आप कर्मचारी हों, विद्यार्थी या फिर गृहिणी, किसी न किसी बात को लेकर स्‍ट्रेस होना लाजिमी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर ये स्‍ट्रेस लंबे समय तक रहे या फिर बार-बार हो, तो आपके शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है, और अगर आप गर्भवती महिला हैं, तो यह आपके लिए और भी घातक साबित हो सकता है। तनाव शरीर को कई तरह से प्रभावित करता है।

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आज इस लेख के जरिये हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि तनाव का शरीर पर क्या असर पड़ता है।

  1. तनाव के चलते शरीर पर पड़ने वाले असर
  2. सारांश
तनाव लेने से शरीर में आते हैं ये बदलाव के डॉक्टर

अगर तनाव हमारे ऊपर हावी हो जाए, तो हाई बीपी से लेकर हृदय रोग तक की समस्या हो सकती है। साथ ही महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म व गर्भधारण करने में परेशानी जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। आइए, इन समस्याओं के बारे में विस्तार से जानते हैं -

मासिक धर्म से संबंधित परेशानी

अध्ययन से पता चला है कि तनाव शरीर में मौजूद हार्मोन को प्रभावित करता है। इसका मतलब है कि यह निश्चित रूप से आपके मासिक धर्म चक्र को बिगाड़ सकता है। "अत्यधिक मात्रा में तनाव मासिक धर्म में होने वाले रक्तस्राव और ओवुलेशन चक्र को संतुलित रखने वाले हार्मोनल स्तर को प्रभावित कर सकता है।

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कमजोर इम्यून सिस्टम

यदि आप तनाव में है तो यह आपकी नींद, आहार और व्यायाम पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम को भी समझौता करना पड़ेगा। इम्यून सिस्टम बिगड़ने से शरीर में कमजोरी या बार-बार बीमार होने का खतरा बना रहता है। इसके अतिरिक्त तनाव या फिर अत्यधिक चिंता किसी भी व्यक्ति की नींद को प्रभावित कर सकती है।

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पाचन तंत्र का बिगड़ना

मस्तिष्क और पेट के बीच एक मजबूत संबंध होता है। जब आप तनावग्रस्त होते हैं, तो आपको इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) के लक्षणों जैसे कि दस्तपेट खराब होने और पेट फूलने की समस्या हो सकती है। वास्तव में तनाव आपके पेट में मरोड़ का कारण बनता है और सामान्य पाचन प्रकिया को बाधित कर सकता है।

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प्रजनन से जुड़ी परेशानियां

विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव की वजह से महिलाओं में बांझपन होने का खतरा दोगुना होता है। 2014 के ह्यूमन रिप्रोडक्शन पत्रिका के अध्ययन में पाया गया है कि जिन महिलाओं में तनाव का स्तर उच्चतम होता है, उनमें अन्य महिलाओं के मुकाबले बांझपन की संभावना अधिक होती है।

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हाई ब्लड प्रेशर की समस्या

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, तनाव हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम का कारक होता है। ऐसे में यदि आप तनावग्रस्त हैं, तो आपका ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना है। तनाव होने पर अगर आप शराब का सेवन करते हैं या गलत आहार लेते हैं तो इसकी वजह से आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।

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हृदय रोग

जब लोग गंभीर रूप से तनाव में होते हैं तो हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। तनाव हाइपोथैलेमस नामक मस्तिष्क के एक हिस्से को उत्तेजित करता है। यदि आप तनावग्रस्त हैं तो, हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए आपके हृदय को खून पंप करने और उसे शरीर में परिसंचरण करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इसकी वजह से इस स्थिति में हार्ट अटैक या स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है।

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गर्भावस्था में रुकावट

तनाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों रूप से महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। अगर कोई महिला तनावमुक्त हो तो, तो उसके शरीर में ओवुलेशन प्रक्रिया ठीक रहती है। तनाव से मुक्त होने पर गर्भधारण में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आती है लेकिन अगर आप बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेती हैं तो गर्भधारण में दिक्कत आ सकती है।

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यदि दिन-भर की परेशानियों की वजह से तनाव आपके दिमाग में घर कर लेता है, तो निश्चित तौर पर आपको अपनी दिनचर्या में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने की जरूरत है। वहीं, अगर तनाव की स्थिति नियंत्रण से बाहर होने लगे, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित होता है।

Dr. Hemant Kumar

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