टेस्टोस्टेरोन एक स्टेरॉइड हार्मोन है। ये हार्मोन पुरुष यौनशक्ति को बढ़ाता है। पुरुषों में अंडकोष (प्रजनन प्रणाली का शुक्राणु बनाने वाला अंग) और महिलाओं में अंडाशय द्वारा टेस्टोस्टेरोन बनाया जाता है। ये दोनों अंग पिट्यूटरी हार्मोन के प्रभाव में कार्य करते हैं।
टेस्टोस्टेरोन शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। यह पुरुषों के चेहरे पर बाल आने, आवाज़ भारी होने, मांसपेशियां बढ़ाने आदि में अहम भूमिका निभाता है। कई अध्ययनों में यह बात पता चली है कि यह हार्मोन शारीरिक मजबूती, कोलेस्ट्रोल स्तर को संतुलिन रखने, हड्डियों के विकास, दिमाग तेज करने, कामोत्तेजक, इरेक्टाइल कार्य, जमा वसा को कम करने, मूड में सुधार और हार्मोन इंसुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता में सुधार लाने में भी मदद करता है।
40 की उम्र के बाद पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन के लेवल में गिरावट आने लगती है जबकि महिलाओं में रजोनिवृत्ति (महिलाओं में मासिक चक्र का बंद होना) के बाद इस हार्मोन में कमी आने लगती है। महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन यौन इच्छा, हड्डियों की सेहत, मूड और स्वास्थ्य में सुधार लाने में भी मदद करता है। टेस्टोस्टेरोन के स्तर के घटने पर डॉक्टर की सलाह पर उपचार लेना चाहिए।
इस लेख में जानिए कि किस तरह शरीर में टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन में सुधार लाया जा सकता है।