभी बहुत अधिक एसिडिक फूड खा लेने से अधिक एसिड बनने लगती है और कुछ समय बाद ठीक हो जाती है. वहीं, अगर अपच अधिक परेशान कर रही है, तो ओवर द काउंटर दवाइयों का सेवन किया जा सकता है.
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पेट में वायरस
कई बार पेट में इंफेक्शन यानी गैस्ट्रोएन्टराइटिस उत्पन्न हो जाते हैं. इनके कारण पेट दर्द, उल्टियां, डायरिया और जी मिचलाना जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं. जो लोग इस वायरस से संक्रमित होते हैं उन्हें सिर दर्द और मसल्स में दर्द भी महसूस हो सकता है.
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गॉलस्टोन की समस्या
गॉल स्टोन कोलेस्ट्रॉल की कठोर फॉर्मेशन होती है, जो गॉल ब्लैडर में उत्पन्न हो जाती हैं. वैसे तो इनसे ज्यादा दिक्कतें नहीं होती हैं, लेकिन कभी–कभी यह आंतों के रास्ते में दिक्कत पैदा कर देती है. इससे थकान, पेट दर्द व उल्टियों जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. इस स्थिति को हल्के में नहीं लेना चाहिए. इस समस्या की अनदेखी के कारण लिवर और पैंक्रियाज जैसे अंगों में समस्या या पीलिया की बीमारी भी हो सकती है.
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डाइवर्टिक्यूलर बीमारियां
छोटी–छोटी थैलीनुमा बनावट को डायवर्टिकुला कहा जाता है. ये आंतों में खासकर बड़ी आंत में बनना शुरू हो जाती है. जब ये थैलियां सूज जाती हैं या इनमें संक्रमण हो जाता है, तो पेट में काफी तेज दर्द महसूस होता है. इन थैलियों के कारण ऊपरी पेट में अधिक दर्द महसूस होता है.
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हेपेटाइटिस
यह लिवर का संक्रमण होता है, जो पेट के ऊपरी भाग में दर्द पैदा करता है. इसके तीन प्रकार होते हैं, जैसे - हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी. इसके अन्य लक्षणों में थकान, कमजोरी, जी मिचलाना, उल्टियां आना, पीलिया, स्किन खुजली, भूख कम लगना, बुखार, जोड़ों में दर्द, गहरे रंग का पेशाब आदि शामिल हैं. इस स्थिति के लक्षण महसूस होने पर डॉक्टर को तुरंत दिखा लेना चाहिए.
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गैस बनना
गैस बनना पेट की लाइनिंग में होने वाला एक इंफेक्शन है, जो बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है. अधिक गैस बनने के कारण पेट में दबाव, भरा हुआ पेट लगना और ब्लोटिंग जैसा महसूस हो सकता है. इस दौरान ऊपरी पेट में बहुत जलन और दर्द महसूस होता है. हालांकि, गैस बनना गंभीर समस्या नहीं है. कभी-कभी कुछ खास फूड जैसे कि ब्रोकली आदि के सेवन की वजह से भी गैस बन सकती है.
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पैंक्रियाटाइटिस
यह पैंक्रियाज में सूजन के कारण होने वाली स्थिति है. इस कारण ऊपरी पेट के बाएं हिस्से में अधिक दर्द महसूस हो सकता है और यह दर्द कुछ दिनों तक रहता है. इस दौरान खाना खाने के बाद पेट में दर्द बढ़ जाता है.
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पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द का निदान
पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द की जांच डॉक्टर निम्न तरीकों से करते हैं-
- फिजिकल एक्जामिनेशन
- मेडिकल हिस्ट्री
- ब्लड टेस्ट
- इमेजिंग टेस्ट जैसे कि सीटी स्कैन व अल्ट्रासाउंड आदि
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पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द का उपचार
पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होने पर डॉक्टर लक्षण व कारण के अनुसार निम्न प्रकार के उपचार कर सकते हैं -
- ओवर द काउंटर दवाइयों का सेवन.
- प्रोबायोटिक्स और फाइबर से भरपूर डाइट का सेवन.
- अधिक तला भुना या मसालेदार खाने से बचाव.
- अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन.
- सिंकाई करना
- हल्के हाथों से मसाज करना.
- सेंधा नमक के पानी से नहाना.
- हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करना.
- कंट्रोल डाइट व नियमित एक्सरसाइज करना.
सारांश
पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द के बहुत से कारण हैं, जिनके बारे में लेख में बताया गया है. अगर आपको कारण नहीं पता और लक्षण एक हफ्ते से ज्यादा समय से परेशान कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और अपना इलाज करवाएं.
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