तनाव के दौरान खून में ऐसे हार्मोन रिलीज होते हैं, जो शारीरिक समस्या का कारण बन सकते हैं. ये हार्मोन लगातार रिलीज होते रहते हैं और जरूरी अंगों के लिए जोखिम भरे हो सकते हैं, जिसमें थायराइड भी शामिल है. हालांकि, तनाव और थायराइड के बीच अभी तक कोई संबंध साबित नहीं हुआ है, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि तनाव और थायराइड साथ मिलकर परेशानी बढ़ा सकते हैं.
आज इस लेख में आप जानेंगे कि तनाव के चलते थायराइड की समस्या हो सकती है या नहीं -
आप यहां दिए लिंक पर क्लिक करके जान सकते हैं कि तनाव और चिंता का इलाज क्या है.
- तनाव और थायराइड के बीच संबंध
- हाइपोथायराइडिज्म, तनाव और ब्रेन
- थायराइड स्टॉर्म और तनाव
- थायराइड के साथ तनाव को ऐसे करें मैनेज
- सारांश
तनाव और थायराइड के बीच संबंध
गर्दन के नीचे एक ग्रंथि होती है, जिसे थायराइड कहा जाता है. यह ग्रंथि ऐसे हार्मोन का निर्माण करती है, जो यह कंट्रोल करते हैं कि शरीर कितनी तेजी से एनर्जी का इस्तेमाल करता है, प्रोटीन बनाता है और अन्य हार्मोन के लिए प्रतिक्रिया देता है. हालांकि, अभी तक इस संबंध को साबित करने के लिए कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि तनाव इस कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है.
कुछ शोध के अनुसार, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि तनाव की वजह से कोर्टिसोल का स्तर थायराइड हार्मोन मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकता है. कोर्टिसोल ही वह हार्मोन है, जिसका निर्माण शरीर में तनाव की वजह से होता है. यह पिट्यूरी ग्लैंड की कार्यप्रणाली को दबा सकता है और थायराइड को उत्तेजित करने वाले हार्मोन को रिलीज होने से रोक सकता है. इस तरह से हाइपोथायराइडिज्म होने की आशंका बढ़ जाती है.
(और पढ़ें - तनाव के लिए आयुर्वेदिक दवाएं)
हाइपोथायराइडिज्म, तनाव और ब्रेन
तनाव याददाश्त और अन्य कॉग्निटिव कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है, लेकिन हाइपोथायरायडिज्म वालों को अधिक गंभीर कॉग्निटिव समस्याएं हो सकती हैं. यदि हाइपोथायरायडिज्म का इलाज न किया गया, तो तनाव के साथ मिलकर यह मानसिक कार्यप्रणाली को खराब कर सकता है. इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि थायराइड हो या न हो, तनाव को नियंत्रण में रखना जरूरी है.
(और पढ़ें - तनाव दूर करने के लिए क्या खाएं)
थायराइड स्टॉर्म और तनाव
थायराइड समस्या अमूमन शारीरिक तनाव की वजह से होती है. इसे मेडिकल भाषा में थायराइड स्टॉर्म कहा जाता है. इसे थायरोटॉक्सिक स्टॉर्म और हाइपरथायराइड स्टॉर्म भी कहा जाता है. यह एक गंभीर स्थिति है, जो उन लोगों में हो जाती है, जिनके हाइपोथायरायडिज्म और ग्रेव्स रोग का इलाज नहीं होता है.
थायराइड स्टॉर्म इंफेक्शन, हार्ट अटैक, शिशु के जन्म व डायबिटीज जैसे शारीरिक तनाव या सर्जरी और रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी जैसे हाइपोथायरायडिज्म इलाज से भी हो सकता है. थायराइड स्टॉर्म एक गंभीर समस्या है, जिसमें तुरंत मेडिकल मदद की जरूरत पड़ती है. थायराइड स्टॉर्म के लक्षण हैं -
- तेज बुखार
- ज्यादा पसीना आना
- अनियमित दिल की धड़कन
- एंग्जायटी और नर्वस महसूस करना
- शरीर का हिलना
- उल्टी और मतली
- मिर्गी के दौरे
- कन्फ्यूजन की स्थिति
(और पढ़ें - तनाव के लिए योग)
myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट से अपने स्वास्थ्य की देखभाल करें। यह आपके शरीर को संतुलित रखकर रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है। ऑर्डर करें और स्वस्थ जीवन का आनंद लें!"
थायराइड के साथ तनाव को ऐसे करें मैनेज
थायराइड के साथ तनाव को मैनेज करने के लिए जरूरी है कि निम्न बातों पर ध्यान दिया जाए -
- डायरी लिखकर या किसी अपने से बात करके मन में चल रही परेशानी को दूर करने की कोशिश.
- समय को मैनेज करना सीखना.
- सकारात्मक सोच और व्यवहार रखना.
- यह मान लेना कि कुछ चीजें अपने हाथ में नहीं होती हैं.
- रोजाना एक्सरसाइज करना.
- सही डाइट का सेवन करना, जिसमें कम शक्कर, कैफीन और अल्कोहल का सेवन शामिल हो.
- पर्याप्त नींद लेना.
- रोजाना रिलैक्स करने के लिए अलग से समय निकालना.
सारांश
तनाव की वजह से थायराइड हो सकता है, यह अभी तक साबित नहीं हो पाया है, लेकिन इतना जरूर है कि यदि थायराइड का इलाज न किया गया, तो यह तनाव के साथ मिलकर मानसिक संतुलन खोने पर जरूर मजबूत कर सकता है. इसलिए, तनाव को नियंत्रण में रखने पर ध्यान देना जरूरी है.
(और पढ़ें - काम के तनाव से कैसे बचें)
क्या तनाव से थायराइड हो सकता है? के डॉक्टर

Dr. Hemant Kumar
न्यूरोलॉजी
11 वर्षों का अनुभव

Dr. Vinayak Jatale
न्यूरोलॉजी
3 वर्षों का अनुभव

Dr. Sameer Arora
न्यूरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव
