साधारण शब्दों में कहें तो ट्यूमर शरीर के किसी हिस्से में हुआ अनियंत्रित विकास है। यह आमतौर पर उत्तकों में होता है फिर चाहे वह मांसपेशी हो, हड्डी हो या फिर कोई अंग। जब शरीर में इस असामान्य विकास की घटना होती है तो कोशिकाओं का एक समूह एक साथ एक ही जगह पर इक्ट्ठा हो जाता है और यह कैंसरयुक्त हो भी सकता है और नहीं भी। अगर डॉक्टर के मन में इस ट्यूमर को लेकर कैंसर का शक होता है तो वे इस वृद्धि के लिए बायोप्सी करवाने की सलाह देते हैं ताकि यह पता चल पाए कि कोशिकाओं का यह समूह मलिगनेंट यानी कैंसरयुक्त है या बनाइन यानी कैंसरमुक्त।
शरीर में बनने वाला हर एक ट्यूमर कैंसरकारी नहीं होता। आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारी त्वचा में पाया जाने वाला तिल और मस्सा जिसे ब्यूटी स्पॉट्स भी कहते हैं वह भी एक तरह का ट्यूमर ही है। इस अवधारणा को बेहतर तरीके से समझने के लिए हम ट्यूमर के जो 2 प्रकार हैं पहले उनके बारे में विस्तार से जानते हैं:
(और पढ़ें : तिल हटाने का तरीका और घरेलू नुस्खे)
बनाइन या कैंसरमुक्त ट्यूमर
इसे हम साधारण शब्दों में बिना कैंसर वाला या कैंसरमुक्त ट्यूमर कहते हैं। बनाइन ट्यूमर कोशिकाओं का एक समूह है जो अपनी उत्पत्ति की जगह से आगे नहीं फैलता है। कोशिकाओं का यह समूह या वृद्धि स्थानीय होती है और ज्यादातर मौकों पर यह हानिरहित ही होता है। वास्तव में बनाइन या कैंसरमुक्त ट्यूमर को हटवाना है या नहीं यह आपकी अपनी पसंद हो सकती है अनिवार्यता नहीं। बहुत से लोग अपना पूरा जीवन बनाइन ट्यूमर के साथ ही जी लेते हैं।
हालांकि ये स्थानीय रूप से उत्तकों पर आक्रमण नहीं करते, बावजूद इसके कई बनाइन ट्यूमर ऐसे भी होते हैं जिनका शरीर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। आप चाहें तो ऐच्छिक या वैकल्पिक सर्जरी की मदद से इन कोशिकाओं के समूहों या वृद्धि को हटवा सकते हैं। बनाइन ट्यूमर्स के कुछ उदाहरण ये हैं:
- गर्भाशय में रसौली (फाइब्रॉयड्स)
- तिल-मस्सा
- सिस्ट या पुटक (ये ब्रेस्ट हो सकते हैं या ग्लैंड्स में)
(और पढ़ें : अंडाशय में सिस्ट या गांठ)
मलिगनेंट ट्यूमर
कोशिकाओं का एक ऐसा समूह जिसमें तीव्र गति से वृद्धि होती है और उसमें आसपास के स्थानीय उत्तकों पर आक्रमण करने की जबरदस्त क्षमता होती है उसे ही मलिगनेंट या कैंसरयुक्त ट्यूमर कहते हैं। ये कैंसर युक्त वृद्धि होती है जो सेकंडरी ट्यूमर को भी बढ़ावा दे सकते हैं जिन्हें मेटास्टेसिस कहते हैं। बनाइन ट्यूमर की तरह मलिगनेंट ट्यूमर को हटाना इतना आसान नहीं होता।
(और पढ़ें : मुंह का कैंसर, कारण, लक्षण, इलाज)
इन मलिगनेंट ट्यूमर के शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैलने का खतरा बहुत अधिक होता है। दरअसल, एक मलिगनेंट ट्यूमर जिसे मलिगनेंट नियोप्लाज्म या कैंसरयुक्त सूजन या फुलाव भी कहते हैं, उसे अगर सर्जरी के जरिए हटवा भी दिया जाए तब भी बार-बार उसकी पुनरावृत्ति होती रहती है।